बलौदा बाजार
जांच टीम कर रही बयान दर्ज, सीसीटीवी फुटेज में अफसर लेते दिखे पैसे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 अक्टूबर। दीपावली की रौनक के बीच महिला उत्पीडऩ जांच समिति के नाम पर श्रम विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा व्यापारियों से वसूली किए जाने का मामला सामने आने से प्रशासन में हडक़ंप मच गया है।
शनिवार को ‘छत्तीसगढ़’ में खबर प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर दीपक सोनी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच समिति गठित कर एक दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश जारी किए।
जांच टीम ने लिए व्यापारियों के बयान
कलेक्टर द्वारा गठित टीम में एसडीएम प्रकाश चंद्र कोरी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी बलौदाबाजार, और सहायक श्रम पदाधिकारी को सदस्य बनाया गया है। टीम ने रविवार को पीडि़त व्यापारियों से मुलाकात कर बयान दर्ज किए।
व्यापारियों ने समिति को सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए, जिनमें कथित तौर पर अधिकारी पैसे लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
जांच नहीं, अभियान था वसूली का-कारोबारी
जानकारी के अनुसार, दीपावली से ठीक पहले श्रम विभाग की एक टीम लेबर इंस्पेक्टर रामचरण कौशिक के नेतृत्व में शहर के विभिन्न बाजारों में पहुंची थी।
टीम ने दुकानों में जाकर महिला सुरक्षा समिति बनाए जाने के नाम पर जांच की और कथित रूप से कागजातों में कमी बताकर कार्रवाई का भय दिखाया।
व्यापारियों का आरोप है कि अधिकारियों ने उनसे 500 से 10,000 रु. तक की राशि वसूली।
एक व्यापारी ने कहा, यह सर्वे नहीं, बल्कि वसूली अभियान था।
व्यापारियों ने बताए अफसरों के नाम
शनिवार को चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने सामूहिक रूप से शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने जांच टीम को बताया कि वसूली में लेबर इंस्पेक्टर रामचरण कौशिक, कोमल सिंह मरावी, कार्तिकेय दुबे और अभय दुबे शामिल थे।
पीडि़तों में संदीप हबलानी, दिनेश वर्मा, संजय हबलानी, श्याम सुंदर केसरवानी, शिवा केसरवानी, विनोद साहू, राजकुमार गोविंदानी सहित कई स्थानीय व्यापारी शामिल हैं।
प्रशासन सख्त, कलेक्टर ने दिए स्पष्ट निर्देश
कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि, महिला उत्पीडऩ जांच समिति के नाम पर किसी प्रकार की वसूली अत्यंत गंभीर मामला है। दोषी पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जांच टीम से एक दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।


