बलौदा बाजार

पीडि़त ड्राइवर को मुक्त कराने में प्रेस क्लब और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका
12-Dec-2025 4:13 PM
पीडि़त ड्राइवर को मुक्त कराने में प्रेस क्लब और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका

 प्रेस क्लब और सीएमएचओ को धन्यवाद पत्र सौंपा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 12 दिसंबर। बलौदाबाजार में सडक़ दुर्घटना में घायल हुए ड्राइवर परमानंद राणा से जुड़े एक मामले में प्रेस क्लब बलौदाबाजार और जिला स्वास्थ्य विभाग के हस्तक्षेप के बाद मरीज को अस्पताल से ले जाने की अनुमति मिली। ड्राइवर के मालिक मोहनलाल अग्रवाल (मेसर्स-लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट, रायपुर) ने प्रेस क्लब अध्यक्ष नरेश गनशानी, पत्रकारों तथा जिला स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) राजेश अवस्थी को लिखित रूप से धन्यवाद दिया है।

घटना के अनुसार, 26 सितंबर को दुर्घटना के बाद परमानंद राणा को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। वहाँ से ड्यूटी डॉक्टर वसीम रजा ने उन्हें अपने निजी अस्पताल ओमकार हॉस्पिटल रेफर किया।  पीडि़त पक्ष का आरोप है कि ओमकार हॉस्पिटल में इलाज के लिए बड़ी राशि की मांग की गई और जब वे मरीज को किसी अन्य संस्थान में ले जाना चाहते थे, तो डिस्चार्ज देने के लिए भी पैसे की मांग का दबाव बनाया गया। परिजनों का यह भी कहना है कि विरोध करने पर उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ।

इन शिकायतों के बाद मोहनलाल अग्रवाल, प्रेस क्लब अध्यक्ष और कुछ पत्रकार ओमकार हॉस्पिटल पहुंचे। अग्रवाल का कहना है कि बातचीत के दौरान अस्पताल स्टाफ ने उन्हें अंदर बुलाया और वहाँ मौजूद डॉक्टरों व अन्य व्यक्तियों द्वारा व्यवहार को लेकर आपत्ति की स्थिति बनी। अग्रवाल ने यह भी कहा कि कुछ व्यक्तियों द्वारा वीडियो बनाए जाने की बात सामने आई।

 

इसके बाद पीडि़त पक्ष ने जिला स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश अवस्थी से मुलाकात की। अग्रवाल के अनुसार, सीएमएचओ ने शिकायत की प्रति प्राप्त होने के बाद प्रेस क्लब प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की और मरीज को अस्पताल से ले जाने की प्रक्रिया सुनिश्चित की।

मोहनलाल अग्रवाल ने प्रेस क्लब अध्यक्ष, पत्रकारों तथा सीएमएचओ राजेश अवस्थी के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को भी प्रतिलिपि भेजी है, ताकि मामले की जांच आवश्यकतानुसार आगे बढ़ सके।

पीडि़त पक्ष का कहना है कि मीडिया और प्रशासन के हस्तक्षेप के कारण मरीज को अस्पताल से ले जाने में सहायता मिली। मामला संबंधित विभागों के संज्ञान में आ चुका है।

 


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