बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 28 मई। भीषण गर्मी के चलते मौसम के ट्रिपल अटैक से लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। नौतपा के चौथे दिन भी गर्म हवाएं चल रही हैं। सडक़ें सूनी हैं। तीसरे दिन ही जिले का अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा वहीं रविवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया था। सोमवार को दोपहर तक तीखी धूप में झुलसाया और शाम को बदली के कारण बड़ी उमस ने हलाकान किया।
मौसम विभाग ने अगले दो दिन यानी आज मंगलवार एवं कल बुधवार को हीट वेव का अलर्ट जारी किया गया है इस दौरान धूप और बदली के बीच गर्म हवा चलेगी तापमान 1 से 2 डिग्री तक बढक़र 46 डिग्री पहुंचने की आशंका है। मौसम विभाग ने लू का अलर्ट जारी किया है।
इधर जिले में कहीं-कहीं बूंदाबांदी की संभावना
जिले में 1 से 2 स्थान पर हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है। जिले में आज मंगलवार की रात तक उष्ण रात्रि रहने की भी संभावना है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को धूप से बचने सलाह दी है।
सीजन में पहली बार 44 डिग्री के पार पहुंचा तापमान
जिले में इस सीजन पहली बार अधिकतम तापमान 44 डिग्री से अधिक रिकॉर्ड हुआ।दोपहर 12 के बाद तीखे हुए तेवर शाम 5 बजे तक जारी रही। धूप के साथ उमस ने भी खूब परेशान किया।
दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ाने के साथ
बंगाल की खड़ी मध्य बंगाल तथा उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी में 26 मई से मानसून गतिविधि शुरू हो गई है। एक प्रबल चक्रवात रिमाल उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर 7 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तर दिशा में बढ़ रहा है। उत्तर की ओर बढ़ते रहने और प्रबल होने की संभावना है। उत्तर दिशा में आगे बढ़ते बांग्लादेश और उससे लगे पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप खेपूपारा के बीच टकराया सकता है।
सूर्य की किरणें सीधे पड़ती है इसलिए होता है नौतपा
पंडित तुलसी प्रसाद मिश्रा के अनुसार तापमान नौतपा के दौरान भीषण गर्मी पड़ती है सूर्य की रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही सूर्य और धरती के बीच की दूरी कम हो जाती है। सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती है तो जिससे तापमान में वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा है लेकिन जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो चंद्रमा के इस नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेता है।
10 साल में इस बार सबसे
गर्म रहा तीसरा दिन
वर्ष अधिकतम तापमान बारिश
2015 44.2 नहीं
2016 44.1 नहीं
2017 43.21 मिली मीटर
2018 44 नहीं
2019 44.1 बूंदाबांदी
2020 43.63 मिली मीटर
2021 41.4 नहीं
2022 43.5 नहीं
2023 44.18 मिली मीटर
2024 44.3 नहीं


