अंतरराष्ट्रीय
ढाका, 5 जनवरी | सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन जैसे ही भारत को मिलेगी, लगभग उसी समय यह वैक्सीन बांग्लादेश को भी मिलेगी। इसकी पुष्टि बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए.के.अब्दुल ने सोमवार की रात को की।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन देने के लिए अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से वादा किया था, जिसे वह निभाने जा रहे हैं। अब्दुल ने आईएएनएस को बताया है कि जब भारत को कोरोनावायरस वैक्सीन मिलेगी, उसी समय सीरम इंस्टीट्यूट बांग्लादेश को भी वैक्सीन देगा।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने सूचित किया है कि यह वादा उंचे राजनीतिक स्तर पर की गई है और इसे पूरा किया जाएगा।
इससे पहले ढाका में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा था कि भारत द्वारा विकसित किए गए नए टीके को अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी नहीं दी है।
उन्होंने कहा, "भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि वैक्सीन को बांग्लादेश से रेगुलेटरी अप्रूवल मिलना बाकी है। इसमें कुछ समय लगेगा। हमें भारतीय विदेश मंत्रालय ने सूचना दी है कि दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते का पालन किया जाएगा।"
मोमेन ने आश्वासन दिया है, "टीका समय पर आएगा। इसके लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि यह इस महीने के आखिर तक आ सकता है।"
--आईएएनएस
वॉशिंगटन, 5 जनवरी | जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार दुनिया में कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 8.56 करोड़ हो गई है। वहीं मरने वालों की संख्या 18.5 लाख से अधिक हो गई है। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के नए आंकड़ों से पता चलता है कि अब दुनिया में मामलों की संख्या 8,56,37,904 और मरने वालों की संख्या 18,52,079 हो गई है।
दुनिया में सबसे अधिक 2,08,05,262 मामले और 3,53,371 मौतें अमेरिका में दर्ज हुईं हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत में 1,03,40,469 मामले सामने आ चुके हैं। यहां अब तक 1,49,649 मौतें हो चुकी हैं। मामलों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या और मौतों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या ब्राजील की है। यहां 77,53,752 मामले और 1,96,561 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।
ऐसे देश जिनमें 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं, उनमें रूस (32,26,758), ब्रिटेन (27,21,622), फ्रांस (27,17,059), तुर्की (22,55,607), इटली (21,66,244), स्पेन (19,58,844), जर्मनी (19,58,844), जर्मनी (17,98,844), कोलम्बिया (16,86,131), अर्जेंटीना (16,48,940), मेक्सिको (14,55,219), पोलैंड (13,22,947), ईरान (12,49,507), यूक्रेन (11,13,349), दक्षिण अफ्रीका (11,11,631) और पेरू (10,19,475) शामिल हैं।
20 हजार से ज्यादा मौतों वाले देशों में मेक्सिको (1,27,757), इटली (75,680), ब्रिटेन (75,547), फ्रांस (65,549), रूस (58,203), ईरान (55,650), स्पेन (51,078), कोलंबिया (44,187), अर्जेंटीना (43,634), पेरू (37,830), जर्मनी (34,969), दक्षिण अफ्रीका (30,011), पोलैंड (29,161), इंडोनेशिया (22,911) और तुर्की (21,685) हैं।
--आईएएनएस
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में लॉकडाउन की घोषणा की है.
बोरिस जॉनसन ने इस घोषणा के साथ ही लोगों से घर में रहने की अपील की. मंगलवार से स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी, रिमोट स्टडी माध्यम से ही चलेंगे.
बीबीसी संवाददाता गगन सभरवाल ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के साथ अब लोगों का घर से बाहर निकलना लगभग बंद हो जाएगा और सिर्फ़ ज़रूरी काम से ही लोग बाहर निकल सकेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये प्रतिबंध फरवरी के मध्य तक लागू रह सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा, ''जिस तरह संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, यह स्पष्ट हो गया है कि हमें और मेहनत करने की ज़रूरत है. इसलिए हमें देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर देना चाहिए.''
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोग ज़रूरी कामों के लिए घर से बाहर निकल सकते हैं. जैसे- ज़रूरी सामान, ऑफ़िस जाने के लिए, अगर वर्क फ़्रॉम होम नहीं कर पा रहे हैं तो, एक्सरसाइज़, मेडिकल सहायता और घरेलू हिंसा से बचने के लिए बाहर निकल सकते हैं.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन के चीफ़ मेडिकल ऑफिसर्स को सुझाव दिया है कि देश में कोविड अलर्ट लेवल-पांच पर कर दिया जाए. इसका मतलब है कि अगर तुरंत एक्शन नहीं लिया गया तो एनएचएस की क्षमता से अधिक मामले आ सकते हैं.
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में टीकाकरण का सबसे बड़ा प्रोग्राम शुरू हो चुका है और बाकी यूरोप के मुकाबले ज़्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण में तेज़ी आ रही है. इसकी वजह ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन है, जिसका टीकाकरण आज से ही शुरू किया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ''अगर सब ठीक रहा तो'' फरवरी के मध्य तक सरकार को उम्मीद है कि चार प्राथमिकता वाले समूहों में सभी को वैक्सीन मिल जाएगी.
उन्होंने कहा, ''अगर इन समूहों में हम सभी को वैक्सीन देने में कामयाब रहे तो एक बड़ी आबादी को वायरस के रास्ते से हटा पाएंगे.'' (बीबीसी)
बीजिंग/नई दिल्ली, 4 जनवरी | एशिया के सबसे अमीर शख्सियतों में से एक अलीबाबा ग्रुप के मालिक जैक मा पिछले दो महीने से लापता हैं। उन्हें इस बीच किसी सार्वजनिक समारोह में भी नहीं देखा गया है। उन्होंने अक्टूबर के महीने में चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की आलोचना की थी। द फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टीवी शो अफ्रीकाज बिजनेस हीरोज के फिनाले में एक जज के तौर पर मा को हाल ही में रिप्लेस भी किया गया था।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया, जजिंग वेबपेज से मा की तस्वीर को हटा दिया गया है और शो के प्रोमोश्नल वीडियो में भी वह नहीं दिखाई दिए हैं।
फिनाले को नवंबर में आयोजित किया गया, जबकि इसके कुछ समय पहले ही अक्टूबर में मा ने शंघाई में दिए अपने एक भाषण में चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की आलोचना की थी।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया, मा के दिए इस भाषण के बाद चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी उन पर बिगड़ गई और इसी के एक नतीजे के रूप में उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को निलंबित कर दिया।
अलीबाबा के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि अपने शेड्यूल में से वक्त न निकाल पाने के चलते मा अफ्रीकाज बिजनेस हीरोज के फिनाले में शामिल नहीं हो सके।
पिछले महीने ही चीन के शीर्ष बाजार नियामक ने जैक मा द्वारा प्रतिस्पर्धा विरोधी तरीकों में शामिल होने के आरोपों के चलते अलीबाबा के खिलाफ जांच शुरू कर दी और उनसे तब तब देश से बाहर न जाने को कहा गया, जब तक कि जांच को पूरा नहीं कर लिया जाता। (आईएएनएस)
जूलियान असांज मामले में ब्रिटेन में जज ने अमेरिका की प्रत्यर्पण की मांग ठुकरा दी. जज ने कहा, असांज की मानसिक स्थिति को देखते हुए इसे "उत्पीड़न" माना जाएगा.
