अंतरराष्ट्रीय
लखनऊ, 8 सितम्बर )| यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो डार्क वेब से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों का डेटा हासिल कर वर्चुअल मनी (बिटकॉइन) के जरिए ड्रग्स खरीदते और बेचते थे।
एसटीएफ ने आलमबाग इलाके से आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों की पहचान शाहबाज खान (गैंग का लीडर), आरिज एजाज, गौतम लामा, शारिब एजाज, जावेद खान और सऊद अली के रूप में हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, एसटीएफ ने भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किए हैं, जिनमें ट्रामानोफ-पी की 540 गोलियां, ट्रामेफ-एपी की 100 गोलियां, स्पास्मो-प्रॉक्सीवॉन प्लस की 720 गोलियां, एक लैपटॉप, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 17 सेल्युलर फोन, पांच आधार कार्ड, तीन कार और एक मोटरसाइकिल, पांच पैन कार्ड, पांच ड्राइविंग लाइसेंस, पांच वोटर आईडी-कार्ड और 5,110 रुपये शामिल है।
पूछताछ के दौरान, शाहबाज खान ने खुलासा किया कि वह एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा है, जो डार्क वेब से प्राप्त ग्राहक डेटा का उपयोग करके ड्रग्स बेचता है।
बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, आईटी अधिनियम की धारा 66 और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 12/23/24 के तहत मामला दर्ज किया गया है। (आईएएनएस)|
हो ची मिन्ह सिटी, 8 सितम्बर | वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में स्थित कराओके बार में आग लगने से कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि मृतकों में 17 पुरुष और 15 महिलाएं शामिल हैं।
मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार रात जब आग लगी उस समय कराओके बार में करीब 60 लोग थे।
बयान में कहा गया, "आग बार की दूसरी मंजिल पर लगी थी और तेजी से तीसरी मंजिल तक फैल गई।"
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आग से बचने के लिए चार लोगों ने दूसरी और तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी, जिन्हें चोटें आई हैं, लेकिन वे बच गए हैं।
सूचना मिलते ही दमकल अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में जुट गए।
बीबीसी ने कहा कि हाल के वर्षो में सामने आई आग की घटनाओं में सबसे ज्यादा खतरनाक वियतनाम में कराओके बार की घटना है। उन्होंने खराब सुरक्षा मानकों पर गहरी चिंता जताई। (आईएएनएस)|
अंकारा, 8 सितम्बर| तुर्की के मेर्सिन प्रांत के गुलनार जिले के जंगल में आग लगने से स्थानीय अधिकारियों को 110 घरों से 410 लोगों को निकालना पड़ा। बुधवार को मीडिया से मेर्सिन के गवर्नर अली हमजा पहलिवान ने कहा कि किसी के हताहत होने या घर के बड़े नुकसान की सूचना नहीं है, हां बस वन क्षेत्र में एक परित्यक्त इमारत जल गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने राज्यपाल के हवाले से कहा कि क्षेत्र में विमान और जमीनी कर्मचारियों को भेजे जाने के बाद भी दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाना जारी रखा।
आग लगने का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सरकारी अनादोलु समाचार एजेंसी ने बताया कि तेज हवा ने आग को बस्ती क्षेत्रों में फैला दिया।
अग्नि क्षेत्र मेर्सिन में अक्कुयू परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण स्थल के भी करीब है।
मेर्सिन और अंताल्या को जोड़ने वाले व्यस्त भूमध्यसागरीय राजमार्ग तक आग को पहुंचने से रोकने के लिए दमकलकर्मी संघर्ष कर रहे हैं। (आईएएनएस)|
न्यूयॉर्क, 8 सितंबर | स्टीव बैनन, जिन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मुख्य रणनीतिकार के रूप में कार्य किया, गुरुवार को न्यूयॉर्क राज्य के अभियोजकों के सामने आत्मसमर्पण करेंगे। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से सामने आई है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने रिपोटरें के हवाले से कहा, आपराधिक अभियोग में यह आरोप शामिल होगा कि स्टीव बैनन ने 2018 के अंत से शुरू होने वाले 'वी बिल्ड द वॉल' नामक एक धन उगाहने वाले प्रयास में धोखाधड़ी की है।
