शुमाइला ख़ान
पाकिस्तान से भारत आईं सीमा हैदर की मुल्क वापसी को लेकर सिंध प्रांत में डकैतों ने हिंदुओं के धार्मिक स्थलों और घरों पर हमला करने की धमकी दी है.
इस धमकी के मद्देनज़र सिंध प्रांत की उत्तरी ज़िलों की पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है.
पुलिस ने बताया है कि हिंदू धर्म से जुड़े लोगों और जगहों की सुरक्षा और पुख़्ता की गई है.
उत्तरी सिंध के घोटकी, काशमोर, कंधकोट और जैकबाबाद में डकैतों के कई गैंग सक्रिय हैं.
इन गैंग ने सिंधु नदी के पास के जंगलों में अपना ठिकाना बनाया हुआ है.
पुलिस इन गैंगों के ख़िलाफ़ कई दशकों से ऑपरेशन चला रही है पर अभी तक सफ़ल नहीं हो सकी है.
ऐसे में इन डकैतों की हिंदू समुदायों को दी धमकी के मुद्दे को पुलिस गंभीरता से ले रही है.

वायरल वीडियो में क्या दी धमकी
नेपाल के रास्ते भारत आईं सीमा और उनके पाकिस्तानी पति हैदर बलोच हैं.
सोशल मीडिया पर कई सिंध डकैतों के गैंग्स ने भारत सरकार से सीमा को पाकिस्तान वापस भेजने की धमकी दी है.
एक वीडियो मैसेज में राणो शार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, सांसदों और सरकार को संबोधित किया है. इस वीडियो में वो कहते हैं कि सीमा और उसके बच्चों को पाकिस्तान वापस भेजा जाए.
राणो शार कहते हैं, ''ये औरत अपने चार बच्चों के साथ नेपाल गई और गीता को स्वीकार किया. हमने जखरानी जनजाति के सरदार से भी अपील की है कि सीमा को वापस लाएं. अगर वो नहीं आ रही तो बच्चों को लेकर लाएं. ये हमारे धर्म के ख़िलाफ़ है. धार्मिक नेता राशिद महमूद सुमरू आगे आएं और इस औरत को वापस लाएं.''
राणो शार डकैतों की गैंग के मुखिया हैं और घोटकी के जंगलों में सक्रिय हैं.
राणो बोले, ''सीमा के भारत जाने की खबरें मैं मीडिया और सोशल मीडिया पर देख रहा था. मैंने सोचा था कि हुकूमत कुछ कर रही होगी लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो मुझे ही सोशल मीडिया पर आकर ये संदेश देना पड़ रहा है.''
हाथ जोड़ते हुए राणो ने कहा, ''मैं ये अपील करता हूं कि इस औरत को वापस भेजें वरना पाकिस्तान में जो हिंदू रह रहे हैं वो अपनी सुरक्षा के लिए ख़ुद ज़िम्मेदार होंगे. हम किसी तरह की ज़िम्मेदारी नहीं लेंगे. अगर सीमा वापस नहीं आई तो रहरकी दरबार में हम बम फोड़ेंगे.''

वीडियो में राणो शार बंदूकों के साथ दिखते हैं.
साथ ही एक तस्वीर में बंदूकों के साथ सीमा की तस्वीर भी दिखती है, जिससे ये पता चलता है कि वीडियो को बनाने में किसी प्रोफेशनल एडिटर की मदद ली गई है.
एक दूसरे वीडियो में पांच हथियारबंद लुटेरे हिंदू समुदायों को धमकी देते दिख रहे हैं.
ये लोग धमकी देते हैं- ''अगर सीमा नहीं लौटी तो जैकबाबाद, रातुडेरो, काशमोर और जहां कहीं भी हिंदू रहते हैं, उन लोगों को इसके गंभीर अंजाम भुगतने होंगे.''
वीडियो में ये लोग अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहते हैं- ''औरत और बच्चों को लौटा दे, ये बलोच हैं. हम किसी से डरते नहीं हैं. पाकिस्तान ज़िंदाबाद.''

