बलौदा बाजार

प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर तेलासीपुरी धाम का होगा पर्यटन केंद्र के रूप में विकास
22-Apr-2023 1:56 PM
प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर तेलासीपुरी धाम का होगा पर्यटन केंद्र के रूप में विकास

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 22 अप्रैल।
बलौदाबाजार कलेक्टर रजत बंसल ने धार्मिक पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पलारी विकासखंड अन्तर्गत स्थित ग्राम तेलासीपुरी धाम पहुंचकर निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री बसंल ने सतनामी समाज के प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों में प्रमुख तेलासीपुरी धाम के इतिहास के बारे में सामाजिक जनप्रतिनिधियों से जाना और इसे प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप के उभारने के निर्देश दिए।

सामाजिक जनप्रतिनिधियों के मांग के अनुरूप तेलासी बाड़ा के विकास कार्य व सर्वोच्च गुरु अस्करण दास साहेब व राजमहंत नैनदास कुर्रे जी की प्रतिमा का अनावरण तथा प्राचीन समय में गए सभी जेल यात्रियों का नामकरण निर्माण व रंगमंच का निर्माण, प्रथम तल व द्वितीय तल में सराय निर्माण, सुलभ शौचालय निर्माण साथ की पानी टंकी की पर्याप्त व्यवस्था की जायेगी।

उक्त निरीक्षण में सयुक्त कलेक्टर व सहायक आयुक्त मिथलेश डोंडे,जनपद सीईओ रोहित नायक, मंडल संयोजक एनपी बांधे,सुखीराम व मंदिर पुजारी दर्शन ढीढी सहित अन्य सामाजिक प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

तेलासीपुरी का ऐतिहासिक महत्व
जिला मुख्यालय बलौदा बाजार से 35 किलोमीटर दूर भैसा से आरंग मार्ग में स्थित है ग्राम तेलासी जहां स्थित है सतनामी पंथ के संत अमर दास की तपोभूमि जिसे स्थानीय लोग तेलासी बाड़ा भी कहते हैं। सतनाम पंथ के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। 1840 के लगभग तेलासी बाड़ा का निमार्ण गुरु घासीदास के द्वितीय पुत्र बालक दास द्वारा निर्माण किया गया और उनका तेलासी बाड़ा में जीवन यापन चलता रहा। गुरु बालक दास के मृत्यु के बाद 1911 में तेलासी के साथ 273 एकड़ जमीन गणेशमल के पास गिरवी के द्वारा काबिज किया गया था, जिसे समाज के सर्वोच्च गुरु असकरणदास एवं राजमहंत नैन दास कुर्रे के नेतृत्व 103 समाज के लोग जेल गए थे। इसी नेतृत्व में 27 अप्रैल 1986 को मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा द्वारा उक्त जमीन समाज को देने की निर्णय लिया गया। जो कि आज भी प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थापित हैं।
 


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