बलौदा बाजार

जिला अस्पताल में डॉक्टर के 35 पदों में से 15 खाली, सर्जन भी नहीं
14-Dec-2023 4:39 PM
जिला अस्पताल में डॉक्टर के 35 पदों में से 15 खाली, सर्जन भी नहीं

निजी अस्पताल में इलाज करने  मजबूर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 दिसंबर।
150 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में 35 पद डॉक्टरों के स्वीकृत हैं पर कार्यरत केवल 20 ही है। यानी लगभग आधे डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है। मरीज के परिजन जैसे तैसे प्राइवेट गाड़ी या 108 की मदद से जिला चिकित्सालय बड़ी उम्मीद लेकर पहुंचे हैं पर यहां डॉक्टरों की कमी के चलते प्राथमिक उपचार के अलावा और कोई इलाज संभव नहीं हो पता। 

जिले के इस सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में सर्जन के लिए एक भी डॉक्टर नहीं है। ऐसे में इमरजेंसी केस होने पर यहां के डॉक्टर पर्ची बनाकर सीधे मेकाहारा भेज देते हैं। गंभीर मरीज को तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है, ऐसे में वे मेकाहारा न जाकर शहर के महंगे निजी अस्पतालों में मरीज को ले जाना गरीब परिवार वालों की मजबूरी बन जाती है।यहां करीब 300 मरीज इलाज करने पहुंचते हैं। सर्दी-खांसी आदि का इलाज तो होता है, पर गंभीर बीमारियों और आपात चिकित्सा के लिए यहां व्यवस्था नहीं है।

इन 15 विशेष डॉक्टरों की कमी 
जिला अस्पताल में विभिन्न रोगों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर होने चाहिए, पर यहां 15 पद विशेषज्ञ डॉक्टरों की ही खाली हैं, जिसमें शिशु रोग एक निश्चेतना दो मेडिसिन दो सर्जिकल दो पैथोलॉजिक एक और हिंदी एक मनोरोग दो मेडिकल ऑफिसर के चार पद रिक्त हैं।

निश्चेतना विशेषज्ञ नहीं इसलिए भी परेशानी 
यहां छोटी-मोटी सर्जरी तो हो जाती है, पर विडंबना यह है कि उसे मरीज के पहले मरीज को बेहोश किया जाना जरूरी रहता है मगर यहां इसके लिए निश्चेतना विशेषज्ञ नहीं है। ऐसे में छोटी-मोटी सर्जरी भी मरीज यहां नहीं कर करना चाहते। ज्यादातर ऑपरेशन से संबंधित काम और हर्निया होने पर सीधे मेकहरा रायपुर जाने की सलाह देते हैं। हड्डी खिसक जाने पर भी डॉक्टरों द्वारा निश्चेतना विशेषज्ञ की कमी के चलते ऑपरेशन टाल दिया जाता है।

प्रसूता के अधिकतम केस रेफर कर दिए जाते हैं 
यहां के प्रसूता गृह में हर मां लगभग 50 डिलीवरी कैसे आते हैं, किंतु आईसीयू नहीं होने के कारण सिजेरियन कैसे बाहर रेफर कर दिए जाते हैं। पिछले दिनों शहर की ही रानी यादव पति मोहन यादव (22 वर्ष) 7 दिसंबर की रात 9 बजे डिलीवरी के लिए भर्ती हुई, 3 घंटे बाद मौके पर मौजूद डॉ. करुणा यादव ने कहा कि मरीज की हालत गंभीर है रायपुर मेकहारा ले जाओ। मरीज की हालत ऐसी भी नहीं थी कि उसे रायपुर ले जाना जा सके। मजबूरीवश परिजनों ने शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां महिला ने बच्चों को जन्म दिया, पर अस्पताल का भारी भरकम बिल देखकर परिजन परेशान हो गए। ऐसा लगभग सिजेरियन डिलीवरी केस में होता है।

कमियां प्राथमिकता से पूरी करेंगे-टंक राम वर्मा 
बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक टंक राम वर्मा ने शासकीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा यह महत्वपूर्ण मामला है। यहां व्याप्त कमियों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा।

जल्द की जाएगी नवनियुक्ति-सीएमएचओ 
जिला चिकित्सालय अधिकारी एमपी महेश्वर ने कहा कि सर्जन डॉक्टर की कमी है, प्रशासन को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है। उम्मीद है जल्द ही जिला चिकित्सालय सहित पूरे जिले में नए डॉक्टरों की नियुक्ति हो सकती है।
 


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