बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 अक्टूबर। ग्राम मुंडा हर माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीर रहते हैं उन्हें अच्छे से अच्छे स्कूल में एडमिशन करते हैं ताकि उनके होनहार बच्चों की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त रहे। वही राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने की लाख दावे करते हैं किंतु आज भी कई शासकीय स्कूलों में शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने के कारण उनके दावे खोखले साबित हो रहे है।
सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद शिक्षा का स्तर नहीं उठ रहा है। इसी कड़ी में मुंडा के मीडिल स्कूल में पिछले 10 वर्षों से गणित और अंग्रेजी का शिक्षक नहीं है। शिक्षक की कमी की वजह से विज्ञान के शिक्षक अंग्रेजी पढ़ा रहा है तो संस्कृत के शिक्षक गणित पढ़ा रहे है, ऐसे में निश्चित रूप से बच्चों की पढाई प्रभावित होना लाजमी है। शिक्षक की कमी को लेकर 29 जुलाई को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था।
समाचार प्रकाशन के बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ध्रुव के निर्देश पर अगस्त माह के पहले सप्ताह में गणित टीचर उत्तम कुमार बारले को व्यवस्था के तहत मुंडा स्कूल भेजा गया था। नए जिला शिक्षा अधिकारी के आने के बाद मुंडा स्कूल में 15- 20 दिन रहने के बाद गणित टीचर उत्तम कुमार बारले को उनके मूल पद स्थापना स्कूल कोलिहा में भेज दिया गया, जबकि मीडिल स्कूल कोलिहा में पहले से ही गणित की एक और टीचर हैं। गणित की अतिरिक्त टीचर होने के बावजूद व्यवस्था के तहत भेजे गए टीचर को उनके मूल स्कूल में भेज दिया गया, जिससे मुंडा मीडिल स्कूल पुन: गणित शिक्षक विहीन रह गए हैं। जिसके चलते यहां पढऩे वाले छात्र-छात्राओं के भविष्य अंधकार में है।
बलौदाबाजार विकासखण्ड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुण्डा के मीडिल स्कूल में विगत 10 वर्षों से गणित एवं अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है। दूसरे विषयों के शिक्षको के द्वारा अंग्रेजी एवं गणित पढाई जा रही है। यहां के 165 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। बच्चों की दर्ज संख्या के हिसाब से शिक्षक नहीं है। यहां तीन ही शिक्षिका पदस्थ है। शिक्षिका ममता चौहान संस्कृत की टीचर है किंतु संस्कृत और गणित की विषय पढ़ाती है। अंजू साहू हिन्दी और सामाजिक विज्ञान पढ़ाती है। वही संतोषी जायसवाल विज्ञान की टीचर है किंतु विज्ञान और अंग्रेजी की विषय पढ़ाती है।
यहां जिन विषयों का शिक्षक नहीं है, उन विषयों के लिए शिक्षक की मांग विगत 10 वर्षो से करते है लेकिन उनमी मांग को अब तक पूरा नहीं किया गया। जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षकों की योग्यता के अनुसार विषयों का चयन होता है, लेकिन जो शिक्षक अंग्रेजी एवं गणित के बारे में ज्यादा नहीं जानते हो उसे उस विषय की पढ़ाई करने के लिए दे दिया जाये तो उक्त विषय की पढ़ाई भगवान भरोसे हो रहा है यह कहना कोई गलत नहीं होगा। फिलहाल पूर्व माध्यमिक शाला मुण्डा के प्रभारी प्रधान पाठक शाला प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों के द्वारा शिक्षकों की मांग लम्बे समय से किया जा रहा है, लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीण एवं पालकों ने गणित और अंग्रेजी टीचर की मांग संबंधित विभाग के अधिकारियों से की है।
इस संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार जोशी से चर्चा करने पर बताया कि शिक्षक की कमी के संबंध आप जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
इस संबंध में शिक्षक अंजू साहू ने बताया कि 2013 से गणित और अंग्रेजी की टीचर नहीं है। इन विषयों की टीचर की मांग लगातार अपने उच्च अधिकारी से करते आ रहे हैं।
इस संबंध में शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार वर्मा शिक्षाविद कमलेश रजक उपाध्यक्ष सुमेर वर्मा ने कहा कि गणित और अंग्रेजी टीचर की मांग संबंधित विभाग से किया जा चुका है। बच्चों की भविष्य को देखते हुए शीघ्र ही शिक्षक की व्यवस्था नहीं की जाती है तो पालकों की मीटिंग लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।


