राष्ट्रीय
नूंह, 22 जुलाई । हरियाणा के नूंह में सावन के पहले सोमवार को होने वाली ब्रजमंडल यात्रा के लिए महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज नूंह पहुंच गए हैं। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह बड़ा ही सुखद अवसर है। बड़ा प्यारा अवसर है। सावन का महीना है। बड़ी पवित्र भावना को लेकर लोग इस यात्रा को निकालते हैं। आज भी बड़े उत्साह के साथ यह यात्रा चलती है। नल्हड़ेश्वर मंदिर से झिरकेश्वर मंदिर यात्रा जाती है। उसके बाद श्रृंगेश्वर मंदिर में जाकर यह पूरी होगी।“ उन्होंने आगे कहा, “हमारा भारतवर्ष आस्था का देश है। हम ऐसे संकल्प को लेकर चलते हैं कि लोग प्यार से, भाईचारे से रहें। कोई भी पर्व या त्यौहार आपस में मिलजुल कर मनाते रहे हैं।
भारत की धरती पर सब आए हैं। परमात्मा ने भेजा है, परमात्मा को मानते हुए नेकियां कमाएं और अच्छे रास्ते पर चलें।“ नूंह में सुरक्षा पूरी तरह से चाक चौबंद है। डॉग स्क्वॉयड की मदद से पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कर रही है ताकि किसी प्रकार का कोई हथियार, लाठी-डंडा या विस्फोटक सामग्री ब्रजमंडल शोभा यात्रा तक ना पहुंच सके। इसके अलावा पुलिस घोड़े से भी लगातार निगरानी कर रही है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। घोड़ा पुलिस के जवानों को पहाड़ों पर भी क्रिमिनलों के खिलाफ अभियान चलाने की ट्रेनिंग होती है। इसके अलावा नल्हड़ेश्वर मंदिर प्रांगण में भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है।
यात्रा शाम करीब 5 बजे जिले के सबसे बड़े गांव सिंगार स्थित श्रृंगेश्वर मंदिर में समाप्त हो जाएगी। इस यात्रा में देश भर से बड़े-बड़े साधु-संत भी भाग लेते हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष इसी यात्रा में हुए पथराव और आगजनी में सात लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हो गए थे। नूंह एक मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जहां करीब 79 फीसदी आबादी मुस्लिम है। -(आईएएनएस)
लखनऊ, 22 जुलाई । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग में सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। इस मामले में कांग्रेस और सपा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों दलों ने कहा कि सरकार के ऐसे निर्णयों से भाईचारा खत्म होगा। कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि न्यायालय ने यूपी की योगी सरकार के समाज में जहर घोलने वाले नाम लिखने वाले आदेश पर रोक लगाकर इस देश के भाईचारे को मजबूती दी है। भाजपा की योगी र को अलग-अलग न्यायालय द्वारा बार-बार किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी सीख नहीं लेते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश और परिवार बड़े मन और उदार भाव से चलता है। कभी भी इस तरीके के समाज में जहर बोलने वाले निर्णय को करने से पहले सौ बार आपको जरूर सोचना चाहिए और आज के न्यायालय के इस निर्णय से मुख्यमंत्री आपको सीख लेनी चाहिए। सपा प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि जब ऐसा आदेश सरकार लाई तभी हमारे नेता ने कहा था कि ऐसे निर्णयों पर कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
भाजपा जब जनता की अदालत में गई तो उन्होंने ठीक कर दिया, फिर कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को समझना चाहिए कि देश जाति-धर्म के नाम पर बंटवारा से नहीं चलेगा। यहां की संस्कृति-सभ्यता एक दूसरे के सम्मान और एक दूसरे से मिलकर है। अभी जब यह उपचुनाव में जाएंगे तो इन्हें फिर मुंह की खानी पड़ेगी। क्योंकि यह अपने नफरत और बंटवारे वाले एजेंडे से हट नहीं पा रहे हैं। -(आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । बिहार में लगातार गिरते पुलों को लेकर राजद सहित अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को बीजेपी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। राजद विधायक मुकेश रोशन ने पोस्टर लेकर बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने अपने पोस्टर में लिखा -- पुल गिरे तो गिरे, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए। उन्होंने कहा, प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इस सरकार को जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। मुकेश रोशन ने कहा, “मैं कोई कटाक्ष नहीं कर रहा हूं। मैं अपने पोस्टर के माध्यम से राज्य सरकार की सच्चाई बयां करने की कोशिश कर रहा हूं कि पुल गिरे तो गिरे, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए।
डबल इंजन की सरकार है। इसलिए हम लोग अवाम के मुद्दों को लेकर सदन में पुरजोर तरीके से उठाने का काम करेंगे। जिस तरह से मुख्यमंत्री को पदाधिकारियों के सामने गिरगिराना पड़ रहा है, उससे यह साफ जाहिर है कि वो थक चुके हैं। उनकी वार्ता शैली और कार्यशैली यह साफ बता रही है कि वो अब बिहार संभाल पाने की स्थिति में नहीं हैं।” वहीं, एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमाम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “सीमांचल का सबसे बड़ा मुद्दा कटाव और विस्थापन है। हमारे यहां हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। वहीं सरकार ने अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं दी है।
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री कहते हैं कि राहत कोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है और यह आपदा पीड़ित नालंदा के होंगे तभी होगा, क्या सीमांचल के होंगे तो नहीं होगा। अपनी इसी बात को मैं सरकार तक पहुंचाने के लिए यहां आया हूं। अब तक सीमांचल क्षेत्र में कई मकान डूब चुके हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई काम नहीं कर रही है।” कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार की सब्जियों को साथ में लेकर विधानसभा परिसर के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस तरह आप (बीजेपी) लोगों को अपनी दुकान के आगे नेमप्लेट लगाने के लिए कह रहे हैं कि ये हिंदू का है या मुस्लिम का, या अगड़ा का है या पिछड़ा का, या उसका है या इसका, आखिर आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं।
