बलौदा बाजार

बलौदाबाजार में प्रदेश का पहला ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनेगा, जमीन चिन्हांकित
14-Jan-2024 6:54 PM
बलौदाबाजार में प्रदेश का पहला ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनेगा, जमीन चिन्हांकित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार,14 जनवरी।
सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कुशल लोगों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के उद्देश्य से जिला में ऑटोमेटिक स्टैंडिंग ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए इसके लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाई जाएगी, जहां ड्राइविंग टेस्ट मैनुअल के बजाय स्मार्ट तकनीकी से होगा।

टेस्टिंग ट्रैक में तमाम बाधाओं को पार करने वाले व्यक्ति को ही ड्राइविंग लाइसेंस देकर वाहन चलाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए परसाभदेर स्थित पीएचई कार्यालय के पीछे मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास टेस्टिंग ट्रैक बनाने के लिए ढाई एकड़ भू भाग चिन्हित कर लिया गया है। अगले कुछ माह में इसका काम भी शुरू हो जाएगा। टेस्टिंग ट्रैक बन जाने पर मैदान में मैनुअल तरीके से वाहन चालकों से वहां चला कर जांच में खानापूर्ति के बजाय ट्रैक पर ऑन रिकॉर्ड परीक्षा ली जाएगी ताकि ट्रैक पर यातायात नियम का पालन कर वाहन चलाने में चालकों की दक्षता देखने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस की स्वीकृति दी जा सके। यह प्रदेश में इस तरह का पहला ट्रैक होगा।

खुलेगा लोक सेवा केंद्र, मनमानी पर लगेगी रोक 
जिला परिवहन कार्यालय में ही नाम ट्रांसफर लाइसेंस नवीनीकरण सहित अन्य काम में लाने वालों को अभी परिसर के बाहर लगी दुकानों में काम करना पड़ता है निजी दुकान संचालकों द्वारा अपने हिसाब से पैसा लिया जाता है लेकिन नए भवन में एक लोक सेवा केंद्र भी खोला जाएगा जिसमें निर्धारित शुल्क देकर लोग काम कर सकेंगे।
1760 महिलाओं सहित 9830 के बने लाइसेंस 
जिला परिवहन कार्यालय में हर साल लगभग 10 हजार लाइसेंस बनाए जाते हैं पिछले साल लाइसेंस बनवाने वालों में सबसे खास बात यह रही कि इसमें महिलाओं की संख्या पिछले कई सालों से अधिक थी। बीत 1760 महिलाओं ने लाइसेंस बनवाया जबकि दो पहिया और चार पहिया कर सहित कुल 9830 लाइसेंस बनाए गए थे।

दक्षता जरूरी, आरटीओ ऑफिस आना होगा 
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट देने का नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं। मगर एक चीज जो नहीं बदली वो आरटीओ विभाग में दलालों जलवा ये पैसे लेकर लाइसेंस के इच्छुक लोगों को भी बिना देर किए बिना टेस्ट लिए लाइसेंस दिला देते हैं कुछ समय पहले एक बदलाव यह भी आया कि हर साल में फोटो खिंचवाने वी टेस्ट के लिए आरटीओ ऑफिस आना पड़ता है पर टेस्ट की काफी औपचारिकताएं पूरी किए बिना ही दलाल लाइसेंस शॉप देते थे। अब आने वाले समय में ऐसा नहीं हो पाएगा। हर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से टेस्ट के लिए आरटीओ टेस्ट देने के लिए आना ही पड़ेगा क्योंकि ड्राइविंग टेस्ट कंप्यूटर लेगा।

आठ आकार का होगा प्रस्तावित टेस्टिंग ट्रैक 
ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का आकार अंक में 8 की तरह होगा। इसमें जगह-जगह कैमरे लगे होंगे। ड्राइविंग टेस्टिंग के लिए उसे किए जाने वाले वाहन में ही मोबाइल कैमरा लगा रहेगा। सभी कैमरे और मशीन कंप्यूटर से जुड़े होंगे। कैमरे पर लिए गए चित्र को कंप्यूटर पर देखते हुए ड्राइविंग पर नजर रखी जाएगी। ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर कैंडिडेट को सीट बेल्ट लेन ड्राइविंग स्टाफ लाइन पार्किंग रिसीवर आदि यातायात नियमों का पालन भी करना होगा।

भौतिक सत्यापन होगा 
इस मामले में जिला परिवहन अधिकारी भूपेंद्र गवारे ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर चालकों की भौतिक जांच की जाएगी। टेस्टिंग ट्रैक बनने के लिए जमीन चिन्हित कर लिया गया है जल्द ही निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। इस ट्रैक में सेंसर लगा रहेगा वहीं पास फेल का रिजल्ट देगा।


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