बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 19 दिसंबर। एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी चल रही है। तीन माह तक चलने वाली धान खरीदी का आधा समय बीत गया है। लवन समिति में 17 फीसदी ही धान की खरीदी हो पाई है।
इस वर्ष धान खरीदी में चुनाव व असमय बारिश ने धान खरीदी को प्रभावित किया। चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार के द्वारा कर्जमाफी की घोषणा के बाद लगभग 80 फीसदी किसानों ने कर्ज लिया। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक कर्ज दिया गया है, वहीं अब किसानों के द्वारा धान बेचने के बाद कर्ज की राशि वसूली को लेकर किसान नाखुश नजर आ रहे हंै।
जिला सहकारी बैंक लवन के शाखा प्रबंधक शिव साहू का कहना है कि लवन शाखा के 11 समितियों में 3010 किसानों से अभी तक 1 लाख 18 हजार 7 सौ क्वींटल धान की खरीदी हो गई है। खरीदी की जा चूके किसानों से अब तक 823 करोड़ रूपये ऋण की वसूली की जा चूकी है। खरीदी का लिमिट बढ़ाने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
इस वर्ष प्रति क्विंटल 2183 रुपये के हिसाब से धान की खरीदी हो रही है। भाजपा सरकार द्वारा दो वर्ष का बोनस देने की घोषणा तो कर दी गई है, किन्तु अभी तक इसके लिए जानकारी नहीं मांगी गई है। वहीं, दूसरी ओर नए समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर भी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में किसानों में संशय की स्थिति नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी बैंक लवन की शाखा के अन्तर्गत 11 समिति आते हंै, जिनमें किसानों की संख्या 13021 है। अब तक 3010 किसानों से 1 लाख 18 हजार 7 सौ क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। किसानों के द्वारा 2591 करोड़ का धान अब तक बेचा जा चुका है, इनमें से 823 करोड़ रूपये ऋण की वसूली किसानों से किया जा चुका है। वहीं, परिवहन की ओर नजर डाले तो कुल खरीदी में से 41 हजार 456 क्विंटल धान का परिवहन अब तक हो चुका है, शेष 77 हजार 244 क्विंटल धान का उठाव होना है। चूंकि धान खरीदी का समय 31 जनवरी 2024 तक निर्धारित है। खरीदी का आधा से अधिक समय बीत गया है, और निर्धारित लक्ष्य से महज 17 फीसदी की धान की खरीदी हो पाई है।
समितियों के द्वारा यदि अपने प्रतिदिन के निर्धारित लक्ष्य को नहीं बढ़ाया जाता है तो अधिकांश किसान धान बेचने से वंचित हो सकता है। फिलहाल इसके लिए समितियों के द्वारा लिमिट बढ़ाने के लिए पत्र लिखा जा चुका है।
वहीं, शासन बदलने के बाद नए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर किसी प्रकार की गाइडलाइन नहीं आई है। ऐसे में पुराने शासन द्वारा निर्धारित दर से ही समितियों में धान की खरीदी हो रही है।
भाजपा ने 3100 रूपये में धान खरीदी की घोषणा किए है, लेकिन इसके लिए अब तक आदेश नहीं आया है। वहीं, इस बारे में समिति संचालकों ने बताया कि अंतर की राशि किसानों के खातों में भेजी जा सकती है। फिलहाल किसानों में यह आस जगी हुई कि 300 रुपये बोनस के हिसाब से राशि की वितरण की जाए। जिससे किसानों को काफी कुछ राहत मिल सकेगा।


