बलौदा बाजार

गोबर खरीदी बंद, 200 से ज्यादा का पौने 3 लाख बाकी
04-Jan-2024 6:52 PM
गोबर खरीदी बंद, 200 से ज्यादा का पौने 3 लाख बाकी

मछली पालन, साग सब्जी उगा रहे थे समूह, अब जीविकोपार्जन की चिंता

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 4 जनवरी। छत्तीसगढ़ में सरकार बदल गई आचार संहिता के तहत गोबर की खरीदी पर लगी रोक अभी तक नहीं हट पाई है। पिछले सरकार की सभी योजनाओं सहित गोबर खरीदी योजना भी बंद है। जिससे गोठान समितियों को अपने बकाए की चिंता सता रही है। वहीं गोबर बेचने वाले 200 से ज्यादा लोगों का 2 लाख 70 हजार 236 रुपए का भुगतान बाकी है।

गोबर खरीदी को लेकर गोठान समितियो में असमंजस की स्थिति है। जहां काम करने वाली महिला समूह की परेशानी भी बढ़ गई है। महिला समूह की सदस्य गोठानों में सी मार्ट के लिए विभिन्न उत्पादकों का निर्माण सहित अन्य कार्य संचालित कर रही थी। चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद से गोबर की खरीदी बंद हो गई थी, आगे क्या होगा यह कोई कुछ नहीं कह पा रहा है।

वहीं समूह की महिलाओं ने बताया कि गोबर खरीदी बंद होने से उसके सामने घर चलाने की परेशानी खड़ी हो गई है। इससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, वहीं बकाया भुगतान भी नहीं हुआ है।

23 हजार 57 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट अभी भी स्टॉक में

बलौदाबाजार जिले में 499 गोठान संचालित हैं। इन गौठानों में आचार संहिता के पहले 11 करोड़ 27 लाख 70 हजार 800 रुपए की गोबर खरीदी की गई थी। खरीदे गए गोबर में एक लाख 42 हजार 193 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद का उत्पादन किया गया, जिसमें 1 लाख 19 हजार 136 क्विंटल खाद बेचा गया 23 हजार 57 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट अभी भी स्टॉक में रखा है, इतने बड़े स्टॉक का अब क्या और कब इस्तेमाल होगा यह बड़ा सवाल है।

भुगतान को लेकर चिंतित हैं महिलाएं

20 जुलाई 2020 को गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी की शुरुआत हुई थी, फिर गोठान बनाए गए 20 जुलाई 2020 से 8 अक्टूबर 2023 तक 5 लाख 63 हजार 854  क्विंटल गोबर खरीदी की गई है। इसका भुगतान अभी विक्रेताओं के खाते में जमा किया जा रहा था। साथ ही यहां गोबर खरीदी करने वाले गोठान समिति को भी मानदेय दिया जा रहा था। बताया गया कि आचार संहिता के पहले भी कई समितियों का भुगतान बाकी था। अभी यह भुगतान होगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।

गौठान में एक से दो समूह

हर गौठान में जैविक खाद व अन्य गतिविधियों का संचालन किया जा रहा था। गौठान में गोमूत्र की खरीदी भी की जा रही थी। यहां जैविक कीटनाशक तैयार किया जा रहा था। इसकी डिमांड काफी मात्रा में हो रही थी। महिला समूह की महिलाओं का कहना था कि वह डिमांड के हिसाब से जैविक कीटनाशक तैयार नहीं कर पा रहे हैं। इसी तरह वहां 1 से 2 महिला समूह द्वारा केंचुआ खाद तैयार किया जा रहा था। कुछ समूह के लोग मछली पालन साग सब्जी उत्पादन जैसे आय मूलक गतिविधियों से जुड़े थे। अब इनको जीविकोपार्जन की चिंता सताने लगी है।

खरीदी के संबंध में नहीं आया कोई आदेश-नायक

सहायक संचालक कृषि विभाग बलौदाबाजार दीपक नायक ने कहा कि गोबर खरीदी के संबंध में कोई गाइडलाइन नहीं आई है। अभी गोबर खरीदी सहित गोठानों में संचालित सभी प्रक्रियाएं बंद हैं। बचे हुए भुगतान के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है।


अन्य पोस्ट