बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 31 जुलाई। परम पावन मास पुरुषोत्तम मास के उपलक्ष्य में भाटापारा में विभिन्न आयोजनों की श्रृंखला निरंतर जारी है। इसी कड़ी में सर्व सरोकारों से जुड़ी हुई रचनात्मक आयोजनों के माध्यम से विविध संदेश का प्रसार करने वाली संस्था सरयू साहित्य परिषद द्वारा लक्ष्मीनारायण मंदिर में भव्य धार्मिक अनुष्ठान किया गया।
एक दिवसीय अखंड मानस का शुभारंभ पूजन अर्चन से हुआ जिसके तहत पं दुर्गा प्रसाद तिवारी के सानिध्य मे परिषद के अध्यक्ष गौरीशंकर जी शर्मा, प्रवक्ता मुकेश शर्मा दिनेश शर्मा सहित उपस्थित समस्त जनों द्वारा भगवान का पूजन अर्चन किया गया, उसके बाद विधिवत ढंग से श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में मानस का सस्वर पाठ प्रारंभ हुआ।
शनिवार को प्रारंभ हुआ मानस पाठ अनवरत दूसरे दिन रविवार तक जारी रहा,चहुंओर भक्तिमय वातावरण निर्मित करते हुए इस आयोजन में महिलाओं की भी बड़ी संख्या मे भागीदारी रही, संगीत के साथ मानस के दोहा चौपाई के पठन से समूचा वातावरण राममय रस मे सराबोर नजर आया। रविवार को मानस पाठ का समापन भगवान राम दरबार के पूजन आरती से हुआ। उसके उपरांत प्रसादी वितरण किया गया।
अखंड मानस पाठ के समापन के पश्चात प्रत्येक रविवार को आयोजित मानस गान एवं आख्यान की कड़ी प्रश्नावली पर चर्चा प्रारंभ हुई जिसके तहत परिषद के प्रवक्ता मुकेश शर्मा द्वारा प्रश्नों की त्रिवेणी को रखा गया, जिसके तहत मानस किंकर पं राम प्रताप शुक्ला एवं विमल तिवारी चित्रकूट द्वारा प्रस्तुत किए गए। चिंतन शील विचार को मद्देनजर करते हुए परिषद के अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा द्वारा निष्कर्ष प्रस्तुत किये गये जिसके तहत नाग पंचमी में भगवान भोलेनाथ के गले में स्थित नागदेव की पूजा की जाती है, जिससे शिवजी प्रसन्न होते हैं और पूजा करने वाले भक्तों को सुख शांति समृद्धि प्रदान करते हैं।
इसके अलावा अनेकानेक पौराणिक कथायें है। द्वापर में इसी दिन जमुना में स्थित जानक नाग को उनकी पत्नी के कहने पर इस शर्त पर छोड़ा था कि आज से किसी को नुकसान नहीं पहुचाएंगा।
तभी से नाग पंचमी मनाई जाती हैं। भगवान शिव सती के वियोग में विवाह नहीं करना चाहते थे। विवाह प्रभु श्री राम जी के कहने पर किया। माता पार्वती को देवर्षि नारद द्वारा मंत्र दिये जानें के संबंध में विभिन्न धारणाएं है,जिसके तहत यह भी माना जाता है कि माता पार्वती को नारद द्वारा ऊं नम: शिवाय का मंत्र प्राप्त हुआ।