अमेरिका, 4 जनवरी | अमेरिका ने ब्रिटेन से मांग की थी कि असांज को अमेरिका के हवाले किया जाए, ताकि वहां उन पर मुकदमा चल सके. दोषी साबित होने पर असांज को अमेरिका में 175 साल तक की सजा हो सकती है. लेकिन ब्रिटिश जज ने इस मांग के खिलाफ फैसला देते हुए कहा है कि असांज की मानसिक स्थिति देखते हुए ऐसा करना उनका उत्पीड़न करना होगा. उन्होंने कहा, "अमेरिका ने कार्यवाई की जो प्रक्रिया बताई है, उसे देखते हुए मुझे यकीन है कि मिस्टर असांज को आत्महत्या की कोशिश से नहीं रोका जा सकेगा और इस वजह से मैंने फैसला किया है कि मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह उत्पीड़न होगा."
यूं हुई विकीलीक्स की शुरुआत
विकीलीक्स नाम से वेबसाइट 2006 में रजिस्टर की गई थी लेकिन इस पर काम 2007 में शुरू हुआ. इसके संस्थापक जूलियान असांज का दावा था कि वे सेंसरशिप के खिलाफ काम कर रहे हैं और अपने सूत्रों को सुरक्षित रखते हुए वे सरकारों की गुप्त जानकारियों को जनता के सामने लेकर आएंगे. अमेरिकी जेल ग्वांतानामो बे से जुड़े दस्तावेज लीक करके असांज दुनिया की नजरों में आए. लेकिन 2010 में उन्होंने तहलका मचा दिया जब दुनिया भर के अखबारों के साथ मिल कर उन्होंने सरकारों और नेताओं से जुड़ी गुप्त जानकारी सार्वजनिक की.
विकीलीक्स ने द न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्डियन, डेय श्पीगल, ले मोंडे और एल पाएस जैसे अखबारों के साथ मिलकर काम किया और एक करोड़ से ज्यादा दस्तावेज लीक किए. इनमें अमेरिका से लेकर यूरोप, चीन, अफ्रीका और मध्य पूर्व तक की सरकारों से जुड़े डॉक्यूमेंट शामिल थे. लेकिन वक्त के साथ साथ विकीलीक्स ने अपना सारा ध्यान अमेरिका पर केंद्रित कर दिया. इस वजह से अमेरिका असांज पर रूस के साथ मिले होने का आरोप लगाने लगा लेकिन जूलियान असांज ने हमेशा इससे इनकार किया.
जुलाई 2016 में विकीलीक्स ने ऐसे कई ईमेल लीक किए जो दिखाते थे कि अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर बर्नी सैंडर्स की जगह हिलेरी क्लिंटन को तवज्जो दे रही थी. इसके बाद पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्यों को इस्तीफा भी देना पड़ा था.
जूलियान असांज: हीरो या विलन?
पिछले एक दशक में विकीलीक्स कई विवादों में घिरा रहा लेकिन इसका सबसे बड़ा विवाद खुद असांज के इर्दगिर्द ही रहा. असांज पर एक के बाद एक बलात्कार और उत्पीड़न के मामले दर्ज होने लगे. असांज के समर्थकों ने इसे उन्हें फंसाए जाने की साजिश बताया, तो आलोचकों ने उन्हें अपने फायदे के लिए हेरफेर करने वाला व्यक्ति कहा. इन मामलों के चलते कहीं उन्हें अपने देश स्वीडन ना भेज दिया जाए, इस डर से वह 2012 से 2019 तक लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में रहे. वैसे मई 2017 में ही स्वीडन ने उनके खिलाफ जांच बंद कर दी थी लेकिन असांज ने दूतावास में शरण जारी रखी. 2019 में जब इक्वाडोर में सरकार बदली तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तब से वह ब्रिटेन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में हैं. 2020 में इस जेल में कोरोना के कुछ मामले भी सामने आए थे.
यहां असांज को बिलकुल अकेले रखा गया है जिस कारण उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ती बताई जा रही है. उनके दोस्तों का कहना है कि वह अपनी जान लेने की कोशिश भी कर चुके हैं. ब्रिटिश जज ने भी इसी बात का हवाला देते हुए असांज को अमेरिका के हवाले ना करने का फैसला सुनाया है.
आईबी/एके (एपी, रॉयटर्स)
2020 में दक्षिण कोरिया में पहली बार जनसंख्या बढ़ने की जगह घट गई. देश में जितने बच्चे पैदा हो रहे हैं उससे ज्यादा लोग मर रहे हैं और सरकार ने चेतावनी दी है कि गरीब इलाकों में पूरे के पूरे नगर लुप्त हो सकते हैं.
दक्षिण कोरिया, 4 जनवरी | दक्षिण कोरिया दुनिया की बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ साथ सबसे लंबी आयु-संभाविता और सबसे कम जन्म-दर वाले देशों में से है. लेकिन यह मिश्रण देश के लिए एक जनसांख्यिकीय मुसीबत बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर, 2020 को देश की आबादी 51,82,9023 थी, जो एक साल पहले के मुकाबले 20,838 कम थी.
पिछले कई सालों से देश में सालाना दर्ज होने वाले जन्म के आंकड़े गिर रहे हैं लेकिन मंत्रालय ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब जन्म से ज्यादा मृत्यु के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. 2,75,815 बच्चों के जन्म के मुकाबले 3,07,764 लोगों की मृत्यु हो गई. मंत्रालय ने कहा, "ऐसे प्रांत जहां पर्याप्त आर्थिक, स्वास्थ-संबंधी और शिक्षा-संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे नगरों के लुप्त होने का खतरा बढ़ रहा है."
मंत्रालय ने कहा कि सरकार की नीतियों में "मूलभूत बदलाव" की जरूरत है, विशेष रूप से कल्याण और शिक्षा के क्षेत्रों में. विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण कोरिया जिन हालात में पहुंच गया है उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे बच्चों को पालने का खर्च और मकानों के किराये में बढ़ोतरी. इसके अलावा देश अपने प्रतिस्पर्धा प्रेम के लिए भी बदनाम है जिसकी वजह से अच्छे वेतन वाली नौकरियां मिलनी मुश्किल हो जाती है.
कामकाजी महिलाओं के सामने एक और संकट है. उन्हें अपना करियर संभालने के साथ साथ घर के काम और बच्चों का ख्याल रखने का दोहरा बोझ उठाना पड़ता है. 2006 से अभी तक जन्म दर को ऊपर उठाने के लिए देश ने अब तक 166 अरब डॉलर से भी ज्यादा खर्च कर दिए हैं लेकिन अभी भी पूर्वानुमान यह है कि 2067 में जनसंख्या गिर कर 3.9 करोड़ हो जाएगी और औसत उम्र 62 हो जाएगी.