आखिर आप लोग क्यों धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। मैं आपको बता दूं कि इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला है। क्या संविधान में ऐसा लिखा हुआ है कि दुकानें अलग-अलग धर्म के लोग लगाएंगे, अलग-अलग जगह पर लगाएंगे। अगर आप ऐसा करते हैं, तो मैं आपको बता दूं कि जब हम वैष्णो देवी मंदिर जाते हैं, तो वहां ज्यादातर दुकानदार मुस्लिम समुदाय के होते हैं, तो क्या आप उन्हें भी बदलेंगे। बीजेपी द्वारा बनाई गई यह स्थिति भयावह है। इससे आप लोग धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का काम करेंगे।
इससे समाज में वैमनस्यता ही फैलेगी, इसलिए आज हम लोग विभिन्न प्रकार की सब्जी लेकर एकत्रित हुए हैं, ये बताने के लिए कि जिस तरह से आप लोग सब्जियों के रंग को नहीं बदल सकते ठीक उसी तरह आप लोग संविधान को भी नहीं बदल पाओगे।” वहीं, कांग्रेस विधायक राजेश राम ने भी बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, “मौजूदा सरकार की कार्यशैली की वजह से देश और संविधान दोनों ही खतरे में है। अगर समय रहते सरकार ने अपनी प्रवृत्ति नहीं बदली, तो आगामी दिनों में स्थिति और विकराल हो सकती है।” --(आईएएनएस)
रांची, 22 जुलाई । सेंट्रल अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 27 कामगारों की सुरक्षित वापसी हो गई है। ये लोग वहां एक कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में 29 मार्च 2024 से काम कर रहे थे, लेकिन उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा था और उन्हें जबरन काम करने को मजबूर किया जा रहा था। सभी कामगार गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के रहने वाले हैं। उन्होंने एक सप्ताह पहले वीडियो मैसेज जारी कर झारखंड और केंद्र की सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। इसके बाद झारखंड सरकार के श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव ने मामले को लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था।
विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया तो कंपनी की ओर से मजदूरों के साथ बैठक की गई और सभी कामगारों को बकाया मजदूरी का भुगतान कर दिया गया। सभी को वापस जाने की भी इजाजत दे दी गई। रविवार देर रात सभी कामगार कैमरून से मुंबई पहुंचे और उसके बाद सोमवार को सभी अपने घर लौट आए। कामगारों ने सुरक्षित वापसी और बकाया मजदूरी भुगतान के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार का आभार जताया है।
कामगारों के परिजनों ने भी राहत की सांस ली है। वापस आए कामगारों में गिरिडीह जिला के सरिया थाना क्षेत्र के शुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत अतकी के रमेश महतो, विजय कुमार महतो, दूधपनिया के दौलत कुमार महतो, हजारीबाग के बिसुन, जोबार के टेकलाल महतो, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, चानो के चिंतामण महतो, बोकारो जिला के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोहन महतो, डेगलाल महतो, गोविंद महतो, चुरामन महतो, जगदीश महतो, मुरारी महतो, लखीराम, पुसन महतो, गोनियाटो के कमलेश कुमार महतो, महेश कुमार महतो, दामोदर महतो, मुकुंद कुमार नायक, नारायणपुर परमेश्वर महतो, धवैया के अनु महतो, धनेश्वर महतो, रालीबेडा के शीतल महतो और कुलदीप हंसदा शामिल हैं। -(आईएएनएस)
भोपाल, 22 जुलाई । मध्य प्रदेश में पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस जमीनी हालात की जानकारी जुटाने में लग गई है। सोमवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भोपाल संभाग के पदाधिकारी सहित अन्य नेताओं की बैठक चल रही है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भोपाल संभाग के जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, मंडल, सेक्टर अध्यक्षों सहित तमाम पदाधिकारी की बैठक ले रहे हैं।
इस बैठक का मकसद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की जमीनी वजह का पता करना है। इसके लिए एक-एक पदाधिकारी से उसके क्षेत्र में कांग्रेस की क्या स्थिति है, इसको लेकर सिलसिलेवार चर्चा की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस चर्चा और संवाद के दौरान पार्टी में जमीनी स्तर पर व्याप्त गुटबाजी को भी हार की बड़ी वजह बताया जा रहा है। इतना ही नहीं चुनाव से पहले राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुए दल-बदल ने भी पार्टी को कमजोर करने का काम किया है। यह बात कई पदाधिकारी ने बैठक में चर्चा के दौरान कही है। साथ ही आगामी समय में राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने पर भी कई नेताओं ने अपनी राय व्यक्त की। बैठक में आगामी समय में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भी चर्चा हो रही है।
भोपाल संभाग के सीहोर जिले की बुधनी सीट में भी आगामी समय में उपचुनाव संभावित है। ज्ञात हो कि दो दिन पहले राजनीतिक मामलों की समिति की भी भोपाल में बैठक हुई थी। इस बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए थे। इस बैठक में संगठन को और मजबूत कैसे किया जाए, इसको लेकर विचार हुआ था। --(आईएएनएस)
रांची, 22 जुलाई । रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र में साड़म गांव की संगीता देवी और उसकी तीन साल की बेटी अनुष्का के शव सोमवार को गांव के एक तालाब से बरामद किए गए। संगीता देवी के मायके वालों ने उसके पति डब्लू यादव पर मां-बेटी की हत्या कर मामले को आत्महत्या का रूप देने की साजिश का आरोप लगाया है। उनकी शिकायत पर पुलिस ने डब्लू यादव को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया है।
मृतका के पिता डहरू यादव ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि 2020 में शादी के बाद से ही उनकी बेटी संगीता के साथ उसका पति और ससुराल वाले मारपीट करते थे। वे शादी के बाद भी मायके से दहेज लाने की मांग करते थे। दो संतानें होने के बाद भी यह सिलसिला नहीं रुका। पिछले कुछ महीनों से संगीता अपने दो बच्चों के साथ मायके में ही थी। रविवार को डब्लू यादव उन्हें लेकर अपने गांव आया था और इसके अगले ही दिन संगीता और उसकी तीन साल की बच्ची के शव तालाब में मिले।