स्टीव बैनन ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "यह आपराधिक न्याय प्रणाली के पक्षपातपूर्ण राजनीतिक हथियार से ज्यादा कुछ नहीं है।"
2021 की शुरूआत में, ट्रम्प ने संघीय स्तर पर इसी तरह के एक मामले में स्टीव बैनन को माफ कर दिया।
मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन ब्रैग के न्यूयॉर्क स्टेट सुप्रीम कोर्ट में मामले को देखेंगे।
स्टीव बैनन को जुलाई में कांग्रेस की अवमानना का दोषी ठहराया गया था और इस साल के अंत में सजा सुनाई जानी है।
-(आईएएनएस)|
लॉस एंजेलिस, 8 सितम्बर | अमेरिकी वायु सेना ने लॉस एंजेलिस शहर से 260 किमी उत्तर में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस में एक निहत्थे मिनुटमैन 3 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) लॉन्च की। वायु सेना ने ट्विटर पर पुष्टि की, "एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने निहत्थे मिनुटमैन 3 इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को 1:13 ए.एम. पीडीटी, 7 सितंबर को वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस, कैलिफोर्निया में एक ऑपरेशनल टेस्ट के दौरान लॉन्च किया।"
परीक्षण का उद्देश्य हथियार प्रणाली की सुरक्षा, सुरक्षा, प्रभावशीलता और तैयारी को सत्यापित करना था, ऑपरेशन का निर्देशन करने वाले वायु सेना ग्लोबल स्ट्राइक कमांड (एएफजीएससी) ने बुधवार को एक बयान में कहा, "आईसीबीएम के रीएंट्री वाहनों ने यात्रा की। मार्शल आइलैंड्स में क्वाजालीन एटोल से लगभग 4,200 मील की दूरी पर, जो एक निरंतर सुरक्षित और प्रभावी परमाणु निवारक सुनिश्चित करने के लिए मूल्यवान डेटा प्रदान करता है।"
उन्होंने बताया, "इस तरह के परीक्षण पहले 300 से अधिक बार हुए हैं और यह परीक्षण वर्तमान विश्व घटनाओं का परिणाम नहीं है।"
एएफजीएससी ने कहा कि माल्मस्ट्रॉम एएफबी, मोंटाना में 341वीं मिसाइल विंग, एफई वॉरेन एएफबी, व्योमिंग में 90वीं मिसाइल विंग और मिनोट एएफबी, नॉर्थ डकोटा में 91वीं मिसाइल विंग के एयरमैन ने बुधवार के परीक्षण लॉन्च का समर्थन किया। (आईएएनएस)|
वाशिंगटन, 8 सितम्बर | व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि टोक्यो में दिवंगत जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में भाग लेने के बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की इस महीने के अंत में दक्षिण कोरिया जाने की योजना है। योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने भी गुरुवार को कहा कि उनका 29 सितंबर को सोल पहुंचने का कार्यक्रम है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कस्र्टन एलन ने बुधवार को घोषणा की है कि हैरिस आबे के अंतिम संस्कार में आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से टोक्यो की यात्रा कर रही हैं। प्रतिनिधिमंडल के अतिरिक्त सदस्यों की घोषणा बाद में की जाएगी।
कोरिया गणराज्य दक्षिण कोरिया का आधिकारिक नाम है।
यह यात्रा पिछले साल पदभार ग्रहण करने के बाद से हैरिस की दोनों देशों की पहली औपचारिक यात्रा होगी। (आईएएनएस)|
कनाडा के सेंट्रल सैसकैचवान प्रांत में रविवार को कई लोगों को चाकू मारने वाले दूसरे संदिग्ध हमलावर मिल्स सैंडर्सन की भी मौत हो गई है.
असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर रोंडा ब्लैकमोर ने बताया कि सैसकैचवान में जब उन्हें हिरासत में लिया गया था, तो उन्हें इलाज की ज़रूरत थी. लेकिन उन्होंने मिल्स सैंडर्सन की मौत की वजह के बारे में कुछ और भी बताने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह का पता चल जाएगा.
हालांकि एक अन्य अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि उनकी मौत ख़ुद को चोट पहुंचाने के चलते हुई है.
इससे पहले इन घटनाओं में शामिल डेमियन सैंडर्सन का शव हमले के एक दिन बाद एक घर में पाया गया था. डेमियन, मिल्स सैंडसर्न के बड़े भाई थे.