देश के लोगों के बीच इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई. एक व्यक्ति ने ट्विटर पर लिखा, "यह स्थिति तब तक ऐसी ही रहेगी जब तक कमाई के दो साधनों वाले सारे परिवार बिना किसी चिंता के अपने बच्चों को पाल ना सकें." लेकिन एक और व्यक्ति ने लिखा कि गिरती जनसंख्या की वजह से देश अपना कार्बन उत्सर्जन घटा सकता है और लोगों के बीच धन-दौलत के अंतर को भी कम कर सकता है.
वैश्विक स्तर पर आबादी के लिहाज से दक्षिण कोरिया 27वें स्थान पर है और उसके पड़ोसी देशों चीन और जापान में भी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है.
सीके/एए (एएफपी)
क्वेटा, 4 जनवरी | पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक कोयले की खान में काम करने वाले 11 श्रमिकों की हत्या के खिलाफ क्वेटा में विरोध प्रदर्शन किया गया। मीडिया को यह जानकारी सोमवार को दी गई। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से करीब 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित बोलान जिले के मछ इलाके में रविवार की सुबह कोयले की खदान में काम करने वाले कम से कम 11 कामगारों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस के मुताबिक, हमलावरों द्वारा पहले इनका अपहरण कर इन्हें पास स्थित एक पहाड़ी पर ले जाया गया, जहां इन पर गोलीबारी की गई।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मजलिस वाहद-ए-मुस्लीमीन (एमडब्ल्यूएम) नामक राजनीतिक संगठन ने इस हमले के खिलाफ क्वेटा के पश्चिमी बाईपास पर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें सरकार से अपराधियों को गिरफ्तार करने या पद से इस्तीफा देने की मांग की गई।
संगठन के नेता सैयद मुहम्मद आगा रजा ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए क्वेटा आना चाहिए और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देना चाहिए।
इनके अलावा, और भी कई अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों ने पश्चिमी बाईपास पर हमले को लेकर अपना विरोध जताया। (आईएएनएस)
अबू धाबी, 4 जनवरी | अबू धाबी में आयोजित एक बिग टिकट लॉटरी रैफल में एक प्रवासी भारतीय ने दो करोड़ दिरहम (5,445,169 डॉलर) जीते। मीडिया को यह जानकारी दी गई। सोमवार को गल्फ न्यूज के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से केरल के रहने वाले अब्दुस्सलाम एनवी फिलहाल मस्कट में रहते हैं। उन्होंने 29 दिसंबर, 2020 को लॉटरी का टिकट ऑनलाइन खरीदा था।
बिग टिकट के अधिकारी शुरुआत में विजेता का पता लगाने में नाकामयाब रहे, जिसके बाद उन्होंने मदद के लिए एक नोटिस निकाला।
अब्दुस्सलाम ने सोमवार को गल्फ न्यूज से बात करते हुए कहा, "आयोजकों द्वारा एक अलग तरह के इंटरनेशनल कोड का इस्तेमाल किया जा रहा था और शायद इसीलिए वे मुझ तक नहीं पहुंच पा रहे थे।"
अब्दुस्सलाम के दो बच्चे हैं, इसलिए वह अपनी जीती हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा अपने बच्चों के भविष्य के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं।
अब्दुस्सलाम के अलावा बिग टिकट रैफल में एक और प्रवासी भारतीय साजू थॉमस ने भी 30 लाख दिरहम जीते।
रैफल के एक टिकट की कीमत 500 दिरहम है, लेकिन दो के साथ एक फ्री के ऑफर में 1,000 दिरहम में तीन टिकट मिलते हैं।
इसके आधिकारिक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बिगटिकट डॉट एई पर जाकर या तो इन्हें खरीदा जा सकता है या फिर अबू धाबी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के आगमन हॉल काउंटर और अल ऐन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बिग टिकट के दुकानों से ये खरीदे जा सकते हैं। (आईएएनएस)
बैंकॉक, 4 जनवरी | थाईलैंड में सोमवार को कोरोनावायरस से संक्रमण के 745 नए मामले दर्ज हुए हैं, जोकि दिन के सर्वाधिक मामले हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अब यहां संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 8,439 हो गई है। इसकी जानकारी सेंटर फॉर कोविड-19 सिचुएशन एडमिनिस्ट्रेशन (सीसीएसए) ने दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नए मामलों में 729 मामले स्थानीय संक्रमण के हैं, जिसमें से 577 मामले म्यांमार के प्रवासी श्रमिकों के हैं जो बैंकॉक के निकट प्रांत सामुत सखोन में रहते हैं। जहां पिछले महीने से कोरोना मामले बढ़े हैं। बचे हुए 16 मामले क्वारंटीन सुविधा में पाए गए हैं।
थाईलैंड में कोरोना के कुल 8,439 मामलों में से 6,379 मामले स्थानीय प्रसारण से हुए हैं।
अब तक यहां कुल 4,352 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, थाईलैंड में कोरोनावायरस से अब तक 65 मौतें हो चुकी हैं। (आईएएनएस)
जर्मनी ने 2020 में मध्य पूर्व में 1 अरब यूरो से ज्यादा के हथियारों के समझौतों को मंजूरी दी. ऐसे देशों को भी हथियार बेचे गए जो लीबिया और यमन यद्धों में उलझे हैं. जर्मनी दुनिया के पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातकों शामिल है.
डॉयचे वैले पर मार्टिन मिषाएल का लिखा -
जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए ने आर्थिक मंत्रालय का हवाला देते हुए मध्य पूर्व के देशों को होने वाले जर्मन हथियारों के निर्यात पर रिपोर्ट दी है. इसके मुताबिक 17 दिसंबर तक मिस्र को 75.2 करोड़ के हथियार और सैन्य उपकरण निर्यात करने की अनुमति दी गई. इसी तरह कतर को 30.5 करोड़ यूरो, संयुक्त अरब अमीरात को 5.1 करोड़ यूरो, कुवैत को 2.34 करोड़ यूरो और तुर्की को 2.29 करोड़ यूरो के हथियार निर्यात करने की अनुमति दी गई.
इसके अलावा जॉर्डन को 17 लाख यूरो और बहरीन को 15 लाख यूरो लाइसेंस दिए गए. हथियारों के निर्यात से जुड़ा यह ब्यौरा ग्रीन पार्टी के सांसद ओमिद नोरोपुर की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में आर्थिक मंत्रालय ने दिया है.
यमन और लीबिया से संबंध
मध्य पूर्व के जिन देशों को जर्मनी ने हथियार निर्यात करने की मंजूरी दी है, उनमें से सभी के तार किसी ना किसी तरह यमन और लीबिया के युद्धों से जुड़े हैं. यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन शिया हूथी बागियों के खिलाफ लड़ रहा है जिन्हें ईरान का समर्थन मिल रहा है. यह लड़ाई 2014 से चल रही है. सऊदी अरब के गठबंधन में संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, कुवैत, जॉर्डन और बहरीन शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि यमन में छह साल से चल रहे युद्ध में अब तक लगभग 2.33 लाख लोग मारे गए हैं. इनमें वे 1.31 लाख लोग भी शामिल हैं जो युद्ध से होने वाली खाने की किल्लत, स्वास्थ्य देखभाल का आभाव और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी समस्याओं के कारण मारे गए हैं.
