बलौदा बाजार

सिंगल यूज पॉलीथिन बैन बेअसर, नगर के आउटर में पॉलीथिन का पहाड़
13-Dec-2023 6:54 PM
सिंगल यूज पॉलीथिन बैन बेअसर, नगर के आउटर में पॉलीथिन का पहाड़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 13 दिसंबर। सरकार के सिंगल यूज पॉलीथिन पर पूरी तरह से बैन लगाया हुआ है, बावजूद इसके बाजार में इस प्रतिबंध का असर नजर नहीं आ रहा है। और खुले आम व्यापारियों से लेकर ग्राहकों तक पॉलीथिन का उपयोग कर रहे हैं। नगर के ही बाजार में लगभग प्रत्येक दुकानों में लेकर होटल स्ट्रीट फूड स्टालों और ढाबों में भी खुलेआम फिर से पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। सिंगल यूज पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग होने की वजह से इसका प्रतिकूल परिणाम भी देखने को मिल रहा है। सरकार के पॉलीथिन पर रोक लगाने के आदेश के बाद प्रशासन की ओर से दबाव किया गया था की सिंगल यूज पॉलीथिन का उपयोग पूरी तरह बंद हो जाएगा।

25 हजार तक का जुर्माना

गौरतलब है कि पॉलीथिन को लेकर बनाए गए नियमों में सिंगल यूज पॉलीथिन को पूरी तरह से बैन किया गया है। अगर नियमों का उल्लंघन करते हुए कोई इसका उपयोग करता है तो दुकानदार पर 1 हजार से लेकर 25 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है। यह जुर्माना शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में नगर पालिका परिषद द्वारा किया जा रहा किया जा सकता है। इसके अलावा सक्षम अधिकारी भी कार्रवाई कर सकते हैं मगर बीते कुछ माह से कार्रवाई का अभाव होने की वजह से पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है।

लोग नहीं मानते व्यापारी

 भी असमंजस में

सिंगल यूज पॉलीथिन के लिए शासन द्वारा नियम तो बनाए गए हैं परंतु प्रशासन की कार्रवाई  ना ही कठोर होती है और नहीं इसका लंबे समय तक कड़ाई से पालन किया जाता है। कार्रवाई के एक दो बार होकर ढीले पड़ जाते की वजह से अब तक नहीं व्यापारी चेत रहे और ना ही ग्राहक की जागरूकता हुए हैं। व्यापारियों के मुताबिक पॉलीथिन पर प्रतिबंध है, लेकिन इसका कोई विकल्प नहीं है। अंडे को अधिकांश लोग काली थैली में ले जाते हैं। व्यापारियों के मुताबिक पॉलीथिन की थैली का उपयोग बंद करने के बावजूद लोग थैलीया मांगते हैं। दूसरी दुकानों पर भी थालियां दी जा रही है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में मजबूरन पॉलीथिन का उपयोग करना पड़ रहा है।

कचरा यार्ड में पॉलीथिन के पहाड़

जगह-जगह पॉलीथिन का ढेर शहर में आसानी से देखा जा सकता है। नगर के पास ग्राम सोनपुरी के आगे नगर पालिका के कचरा यार्ड में पॉलीथिन का पहाड़ खड़ा हो गया है। जो हवा में आसपास के खेत खलिहानों में बिखर जाता है। मवेशी भी इसे खाकर बीमार पड़ रहे हैं। और कई मवेशियों की मौत भी हो रही है। अब जिला प्रशासन को शक्ति बरतने की जरूरत है।

पॉलीथिन नालियों में फंसकर जल प्रवाह को रोक देती है। जिसके कारण स्थिर जल में मच्छर मक्खी जैसे रोग वाहक किट पनपने लगते हैं। नगर की नालियों के चोक होने का बड़ा कारण पॉलीथिन हीं है। नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक मनोज कश्यप ने बताया कि नगर पालिका के द्वारा अपील किए जाने के भी बाद भी लोग पॉलीथिन का उपयोग कर रहे हैं तथा उसे नालियों में फेंक देते हैं।

पॉलीथिन तरह-तरह के होते हैं लेकिन नष्ट नहीं होने वाली पन्नी में विषैला पदार्थ होते हैं जो गाय और दूसरे जानवरों के लिए घातक हैं। पॉलीथीन खाने से मवेशियों की तड़प तड़प कर मौत हो जाती है। जिला मुख्यालय में अभी तक नगर पालिका प्रशासन द्वारा पशु चिकित्सालय विभाग ने इसे रोकने की ठोस पहल नहीं की है। लोग घरों तक कचरा कैरी बैग में लाते हैं और फेंक देते हैं। इसके अंदर रखी सब्जियों के खराब अंश कतरन अनाज व फलों के छिलके पॉलीथिन समेत गाय और अन्य जानवर खा लेते हैं। इसके पेट में जाकर फंस जाती है। इससे अगर मवेशी की जान बच गई तो यह किस्मत की बात होती है।


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