बलौदा बाजार
पखवाड़े भर में ही 3 हादसे में 5 मजदूरों की मौत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 25 जुलाई। जिले में स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में सोमवार सुबह एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। जहां लोहे की छड़ गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। संयंत्र प्रबंधन द्वारा घायल मजदूर को रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। ज्ञात हो कि अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र में पखवाड़े भर में 5 मजदूरों की मौत हो चुकी है।
सोमवार सुबह लगभग 11 बजे को कुकुरदी सेमराडीह के बीच निर्माणाधीन अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र में कार्य के दौरान मजदूर कार्तिक ओरंग पिता सरकार ओरंग (51 वर्ष) 24 परगना (पश्चिम बंगाल) पर 100 फीट ऊपर से लोहे का भारी एंगल गिरा, जिससे वह मौके पर बेहोश हो गया। हादसे के बाद संयंत्र में अफरा-तफरी मच गई और अन्य मजदूरों ने तत्काल अपना कार्य बंद कर दिया।
घटना के बाद संयंत्र प्रबंधन द्वारा घायल मजदूर कार्तिक ओरंग को बलौदाबाजार के निजी निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां उसकी हालत को देखते हुए रायपुर भेज दिया गया है। अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र के अधिकारी जितेन तवर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घायल मजदूर को रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। वहीं एसपी दीपक झा ने बताया कि प्लांट में मजदूर कार्तिक ओरंग निवासी पश्चिम बंगाल के ऊपर कार्य के दौरान लोहे की भारी वस्तु गिरी, जिसके बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई है।
पहले दो हादसे 4 लोगों की हो चुकी मौत
इसी माह 7 जुलाई को श्रमिक श्रीकांत सिंह 42 वर्ष की करंट की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई थी। इससे पहले 18 जुलाई को हिर्मी में स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र में ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट होने से 3 श्रमिक लोकेश कुमार गायकवाड़ ग्राम कुथरोद, शत्रुघ्न लाल वर्मा निवासी ग्राम मुड़पार तथा उमेश कुमार वर्मा निवासी ग्राम सरपोगा की मौत हो गई थी।
लापरवाही के चलते गई जान
सामान्य तौर पर क्रेन के माध्यम से लोहे के समान अथवा अन्य भारी सामानों को ऊंचाई में शिफ्ट करने के दौरान संयंत्र के सुरक्षा गार्ड द्वारा श्रमिकों को वहां से हटा दिया जाता है। संभवत: बारिश के से बचने गार्ड भी शेड के नीचे बैठे हुए थे। और श्रमिक कार्तिक निर्माण स्थल पर खड़ा हुआ था। माना जा रहा है कि क्रेन की बकेट में रखे लोहे को ठीक से बांधा नहीं गया था। जिसकी वजह से लोहे का रॉड फिसल कर सीधे श्रमिक के सर पर जा गिरा उपस्थित श्रमिकों द्वारा इसकी सूचना संबंधित ठेकेदार के सुपरवाइजर और संयंत्र प्रबंधन को दिया गया। संयंत्र की इकाइयों में लगातार हो रहे हादसे और स्थिति के पुन बिगडऩे की आशंका के चलते आनन-फानन में श्रमिक को नगर के एक निजी अस्पताल में लाया गया। जहां परीक्षण उपरांत चिकित्सकों ने कार्तिक के मृत होने की पुष्टि कर दी।
आक्रोश से बचने अन्य प्रांत के श्रमिकों को काम
अंचल में स्थित सीमेंट संयंत्र इस तथ्य से भलीभांति अवगत है कि स्थानीय श्रमिकों की मौत या घायल होने पर संबंधित ठेकेदार व संयंत्र प्रबंधन को स्थानीय श्रमिकों व ग्रामीणों का तीव्र आक्रोश झेलना पड़ता है, उन्हें मुआवजा के रूप में भारी-भरकम राशि का भुगतान भी करना पड़ता है। अत: अधिकार बाहरी प्रांत के कुशल श्रमिकों को ही कार्य पर रखा जाता है ताकि स्थानीय लोगों के आक्रोश से बचा जा सके। सोमवार को घटित हादसे से मारा गया श्रमिक भी दूसरे राज्य का था।


