बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 27 मई। भाटापारा में सुविधा डोर-टू- डोर वेस्ट कलेक्शन की। फिर भी हम कर रहे हैं नालियों में ही अपशिष्ट प्रबंधन। ऐसे में जाम नालियां, मानसून के दौर में प्रतिकूल रूप लेकर नजर आने वाली हैं। सतर्क रहना होगा, मंडी रोड, सदर बाजार और हटरी बाजार के रहवासियों को क्योंकि इन्हीं क्षेत्रों को सर्वाधिक संवेदनशील माना जा रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून प्रवेश की तारीखों का ऐलान कर दिया है। किसानों की तैयारी अंतिम चरण में है, तो विद्युत मंडल भी सक्रिय है लेकिन शहर और शहर प्रशासन अब भी सजग नहीं हो पाया है। खास तौर पर जाम नालियों के प्रबंधन में जैसी लापरवाही दिखाई जा रही है, वह आधे शहर की परेशानी बढ़ाने वाली मानी जा रही है।
आबादी और व्यापारिक क्षेत्र, अपशिष्ट प्रबंधन का अलग-अलग तरीका अपनाते हैं। आबादी क्षेत्र, कचरा प्रबंधन के लिए नालियों को श्रेष्ठ स्थान मानता है। व्यापारिक क्षेत्र के लिए विशेष जगह तय है लेकिन बीच सडक़ पर ही कचरा प्रबंधन करता है। दोनों ही स्थितियां अपशिष्ट को नालियों तक पहुंचाती हैं। ऐसे में जाम नालियां मानसून के दौर में किस रूप में नजर आएंगी? कल्पना ही की जा सकती है।
डोर-टू- डोर वेस्ट कलेक्शन और डस्टबिन की सुविधा दी हुई है शहर प्रशासन ने। हर सुबह तय जगह से बड़ी मात्रा में अपशिष्ट का उठाव भी किया जा रहा है, लेकिन प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करने के लिए जैसी जागरूकता अभियान की उम्मीद थी, वह सिरे से गायब है। ऐसे में प्लास्टिक वेस्ट की मात्रा लगातार बढ़त ले रही है। अधिकार है, जांच और सख्ती का लेकिन इससे भी दूरी बढ़ती देखी जा रही है।
सुरक्षित ठिकाने, सबसे असुरक्षित
कईहा तालाब, हथनीपारा तालाब, और रामसागरपारा तलाब। अपशिष्ट जल के सबसे सुरक्षित ठिकाने हैं लेकिन जाम नालियां और उलट प्रवाह का मार्ग बंद होने से यह तीनों शहर के एक बड़े हिस्से को संकट में डाल सकते हैं। समय है अपशिष्ट प्रबंधन के सुरक्षित तरीके पर अमल करने का।
शहर प्रशासन को भी ध्यान देना होगा मानसून पर तैयारी की ओर ताकि स्थितियां अनुकूल रहें।