उधर लीबिया में भी 2014 से जारी युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. इस युद्ध में तुर्की और कतर त्रिपोली से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संगठन प्रधानमंत्री फयाज अल सराज सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व वाले बागी खेमे को संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र का समर्थन प्राप्त है. अभी लीबिया में युद्ध विराम है, जिससे संकट खत्म होने की उम्मीद बढ़ती है.
हथियारों की होड़
दुनिया भर में हथियारों की खरीद फरोख्त पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) का कहना है कि जर्मनी हथियारों का निर्यात करने वाले पांच सबसे बड़े देशों में शामिल हैं. उसके अलावा इस फेहरिस्त में अमेरिका, रूस फ्रांस और चीन शामिल हैं.
सिपरी की रिपोर्ट कहती है कि 2015 से 2019 के बीच दुनिया भर में होने वाले हथियार के निर्यात में 76 फीसदी इन्हीं पांच देशों ने किया है.(dw.com)
पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में पिछले दिनों जिस हिंदू मंदिर को मुस्लिम दंगाइयों ने तबाह कर दिया था, प्रांतीय सरकार उसे फिर से बनवाएगी. मंदिर पर हमले के सिलसिले में 45 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
पाकिस्तान,04 जनवरी | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में एक दूर दराज के गांव में स्थित मंदिर पर पिछले दिनों हमला किया गया था. मंदिर पर हमला करने वाले उसके विस्तार का विरोध कर रहे थे. मंदिर को आग लगाने से पहले उन्होंने हथौड़ों से उसकी दीवारों को तोड़ा.
प्रांतीय सरकार के सूचना मंत्री कामरान बंगश ने बताया, "हमले से जो भी नुकसान हुआ, उसका हमें अफसोस है. मुख्यमंत्री ने मंदिर और उसके पास के मकान को फिर से बनाने का आदेश दिया है." उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय से बात कर मंदिर के निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा. उन्होंने मंदिर की सुरक्षा का वादा भी किया.
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर पर हमले के सिलसिले में अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. पेशावर से 160 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर को 1997 में भी इस तरह निशाना बनाया गया था. उस वक्त भी इसका दोबारा निर्माण कराया गया था. इस इलाके में हिंदू नहीं रहते, लेकिन समय समय पर यहां बहुत से श्रद्धालु आते हैं.
पाकिस्तान की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी है जबकि वहां 97 फीसदी मुसलमान हैं. पाकिस्तान का हिंदू समुदाय अकसर अपने साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाता है. उनके पूजा स्थलों को भी निशाना बनाया जाता है. मंदिर पर हमले के विरोध में पिछले दिनों देश के सबसे बड़े शहर कराची में हिंदू समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन भी किया. इनमें राष्ट्रीय असेंबली के सदस्य रमेश कुमार और प्रांतीय असेंबली की सदस्य मंगला शर्मा भी शामिल थीं. प्रदर्शनकारी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अब इस तरह की घटनाएं बंद होनी चाहिए.
इस बीच पुलिस ने हमले के सिलसिले में 45 लोगों को हिरासत में लिया है. जिला पुलिस प्रमुख इराफनुल्लाह खान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इनमें स्थानीय मौलवी मौलाना शरीफ भी शामिल है, जिस पर भीड़ को भड़काने का आरोप है. खान ने बताया कि पुलिस को मौलाना मिर्जा अकीम की भी तलाश है जो जमीयत उलेमा ए इस्लाम (जेयूआई-एफ) का जिला प्रमुख है. जेयूआई-एफ पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टियों में से एक है.
उधर, पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी ने मंदिर पर हमले को "सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए खिलाफ साजिश" बताया. उन्होंने ट्वीट किया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों पर हमलों की इस्लाम में इजाजत नहीं है और "अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी की रक्षा करना हमारी धार्मिक, संवैधानिक, नैतिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी है." पिछले साल अमेरिका ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में रखा जहां धार्मिक आजादी के उल्लंघन की स्थिति गंभीर है.
वॉशिंगटन, 4 जनवरी| अमेरिकी रक्षा मुख्यालय-पेंटागन ने कहा है कि अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज मध्य पूर्व के सागर में बना रहेगा क्योंकि अमेरिका को ईरान से हमला का सम्भावित खतरा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने तीन दिन पहले कहा था कि 10 महीने से मध्य पूर्व के समंदर में तैनात यूएसएस निमित्ज को हटा लिया जाएगा लेकिन अब अमेरिका ने अपना रुख बदल लिया है।
पेंटागन के एक्टिंग डिफेंस सेकेरेट्री क्रिस मिलर ने कहा कि यूएसएस निमित्ज अब ऑपरेशन के एरिया में कायम रहेगा। अमेरिकी सरकार ने यह फैसला काफी सोच-विचार के बाद लिया है।
अमेरिका का यह कदम ईरान द्वारा अपने मरहूम सैन्य प्रमुख कासेम सुलेमानी की पहली वर्षगांठ मनाने के बाद सामने आया है। 3 जनवरी, 2020 को सुलेमानी की हत्या बगदाद हवाई अड्डे के पास एक ड्रोन हमले से हुई थी। (आईएएनएस)
पाकिस्तान के बलोचिस्तान में शिया हजारा समुदाय के 11 लोगों की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है. आईएस के सदस्य सुन्नी होते हैं और संगठन ने बीते कुछ सालों में पाकिस्तान के शियाओं पर कई हमले किए हैं.
एक पाकिस्तान अधिकारी के मुताबिक 11 बंदूकधारियों ने रविवार को कोयले की खदान में काम करने वाले अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के 11 लोगों को पहले अगवा कर लिया और फिर उन्हें जान से मार दिया. बाद में इस्लामिक स्टेट ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान छापा, जिसमें उसने इस हमले की जिम्मेदारी ली.
सुरक्षाकर्मी मोअज्जम अली जतोई ने बताया कि हमलावरों ने उन 11 लोगों की ही शिया हजारा के रूप में पहचान की और फिर बाकियों को छोड़ कर सिर्फ उन्हीं लोगों को जान से मारने के लिए पास के पहाड़ों में ले गए. मोअज्जम अली लेविस फोर्स के सदस्य हैं जो इस इलाके में पुलिस और अर्ध-सैनिक बल के तौर पर तैनात है.
उन्होंने बताया कि उनमें से छह ने तो वहीं दम तोड़ दिया और बाकी पांच की अस्पताल के रास्ते में मौत हो गई. पुलिस द्वारा जारी किए गए वीडियो से पता चला कि सभी मृतकों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और उनके हाथ पीछे की तरफ बंधे थे. हमला प्रांत की राजधानी क्वेट्टा से करीब 48 किलोमीटर दूर मच्छ कोयला क्षेत्र के पास हुआ.
