बलौदा बाजार

बेखौफ घूम रहे निजी अस्पताल के बिचौलिये
08-Oct-2023 8:46 PM
बेखौफ घूम रहे निजी अस्पताल के बिचौलिये

 दुर्घटनाओं पर रखते हैं पैनी नजर, 108 एम्बुलेंस की भूमिका भी संदिग्ध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 8 अक्टूबर। जिला मुख्यालय के एचडीएफसी बैंक व माई ब्रेकर्स के पास मुख्य मार्ग में शाम करीब 6 बजे अचानक एक मोटर सायकल एवं सायकल में जोरदार टक्कर होने से समीप ग्राम सलोनी निवासी तिरिथ ध्रुव कुछ क्षण के लिए बेहोश हो गये, साथ ही तीन व्यक्तियों को छोटी-मोटी चोटें आई।

उस दौरान लोगों व पत्रकार की मदद से सभी घायलों को किनारे कर 108 एम्बुलेंस को लगातार कॉल किया गया, किन्तु फोन नहीं उठा, जिसकी जानकारी मौके में मौजूद पत्रकार ने सीएमएचओ एम.पी. महिश्वर को कॉल करके दी गई। जिस पर उक्त अधिकारी ने फिलहाल किसी भी गाड़ी में तत्काल भेजकर इलाज कराने की सलाह दी।

जिला अस्पताल सहित नगर व आसपास के मुख्य मार्गों में छोटी-मोटी दुर्घटनाओं पर रखते हैं पैनी नजर। सबसे खतरनाक बात यह सामने आई कि दुर्घटना होते ही कुछ लोग कार से उतरे और घायलों को अपना परिचित बताकर एम्बुलेंस बुलवाये है कहने लगे।

जब पत्रकारों को शक हुआ कि 108 वाले जब किसी का फोन नहीं उठा रहे तो आखिर कौन सी एम्बुलेंस आ रही है, जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने नगर के एक निजी अस्पताल का नाम व शासकीय अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर का हवाला दे कर भाग खड़े हुए। आखिरकार आमजनों ने घायलों को ऑटो के माध्यम से अस्पताल भेजा।

कल तक यह सुनने को मिलता था कि कुछ निजी अस्पताल में अतिरिक्त समय देने वाले डॉक्टर और कुछ निजी अस्पताल के बिचौलिये सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवार वालों को सही इलाज कराने के नाम से परिवार के सदस्यों को डरा व बुद्धि भ्रष्ट कर जबरन कुछ लिप्त निजी अस्पतालों में शिफ्ट कराकर लूट मचा रहे।

आज ये आखों देखा नया मामला सामने आया कि कुछ निजी अस्पतालों के बिचौलिये बाकायदा कार में घूमते हुए नगर व आसपास के मुख्य मार्गो में छोटी-मोटी दुर्घटनाओं पर पैनी नजर रख घूम रहे हैं। आमजनों को भी इन बिचौलियों से सावधान रहने की जरूरत है साथ ही आगे से ऐसे बिचौलिये आपको मिले तो तत्काल पुलिस व मीडिया को सूचित कर आमजनों की रक्षा में अपना सहयोग देवें।

108 एम्बुलेंस वाले भी समय पर फोन नहीं उठाते

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आसपास हो रही दुर्घटनाओं पर 108 एम्बुलेंस आजकल देरी से पहुँच रही या तो समय पर फोन नहीं उठाते वही आज की घटना में भी ना फोन उठाया ना ही अधिकारी को जानकारी देने पर मौके पर पहुंची, जिससे प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं इनकी भूमिका भी संदिग्ध हंै।


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