डब्लू और उसके घरवालों ने गांव में यह शोर मचाया कि संगीता ने खुद अपनी बच्ची के साथ तालाब में कूदकर जान दी है। परिजनों की मानें तो संगीता के गले, आंख और चेहरे पर चोट के निशान हैं। बुढ़मू थाना के एक अफसर ने बताया कि मृतका के पिता की शिकायत पर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शवों के पोस्टमार्टम से भी स्थिति स्पष्ट होगी। मामले की तहकीकात जारी है। -(आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । जनता दल (यूनाइटेड) बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर शुरू से मुखर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को साफ कर दिया कि मौजूदा प्रावधानों के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है। इसके बाद यह साफ हो गया कि फिलहाल बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने वाला है। मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को कहा कि बिहार को तेजी से विकास के लिए विशेष सहायता की जरूरत है।
बिहार सरकार और जदयू विशेष राज्य के दर्जा की मांग शुरू से करती रही है। हमलोग अपने सीमित संसाधनों से विकास करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग यह भी कहते रहे हैं कि विशेष राज्य में अगर कोई तकनीकी दिक्कत हो तो बिहार को विशेष सहायता मिलनी चाहिए। विशेष मदद मिलनी चाहिए। हम लोग अपने संसाधनों के बल पर तेजी से विकास कर रहे हैं और अगर केंद्र सरकार अतिरिक्त सहायता मुहैया कराती है तो हम और तेजी से विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि अंत में तो बात विशेष मदद की ही होती है। बिहार के विकास के लिए, योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए, विशेष मदद की जरूरत होती है। किसी भी रूप में मदद हो।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है। हम लोग यानी पूरा एनडीए आशांवित है कि बिहार को कुछ विशेष मदद मिलेगी। इससे पहले संसद के बजट सत्र के दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई, जिस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया। केंद्र सरकार ने मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप स्मार्टफोन और गूगल को समय देने के बजाय सरल दैनिक आदतों की ओर ध्यान दें तो यह आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के साथ मनोभ्रंश (डिमेंशिया) के जोखिम को भी कम कर सकता है। वाटरलू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद आई. एल्मासरी ने अपनी नई पुस्तक आईमाइंड: आर्टिफिशियल एंड रियल इंटेलिजेंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तुलना में सरल दैनिक आदतों पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि लोगों का फोकस सेल्फ लर्निंग से हटकर गूगल पर निर्भर हो गया है, जिसके गंभीर दूरगामी परिणाम हो सकते है।
उन्होंने अपनी किताब आईमाइंड में कहा है कि कोई भी चीज मानव मस्तिष्क-मन की क्षमता, भंडारण, दीर्घायु, ऊर्जा दक्षता या आत्म उपचार क्षमताओं की नकल नहीं कर सकती। वर्तमान स्मार्टफोन की उपयोगी जीवन प्रत्याशा लगभग 10 वर्ष है। जबकि एक स्वस्थ मानव शरीर के अंदर एक स्वस्थ मस्तिष्क-मन 100 वर्ष या उससे अधिक समय तक जीवित रह सकता है। स्मार्ट डिवाइस तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं, लेकिन वह मानव मस्तिष्क की भंडारण क्षमता या स्व-उपचार क्षमताओं की नकल कभी नहीं कर सकते। इस किताब में मनोभ्रंश के कारण होने वाले व्यक्तिगत नुकसान के बारे में बात की गई है।
उन्होंने मस्तिष्क की दीर्घकालिक क्षमता की तुलना स्मार्टफोन के सीमित जीवनकाल से करते हुए कहा कि यदि स्वस्थ मस्तिष्क का पोषण किया जाए तो वह 100 वर्षों से अधिक समय तक चल सकता है। दैनिक मस्तिष्क व्यायाम जैसे मेमोरी वर्कआउट, एसोसिएटिव मेमोरी विकसित करना, शराब को नियंत्रित करना, आराम करना और नियमित झपकी लेना जैसे दैनिक व्यायाम मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और ढाबों पर मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रियाएं आई। भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि कोर्ट का आज जो आदेश आया है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। जदयू और कांग्रेस ने कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
जदयू नेता केसी. त्यागी ने कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाई। इस आदेश से समाज में विभाजन पैदा होता। कोर्ट का फैसला सराहनीय है।" कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कोर्ट के आदेश का जिक्र कर भाजपा शासित राज्य सरकारों पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों के गैर संवैधानिक आदेश पर रोक लगा दी है। ये आदेश अलपसंख्यक, आदिवासी और पिछड़ी जाति के खिलाफ था और इसके पीछे आरएसएस की सोच दिखाई दे रही थी।" उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि हमारा अनुरोध है कि प्रधानमंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राजधर्म की याद दिलाएं। हालांकि, पीएम मोदी अपनी पार्टी में ही कमजोर हो गए हैं और मुख्यमंत्री उनकी बात नहीं सुनते हैं। फिर भी वह उन्हें बताएं कि देश में नफरत पैदा नहीं करें। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने ये बता दिया कि हमारा देश संविधान से चलेगा।
किसी सरकार के फरमान से नहीं, जो समाज और देश को बांटने की कोशिश करता हो। ये देश मोहब्बत से चलेगा। हमारे देश में हिंदू-मुसलमान मिलकर कांवड़ियों का स्वागत करते हैं। गंगा-जमुनी तहजीब को भाजपा सरकार ने बांटने की कोशिश की थी, उसे सुप्रीम कोर्ट ने बेनकाब किया है।" यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने स्वागत योग्य फैसला दिया है। भाजपा ने समाज को बांटने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का समर्थन करती है। भाजपा के लोग गरीब आदमी की मदद नहीं करते।" समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार सांप्रदायिक एजेंडे के तहत ये आदेश लाई थी।" -(आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । संसद के बजट सत्र के दौरान सोमवार को केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया, जिस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने प्रतिक्रिया दी। राजद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा!" - संसद में मोदी सरकार। नीतीश कुमार और जेडीयू वाले अब आराम से केंद्र में सत्ता का रसास्वादन करते हुए 'विशेष राज्य के दर्जे' पर ढोंग की राजनीति करते रहें!" राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि विशेष राज्य का दर्जा भी लेंगे और विशेष पैकेज भी। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम संसद से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेंगे।