हमले की खबर हजारा समुदाय में तुरंत फैल गई जिसके बाद समुदाय के लोग विरोध में शहर की सड़कों और आस-पास के इलाकों में सड़कों पर उतर आए. उन्होंने जलते हुए टायरों और पेड़ों के तनों से राज्यमार्गों को जाम भी कर दिया. अधिकारियों ने प्रभावित सड़कों पर यातायात बंद कर किया.
बलूचिस्तान में 2016 में हुए इस्लामिक स्टेट के एक हमले में क्षतिग्रस्त हुई रेल लाइन.
आतंकी घटना की पूरे देश में निंदा की गई. प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि हमलावरों को बक्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवारों की मदद की जाएगी. शिया धार्मिक नेता नासिर अब्बास ने कहा कि घटना के खिलाफ प्रदर्शन पूरे देश में आयोजित किए जाएंगे. दूसरे समुदायों के नेताओं ने भी हत्याओं पर दुख प्रकट किया है.
पाकिस्तान के हजारा समुदाय को इस्लामिक स्टेट जैसे सुन्नी आतंकी संगठन कई बार निशाना बना चुके हैं. आईएस ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान में भी अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है और 2014 में वहां सक्रिय होने के बाद कई घातक हमलों की जिम्मेदारी ली है. क्वेट्टा में ही अप्रैल 2019 में एक खुले बाजार में एक आत्मघाती बम हमले में 20 लोग मारे गए थे. उस समय आईएस ने कहा था कि उसने शियाओं और पाकिस्तानी सेना के कुछ लोगों को निशाना बनाया था.
पिछले साल जनवरी में क्वेट्टा में ही एक मस्जिद में हुए शक्तिशाली विस्फोट की जिम्मेदारी भी आईएस ने ही ली थी. विस्फोट में एक वरिष्ठ पुलिस अफसर और 13 अन्य लोग मारे गए थे और 20 श्रद्धालु घायल हो गए थे. बलूचिस्तान में बलोच अलगाववादी समूहों द्वारा एक विद्रोह आंदोलन भी चलाया जा रहा है. वो भी गैर-बलोच श्रमिकों को निशाना बनाते हैं लेकिन उन्होंने अल्पसंख्यक शिया समुदाय के लोगों पर कभी हमला नहीं किया.
सीके/एए (एपी)
लंदन. ब्रिटेन में कोरोना महामारी के खिलाफ इमरजेंसी मास वैक्सीनेशन को दो हफ्ते पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. हालांकि अभी तक सिर्फ इसके लिए फाइजर वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था. सोमवार को ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को भी इस अभियान में शामिल कर लिया गया और 82 साल के ब्रायन पिंकर को इसका पहला टीका लगाया गया. ब्रायन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ही मेंटेंनेंस मैनेजर रह चुके हैं और क्लिनिकल ट्रायल के अलावा ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन लेने वाले दुनिया के पहले शख्स हैं.
गार्जियन की खबर के मुताबिक ब्रायन फिलहाल केयर होम में रहते हैं और डायलासिस पर हैं. उन्हें सोमवार सुबह 7:30 बजे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चर्चिल हॉस्पिटल में एडमिट हैं. उन्हें यह टीका NHS की नर्स सैम फ़ॉस्टर ने लगाया. ब्रायन के मुताबिक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ही उनका पूरा जीवन व्यतीत हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं यहां बनी कोरोना वैक्सीन का टीका लेकर बेहद खुश हूं और अब फरवरी में अपनी शादी की 48वीं सालगिरह मनाने की तैयारियां करूंगा. ब्रायन ने कहा कि ये गर्व की बात है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना के टीके की खोज की गयी है. अस्पताल के नर्स और डॉक्टर मेरा काफी ख्याल रखते हैं मैं सभी के स्वस्थ रहने की कामना करता हूं.
टीका देने वाली नर्स फ़ॉस्टर ने कहा- ये बेहद गर्व की बात है कि मुझे ऑक्सफ़ोर्ड में बनी वैक्सीन का पहला टीका देने का अवसर मिला है. पहला टीका चर्चिल अस्पताल में दिया गया और ये वैक्सीन बस कुछ ही मीटर दूर स्थित लैब में तैयार की गयी है. हम आने वाले हफ़्तों में अस्पताल के स्टाफ और अन्य इमरजेंसी मरीजों को ये टीका देना का अभियान चलाएंगे. हम उन कम्युनिटी तक ये टीका पहुंचाने की कोशिश करेंगे जो इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
मियामी, 4 जनवरी | फ्लोरिडा के मियामी-डेड काउंटी में गोलीबारी की अलग-अलग घटनाओं में 12 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
गोलीबारी की पहली घटना में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने रविवार को लिटिल रिवर पार्क के करीब स्थित एक बास्केटबॉल कोर्ट पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में आठ लोग घायल हो गए।
एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ में से छह लोगों की हालत गम्भीर है।
दूसरी घटना अलापट्टा की है, जहां चार लोग घायल हुए हैं। घायलों को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया है और इनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
अधिकारियों ने अभी यह नहीं बताया है कि दोनों घटनाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं या नहीं। जांच जारी है।(आईएएनएस)
ब्रासीलिया, 4 जनवरी| ब्राजील में कोरोनावायरस के कारण एक दिन में 293 मौतें दर्ज हुईं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि इन नई मौतों के बाद देश में मरने वालों की संख्या 1,96,018 हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के अनुसार, रविवार को हुई करीब 300 मौतों के अलावा मंत्रालय ने 17,341 नए मामलों की भी पुष्टि की है। इसके बाद देश में संक्रमण के मामलों की संख्या 77,33,746 हो गई है।
अमेरिका और भारत के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मामले ब्राजील में दर्ज हुए हैं। वहीं अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मौतें ब्राजील में हुईं हैं।
देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य साओ पाउलो में 46,845 मौतें और 14,71,422 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं मिनस गेरैस राज्य दूसरे नंबर पर है। यहां संक्रमण के लगभग 5.5 लाख मामले और 12,023 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। (आईएएनएस)
अदीस अबाबा, 4 जनवरी | अफ्रीकी महाद्वीप में कोविड-19 मामलों की संख्या रविवार को 28,07,864 पर पहुंच गई है। यह बात अफ्रीका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) ने कही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, महाद्वीप की इस एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण मरने वालों की संख्या रविवार की दोपहर तक 66,631 हो चुकी थी।
