बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामचंद्रपुर, 9 दिसंबर। शासन की भूमि से कब्जा हटाने की कार्रवाई रविवार को उस समय तनावपूर्ण हो गई, जब निर्धारित 9 मकानों में से 3 मकान तोड़े जाने पर ग्रामीण उग्र हो गए और मुख्य सडक़ पर ही धरने पर बैठ गए।
कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। जानकारी के अनुसार संबंधित भूमि पर शासन की ओर से हॉस्टल निर्माण प्रस्तावित है।
इसी उद्देश्य से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी तथा सभी अतिक्रमणकारियों को पूर्व में नोटिस भी जारी किए गए थे।
लेकिन कार्रवाई शुरू होते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण सडक़ पर उतर आए और रामचंद्रपुर-सनावल-रामानुजगंज मार्ग को जाम कर दिया, जिसके कारण आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि कड़ाके की ठंड में मकान तोड़े जाने से परिवार बेघर हो रहे हैं, इसलिए मौसम बीतने तक कार्रवाई रोकी जाए।
स्थिति उस समय बिगड़ गई जब उग्र भीड़ ने तहसीलदार को घेरकर मौके पर ही बैठा लिया। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा। पुलिस व प्रशासन के समझाने के बावजूद ग्रामीण धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और ठंड के मौसम को देखते हुए कार्रवाई रोकने की मांग प्रशासन के समक्ष रखी। तनाव के बीच प्रशासनिक स्तर पर वार्ता जारी है।