बिहार को संवेदना से देखने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है। सरकार ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। सरकार ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा पूर्व में कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं थी, जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी।
इन विशेषताओं में पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन और राज्य वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति शामिल थी। यह निर्णय ऊपर सूचीबद्ध सभी कारकों और राज्य की विशिष्ट स्थिति पर एकीकृत विचार के आधार पर लिया गया था। इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष दर्जा का मामला नहीं बनता है। -(आईएएनएस)
नूंह, 22 जुलाई । हरियाणा के नूंह में सावन के पहले सोमवार को होने वाली ब्रजमंडल यात्रा के लिए पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रा मार्ग में शांति सुनिश्चित करने के लिए पूरे जिले में सीआरपीएफ, आरएएफ की कई कंपनियों के साथ हरियाणा पुलिस के कमांडो और जवानों के साथ होमगार्ड जवानों को भारी संख्या में तैनात किया गया है। यात्रा शुरू होने से पहले उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए सुरक्षा ब्रीफिंग दी। उन्होंने कहा, “जिले में माहौल शांतिपूर्ण है। लोगों में यात्रा को लेकर उत्साह है। मंदिर परिसर के आसपास काफी भीड़ है। दोनों समुदाय के लोग यात्रा का स्वागत करने के लिए जुटे हुए हैं। सड़क के दोनों तरफ पंडाल लगे हुए हैं।
जहां हिंदू-मुस्लिम संगठन, व्यापार संगठन से जुड़े हुए लोग यात्रा का स्वागत करेंगे। पिछली बार जो हिंसा हुई थी, उसको भुलाकर लोग एक नई मुहिम शुरू करना चाहते हैं।“ इसके बाद उन्होंने हिंसा की पुर्नावृत्ति रोकने का संकल्प लेते हुए कहा, “हम एक ऐसी मिसाल पेश करना चाहते हैं कि दुनिया को दिखा सकें कि हम शांतिप्रिय लोग हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पिछली बार जो एक हादसा हुआ था, उसकी दोबारा पुनरावृत्ति न हो।“ वह आगे कहते हैं कि नल्हडेश्वर मंदिर के साथ कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस के रेवासन नाके का उन्होंने दौरा किया।“ उन्होंने आगे कहा, “यह यात्रा शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न होगी। पिछली बार जो हिंसा हुई थी, उससे सीख लेते हुए इंटरनेट की सेवाएं जिले में पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। कोई शरारती तत्व गड़बड़ ना करे, इसलिए एहतियात के तौर पर इंटरनेट की सेवाएं 24 घंटे बंद करने का फैसला लिया गया।
ज्यादा से ज्यादा लोग जलाभिषेक यात्रा में आएं और जलाभिषेक करें। तीनों मंदिरों में जाएं, किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।“ आयोजकों पर पूछे गए एक सवाल पर वह कहते हैं कि “आयोजकों ने अपने-अपने तरीके से व्यवस्था की है। जिन्होंने पंडाल लगाए हैं, उन्होंने भी प्रशासन से अनुमति ली है। सावन का पहला सोमवार है। पिछले साल हिंसा हुई थी, लोग उसको भुलाकर मंदिरों में जलाभिषेक करें। जो पहले मनमुटाव था, वह मनमुटाव आज नहीं है। यहां आपसी सौहार्द से सब मिलजुल कर रह रहे हैं। और जलाभिषेक यात्रा में जो श्रद्धालु शामिल होंगे, उनके लिए कोल्ड ड्रिंक, फल, पानी की बोतल, शीतल जीरा पेय पदार्थ सहित तमाम इंतजाम किए गए हैं। चाहे श्रवण कुमार हो और चाहे आस मोहम्मद हो, सब एक टेंट के अंदर बैठकर एकजुटता का संदेश दे रहे हैं।“ इसके अलावा रेवासन, गांधीग्राम, घासेड़ा, पुलिस लाइन, सलम्बा, पलवल टी पॉइंट सहित पूरे मेवात में सड़क की दोनों तरफ स्टॉल लगे हुए हैं। हिंदू-मुस्लिम समाज के लोग एकजुट होकर बैठे हुए हैं। - (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । यूपी और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेमप्लेट लगाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने दिल्ली में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी करने की मांग की है। विहिप इंद्रप्रस्थ के प्रांत मंत्री सुरेन्द्र गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर निवेदन किया कि यूपी की तर्ज पर दिल्ली के भी सभी दुकानदार और रेहड़ी पटरी वाले अपनी दुकान के बाहर नाम का बोर्ड टांगे ताकि किसी भी शिवभक्त की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ न हो पाए।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि श्रावण महीने में शिवभक्त कांवड़िये जल लेकर पैदल चलकर अपने गांव के शिव मंदिर पर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। कांवड़िये पूरे मार्ग नंगे पैर चलते हैं और कांवड की पवित्रता का अपनी जान से भी ज्यादा ध्यान रखते हैं। इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए स्थानीय हिन्दू सेवा शिविर लगाते हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आनन्द नगर इंद्रलोक में 35 वर्षों से जो शिविर लग रहा था, दिल्ली पुलिस उसको लगाने नहीं दे रही है। दिल्ली पुलिस पूरी तरह से हिन्दुओं की धार्मिक आस्था को दबाने का प्रयास कर रही है। हमारी शोभायात्रा नहीं निकलने देती है।
दूसरी तरफ ताजिया को पूरी सुरक्षा के साथ निकलवा रही है। उन्होंने आगे कहा कि सभी हिन्दू संगठन चाहते हैं कि कांवड़ यात्रा मार्ग में दिल्ली में भी दुकानदार और रेहड़ी पटरी वाले अपने असली नाम के बोर्ड टांगे ताकि किसी भी शिवभक्त का धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश ना हो और कानून व्यवस्था बनी रहे। हमें जानकारी मिल रही है कि कुछ लोग नकली नाम से दुकान लगाकर दूषित फल और सब्जी बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए, दिल्ली सरकार के मुखिया होने के नाते वीएचपी दिल्ली प्रांत एलजी से आग्रह करता है कि इस दिशा में उचित कार्रवाई करने का आदेश जारी करें। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात की फोटो असम के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी को असम में आई बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही असम की जनता की ओर से उन्हें तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करने पर शुभकामनाएं भी दी।
