बलौदा बाजार
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समिति की आय पर पड़ेगा असर, भुगतान पर अभी नहीं की कोई घोषणा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 अप्रैल। सरकारी अस्पतालों में डेढ़ माह बाद एक जून से मरीजों को मुफ्त में उपचार देने की कवायद शुरू हो जाएगी। पिछले माह प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि प्रदेश के सारे सरकारी अस्पताल एक जून से कैशलेस हो जाएंगे यानी कि ओपीडी से लेकर डायग्नोस्टिक और दवाइयां जैसी सारी सुविधाएं मरीजों को बिल्कुल मुफ्त मिलेगी। अगर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी तो मरीजों को बड़ी राहत होगी, पर इसका सीधा असर जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पताल की जीवन दीप समितियों की आय पर पड़ेगा।
मरीजों को नहीं लगेगा एक भी रुपए, काउंटर के लिए नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर
वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना या डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 85 फ़ीसदी से ज्यादा मरीजों का मुफ्त में इलाज हो रहा है। कैशलेस इलाज में न कार्ड ब्लॉकिंग कराने की जरूरत होगी और न ही विभिन्न काउंटर का चक्कर लगाने की। मरीजों को अस्पताल में 1 रुपए भी खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उपचार के दौरान जांच-दवा और इलाज मरीजों को मुफ्त में दिया जाना है।
नए आदेश का पालन करेंगे
जिला अस्पताल प्रभारी डॉ. राजेश अवस्थी का कहना है कि ओपीडी, आईपीडी सहित अन्य कुछ जांच भी कुछ माह पहले ही जिला अस्पताल में मुफ्त कर दी गई है। नए आदेश के तहत जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे, उनका पालन किया जाएगा। उम्मीद है कि जीवनदीप समिति के कर्मचारियों को वेतन के लिए सरकार कोई न कोई व्यवस्था फंड के रूप में करेगी।
मरीजों की संख्या अनुसार मिलेगा फंड
वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना व डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत 85 फ़ीसदी से ज्यादा मरीजों का मुफ्त में इलाज हो रहा है। कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू हो जाने के बाद मरीजों को अस्पताल में एक रुपए भी खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। ज्यादा से ज्यादा कार्ड ब्लॉक किए जाएंगे। क्योंकि जितने ज्यादा कार्ड ब्लॉक होंगे अस्पताल को ज्यादा फंड मिलेगा। इसके अलावा सरकार अलग से फंड भी जारी करेगी जिससे अस्पतालों का संचालन सुचारू रूप से होता रहेगा।
इनसे होती है समिति की आय, मिलता है वेतन
सरकार के इस निर्णय के एक और मरीजों को लाभ होगा तो दूसरी तरफ अस्पताल संचालन के लिए जिम्मेदारी निभाने वाली जीवन दीप समितियों की आवश्यक प्रभावित होगी। जिला अस्पताल के जीवनदीप समिति को प्रयोगशाला, सोनोग्राफी, ओपीडी, आईपीडी, एक्सरे, दंत विभाग मेडिकल बोर्ड एंड एनएचएम से आय होती है, जिससे समिति द्वारा वह के तौर पर जीवन दीप समिति कर्मचारियों को दिए जाने वाला मानदेय इंधन व्यय अस्पताल प्रबंधन पर यह दवाइयां रिजेक्ट उपकरण व मशीन उपकरण रिपेयरिंग अस्पताल साफ सफाई सामग्री छपाई पर्ची अन्य मद नेट व्यय भोजन निर्माण मरम्मत व अन्य पर व्यय किया जाता है।
जीवन दीप के कर्मचारी कर सकते हैं हड़ताल
जीवनदीप समितियों के लिए आवश्यक के तौर पर मरीजों से मिलने वाला शुल्क ही मुख्य स्रोत वही है जिससे सरकार द्वारा फ्री किया जा रहा है। जीवनदीप समिति के कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन का भुगतान किस तरह होगा यह स्पष्ट नहीं है। कर्मचारियों का भविष्य अधर में है और उन्होंने आंदोलन में जाने की चेतावनी दी है। जिले में 37 समितियां हैं, जबकि जिला अस्पताल में ही लगभग 48 कर्मचारियों कार्यरत हैं। वहीं सीएचसी, पीएचसी मिलकर कर्मचारियों की संख्या 200 है।
समिति के लिए होगी व्यवस्था कलेक्टर
कलेक्टर रजत बंसल कलेक्टर ने कहा कि जीवनदीप समिति के कर्मचारियों के लिए कोई न कोई व्यवस्था होगी, यह तय है। आयुष्मान कार्ड से अस्पतालों को ज्यादातर आय होती है। इस आय से हो या फिर इनके लिए कोई न कोई अलग से फंड जारी करना हो, वह सरकार कर सकती है।