बलौदा बाजार

औषधीय पौधों की पहचान, संरक्षण पर चर्चा
10-Nov-2025 9:01 PM
औषधीय पौधों की पहचान, संरक्षण पर चर्चा

वैद्यों व संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के लिए कार्यशाला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 10 नवम्बर। वनमण्डलाधिकारी गणवीर धम्मशील की उपस्थिति में रविवार को वन परिक्षेत्र देवपुर अंतर्गत नेचर कैम्प देवपुर में वैद्यों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों हेतु दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशालामें वनमण्डल के सभी परिक्षेत्रों से आए वैद्य (पारंपरिक उपचारक) एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

वनमण्डलाधिकारी गणवीर धम्मशील ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि बलौदाबाजार वनमण्डल की वन समितियाँ राज्य में आदर्श बनें। हर समिति अपने कार्यों में आत्मनिर्भर बने और पर्यावरण संरक्षण, आजीविका सृजन एवं सामुदायिक सशक्तिकरण में उदाहरण प्रस्तुत करे।उन्होंने कहा कि वन विभाग सदैव स्थानीय समुदायों, वैद्यों एवं समितियों के साथ मिलकर कार्य करेगा और आवश्यकता पडऩे पर प्रशिक्षण एवं एक्सपोजऱ विजिट जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएंगी।

कार्यशाला की शुरुआत में वन विभाग के अधिकारियों एवं वैद्यों को टीमों में विभाजित कर आसपास के वन क्षेत्रों में फील्ड भ्रमण कराया गया। सभी टीमों ने अपने-अपने क्षेत्र से औषधीय पौधों का संकलन किया और वापसी पर उन पौधों के औषधीय उपयोग, पहचान, संरचना एवं पारंपरिक उपचार में उनकी भूमिका पर चर्चा की गई। इस अवसर पर वैद्यों ने चितावर, हिंगलाज, वन तुलसी, भूईनीम, अर्जुनफल, दूधिया, भूईंआवला जैसी अनेक महत्वपूर्ण औषधीय वनस्पतियों के बारे में बताया और यह साझा किया कि ये पौधे विभिन्न रोगों के पारंपरिक उपचार में किस प्रकार उपयोगी हैं।इसके पश्चात वैद्यों के साथ संवाद सत्र आयोजित किया गया जिसमें उन्होंने अपनी समस्याओं एवं आवश्यकताओं पर चर्चा की। वैद्यों ने औषधीय पौधों के डॉक्यूमेंटेशन, पुस्तिका निर्माण, औषधि सम्मेलन एवं औषधीय शिविरों के आयोजन की मांग रखी। इस पर वनमण्डलाधिकारी ने सभी सुझावों पर सहमति जताते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

भोजनावकाश के पश्चात संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में समितियों के कार्य-योजनाओं, क्रियान्वयन की स्थिति, वित्तीय प्रबंधन एवं आगामी गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस सत्र के दौरान सभी वन प्रबंधन समितियों को वर्ष 2026-27 के स्वीकृत कार्यों एवं निधियों की जानकारी दी गई। इसके बाद समितियों से उनके चल रहे एवं प्रस्तावित कार्यों के बारे में अभिमत लिया गया तथा उनकी समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान किए गए।

कार्यशाला में उप वनमंडलाधिकारी निश्चल चंद्र शुक्ला, उपवनमंडलाधिकारी कसडोल अनिल वर्मा, सभी वन परिक्षेत्र अधिकारी, प्रशिक्षु वन परिक्षेत्र अधिकारी तथा वनकर्मी उपस्थित रहे।


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