बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 15 जुलाई। जिला चिकित्सालय में दोपहर एक बजे के बाद सोनोग्राफी नहीं हो रही है, जिससे मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है। अन्यथा दूसरे दिन सुबह 10 बजे तक इंतजार करने बाध्य होना पड़ेगा।
ऐसी परिस्थितियों का सामना कसडोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से पहुंची एक महिला मरीज और उनके परिजनों को जिला चिकित्सालय में करना पड़ा। इसकी जानकारी मीडिया कर्मियों को लगने पर सिविल सर्जन से चर्चा के बाद किसी तरह शाम 4 से 5 बजे महिला की सोनोग्राफी किया गया। जिसके पश्चात उसकी गंभीर स्थिति देखकर मेकाहारा रायपुर भेज दिया गया। जहां रात्रि में ही उनकी आपातकालीन सर्जरी संपन्न हुई। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पूरे परिवार को अत्यधिक मानसिक तनाव झेलना पड़ा, वहीं इस घटना से जिला चिकित्सालय की विश्वसनीयता भी प्रभावित हुई है।
मीडिया कर्मियों से चर्चा के दौरान सिविल सर्जन राकेश अवस्थी ने बताया कि सोनोग्राफी करने वाली चिकित्सक प्रथम पाली में जिला चिकित्सालय और द्वितीय पाली में पलारी स्वास्थ्य केंद्र में सेवा देती है। संभवत उपस्थित स्टाफ में इसी लिए महिला के परिजनों को अन्यत्र सोनोग्राफी कराने की सलाह दिया होगा।
उल्लेखनीय है कि कसडोल की हेमलता को पेट में असहनीय दर्द की शिकायत पश्चात परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल में 9 जुलाई को भर्ती कराया गया, जहां रक्त की कमी और पेट में तीव्र दर्द का इलाज किया गया। महिला की स्थिति में सुधार न होता देखकर 12 जुलाई की सुबह उन्हें सोनोग्राफी हेतु जिला चिकित्सालय रेफर किया गया जहां दाखिल करने के बाद जब परिजनों ने सोनोग्राफी का आग्रह किया तो ड्यूटी में उपस्थित महिला चिकित्सक ने प्रोटोकॉल के तहत इलाज करने की बात कह कर सोनोग्राफी से इंकार कर दिया।
इस दौरान महिला की हालत बिगड़ती चली गई। दोपहर 3 बजे ड्यूटी पाली में पहुंची चिकित्सक द्वारा तत्काल सोनोग्राफी की आवश्यकता बताया गया।
जब परिजनों ने महिला की सोनोग्राफी हेतु कहा तो उपस्थित स्टाफ ने सोनोग्राफी करने वाली चिकित्सक व स्टाफ के न होने का हवाला देते हुए किसी निजी संस्था से सोनोग्राफी कराने की सलाह परिजनों को दिया। तब तक दर्द न सहन कर पाने के चलते महिला भी अचेत हो चुकी थी।
घबराए परिजनों ने जिला चिकित्सालय में सुविधा के बावजूद सोनोग्राफी नहीं किए जाने की जानकारी स्थानीय मीडिया को दिया गया। पश्चात वहां पहुंचे मीडियाकर्मियों में सिविल सर्जन के मोबाइल पर कॉल किया गया, परंतु ऑपरेशन में व्यस्त होने के चलते उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
इसके बाद परिजनों ने हंगामा मचाना प्रारंभ कर दिया तभी वहां से गुजर रहे चिकित्सक डॉ. अशोक वर्मा व अन्य महिला चिकित्सक ने महिला की जांच कर उसकी गंभीर स्थिति को तत्काल सिविल सर्जन को अवगत कराया और उसे उसके निर्देश पश्चात करीब 4 से 5 महिला की सोनोग्राफी किया गया। सोनोग्राफी में पेट में अंदरूनी रक्त को देखते हुए आनन-फानन में मेकाहारा रायपुर रिफर किया गया, जहां बुधवार को देर रात तक ऑपरेशन संपन्न हुआ और गंभीर महिला की जान बच सकी।
परिजनों ने यह भी बताया कि उनके अलावा तीन से चार अन्य मरीज की सोनोग्राफी हेतु गुहार लगा रहे थे, परंतु उन्हें दूसरे दिवस आने की बात कह कर वापस लौटा दिया गया।


