बलौदा बाजार
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 अप्रैल। जिले में स्थित प्रमुख सीमेंट संयंत्र द्वारा शासन के औद्योगिक नीतियों की जमकर धज्जियां उड़ाते हुए इन संयंत्रों में पिछले 14-15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों की छटनी किए जाने से आसपास स्थित ग्राम के लोगों ने संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ तीव्र आक्रोश व्यक्त है। वही अचानक काम से निकाल दिए जाने के चलते ऐसे कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के भविष्य पर जीवन यापन का संकट मंडराने लगा है सेवा से पृथक इन कर्मचारियों को जिलाधीश रजत बंसल के स्थानांतरण से तगड़ा झटका भी लगा है क्योंकि जिला पंचायत अध्यक्ष की पहल पर जिलाधीश इस मामले में संबंधित संयंत्र प्रबंधन से जवाब तलब किया जा रहा था।
विदित हो कि ग्राम खपराडीह स्थित श्री सीमेंट संयंत्र के प्रबंधन में व्यापक परिवर्तन करते हुए नए अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है जिनके द्वारा संयंत्र के कष्ट कंट्रोल का हवाला देकर कर्मचारियों की चटनी प्रारंभ कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार अब तक पखवाड़े भर में यहां कार्यरत 14-15 स्थानीय कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र में उल्लेखित नियम शर्ते का हवाला देकर सेवा से पृथक कर दिया गया है। जिससे इन कर्मचारियों के अलावा यहां कार्यरत अन्य कर्मचारी मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। जबकि संयंत्र के नीतियों के चलते बेरोजगार हो चुके युवा जनपतिनिधियों व स्थानीय प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए भटक रहे हैं।
जमीन हमारी पानी हमारा फिर भी संयंत्र कर रहा शोषण
शासन की औद्योगिक नीति 2019 24 के अनुसार जिले में संचालित औद्योगिक इकाइयों को अकुशल श्रमिकों के 100 फीसदी कुशल वर्ग के श्रमिकों में 70त्न एवं प्रबंध की वर्ग के 40त्न पदों पर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना है। अधिकांश औद्योगिक इकाइयों इन नीति के पालन में कोताही बरतते हुए तानाशाही का परिचय दे रही है। ग्राम खपराडीह श्री सीमेंट संयंत्र में भी सेवा से पृथक किए गए युवक ने बताया कि उनके एवं परिवार की करीब 25 एकड़ जमीन श्री सीमेंट संयंत्र के निर्माण के दौरान अधिग्रहित किया गया था वह पिछले 9 वर्ष से संयंत्र में कार्यरत था इसी प्रकार 11 वर्ष से कार्यरत युवक ने बताया कि प्रबंधन द्वारा उसे नियुक्ति पत्र में उल्लेखित नियमों का हवाला देकर सेवा से पृथक कर दिया गया। जबकि इन कर्मचारियों का किसी प्रकार से अनियमितता अथवा कदाचरण का आरोप भी नहीं है। छटनी का क्रम आगे जारी है बेरोजगार हो चुके कर्मचारियों ने कहा कि विचारणीय तथ्य है कि हमारी जमीन पानी का भरपूर दोहन कर संयंत्र प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए कमाए कर रहा है।वहीं इस जमीन के स्वामियों को काम के लिए तरसना पड़ रहा है। यदि संयंत्र के इस मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया गया तो प्रभावित ग्रामों में असंतोष भडक़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।
संयंत्र से जवाब तलब किया गया
जिलाधीश मामले के संबंध में श्री सीमेंट संयंत्र के अधिकारियों को कॉल करके अलावा व्हाट्सएप मैसेज भी किया गया परंतु उनके द्वारा किसी प्रकार का अधिकृत कथन देने में असमर्थता व्यक्त किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा ने कहा कि नौकरी से निकाले गए करीब एक दर्जन कर्मचारी को उनके संपर्क में हैं। यदि प्रबंधन अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करता है तो उन्हें न्याय दिलाने हरसंभव प्रयास किया जाएगा। जिलाधीश रजत बंसल ने कहा कि संबंधित संयंत्र को पत्र प्रेषित कर इस संबंध में जवाब तलब किया गया है।