नई दिल्ली, 10 मई । ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव पर सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज एयरबेस को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने मिसाइलें दागीं और अस्पताल तथा स्कूल को निशाना बनाया गया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एयर फोर्स स्टेशन सिरसा और एयर फोर्स स्टेशन सूरतगढ़ के शनिवार सुबह की फोटो दिखाईं और कहा कि ये सुरक्षित हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तानी सेना पश्चिमी सीमाओं पर लगातार हमले कर रही है, उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए ड्रोन, लंबी दूरी के हथियार, युद्धक हथियार और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया है। भारत ने कई खतरों को नाकाम कर दिया, लेकिन पाकिस्तान ने 26 से अधिक स्थानों पर हवाई मार्ग से घुसपैठ करने की कोशिश की।" उन्होंने आगे कहा, "पाकिस्तान ने पंजाब के वायुसेना बेस को निशाना बनाने के लिए रात 1:40 बजे हाई-स्पीड मिसाइलों का इस्तेमाल किया। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं और स्कूलों पर भी हमला किया।" कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, "पाकिस्तान की इन हरकतों के बाद तुरंत जवाबी हमले का एक्शन लिया गया।
रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहमयार खान पर पाक सैन्य ठिकानों पर सटीक हथियारों और लड़ाकू जेट से हमला किया गया। सियालकोट का एयरबेस भी टारगेट किया गया। कम से कम कोलेटरल डैमेज की क्षति हमने निश्चित की। पाकिस्तान ने नागरिक विमानों की आड़ लेकर अंतरराष्ट्रीय एयर रूट का गलत इस्तेमाल किया।" विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया, "एक त्वरित और सुनियोजित प्रतिक्रिया में भारतीय सशस्त्र बलों ने केवल चिन्हित सैन्य लक्ष्यों पर सटीक हमला किया। पाकिस्तान ने भारतीय एस-400 प्रणाली को नष्ट करने, सूरत और सिरसा में हवाई अड्डों को नष्ट करने के दावों के साथ लगातार दुर्भावनापूर्ण गलत सूचना अभियान चलाने का प्रयास किया है। भारत पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे इन झूठे दावों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है।" विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर श्रीनगर से नलिया तक 26 से अधिक स्थानों पर हवाई घुसपैठ और कई उत्पीड़नकारी हमले करने की कोशिश की गई। भारतीय सशस्त्र बलों ने इन खतरों और अधिकांश वेक्टरों को सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया। हालांकि, उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज में भारतीय वायु सेना स्टेशनों पर उपकरणों और कर्मियों को सीमित नुकसान हुआ।