अफ्रीकन यूनियन (एयू) कमीशन की विशेष स्वास्थ्य एजेंसी अफ्रीका सीडीसी ने यह भी कहा कि कोविड-19 से संक्रमित हुए लोगों में से 23,32,063 लोग अब तक इससे उबर चुके हैं।
महामारी के कारण सबसे अधिक प्रभावित अफ्रीकी देश दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, ट्यूनीशिया, मिस्र और इथियोपिया हैं। दक्षिण अफ्रीका में कोविड पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या सबसे अधिक 10,88,889 है। अफ्रीका सीडीसी के अनुसार यहां वायरस के कारण सबसे ज्यादा 29,175 मौतें हुईं हैं।
इस बीच एयू कमीशन के चेयरपर्सन मौसा फकी महामत ने शुक्रवार को अफ्रीकी महाद्वीप से आह्वान किया था कि नए साल की शुरूआत होते ही कोविड-19 महामारी के कारण आए संकट से उबरने के लिए आर्थिक सुधार सुनिश्चित करें।
पूरे अफ्रीका के 55 सदस्यीय ब्लॉक के चेयरपर्सन मौसा ने एक बयान में कहा था, "साल 2020 खत्म हो रहा है और इसी के साथ हमारी जीवित स्मृति में सबसे असाधारण और चुनौतीपूर्ण वर्षों में से एक का भी अंत हो रहा है।"
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि "नए साल में कदम रखते हुए हमें अर्थव्यवस्थाओं की रिकवरी सुनिश्चित करना है ताकि हमारे स्वास्थ्य और आजीविका की रक्षा करने का चुनौतीपूर्ण कार्य पूरा हो सके।"(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 4 जनवरी | दिग्गज डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी को चौथी बार अमेरिका की हाउस स्पीकर चुना गया है। उन्होंने कहा है कि यह उनका आखिरी कार्यकाल होगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को 80 वर्षीय पेलोसी को 216 डेमोक्रेट्स का समर्थन मिला, जबकि उनके दो सहयोगियों ने किसी और को वोट दिया और तीन मतदान में मौजूद नहीं थे।
वहीं कैलिफोर्निया से सीनेटर केविन मैकार्थी को हाउस में मौजूद रहे सभी 209 रिपब्लिकन के वोट मिले, जिससे वे भी माइनोरिटी लीडर के अपने पद पर बने रहेंगे।
पेलोसी 2007 में पहली बार हाउस स्पीकर चुनी गईं थीं। इस पद पर चुनी जाने वाली वे पहली महिला हैं। इसके बाद 2019 में वे फिर से इस पद पर आईं।
स्पीकर, अमेरिकी सदन का राजनीतिक और संसदीय नेता होता है। पिछले 2 सालों से व्हाइट हाउस और पेलोसी के नेतृत्व वाले हाउस के बीच संबंध तनावपूर्ण थे।
चैम्बर ने 2019 के अंत में एक व्हिसलब्लोअर द्वारा शिकायत करने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जांच भी शुरू की थी लेकिन बाद में रिपब्लिकन की अगुवाई वाली सीनेट ने राष्ट्रपति को बरी कर दिया था।
रविवार को 117वीं यूएस कांग्रेस के शपथ लेने के बाद पेलोसी को हाउस स्पीकर के तौर पर चुना गया था। (आईएएनएस)
ओटावा, 4 जनवरी| कनाडा में कोरोनावायरस मामलों की संख्या 6 लाख से अधिक हो गई है। यहां के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार यहां 6,06,076 मामले और 15,880 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत ओंटारियो में रविवार को 2,964 नए मामले और 25 मौतें दर्ज हुईं हैं। ओंटारियो में कुल मामलों की संख्या 1,90,962 तक पहुंच गई।
ओंटारियो सरकार ने रविवार को एक पत्र के जरिये माता-पिता और अभिभावकों से कहा कि जनवरी के पहले हफ्ते में सूबे के सार्वजनिक प्राथमिक विद्यालयों के स्टूडेंट्स ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे लेकिन 11 जनवरी से व्यक्तिगत कक्षाओं में वापसी करेंगे।
देश के एक और बड़ी आबादी वाले प्रांत क्यूबेक ने रविवार को नए साल का अपना पहला कोविड-19 अपडेट जारी किया, जिसमें यहां 31 दिसंबर, 2020 से अब तक सामने आए मामलों की संख्या 7,663 दर्शाई गई है। वहीं 121 लोगों की मौत हुई। यहां मामलों की कुल संख्या 2,10,304 हो चुकी है। (आईएएनएस)
क्लासिक ब्रिटिश मोटरबाइक कंपनी बीएसए ने पिछले महीने एलान किया है कि वह अपने भारतीय अरबपति मालिक के तहत खुद को फिर से खड़ा कर रही है.
एक और मशहूर ब्रिटिश ब्रैंड नॉर्टन को 2019 में एक भारतीय कंपनी ने खरीद लिया था. इस कंपनी की भी ग्रोथ को लेकर ऐसी ही योजनाएं हैं.
ये कंपनियां ऐतिहासिक रॉयल एनफील्ड के ही कदमों पर चल रही हैं.
रॉयल एनफील्ड अपने भारतीय मालिकों के हाथ आने के बाद से सफलता की नई ऊंचाइयां छू रही है. एक्सपर्ट्स को इस ट्रेंड को देखकर कोई आश्चर्य नहीं होता.
भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को मशहूर, लेकिन मुसीबतों से जूझ रहे ब्रैंड्स को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने के लिए जाना जाता है और उन्हें यह उम्मीद होती है कि वे इन कंपनियों का कायापलट कर देंगे.
ब्रिटेन में महिंद्रा
भारतीय अरबपति आनंद महिंद्रा ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि वे बीएसए ब्रैंड के तहत यूके में इलेक्ट्रिक बाइक्स बनाकर 'ब्रितानी मोटरबाइक इंडस्ट्री को फिर से खड़ा' कर सकते हैं.
महिंद्रा ग्रुप 2021 के मध्य से बर्मिंघम में मोटरबाइकों की असेंबली शुरू करना चाहता है.
दूसरी ओर, फिर से खड़ी की गई बीएसए जल्द ही ऑक्सफोर्डशायर के बैनबरी में एक रिसर्च इकाई तैयार करेगी ताकि इलेक्ट्रिक मोबरबाइक टेक्नोलॉजी विकसित की जा सके.
हालांकि, कंपनी पेट्रोल इंजन वाली बाइकें बनाना भी जारी रखेगी.
फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक, आनंद महिंद्रा की नेटवर्थ 1.7 अरब डॉलर है.
महिंद्रा ने कहा है कि यूके के मोटरसाइकिल प्रोडक्शन के इतिहास को देखते हुए उन्होंने यहां निवेश करने का फैसला किया है.
बीएसए की कहानी
बीएसए का मतलब है बर्मिंघम स्मॉल आर्म्स. इस कंपनी की नींव 1861 में पड़ी थी.
लेकिन, 1950 के दशक के आते-आते यह दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल कंपनी बन गई. ट्रायम्फ और सनबीम जैसे ब्रैंड्स इसी कंपनी के मालिकाना हक में आते हैं.
लेकिन, यह दिवालिया हो गई और 1970 के दशक में इसका उत्पादन बंद हो गया. बाद में 2016 में महिंद्रा ग्रुप ने इसे खरीद लिया था.
बीएसए पर आधिकारिक रूप से क्लासिक लीजेंड्स का मालिकाना हक है. इस कंपनी में महिंद्रा ग्रुप की 60 फीसदी हिस्सेदारी है.
इस संयुक्त उद्यम को यूके की सरकार का समर्थन मिला और सरकार ने इलेक्ट्रिक बाइक्स विकसित करने के लिए बीएसए को 46 लाख पाउंड का अनुदान दिया.
सरकार को उम्मीद है कि इस मदद से कम से कम 255 नौकरियां पैदा होंगी.
