बलौदा बाजार
बलौदाबाजार, 7 जनवरी। कृषकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 1 दिसम्बर, 2018 को लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य सभी भूमिधारक किसानों के परिवारों को उचित फसल स्वास्थ्य और उचित पैदावार के साथ-साथ उनकी घरेलू जरूरतों को सुनिश्चित् करने के लिए विभिन्न आदानों की खरीद करते हुए उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करके आय सहायता प्रदान करना है। पंजीकृत समस्त कृषकों को प्रति वर्ष 6000 रुपये तीन समान किस्तों में सहायता राशि प्रदान की जाती है।
पीएम-किसान के हितग्राहियों को योजना की 14वीं किस्त से राशि हस्तांतरण केवल आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) के माध्यम से किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 4455 हितग्राहियों को आधार कार्ड,आधार आधारित भुगतान प्रणाली हेतु आधार सीडिंग नहीं होने या पी.एफ.एम.एस. रिजेक्ट होने के कारण आगामी 16 वीं किस्त की राशि हस्तांतरण नहीं होगी। इस हेतु लंबित आधार सीडिंग को पुन: केवॉयसी/आधार लिंक एवं आधार आधारित भुगतान सक्रिय करने हेतु उप संचालक कृषि द्वारा बैंकर्स को पत्र जारी किया गया है। योजना के तहत् लाभ प्राप्त करने हेतु संबंधित हितग्राहियों से आग्रह है कि, वे संबंधित बैंक में संपर्क कर आधार सीडिंग/डी.बी.टी. सक्रिय कराने हेतु आधार कार्ड एवं पासबुक की छायाप्रति, आवेदन के साथ बैंक में जमा करें अथवा नजदीकी पोस्ट ऑफिस में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में आधार आधारित भुगतान हेतु नवीन खाता खुलवाऐं। जिससे की हितग्राही को योजना का लाभ सतत् रूप से प्राप्त हो सके। साथ ही ऐसे पंजीकृत कृषकों जिसका योजना में ई-केवायसी एवं भूमि विवरण में आधार लिंक पूर्ण नहीं है ऐसी स्थिति में भी उन्हे किस्त की राशि अंतरण नहीं हो पायेगी। इस हेतु कृषि विभाग द्वारा योजना के संबंध में समस्या के समाधान के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा मैदानी स्तर पर समाधान शिविर आयोजित कर एवं व्यक्तिगत संपर्क कर निराकरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हितग्राहियों से अपील है कि,वे जल्द से जल्द अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी अथवा विकासखण्ड के कृषि कार्यालय तथा नजदीकी ग्राहक सेवा केन्द्रों में संपर्क कर किस्त हस्तांतरण की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यदि योजना में ई-केवायसी लंबित हो तो अपने नजदीकी ग्राहक सेवा केन्द्र या क्षेत्रीय कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर ई-केवायसी पूर्ण करा सकते है या हितग्राही स्वयं भी दिये गये लिंक के माध्यम से ओ.टी.पी. आधारित ई-केवायसी पूर्ण कर सकते हैं। ऐसे हितग्राही जिनके पंजीयन में भूमि विवरण आधार से लिंक नहीं है तो वे अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी के पास आधार कार्ड एव ंबी-1 की छायाप्रति जमा कर पूर्ण करा सकते हैं।
भारत सरकार द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशानुसार आगामी 16 वीं किस्त उन किसानों को ही जारी होगी, जिनका उक्त सभी बिन्दु पूर्ण एवं सक्रीय होगा। ऐसे कृषक जो वर्तमान में स्वयं अथवा ग्राहक सेवा केन्द्र के माध्यम से योजना में नवीन पंजीयन करा रहे है तो सत्यापन हेतु आवश्यक दस्तावेज अनिवार्य रुप से क्षेत्रीय कृषि अधिकारी या विकासखण्ड कृषि कार्यालय में जमा करें, जिससे की समयावधि में सत्यापन का कार्य पूर्ण किया जा सके। यदि पंजीयन उपरांत 10 दिवस के भीतर दस्तावेज प्राप्त नहीं होने की स्थिति में ऐसे पंजीयन स्वत: ही निरस्त हो जावेगा। यदि हितग्राही द्वारा दी गई जानकारी असत्य पायी जाती है तो उन्हे प्रदाय किये गये राशि की वसूली के साथ-साथ उनके विरूद्ध दाण्डिक कार्यवाही की जावेगी।
हितग्राही किसानों को सुविधा हेतु नवीन किसान ई-मित्र चैटबॉट का विकल्प पीएम किसान वेबसाईट एवं मोबाईल एप पर प्रदान किया गया है। जिसमें हितग्राही स्वयं चैट के माध्यम से अपनी समस्या अथवा स्टेट्स की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
किसे मिलता है योजना का लाभ
समस्त कृषि भूमि धारक किसान परिवार जो निरंतर कृषि कार्य कर रहा हो पात्र किसान परिवारों की पहचान के लिए कट ऑफ डेट 01 फरवरी, 2019 निश्चित् की गई है अर्थात् इस तिथि पर स्थित भू-अधिकारों को ही आधार मानकर पात्रता निश्चित् की जाती है। 1 फरवरी, 2019 के पश्चात् किसी कास्तकार का मृत्यु उपरांत उनके वारिस भी योजना के लाभ पाने के लिए पात्र होंगे। बशर्तें उनका परिवार अपवर्जन श्रेणी में न आता हो। नवीन दिशा-निर्देश अनुसार अगर हितग्राही निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करते हो तो पूर्व/वर्तमान सरपंच पदधारी भी पात्र होंगे।
अपात्रता
समस्त संस्थागत भू-धारक,यदि परिवार में एक या एक से अधिक सदस्य पूर्व/वर्तमान में संवैधानिक पद धारण करता था/है। यदि परिवार के एक या एक से अधिक मंत्री/लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्य/विधानसभा के सदस्य/नगर निगम के महापौर/जिला पंचायत के अध्यक्ष के पद धारण करता था/है।, यदि परिवार में एक या एक से अधिक सदस्य शासकीय कर्मचारी/निगम/मण्डल/उपक्रम/स्थानीय निकाय के कर्मचारी। ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी परिवार जिन्हे 10 हजार या अधिक पेंशन मिलता हो। ऐसे परिवार में एक या एक से अधिक सदस्य लगातार दो वित्तीय वर्ष में इन्कम टैक्स अदा किया हो, परिवार के एक या अधिक सदस्य डॉक्टर/वकील/इंजीनियर/चार्टड अकाउंटेंट/आर्किटेक्ट्स जैसे व्यवसाय में पंजीकृत हो यदि भूमि का उपयोग गैर कृषि प्रयोजन में कर रहा हो।