असम के सीएम सरमा ने एक्स पर लिखा, ''आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हमारी इस मुलाकात के दौरान, मैंने उन्हें असम में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी और लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए चल रहे विभिन्न प्रयासों से अवगत कराया। मैंने राज्य में चल रहे विकास कार्यों की स्थिति पर भी चर्चा की। असम के लोगों की ओर से, मैं एक बार फिर उन्हें ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करने पर हार्दिक बधाई देता हूं।'' बता दें कि इन दिनों असम में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है।
बाढ़ के चलते कई गांवों-घरों में पानी घुस गया है। इसके कारण जनजीवन अस्तव्यस्त है। कई लोगों को अपना घर छोड़ने पर भी मजबूर होना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 जिलों के 24 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने असम के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार को दो करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया था। सीएम हिमंता सरमा ने लिखा, ''झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए असम के मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 करोड़ रुपये की राशि देने की कृपा की है। असम के लोगों की ओर से मैं झारखंड के लोगों और मुख्यमंत्री की उदारता की तहे दिल से सराहना करता हूं।'' (आईएएनएस)
सोलन (हिमाचल प्रदेश), 22 जुलाई । संसद में मंगलवार को आम बजट पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है। आने वाले बजट पर पूरे देश की नजरें हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के कुछ निवासियों ने इस बजट को लेकर अपनी उम्मीदें जाहिर की हैं। बजट को लेकर खिलाड़ी सेजल ने कहा कि सरकार जो बजट बना रही है, उसमें खिलाड़ियों के लिए वित्तीय प्रावधान होना चाहिए।
कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी आर्थिक समस्याओं के कारण खेलों का खर्च नहीं उठा पाते हैं। इस वजह से बहुत सारी प्रतिभाएं छूट जाती हैं। इसलिए खिलाड़ियों के लिए वित्तीय प्रावधान जरूरी है और खिलाड़ियों के जीतने पर नौकरी का प्रावधान भी होना चाहिए। शहरवासी मुकेश शर्मा ने कहा कि आम लोगों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में भारी वृद्धि को कम किया जाना चाहिए। ब्याज दर भी बहुत अधिक है। टैक्स स्लैब में नरमी होनी चाहिए। इससे करदाता को राहत मिलेगी। देश में बेरोजगारी दर बढ़ी है, इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के लिए फंड बनाया जाना चाहिए। मनीष साहनी ने कहा कि देश में जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उसके हिसाब से टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। वेतनभोगी लोगों को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। इस समय देश में नौकरियां बहुत कम हैं।
इसके लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के तहत देश में कई जगह फैक्ट्रियां लगाई जानी चाहिए ताकि नौकरियां पैदा हों। देश में रिसर्च सेंटर के लिए फंड लाया जाना चाहिए, तभी कहीं जाकर देश आगे बढ़ेगा। मुकेश गुप्ता ने कहा कि 65 वर्ष की आयु के बाद वेतनभोगी लोगों को उनके द्वारा चुकाए गए आयकर के अनुसार पेंशन मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण को कम करने के लिए प्रावधान में अधिक धनराशि उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी को सरल बनाना और उनमें बदलाव करना जरूरी है। वहीं एक व्यापारी ने कहा कि व्यापारी सरकार को आयकर और जीएसटी देते हैं। व्यापारियों के लिए एक निश्चित आयु के बाद पेंशन या बीमा योजना शुरू की जानी चाहिए, ताकि व्यापारी बुढ़ापे में गुजारा कर सकें। -(आईएएनएस)
करनाल, 22 जुलाई । हरियाणा के करनाल में सोमवार सुबह 3 बजे नाके पर ड्यूटी कर रहे एक पुलिसकर्मी को एक कार सवार टक्कर मारकर फरार हो गया। इसके बाद शहर में आगे मौजूद पुलिस की टीम ने अभियुक्त को पकड़ कर हवालात में बंद कर दिया। मामले में आरोपी कार चालक से पूछताछ जारी है। मामला रामनगर थाना क्षेत्र के काछवा पुल के पास बने पुलिस नाके का है। पुलिस नाके पर सुबह 3 बजे के करीब एक संदिग्ध क्रेटा कार निकली। जब नाके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने चेकिंग करने के लिए गाड़ी को रोकना चाहा तो क्रेटा कार का ड्राइवर ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल मनोज को टक्कर मारते हुए गाड़ी लेकर मौके से फरार हो गया।
इसकी सूचना तुरंत आगे पुलिस थानों में दी गई। इसके बाद पुलिस ने गाड़ी चालक को पकड़ तक गिरफ्तार कर लिया। घायल कांस्टेबल के शरीर पर कई चोटें आई हैं। उसे जिले के ही कल्पना चावला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस पूरे मामले में एसपी मोहित हांडा गाड़ी को संदिग्ध मानते हैं और ड्राइवर पर जानबूझकर कांस्टेबल को टक्कर मारने की बात कहते हैं। वह आगे कहते हैं, “अपराध नियंत्रण की दृष्टि से रात को नाकाबंदी की जाती है। आज सुबह 3 बजे के करीब हमारा नाका काचपा रोड पर लगा हुआ था, तो एक संदिग्ध गाड़ी क्रेटा नाके पर आई। जब नाके पर मौजूद पुलिस बल ने चेकिंग करने के लिए गाड़ी को रोकना चाहा तो क्रेटा के ड्राइवर ने ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल मनोज को जान से मारने की कोशिश करने की नीयत से, उस पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की और मौके से फरार हो गया।
इसकी सूचना तुरंत शहर के हर थाने में दी गई। इसके बाद पुलिस द्वारा इस गाड़ी को काबू किया गया। घायल कांस्टेबल जिसके शरीर पर कई चोटें आईं, वह यहां कल्पना चावला अस्पताल में उपचाराधीन है। मैंने स्वयं मनोज से बात की है। पुलिस विभाग के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसका बेस्ट ट्रीटमेंट हो। घायल जवान के सभी टेस्ट और स्क्रीनिंग की जा रही है। साथ ही मैंने कल्पना चावला अस्पताल के डायरेक्टर से भी इस विषय में बात की है। अभियुक्त को पकड़ लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिसने भी यह दुस्साहस किया है, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।“ --(आईएएनएस)
अंबाला, 22 जुलाई । अपने ही भाई के परिवार की हत्या करने वाला शख्स रिटायर्ड फौजी बताया जा रहा है। जो हत्या के बाद मौका ए वारदात से फरार हो गया। हत्यारोपी की बहन के मुताबिक परिवार में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। घटना अंबाला के नारायणगढ़ के गांव रातोर की है। बताया जा रहा है कि रिटायर्ड फौजी ने रविवार देर रात हत्या को अंजाम दिया और देर रात तीन बजे शवों को जलाने की भी कोशिश की।