मोटर स्पोर्ट्स कंसल्टेंट स्कॉट लुकाइटिस कहते हैं, "एक क्लासिक ब्रिटिश मशीन का आकर्षण युवा खरीदारों को अपनी ओर खींचेगा. अगर वे लुक और फील को बरकरार रखते हुए एक परफॉर्मेंस देने वाली इलेक्ट्रिक बाइक बना पाए तो शायद वे सफल रहेंगे."
आनंद महिंद्रा ने बीबीसी को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि यह छोटा वेंचर पूरे यूके के बाइक बनाने के कारोबार में आए पुनर्जागरण का संकेत देगा.
अप्रैल में नॉर्टन को भारतीय मैन्युफैक्चरर टीवीएस मोटर ने 1.6 करोड़ पाउंड की डील में खरीद लिया था. नॉर्टन की नींव 1898 में पड़ी थी और यह उन चुनिंदा ब्रिटिश मोटरसाइकिल ब्रैंड्स में से है जो अभी भी जिंदा हैं. इसे मोटरस्पोर्ट बाइक्स बनाने के लिए खासतौर पर जाना जाता है.
इसके सबसे मशहूर मॉडल्स में डोमिनेटर और कमांडो शामिल हैं. 1980 के दशक में नॉर्टन इंटरपोल का इस्तेमाल यूके की पुलिस करती थी. विंटेज मॉडल्स को कलेक्शन वाले आइटमों के तौर पर देखा जाता था.
पिछले महीने नॉर्टन ने एक सीमित मात्रा में कमांडो क्लासिक बाइक्स के साथ बाइक्स को फिर से बनाना शुरू कर दिया. कंपनी 2021 की शुरुआत में अपनी पूरी ताकत से उत्पादन शुरू करना चाहती है.
कंपनी के अंतरिम चीफ एग्जिक्यूटिव जॉन रसेल कहते हैं, "इसके बाद हम कछ मॉडल्स का प्रोडक्ट साइकिल शुरू कर देंगे. हम कुछ और नए मॉडल्स का भी खुलासा करेंगे."
उन्होंने कहा, "अत्याधुनिक नए प्लांट्स के साथ उत्पादन में तेज रफ्तार से इजाफा होगा."
कंसल्टेंसी फर्म फ्रॉस्ट एंड सुलीवान में ऑटोमोटिव एक्सपर्ट विवेक वैद्य कहते हैं, "ये ब्रिटिश ब्रैंड्स भारतीय सड़कों पर नियमित रूप से दिखाई देते थे. पुरानी फिल्मों में आप इन्हें देख सकते हैं. इन्हें पुलिस भी इस्तेमाल करती थी."
वे कहते हैं कि भावनात्मक वजहों को हटा भी दिया जाए तो भारतीय कंपनियां मजबूत कारोबारी वजहों के चलते इनमें निवेश कर रही हैं.
वे कहते हैं, "ये ब्रैंड्स मुश्किलों से जूझ रहे हैं, ये घाटे में चल रहे हैं या इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. भारतीय कंपनियां इसे एक मशहूर ब्रैंड को खरीदने के मौके के तौर पर देख रही हैं जिससे उन्हें पश्चिमी बाजारों में पैर रखने में मदद मिल सकती है."
वैद्य जगुआर लैंड रोवर की ओर संकेत करते हैं जिसे टाटा ग्रुप ने 2008 में खरीद लिया था और इसे एक मुनाफा कमाने वाली कंपनी में बदल दिया.
वे कहते हैं, "यह भारतीय कंपनियों की एक जांची-परखी रणनीति है. वे एक ब्रैंड खरीदते हैं और इसे फिर नए देशों में ले जाते हैं और इसके मुनाफे और कारोबार में इजाफा करते हैं. इन ब्रैंड्स को इसी तरह से बढ़ाया जाना चाहिए."
ब्रिटिश कंपनी रही रॉयल एनफील्ड आक्रामक तरीके से विस्तार कर रही है और कंपनी का मकसद एशिया में मोटरबाइक्स खरीदारी के दुनिया के सबसे बड़े बाजार पर पकड़ बनाना है.
दुनिया के सबसे पुराने बाइक ब्रैंड्स में से एक रॉयल एनफील्ड पर 1994 से भारत के आयशर ग्रुप का मालिकाना हक है. हाल में ही कंपनी ने थाइलैंड में नई फैक्टरी खोलने की योजनाओं का एलान किया है.
नया प्लांट एक साल के भीतर ही काम करना शुरू कर देगा और यह भारत के बाहर कंपनी की सबसे बड़ी फैक्टरी होगी.
इस इलाके में 250 से 750 सीसी सेगमेंट में रॉयल एनफील्ड की बिक्री पिछले एक साल में 88 फीसदी बढ़ी है.
हालांकि, ये ऐतिहासिक ब्रैंड्स 1950 और 60 के दशक के बाद से भले ही मुश्किलों से गुजर रहे हैं, लेकिन ये ब्रैंड्स खत्म नहीं हुए हैं. ये बात अलग है कि इन पर अब पूरी तरह से ब्रिटिश कंपनियों का मालिकाना हक नहीं रहा. (bbc)
वाशिंगटन, 4 जनवरी | दुनिया में कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 8.5 करोड़ और मरने वालों की संख्या 18.4 लाख से अधिक हो चुकी है। ये आंकड़े जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने जारी किए हैं। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के सोमवार की सुबह सामने आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब वैश्विक स्तर पर मामलों की संख्या 8,50,83,468 और मौतों की संख्या 18,42,492 हो गई है।
अमेरिका दुनिया में सबसे बुरी तरह कोरोना प्रभावित देश है, जहां अब तक 2,06,26,686 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 3,51,453 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद 1,03,23,965 संक्रमण के मामलों के साथ भारत दूसरे स्थान पर है। यहां अब तक 1,49,435 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में 77,33,746 मामले सामने आए हैं, जो दुनिया में तीसरा सबसे अधिक मामलों वाला देश है। लेकिन यह मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर है, यहां 1,96,018 मौतें हो चुकी हैं।
10 लाख से अधिक मामलों वाले देशों में रूस (32,03,743), फ्रांस (27,12,975), ब्रिटेन (26,62,698), तुर्की (22,41,912), इटली (21,55,446), स्पेन (19,28,265), जर्मनी (17,83,656), कोलम्बिया (16,75,820), अर्जेंटीना (16,40,718), मेक्सिको (14,48,755), पोलैंड (13,18,562), ईरान (12,43,434), यूक्रेन (11,07,137), दक्षिण अफ्रीका (11,00,748) और पेरू (10,18,099) हैं।
ऐसे देश जहां कोरोनावायरस के कारण 20 हजार से ज्यादा मौतें हुईं हैं, उनमें मेक्सिको (1,27,213), इटली (75,332), यूके (75,137), फ्रांस (65,164), रूस (57,730), ईरान (55,540), स्पेन (50,837), कोलंबिया (43,965), अर्जेंटीना (43,482), पेरू (37,773), जर्मनी (34,596), दक्षिण अफ्रीका (29,577), पोलैंड (29,119), इंडोनेशिया (22,734) और तुर्की (21,488) शामिल हैं।
--आईएएनएस
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 3 जनवरी | पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और उसके जुड़वां शहर रावलपिंडी में लोग एक घटना से स्तब्ध हैं। यहां पुलिसकर्मियों ने एक 22 वर्षीय छात्र को सिर्फ इसलिए गोली मार दी, क्योंकि उसने इनके कहने पर अपनी कार नहीं रोकी। पुलिसकर्मियों ने छात्र की कार पर भारी गोलीबारी की, जिससे उसकी मौत हो गई।
