बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 सितंबर। जिला प्रशासन के उदासीनता का सीमेंट प्लांट प्रबंधन फायदा उठा रहे हैं। सीमेंट प्लांट से लगातार कार्य से श्रमिकों को पृथक किया जा रहा है। मामले के गंभीरता को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ने लिखित तौर पर आपत्ति की।
क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा श्री सीमेंट की लिखित शिकायत की थी, वहीं प्लांट के कलस्टर हेड द्वारा उल्टा जिला प्रशासन को गुमराह कर उपस्थित नहीं हो पाने की असमर्थता जताई जा रही, इसके अतिरिक्त इसी वर्ष मुख्यमंत्री के द्वारा पत्रकार कानून सुरक्षा पारित किया गया है, इस कानून की जिला पुलिस प्रशासन के द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है। विगत तीन माह से लगातार प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लगातार खबर प्रकाशित किया गया।
जिले में चार अन्य सीमेंट प्लांट के तुलना में श्री सीमेंट विवादों के घेरे में रहा है। ट्रांसपोर्टरों द्वारा भाड़ा वृद्धि तथा श्रमिकों के मृत्यु 50 श्रमिकों एवं 50 शिक्षित बेरोजगारों श्रमिकों को बिना बताए कार्य से पृथक किया गया, जिसकी जांच तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल के द्वारा सिमगा एसडीएम माइनिंग विभाग के द्वारा जांच कराई जा रही थी। कलेक्टर के स्थानांतरण के पश्चात यह मामला ठंडा बस्ते में चला गया है। क्षेत्र के पूर्व विधायक व जिला पंचायत अध्यक्ष के द्वारा लिखित में स्वयं जाकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई गई एवं उनके द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि हमारे कांग्रेस पार्टी के जिस प्रकार घोषणा पत्र के अनुरूप रोजगार देने शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना प्रारंभ किया, उसी माह से क्षेत्र के श्री सीमेंट के द्वारा 10 वर्षों से कार्यरत श्रमिकों को बिना कारण बताएं कार्य से पृथक किया, वहीं एक कर्मचारी द्वारा जिसे 5 माह पूर्व कार्य से पृथक किया, वहीं क्षेत्र के प्रमुख जनप्रतिनिधि के आग्रह करने के बावजूद इतने गंभीर मामले में जिला प्रशासन के मौन रहना अनेकों संदेह को पैदा करता है।


