बलौदा बाजार
92 में 17 ही चपरासी, लाइब्रेरियन कहीं नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 16 जुलाई। जिले में हाई स्कूल और हाई सेकेंडरी स्कूलों का सबसे बुरा हाल है। कहने को जिले के हाई स्कूलों में प्राचार्य के 73 पद मंजूर हैं, लेकिन प्राचार्य के एक ही है। बाकी सभी प्रभारी प्राचार्य के भरोसे है। इसी तरह चपरासियों के 92 पर मंजूर हैं। काम मात्र 17 कर रहे हैं, 75 पद खाली है। लाइब्रेरियन कहीं नहीं है, जबकि हाईस्कूल और हाई सेकेंडरी स्कूलों को मिलकर जिले में इनके 42 पद स्वीकृत हंै।
बलौदाबाजार जिले में सभी ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में बरसों से शिक्षक-शिक्षिकाओं की कमी है। गत 26 जून से स्कूल नए रंग रोगन के साथ खुल गए हैं। परेशानी पुरानी है जिले 890 प्राइमरी स्कूल हैं। यहां 89 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं, 468 मिडिल स्कूलों में भी 56 हजार बच्चों की पढ़ाई चल रही है। प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों के 886 तो मिडिल स्कूलों में 570 पद खाली है।
शिक्षकों की कमी से न केवल पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बल्कि नए एडमिशन भी प्रभावित हो रहे हैं। हाई सेकेंडरी स्कूलों की स्थिति सबसे खराब है। इन स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, इंग्लिश, कॉमर्स समेत कई विषय विशेषज्ञ शिक्षक की कमी है। ज्यादातर स्कूलों में अब गिनती के स्थायी शिक्षक हैं। इन्हीं के बूते साइंस जैसे कोर्स पढ़ाया जा रहे हंै।
हाई सेकेंडरी का ऐसा हाल तो उच्च शिक्षा के लिए बच्चे कैसे हो तैयार
हाई सेकेंडरी स्कूलों की दुर्गति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि यहीं से बच्चे हायर एजुकेशन के लिए निकलते हैं। जिले के 126 हाई सेकेंडरी स्कूलों में 35599 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। व्याख्याता, ग्रंथपाल और चपरासी के पद बरसों से खाली है। इससे हाई सेकेंडरी की पढ़ाई में जिला पिछड़ता जा रहा है। उच्च शिक्षा के लिए 12वीं के प्रतिशत मायने रखते हैं, ऐसे में विशेष विशेषज्ञों की कमी का खामियाजा बच्चों भुगत रहे हैं।
शिक्षकों का एप्रोच से संलग्नीकरण, शहर के आस पास ही नियुक्तियां
जिले के ज्यादातर स्कूलों में अप्रोच के दम पर संलग्नीकरण करवाए गए हैं। ऐसे में जिलामुख्यालय के ही आसपास के स्कूलों में जरूर से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की गई। इसी का परिणाम है कि दूर दराज के स्कूलों में शिक्षक जाना ही नहीं चाहते हैं। ऐसे स्कूलों में शिक्षा शिक्षिकाओं की कमी की वजह से जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवक्ता पर खासा असर पड़ा हैं।
बलौदाबाजार के डीईओ हिमांशु भारतीय का कहना है कि रिक्त पदों के बारे में शासन स्तर पर ही कुछ बताया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर जो पद हैं, उतने में हम व्यवस्था कर रहे हैं। शिक्षक विहीन या एकल शासकीय स्कूलों के लिए व्यवस्था की जा रही है। सभी बीईओ से प्रस्ताव मंगाए हंै। इसी आधार पर शिक्षकों का इंतजाम कर रहे हैं।