उस्मा नदीम सत्ती, जो सेक्टर एच-11 इस्लामाबाद में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनयूएसटी) में अपने चचेरे भाई को छोड़ने के बाद घर जा रहा था, को आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के कम से कम पांच कर्मियों द्वारा रोका गया। उसने कथित तौर पर कार को नहीं रोका, जिसके बाद एटीएस के जवानों ने कार को गोलियों से छलनी कर दिया।
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) के एक प्रवक्ता ने कहा, "कम से कम सात गोलियां सिर और सीने सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में लगीं।"
इस घटना से गुस्साये सत्ती के परिवार के सदस्यों ने मुख्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया।
कार पर 22 गोली चलाने वाले सभी पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302/34, 14 बी, 149 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रारंभिक जांच के अनुसार, मृत छात्र की बेगुनाही की पुष्टि हो गई है, यह पांचों पुलिस अधिकारियों की गलती है, क्योंकि उन्होंने कार रोकने केअन्य विकल्पों पर गौर नहीं किया।
वहीं घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों ने कहा, "हमें शम्स कॉलोनी के एक निवासी से एक आपातकालीन कॉल प्राप्त हुआ। फोन करने वाले ने पुलिस को सूचित किया कि लगभग चार सशस्त्र लुटेरे उसके घर में घुस गए, परिवार के सदस्यों को बंदूक से डराकर पकड़ लिया, कीमती सामान लूट लिया और एक सफेद कार पर भाग गए। इस बीच, एक सफेद सुजुकी कार दिखाई दी और एटीएस ने इसे रोकने के लिए संकेत दिया, लेकिन चालक नहीं रुका और भाग गया।
हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि पुलिस अधिकारियों ने टायरों को निशाना बनाने के बजाय कार पर पीछे से 22 गोलियां दागीं।
दूसरी ओर, छात्र के पिता ने कहा, "मेरे बेटे को कई बार गोली मारी गई। आतंक विरोधी दस्ते ने टायरों के बजाय विंडस्क्रीन पर निशाना लगाकर खुलेआम आतंकवाद को अंजाम दिया।" (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 3 जनवरी | अमेरिका में कोरोनावायरस से होने वाली मौतों की संख्या 350,000 से भी अधिक हो गई है। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने रविवार को दी। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने रविवार सुबह अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि वर्तमान में देश में कुल मृत्युदर 349,933 हो गई है, जबकि मामले बढ़कर 20,396,243 हो गए हैं।
न्यूयॉर्क राज्य में सबसे अधिक 38,273 मौतें हुई हैं।
सीएसएसई आंकड़ों के अनुसार, टेक्सास में 28,338 मृत्यु दर्ज की गई हैं, जबकि कैलिफोर्निया में 26,542 और 21,890 मौतें फ्लोरिडा में दर्ज की गई हैं।
वहीं 10,000 से अधिक मृत्यु दर्ज करने वाले राज्यों में न्यू जर्सी, इलिनोइस, पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, मैसाचुसेट्स और जॉर्जिया शामिल हैं।
अमेरिका महामारी की मार झेलने वाला सबसे अधिक प्रभावित देश बना हुआ है, जहां दुनियाभर के देशों के मुकाबले सबसे अधिक मामले और मौतें दर्ज की गई हैं। वहीं वैश्विक संक्रमण में देश का योगदान 24 प्रतिशत और वैश्विक मौतों में 19 प्रतिशत से अधिक योगदान है।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन द्वारा एक अपडेटेड मॉडल पूवार्नुमान ने वर्तमान परि²श्य के आधार पर 1 अप्रैल 2021 तक अमेरिका में कुल 567,195 कोविड-19 मौतों का अनुमान लगाया है।
--आईएएनएस
सैन फ्रांसिस्को, 3 जनवरी | कैलिफोर्निया में हाईवे 33 पर शनिवार को एक गंभीर सड़क दुर्घटना में सात बच्चों सहित नौ लोगों की मौत हो गई। कैलिफोर्निया हाईवे पेट्रोल (सीएचपी) ने शनिवार को घटना की जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सीएचपी सेंट्रल डिवीजन कैप्टन केविन क्लेज ने शनिवार को बयान में कहा कि दुर्घटना 1 जनवरी को लगभग 8 बजे तब हुई, जब हाईवे 33 पर दक्षिण की ओर जाने वाले सड़क के किनारे पर फैली गंदगी को पार करने के दौरान फोर्ड पिकअप उत्तर की ओर राजमार्ग पर अनियंत्रित होकर चला गया।
डॉज के ड्राइवर, 28 वर्षीय एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि फोर्ड में घटना के बाद आग लग गई, उसमें सात बच्चे भी थे।
कैप्टन क्लेज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा "आग बुझाने के बाद पता चला कि वाहन में आठ लोग फंसे थे, जिनमें से सात किशोर लग रहे थे, सभी को गंभीर चोटें आईं थी।"
सीएचपी ने पीड़ितों के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच अभी भी चल रही है।
फ्रेस्नो काउंटी कोरोनर्स के कार्यालय के प्रवक्ता टोनी बोट्टी ने कहा कि क्रू दल सभी पीड़ितों की पहचान करने के लिए लगे हुए हैं, फोर्ड का चालक वयस्क था और सभी यात्री बच्चे थे।
उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि वे दो परिवारों के सदस्य थे। उनकी उम्र 6 से 15 साल के बीच की है।"
--आईएएनएस
तेल अवीव, 3 जनवरी | इजरायल में सक्रिय कोरोनावायरस मामलों की संख्या बढ़कर 50,299 हो गई है, जो 12 अक्टूबर 2020 के बाद से सबसे अधिक मामले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी रविवार को दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 15 नवंबर, 2020 से यह लगभग 559 प्रतिशत की छलांग लगाया है, जब 7,629 सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे।
जेरुशेलम में 9,841 सक्रिय मामले हैं, बन्नी ब्रेक में 2,047 मामले और तेल अवीव में 1,504 सक्रिय मामले हैं।
मंत्रालय ने शनिवार शाम से 2,067 नए कोरोना पॉजिटिव मामलों की सूचना दी, जिससे इजराइल में मामलों की कुल संख्या बढ़कर 435,866 पहुंच गई है।
पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोनावायस से 7 लोगों की मौत हो गई, जिससे यहां मरने वालों की संख्सा नई मौतें होने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,391 हो गई, जबकि 462 इस दौरान कोरोनावायस से ठीक हुए, जिससे यहां ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 382,176 हो गई है।
--आईएएनएस