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने धारदार हथियार से जिन लोगों की हत्या की है। उसमें मां, भाई, भाई की पत्नी और उसके दो बच्चे शामिल है। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय हरीश कुमार, 32 वर्षीय सोनिया, 65 वर्षीय सरोपी देवी, पांच वर्षीय यशिका और छह महीने का मयंक के रूप में हुई है। इसके अलावा दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ रेफर किया गया है।
मृतक की बहन ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ समय से जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था। ये घटना क्यों की गई है, इस बारे में मुझे भी ज्यादा जानकारी नहीं है। पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड के पीछे की वजह जमीनी विवाद बताई जा रही है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार है। अंबाला के एसपी ने घटनास्थल का मुआइना किया और पुलिस ने अधजले शवों को कब्जे में लेकर अंबाला कैंट हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बता दें कि आग की चपेट में आने से एक बच्ची करीब 90 फीसदी जल गई और उसका इलाज चल रहा है। वहीं, अस्पताल के एक डॉक्टर के अनुसार, अंबाला कैंट सिविल अस्पताल में पांच शव लाए गए थे। जिनमें पति-पत्नी, एक बुजुर्ग महिला और दो बच्चों के शव शामिल हैं। फिलहाल पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें बना दी है। साथ ही पुलिस की टीम आरोपी की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दे रही है। - (आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । बिहार की राजधानी पटना से नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों को सीबीआई ने 10 दिनों की रिमांड पर ले लिया है। सीबीआई ने एक दिन पहले ही दो सॉल्वर और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में सॉल्वर दीपेंद्र शर्मा और कुमार मंगलम विश्नोई और सेटर शशिकांत पासवान को गिरफ्तार किया था। सॉल्वर दीपेंद्र शर्मा और कुमार मंगलम विश्नोई भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं, जबकि तीसरा शख्स शशिकांत पासवान, पटना का रहने वाला है। सीबीआई ने तीनों आरोपियों को 10 दिनों की रिमांड पर लिया है।
जांच एजेंसी नीट पेपर लीक मामले में उनसे पूछताछ करेगी। सीबीआई को पेपर लीक केस में बड़े सुराग हाथ लगने की उम्मीद है। इससे पहले सीबीआई ने सॉल्वर गैंग से जुड़े पटना एम्स के चार मेडिकल छात्रों को गिरफ्तार किया था। साथ ही रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स की फर्स्ट ईयर की छात्रा सुरभि कुमारी को हिरासत में लिया गया था। छात्रा इस सॉल्वर गैंग की सदस्य बताई जा रही है।
नीट यूजी पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड राकेश रंजन उर्फ रॉकी है। बताया जा रहा है कि उसका पटना और रांची के कई एमबीबीएस छात्रों और डॉक्टरों से संबंध है। बता दें कि नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी। खंडपीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। -- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सदन में सकारात्मक सहयोग देने और सार्थक चर्चा करने की अपील की है। लोकसभा स्पीकर बिरला ने संसद सत्र को लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "18वीं लोकसभा का बजट सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है। आशा है कि सदन में सभी दलों के नेताओं और माननीय सदस्यों के सकारात्मक सहयोग व सार्थक चर्चा-संवाद के परिणामस्वरूप हम मिलकर देश में आर्थिक और सामाजिक बदलाव के साथ राष्ट्र की उन्नति में सहभागिता निभाएंगे।" आपको बता दें कि संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे संसद सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। सत्र में 22 दिनों की अवधि के दौरान कुल 16 बैठकें होंगी। सत्र के पहले दिन, सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत के आर्थिक सर्वेक्षण को संसद के पटल पर पेश करेंगी। यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगा। सत्र के दूसरे दिन, मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट संसद में पेश करेंगी। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को ही पेश किया जाएगा।
18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्यसभा के 265वें सत्र के दौरान सरकार संसद में वित्त (नंबर 2) विधेयक- 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024, बॉयलर बिल-2024, भारतीय वायुयान विधायक- 2024, कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 सहित 6 विधेयकों को पेश कर पारित करवाने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही 3 वित्तीय विषय- केंद्रीय बजट, 2024-25 पर सामान्य चर्चा, वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा एवं मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाना भी सरकार के एजेंडे में हैं। - (आईएएनएस)
जम्मू, 22 जुलाई । जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सोमवार को एंटी-टेरर ऑपरेशन में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया और एक जवान घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने राजौरी जिले के गुंडा खवास गांव में शौर्य चक्र विजेता परषोत्तम कुमार के घर के पास नाका (चेकपोस्ट) पर सुबह करीब 3 बजे हमला किया। अधिकारियों ने बताया, ''हमले में एक जवान को गोली लगी है वहीं एक गाय मारी गई। आतंकवादियों की गतिविधि के बारे में सूचना मिलने के बाद चेकपोस्ट बनाए गए।
राजौरी जिले के कालाकोट इलाके में एक आतंकवादी को मार गिराने में मदद करने के लिए परषोत्तम कुमार को हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। हमले के बाद बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया, जो जारी है।'' सेना ने जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों में सक्रिय आतंकवादियों के समूह से निपटने के लिए करीब 4,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है।
