बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 30 जुलाई। जिला मुख्यालय बलौदा बाजार के एक मात्र सब्जी बाजार में गंदगी और अव्यवस्थाओं का आलम हैै। इससे परेशान ग्राहक चौक चौराहों पर चल रही सब्जी दुकानों से सब्जी खरीद रहे हैंं।
सब्जी बाजार में वाहन पार्किंग पेयजल महिला पुरुष प्रसाधन की मूलभूत व्यवस्था भी नहीं है, वहीं बाजार के अंतिम छोर पर वर्षों पूर्व निर्मित पूरी तरह जर्जर और अनुपयोगी हो चुके सुलभ कांप्लेक्स पर भी अब कब्जा कर कुछ लोगों ने आवास बना लिया हैै। बाजार में पवनी पसारी योजना के तहत निर्माण शेड अब पूरी तरह से गंदगी से भरा हुआ है।
विदित हो कि बलौदाबाजार में वर्षों पुराना एकमात्र सब्जी बाजार है। जहां जिला मुख्यालय के लोगों के अलावा आसपास के ग्रामों के लोग सब्जी खरीदने पहुंचते हैं। बाजार में स्थान का अभाव होने और सर्वत्र गंदगी युक्त कीचड़ संडाध के बीच दुकानदार एक संकरी सडक़ के दोनों और दुकान लगाकर बैठने मजबूर हैं।
नगरवासी सब्जी खरीदने जब पहुंचते हैं तो उनका सामना इन अव्यवस्थाओं से होता है। पार्किंग की व्यवस्था न होने के चलते बहुत से गैर जिम्मेदार लोग अपनी वाहन अथवा बाइक लेकर इस सकरे स्थान पर आते हैं। जिससे पूरे दिन जाम की स्थिति और अव्यवस्था का आलम रहता है। जबकि सब्जी विक्रेताओं के गुमटी के दोनों ओर गंदगी और संडाध पसरी हुई है। बाजार में दिन-रात आवारा मवेशियों का डेरा लगा रहता है।
बारिश के दिनों में स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है। दूर दराज से पहुंचे लोगों के लिए पूरा बाजार में कहीं भी शौचालय अथवा पेयजल की व्यवस्था नहीं है। पहंदा रोड से लगा एक सुलभ कांप्लेक्स पूरी तरह जर्जर हो चुका है। यहां दरवाजे शौचालय मूत्रालय की सीट सभी टूट-फूट चुकी है, जिसके चलते यहां कुछ लोगों ने अपना स्थानीय बसेरा बना लिया है।
मटन मार्केट की वजह से भी अव्यवस्था
सब्जी बाजार से लगा हुआ खुला मटन मार्केट है। यहां पूरी तरह से गंदगी के बीच मटन वह मुर्गों का विक्रय किया जाता है। जिसके वजह से उठने वाली दुर्गंध के अलावा आसपास एकत्र कचरे की सडक़ से आने जाने वाले लोगों विशेषकर महिलाओं को अत्यंत त्रासदी के माहौल से गुजरन पड़ता है। लाल बहादुर शास्त्री वार्ड में लाखों रुपए से निर्मित नवीन मटन मार्केट की स्थापना पश्चात पूर्व कलेक्टर के निर्देश पर अन्य सुविधाओं के साथ इसे मई माह से प्रारंभ किया जाना था। सब्जी बाजार में ही खुलेआम मटन मछली की बिक्री हो रही है, जिससे पूर्ण शाकाहारी ग्राहकों को बेहद असुविधा का सामना करना पड़ता है।
किसी ने भी बाजार के उद्धार
के लिए ध्यान नहीं दिया
बलौदा बाजार के नगर पंचायत से पालिका का दर्जा मिलने तक छह अध्यक्ष बन चुके हैं। परंतु किसी ने भी वर्षों पुराने ही सब्जी बाजार को व्यवस्थित एवं सुविधाजनक बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया है। नगरपालिका के अधिकांश जनप्रतिनिधियों की रूचि केवल एक के ऊपर एक सीसी रोड के निर्माण नाली निर्माण अथवा व्यवसाय कांप्लेक्स निर्माण तक ही सीमित रही है। जिसके चलते बलौदा बाजार वासी आज तक सुव्यवस्था साफ-सुथरे सब्जी बाजार को तरस रहे हैं।