रहरकी दरबार क्या है?
सिंध के उत्तरी प्रांतों में हिंदू समुदाय के ज़्यादातर लोग कारोबारी हैं. ये लोग जूलरी, कृषि, चावल मील के कामों से जुड़े हैं.
इन ज़िलों के शिकारपुर और घोटकी में कई धार्मिक स्थल हैं और कुछ संतों की मज़ार भी है.
रहरकी दरबार वो जगह है जहां संत सतरामदास का साल 1866 में जन्म हुआ था. इन संत को सच्चू सतराम और सच्चा सतराम के नाम से भी जाना जाता है.
इस इलाक़े में हर साल एक बड़ा फेस्टिवल होता है, जहां भारत से भी तीर्थयात्री आते हैं. इनमें वो लोग भी शामिल होते हैं, जो बँटवारे के वक़्त भारत आ गए थे.
बँटवारे से पहले उत्तरी सिंध में जब धार्मिक दंगे हुए, तब इस दरबार से जुड़े भगत कुंवर राम की हत्या कर दी गई थी. कुंवर राम की समाधि भी इसी जगह पर है.
शिकारपुर में समाध आश्रम भी है. इस आश्रम के भगवान दास कहते हैं- ये आश्रम 250 साल पुराना है, इस दरबार के पहले गद्दीनशीन बाबा हरभजन सिंह पंजाब से आए थे.
सिंधु नदी के बीच में सक्कर में बाबा बणखंडी महाराज का दरबार भी है. इस जगह को साध बेलो के नाम से भी जाना जाता है. यहां हर साल एक पर्व आयोजित होता है.
हिंदू समुदाय की मीडिया से दूरी, पुलिस क्या बोली
उत्तरी सिंध में हिंदू समुदाय के लोग मीडिया से बात करने से बचते हुए नज़र आ रहे हैं. हमने कई स्थानीय लोगों से भी बात की, पर सबने कहा कि वो किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं.
घोटकी में पीपल्स पार्टी के अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष कुकु राम ने बीबीसी से कहा, ''पुलिस सुरक्षाबल इलाके में भेजे गए हैं और रेंजर्स भी आए हैं, जो हमारा सहयोग कर रहे हैं. हमारा समुदाय शांति से कारोबार कर रहा है. हमें इस बात से निराशा है कि सिंध में हमारे ही भाई ऐसे बयान दे रहे हैं.''
कुकु राम बोले, ''समुदाय के लोगों में ग़ुस्सा है क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं कि ये मामला यहां से नहीं है. भारत हमारा पड़ोसी देश है. हम न वहां पैदा हुए और न हम वहां से हैं. हम पाकिस्तान में पैदा हुए और सिंधु की मिट्टी के हैं.''
सक्कर के डीआईजी जावेद जसकानी ने कहा, ''वीडियो मैसेज जारी करके धमकी देने वाले राणो शार को पकड़ने की कोशिशें हमने तेज़ कर दी हैं. अगर धार्मिक संगठनों का साथ मिल गया तो डकैतों की धमकी से पैदा हुईं मुश्किलें और गंभीर हो सकती हैं.''
जावेद जसकानी ने कहा, ''हमारे ज़िले के एसएसपी मंदिरों और हिंदू बहुल इलाक़ों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठा रहे हैं. इनमें सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती, पैट्रोलिंग और हिंदुओं को धमकी देने वालों को पकड़ने के लिए तेज़ किए ऑपरेशन भी शामिल हैं.''
सिंध प्रांत के सीएम के स्पेशल असिस्टेंट वीरजी कोहली ने बीबीसी से कहा, ''सिंध प्रांत में जितने भी मंदिर हैं, सब में पुलिस तैनात है और सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.''
वो बोले, ''अगर कोई हिंदू लड़की जाती है तो हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि क़ानूनन लड़की का बयान ही वैध है. बस लड़की बालिग होनी चाहिए. ऐसे में अगर कोई धर्म बदल रहा है और शादी कर रहा है तो हम उन बालिग लोगों को कुछ नहीं कह सकते.''

सीमा के कारण भारत-पाकिस्तान में चर्चा
सीमा को लेकर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से चर्चा तेज़ है.
राजनीतिक गलियारों और धार्मिक जमावड़ों में इस ख़बर पर अब तक ख़ामोशी ही नज़र आई.
हालांकि मंगलवार को सिंध में जमात-ए-उलेमा-ए-इस्लाम के महासचिव अल्लामा राशिद महमूद सूमरु ने कहा- इस मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए. सीमा और उसके बच्चों को वीज़ा कहां से मिला?
राशिद महमूद सूमरु ने कहा- ''एक मुस्लिम महिला हिंदुस्तान गई और जाते ही हिंदू धर्म अपनाया, साड़ी पहनी और फर्राटेदार हिंदी में बोलना कई सवाल खड़े कर रहा है. हमें डर है कि इस इलाक़े में कहीं ये हिंदू-मुसलमान दंगा करने की कोई साजिश तो नहीं है.''
राशिद महमूद सूमरु ने सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस बात को लेकर ज़रूरी कदम उठाए ताकि महिला अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान लौटे, हिंदू और सिख हमारे भाई हैं.
राशिद वही शख्स हैं, जिनसे राणो शेर से दखल देने की बात कही थी.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बारे में राशिद ने कहा- ''इस वीडियो के आने से इलाक़े में तनाव है. इस वीडियो से ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि स्थानीय जनजाति के लोग ये मामला कितना संवेदनशील और अहम है.'' (bbc.com)