आतंकवाद को खत्म करने के लिए इन जिलों में पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित सैनिकों की तैनाती की गई है। शांतिपूर्ण जम्मू संभाग में आतंकवादी हमलों में तेजी दर्ज की गई है। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की हिट-एंड-रन रणनीति से निपटने के लिए संशोधित रणनीति अपनाई है। इस साल 9 जून से जम्मू संभाग में छह आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 12 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। ये हमले पुंछ, राजौरी, डोडा और कठुआ जिलों में हुए हैं, जिसमें आतंकवादियों ने घने जंगलों वाले इलाकों में घात लगाकर हमला किया। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 जुलाई । टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश के लोग अगर बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो वह उन्हें शरण देंगी। ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा ने हमला बोला है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “यह वहीं ममता बनर्जी हैं, जिन्होंने सीएए के तहत हिंदू, सिख और पारसियों को मिलने वाली नागरिकता का विरोध किया था।”
रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ममता बनर्जी ने कहा है कि बांग्लादेश के लोगों को वह बंगाल में शरण देंगी। ममता बनर्जी वही हैं, जिन्होंने सीएए के मुद्दे पर कहा था कि हम किसी भी हिंदू, सिख और पारसी शरणार्थियों को बंगाल में शरण नहीं देंगे। ममता बनर्जी ने हमेशा ही सीएए का विरोध किया। शरणार्थियों को शरण देने का फैसला केंद्र सरकार करती है। कोई भी राज्य ऐसा फैसला नहीं लेता है।” उन्होंने 1971 युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “उस दौरान भी शरणार्थियों को शरण देने का फैसला केंद्र सरकार ने ही किया था। बांग्लादेश में जो भी चल रहा है, वह उसका आंतरिक मामला है।
ममता बनर्जी ने कहा कि हिंदुस्तान के संबंध बंगाल के साथ अच्छे हों, इस बयान का क्या मतलब है।” रविशंकर प्रसाद ने ने इंडी गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के लोग वोट बैंक के लिए देश की एकता और अखंडता से समझौता करने को तैयार हैं। अगर बंगाल की बात करें तो आजादी के समय 3 जिले मुस्लिम बहुल थे, लेकिन आज यहां 9 जिले मुस्लिम बहुल हैं। बंगाल में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए भरे पड़े हैं। एनआईए की रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि आतंकियों और घुसपैठियों को बंगाल में संरक्षण मिलता है।” भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी का बयान गैर-जिम्मेदाराना है। हम विपक्ष से पूछना चाहते हैं कि क्या वह देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं। -(आईएएनएस)
मुंबई, 22 जुलाई । मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड पर रविवार देर शाम हादसा हुआ, जब मरम्मत के लिए आए भारतीय नौसेना के जहाज में आग लग गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि जहाज पर नियमित रखरखाव का काम करते समय ड्यूटी स्टाफ के कर्मचारियों ने आग लगती देखी। जहाज की अग्निशमन टीम ने तुरंत आग पर काबू पाने के लिए कार्रवाई शुरू की।
साथ ही नौसेना डॉकयार्ड और आसपास की अन्य इकाइयों से अग्निशमन दल को भी इस अभियान में शामिल किया गया। बाद में आग पर काबू पा लिया गया और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। जहाज को कितना नुकसान हुआ है, इसका पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इससे पहले, 19 जुलाई को गोवा के एक मालवाहक जहाज में आग लगने की खबर सामने आई थी। आग पर काबू पाया गया, लेकिन इस घटना में एक क्रू मेंबर की मौत हो गई। -(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 22 जुलाई । कर्नाटक पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो बेल्लारी जिले में हिंदू तीर्थयात्रियों को निशाना बनाता था और उनका कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करता था। पुलिस को इस मामले में दूसरे आरोपी की भी तलाश है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान 44 वर्षीय हुसैन बाशा के रूप में हुई है, जबकि उसका साथी 24 वर्षीय साईबाबा फरार है। दोनों आरोपी जिले के तेक्काला पट्टाना इलाके के निवासी हैं।
पुलिस के अनुसार, 18 जुलाई को हुसैन बाशा और साईबाबा ने हिंदू तीर्थ स्थल 'मंत्रालय' की ओर जा रहे श्रद्धालुओं को निशाना बनाया। आरोप है कि हाथ में भगवा झंडा लेकर चल रहे हिंदू श्रद्धालुओं को आरोपियों ने रोका और उन्हें इस्लाम के बारे में उपदेश देना शुरू कर दिया। साथ ही उन पर हिंदू धर्म छोड़ने का दबाव बनाया। एक हिंदू श्रद्धालु गादिलिंगप्पा ने मामले को लेकर तेक्कालाकोट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। साथ ही धर्म परिवर्तन के प्रयास का एक वीडियो क्लिप भी पुलिस को दिया। हिंदू श्रद्धालुओं ने घटना पर चिंता व्यक्त की। वहीं पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)
भोपाल, 22 जुलाई । श्रावण मास के पहले सोमवार को मध्य प्रदेश के तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओं का मेला लगा हुआ है। विशेष पूजा अर्चना का दौर जारी है और श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने की अपने आराध्य से कामना कर रहे हैं। श्रावण मास के पहले सोमवार के दिन अल सुबह से ही देवालयों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें नजर आने लगीं। हर तरफ पूजा अर्चना से लेकर मंत्रोच्चारण की गूंज सुनाई देने लगी। प्रमुख शिवालय उज्जैन के महाकाल, ओंकारेश्वर, मतंगेश्वर सहित अन्य स्थान पर हजारों की तादाद में भक्तों का सुबह से ही जमावड़ा लगना शुरू हो गया। उज्जैन के बाबा महाकाल के दरबार में उज्जैन ही नहीं प्रदेश के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे हैं।
बाबा महाकाल की भस्म आरती में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल होने की अभिलाषा लेकर आते हैं। यही कारण है कि सुबह तीन बजे से पहले ही मंदिर के पट खोल दिए गए और हजारों लोगों ने भस्म आरती में बाबा महाकाल के श्रृंगार के दर्शन किए और अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना की। इसी तरह सीहोर जिले में स्थित कुबुरेश्वर मंदिर में दर्शन करने वालों का मेला लगा हुआ है। यहां हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे हैं और भोले बाबा की प्रार्थना में जुटे हैं।
