बलौदा बाजार

जर्जर सडक़ की समस्या से जूझ रहे कई ग्राम पंचायत के लोग
13-Oct-2023 3:41 PM
जर्जर सडक़ की समस्या से जूझ रहे कई ग्राम पंचायत के लोग

जगह-जगह हो गए है खतरनाक गढ्ढे, स्थानीय राहगीर परेशान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 अक्टूबर।
ग्राम मुंडा गांव के विकास में सडक़ की भूमिका महत्वपूर्ण होती हैं। शासन प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को हर सुविधा उपलब्ध हो इसे ध्यान में रख प्रधानमंत्री सडक़ योजना मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत गांव के मुख्य मार्ग तक जोडऩे के लिए पक्की सडक़ का निर्माण कराया गया है जिसका कई पंचायतों के लोगों को लाभ मिल रहे हैं। परंतु विकासखंड बलौदाबाजार के विभिन्न ग्राम पंचायत ऐसे हैं जहां मुख्य मार्ग का निर्माण तो कराया गया है, परंतु जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के देखरेख व मरम्मत की अभाव में सडक़ की हालत काफी जर्जर हो गया है। 

ऐसा नहीं की क्षेत्र के ग्रामीणों ने सडक़ की समस्याओं से जनप्रतिनिधि समेत संबंधित विभाग को अवगत नहीं कराया गया हो बावजूद इसके अधिकारियों के उदासीन रवैया का खमियाजा आज क्षेत्र के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल है चिचिरदा चौंक से चिचिरदा गांव पहुंच मार्ग का पहुंच मार्ग का। एक वर्ष में ही उक्त मार्ग काफी जर्जर हो गए है।

ग्रामीण एवं राहगीरों की समस्याओं को देखते हुए जर्जर हो चुके सडक़ की मरम्मत को लेकर बरसात के पूर्व समाचार प्रकाशित किया गया था। समाचार प्रकाशन के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए मरम्मत कार्य करने के लिए जेसीबी लगाया गया था किंतु जेसीबी लगाकर इति श्री करते हुए मरम्मत कार्य आज तक प्रारंभ नहीं किया गया है, जिसकी वजह से क्षेत्र के ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं कार्य पूर्णत: तिथि के बाद 5 वर्षों तक ठेकेदारों को मेंटेनेंस कार्य करना होता है किंतु बिना मेंटेनेंस कार्य किए ही अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों को भुगतान कर दिया जाता है। जिससे ठेकेदारों के द्वारा मेंटेनेंस कार्य करने में कोताही बरती जाती है। जिसके चलते राहगीरों एवं ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत चिचिरदा चौक से चिचिरदा गांव पहुंच मार्ग सडक़ निर्माण कार्य को पूर्ण करने की संभावित तिथि 22 जुलाई 2022 था। इस रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है, जिसके लिए 21.85 लाख रूपये की स्वीकृति हुई थी। इस रोड को सिंघानिया इन्टरप्राइजेस रायपुर के द्वारा बनाई गई थी जो ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चूकी है। सडक़ की स्थिति इतनी अधिक खराब हो गई है कि इस एक किलो मीटर की सडक़ में आधी सडक़ पूरी तरह से टुटकर गढ्ढो में तब्दील हो गई है, तथा अन्य जगहों पर दरारे भी पडऩा शुरू हो गया है। 

चिचिरदा से मोती पैकरा प्रशांत यादव विजय पैकरा बुद्धेश्वर पैकरा श्याम लाल कसियारा से राममुरित पटेल राजू पटेल अमलकुंडा से संजय केवट कमलेश पटेल जीवन पटेल सहित ग्रामीणो ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सडक़ का निर्माण करते समय ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी कार्य की गुणवत्ता को झांकने तक नहीं पहुंचे। जिसके चलते ठेकेदार के द्वारा निर्माण की गुणवत्ता को दरकिनार कर जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया।

यह सडक़ 21.85 लाख रूपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत एक किलोमीटर तक डामरीकरण और सीसी रोड का निमार्ण किया जाना था। ठेकेदार के द्वारा 6 सौ मीटर तक डामर वाली सडक़ तो बनाई गई, लेकिन सीसी सडक़ को बनाना भूल गई है। बनाई गई रोड निर्माण कार्य की गुणवत्ता सही नहीं होने पर सडक़ में जानलेवा खतरनाक गढ्ढे निर्मित हो गए है, जो काफी जानलेवा साबित हो रहा है। स्थानीय राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे है। इस रोड पर कसियारा, अमलकुण्डा, डमरू, ताराशिव, भद्रा सहित आसपास के ग्रामीण इसी रोड से आना-जाना करते है, जिन्हे भी काफी परेशान होना पड़ रहा है।

सबसे ज्यादा परेशानी चिचिरदा गांव के ग्रामीणों को होती है, क्योंकि यह सडक़ चिचिरदा पहुंच मार्ग वाली रोड है। ग्रामीणों ने कहा कि उक्त पहुंच मार्ग की माप पुस्तिका निकलवाई जाएगी साथ ही रोड की जांचकर ठेकेदार के उपर उचित कार्रवाई करते हुए मरम्मत कार्य कराने की मांग ग्रामीणों के द्वारा किया गया है।

प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ में आठ दस वर्षों से जमे हुए हैं अधिकारी कर्मचारी

निर्वाचन आयोग के आदेश अनुसार जिले में 3 साल से अधिक समय से जमे अधिकारी कर्मचारियों को हटाया जाना है किंतु प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ विभाग में 3 साल का क्या यहां पिछले आठ 10 वर्षों से एक ही जिले में कुछ अधिकारी पदस्थ हैं और ठेकेदार से सांठगांठ कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं साथ ही अपने आपको जिले का माई बाप समझने लगे हैं। ऐसे अधिकारियों को तत्काल हटाए जाने की मांग की गई है।

इस संबंध में अधीक्षण अभियंता वरुण राजपूत ने कहा कि अभी मीटिंग में हूं मीटिंग के बाद बात करूंगा। इस संबंध में कार्यपालन अभियंता चंद्रभान सिंह तंवर से संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु उनके द्वारा हमेशा की भांति फोन रिसीव नहीं किया गया।
 


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