बलौदा बाजार

खुले में फेंके कीटनाशक, पास ही मवेशियों के शव मिले
28-Jul-2023 4:47 PM
खुले में फेंके कीटनाशक, पास ही मवेशियों के शव मिले

कैसे हुई मौत, होगी जांच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार/भाटापारा, 28 जुलाई।
शहर से लगे तरेंगा-देवरी मार्ग के ग्राम सुमाभाठा में कचरे में एक्सपायरी डेट की भारी मात्रा में कीटनाशक दवाइयां फेंकी हुई पाई गईं। पास में ही कुछ मवेशियों के शव पाए गए। आशंका व्यक्त की जा रही है कि मवेशियों ने ये दवाएं खा लीं जिसके कारण उनकी मौत हो गई, लेकिन कोई मवेशी मालिक सामने नहीं आया है जो यह कहे कि उनकी मवेशी की मौत हुई है।

यहां बड़ी संख्या में आवारा मवेशी घूम रहे हैं। वे कहां के हैं कोई नहीं बता पा रहा है। हालांकि मवेशियों की मौत की सूचना ग्रामीणों के माध्यम से ही बाहर आई और सोशल मीडिया में वायरल हो गई। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इधर दवाओं को प्रशासन द्वारा दफना दिया गया है।

खास बात यह है कि मवेशियों के पोस्ट मार्टम के लिए जब टीम पहुंची तो वहां मवेशियों के शव की जगह अवशेष मिले। पोस्ट मार्टम नहीं हो पाया। पखवाड़ेभर पहले कलेक्टर के निर्देश पर कीटनाश की दवा दुकानों की जांच की गई थी। इस दौरान काफी संख्या में ऐसे कीटनाशक दवा पाई गई जो एक्सपायरी थीं। उनकी पूरे कागजात नहीं थे। आशंका व्यक्त की जा रही है कि कार्रवाई के डर से किसी दुकानदार ने एक्सपायरी दवाएं खुले में फेंक दीं, जिसे खाने से मवेशियों की मौत हो गई।

अनुविभागीय कृषि अधिकारी जय इंद्र कंवर के अगुवाई में जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा शहर के कीटनाशक, उर्वरक एवं बीज विक्रय केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान शहर के तीन प्रतिष्ठानों में कीटनाशी नियम, 1971 के नियमों का स्पष्ट उलंघन करते विभिन्न प्रकार के अनियमितता पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब मांगा गया था। साथ ही सामाधान कारक जवाब नहीं मिलने पर कीटनाशी अधिनियम, 1968 तथा कीटनाशी नियम, 1971 के तहत कार्रवाई हेतु कही गई थी। साथ ही उप संचालक कृषि दीपक कुमार नायक द्वारा जिले में पदस्थ समस्त कीटनाशक, उर्वरक एवं बीज निरीक्षकों को नियमित रूप से अपने क्षेत्र का भ्रमण कर नकली कृषि आदान विक्रय तथा कालाबाजारी पर कड़ी निगरानी रखने हेतु स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था। 

निर्देश के परिपालन में निरीक्षकों द्वारा जिले में लगातार उर्वरक, कीटनाशक एवं बीज को लेकर जांच की गई। 
एसडीएम नरेंद्र बंजारा ने कहा कि इस विषय पर सोशल मीडिया व कुछ ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली थी इसके लिए अलग से टीम बनाकर विशेष जांच कराई जाएगी। गनीमत कि यह बच्चों के हाथ नहीं लगी, अन्यथा वे यदि नहीं भी खाते तो शरारत में किसी कुएं या तालाब में डाल सकते थे। बड़ी अनहोनी हो जाती। इधर मवेशियों के शवों को चील कौए खा गए।


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