यहां का नजारा किसी मेला से कम नहीं है। मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में भी विशेष पूजा अर्चना का सिलसिला चल रहा है और बड़ी तादाद में पहुंचे श्रद्धालु मंगल कामना करने में लगे हैं। यहां शंकर जी का विशेष तौर पर अभिषेक किया गया और श्रृंगार किया गया ।साथ में मंगल आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए। खजुराहो स्थित मतंगेश्वर के मंदिर में विशेष अनुष्ठानों का दौर जारी है और यहां तो मेला लगा हुआ है। बुंदेलखंड के अलग-अलग हिस्सों के श्रद्धालु विशेष पूजा अर्चना करने पहुंच रहे हैं। इसी तरह नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर और नर्मदापुरम के मंदिरों में भी विशेष पूजा अर्चना हो रही है। -(आईएएनएस)
पटना, 22 जुलाई । बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। विपक्ष जहां हाल की घटनाओं को लेकर सरकार को घेर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष राजद के शासनकाल में चर्चित आपराधिक घटनाओं की कहानियां सुना रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ही अपराधिक घटनाओं को लेकर सरकार को घेरने की शुरुआत कर दी। इस दौरान तेजस्वी सोशल मीडिया पर क्राइम बुलेटिन जारी करते रहे।
इस बुलेटिन में प्रदेश में हाल की आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया। यही नहीं, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या की घटना को विपक्ष ने अपना बड़ा हथियार बनाया और विपक्ष के नेता गिरती कानून व्यवस्था का आरोप लगाकर सड़कों पर उतरे। पटना सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में विपक्ष के नेताओं ने प्रतिरोध मार्च निकाला। सत्ता पक्ष ने इस प्रतिरोध मार्च को लेकर यहां तक कहा कि राजद को पहले जंगलराज के लिए प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। इधर, सत्ता पक्ष एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं ने राजद शासनकाल को याद दिलाते हुए उस समय की घटनाओं की चर्चा की।
कहा जा रहा है कि विपक्ष एक खास रणनीति के तहत विधि व्यवस्था को मुद्दा बनाने में जुटा है। बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार कहते हैं कि राजद यह जानता है कि सत्ता पक्ष जंगल राज को प्रदेश की जनता को याद करके राजद और कांग्रेस को घेरता रहा है। यह तय है कि विपक्ष इससे बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष लोगों के बीच यह साबित करने में जुटा है कि राजद के शासनकाल से इस दौरान आपराधिक घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।
इस दौरान पुलिस मुख्यालय द्वारा एक आंकड़ा जारी किया गया, जिसमें यह दावा किया गया कि पूर्व की तुलना में आपराधिक घटनाएं कम हो रही हैं। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि विपक्ष हवा हवाई है। प्रतिपक्ष के नेता कथित अपराध बुलेटिन जारी करते हैं उसमें भी उनके पास सही जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल में नरसंहार का दौर था, उसे लोग भूले नहीं हैं। जो भी घटनाएं होती हैं उस पर कार्रवाई होती है, अपराधी गिरफ्तार होते हैं। - (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 जुलाई । नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 20 जुलाई को सभी छात्रों के लिए सिटी और सेंटर के हिसाब से नीट यूजी 2024 का रिजल्ट जारी कर दिया। इसमें 2,321 अभ्यर्थियों को 700 या उससे ज्यादा अंक मिले। कुल 23 लाख 33 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। एक ही सेंटर पर नहीं, बल्कि देश दुनिया के 1,404 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। इसमें भी 276 शहर और 25 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल थे। इस पूरी तस्वीर को गौर से देखें तो हर्ष होगा। पाएंगे कि नामीगिरामी ट्यूशन हब के अलावा छोटे शहर या कस्बों ने भी टॉपर्स दिए हैं। 2023 से तुलनात्मक अध्ययन करने पर पता चलता है कि कामयाब होने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। टॉपर्स से लेकर अच्छे स्कोरर्स की तादाद किसी एक केंद्र से नहीं, बल्कि, पहले के मुकाबले ज्यादा केंद्रों से रिकॉर्ड हुई है।
नीट परिणाम 2024 का गहनता से विश्लेषण करने पर साफ होता है कि कोटा, सीकर और कोट्टायम जैसे पारंपरिक ट्यूशन हब के छात्रों के लिए 700 अंक या उससे अधिक प्राप्त करना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, हैरानी ये देखकर हुई कि अन्य शहरों के अभ्यर्थियों ने भी खुद को साबित कर दिखाया। हमारे सामने कई उदाहरण है। इसमें लखनऊ से 35, कोलकाता से 27, महाराष्ट्र के लातूर से 25, नागपुर से 20, हरियाणा के फरीदाबाद से 19, नांदेड़ से 18, इंदौर से 17, कटक और कानपुर से 16-16, कोल्हापुर, नोएडा, साहिबजादा अजीत सिंह नगर से 14-14, आगरा और अलीगढ़ से 13-13, अकोला और पटियाला से 10-10, दावणगेरे से 8, बनासकांठा से 7 अभ्यर्थियों ने 700 या उससे अधिक अंक प्राप्त कर सफलता की नई कहानी लिख डाली। सवाल उठता है कि आखिर ऐसा कैसे हो रहा है?
जहां पढ़ाई के साधन कम हैं, वहां के अभ्यर्थी कैसे कमाल कर पा रहे हैं? इसका जवाब शायद नीट के पाठ्यक्रम को उच्चतर माध्यमिक के पाठ्यक्रम संग एलाइनमेंट से संभव हो पाया है। रिपोर्ट बताती है कि 2023 के मुकाबले 2024 में विभिन्न शहरों में कामयाबी का झंडा बुलंद करने वाले अभ्यर्थियों की तादाद बढ़ी है। 2023 में 700 से 720 के बीच स्कोर करने वाले अभ्यर्थी 116 शहरों और 310 केंद्रों में थे। 650 से 699 स्कोर वाले 381 शहरों और 2,431 केंद्र से थे। वहीं, 2024 में इसका दायरा बढ़ा और 509 शहरों और 4,044 केंद्रों तक पहुंचा। 2023 में, 600 से 649 अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी 464 शहरों और 3,434 केंद्रों में थे, तो वहीं 2024 में 540 शहरों और 4,484 केंद्रों के छात्र इस फेहरिस्त में शामिल हुए। आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि 550 से 599 अंक स्कोर करने वाले छात्र 548 शहरों और 4,563 केंद्रों के थे। इन आंकड़ों में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने की बात भी है।
नीट 2024 में 1 से 100वीं रैंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी 56 शहरों और 95 केंद्रों के हैं। वहीं, 101 से 1000 रैंक वाले 187 शहरों और 706 केंद्रों के तो 1001 से 10,000 रैंक वाले उम्मीदवार 431 शहरों और 2,959 केंद्रों के और 10,001 से 50,000 के बीच रैंक वाले उम्मीदवार 523 शहरों और 4,283 केंद्रों के थे। 50,001 से 110000 रैंक वाले अभ्यर्थी 546 शहरों और 4,542 केंद्रों के थे। जबकि, 1,10000 से 1,50000 रैंक के बीच के अभ्यर्थी 539 शहरों और 4,470 केंद्रों के थे। -(आईएएनएस)