बलौदा बाजार
मुख्य मार्ग पर मवेशियों का बसेरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 जुलाई। खेती किसानी का काम प्रारंभ होते ही पशुओं से फसल को पहुंचाने वाली क्षति रोकने तथा सडक़ों पर आवारा पशुओं के विचरण से दुर्घटना रोकने की मंशा के साथ राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में रोका छेका अभियान का सख्ती से पालन का निर्देश दिया गया है, लेकिन जिला मुख्यालय सहित अंचल में उक्त निर्देश का अब तक पालन नहीं हो रहा है।
नगर के मुख्य मार्ग पर जगह-जगह डेरा जमाए पशुओं के झुंड को लेकर राहगीरों के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस भी परेशान हैं। इसी तरह से हालात अंचल के अधिकतर गांवों में होने की जानकारी ग्रामीणों ने दी है।
गौरतलब है कि पूर्व में आवारा घूमते गोवंश वाले पशुओं को कांजी हाउस व गौशाला में भेजने की जिम्मेदारी पंचायतों व नगरीय निकायों को सौंपी गई है। इसके अलावा राज्य शासन द्वारा सडक़ हादसों से गौवंश को बचाने के लिए गांव-गांव में गठान निर्माण कार्य पर करोड़ों रुपए खर्च कर वहां चारा पानी की प्रावधन कर रोका छेका अभियान की शुरुआत की गई है।
जिला मुख्यालय में रोका छेका का अभियान फ्लॉप
नगर के भीतर मार्गों पर विचरण करने वाले आवारा पशुओं को पकडऩे हेतु नगर पालिका द्वारा लाखों रुपए खर्च कर खरीदा गया गांव के चार वाहन का उपयोग नहीं किए जाने से शोपस बना हुआ है। नगर के भीतर मुख्य मार्ग पर सिविल कोर्ट लेकर खोर्सी नाला तक रोजाना शाम होते ही जगह-जगह डेरा जमाए पशुओं के चलते वाहन चालकों की जान जोखिम में रहती है, वहीं मुख्य मार्ग पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों द्वारा भी अपने आसपास सडक़ों पर बैठे आवारा पशुओं को हटाने के प्रति दिलचस्पी नहीं ली जाती है।
आवारा पशुओं को लेकर नगर पालिका को पत्र भेजा जा चुका है
सडक़ पर आवारा पशुओं के कारण दुर्घटना का भय बना रहने की जानकारी देते हुए नगर के यातायात थाना में पदस्थ निरीक्षक नरेश गंगे से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा पूर्व में नगर पालिका को पत्र भेजकर आवारा पशुओं को काऊ केचर के माध्यम से पकडक़र कांजी हाउस अथवा गौठान भेजने तथा पशु मालिकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया जा चुका है, लेकिन अब तक कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।