क्या है मामला?
पुलिस के अनुसार सैंडर्सन मिल्स को बुधवार को सैसकैचवान प्रांत के रोस्टर्न से स्थानीय समय के अनुसार शाम साढ़े तीन बजे गिरफ़्तार किया गया था.
पुलिस के अनुसार मिल्स पर सालों से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. हिंसा का इतिहास होने के बावजूद उन्हें पेरोल पर जेल से रिहा करने के फ़ैसले पर सवाल उठाते हुए लोग इसकी काफ़ी आलोचना कर रहे हैं.
रविवार को 13 अलग-अलग जगहों पर किए गए इन हमलों में 10 लोग मारे गए थे, जबकि 18 अन्य घायल हुए थे.
घायलों में से 10 लोग अभी भी अस्पताल में हैं. उनमें से तीन की हालत चिंताजनक बनी हुई है. (bbc.com/hindi)
कनाडा के सेंट्रल सैसकैचवान प्रांत में रविवार को कई लोगों को चाकू मारने वाले दो संदिग्ध हमलावरों में से एक मिल्स सैंडर्सन को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. पहले संदिग्ध की लाश हमले के एक दिन बाद एक घर में मिली थी.
पुलिस के अनुसार मिल्स को बुधवार को सैसकैचवान प्रांत के रोस्टर्न से स्थानीय समय के अनुसार शाम साढ़े तीन बजे गिरफ़्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार मिल्स पर सालों से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. हिंसा का इतिहास होने के बावजूद उन्हें पेरोल पर जेल से रिहा करने के फ़ैसले पर सवाल उठाते हुए लोग इसकी काफ़ी आलोचना कर रहे हैं.
रविवार को 13 अलग-अलग जगहों पर किए गए इन हमलों में 10 लोग मारे गए थे, जबकि 18 अन्य घायल हुए थे. घायलों में से 10 लोग अभी भी अस्पताल में हैं. उनमें से तीन की हालत चिंताजनक बनी हुई है.
मिल्स की गिरफ़्तारी
पुलिस ने मिल्स की गिरफ़्तारी से पहले एडवाइज़री जारी करते हुए कहा था कि मिल्स अभी भी फरार है, लिहाजा लोगों को सतर्क रहना चाहिए.
वहीं बुधवार शाम को लोगों के मोबाइल पर एक संदेश भेजा गया कि मिल्स को वाकावो शहर के पास एक आदमी को चाकू के साथ गाड़ी चलाते हुए देखा गया.
वाकावो शहर रोस्टर्न से 44 किलोमीटर दूर है. मिल्स की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने कहा है कि अब ख़तरे की कोई बात नहीं है.
पुलिस के अनुसार दो भाइयों ने किए ये हमले
पुलिस ने इन घटनाओं में दो भाइयों का हाथ होने का दावा किया था. बाद में एक भाई 31 साल के डेमियन सैंडर्सन का शव जेम्स स्मिद क्री नेशन में पाया गया. हमले में हताहत हुए कई लोग इसी जगह रहते हैं.
वैसे अभी तक ये साफ़ नहीं हो पाया कि डेमियन को क्या मिल्स ने ही मारा या किसी और ने. मिल्स सैंडर्सन को पकड़ने के लिए तीन प्रांतों की पुलिस को लगाया गया था.
पुलिस ने दोनों भाइयों डैमियन और मिल्स पर हत्या का मामला दर्ज किया था. गिरफ़्तार किए गए मिल्स सैंडर्सन पर हत्या और हत्या की कोशिश करने का मामला दर्ज किया गया है.
वियतनाम के दक्षिणी शहर थुआन आन के केराओके बार में लगी भीषण आग से कम-से-कम 32 लोगों की मौत हो गई है. कई अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं.
देश के सरकारी मीडिया के अनुसार, मंगलवार की रात केराओके परिसर की दूसरी मंजिल पर लगी आग और उससे निकले धुएंँ में कई ग्राहक और स्टाफ फंस गए. वहां से निकलने का इमरजेंसी रास्ता भी इसकी चपेट में आ गया.
रिपोर्ट के अनुसार इस आग की शुरुआत दूसरी मंज़िल से हुई, जो जल्द ही तीसरी मंज़िल तक पहुंच गई, जहां तेज़ी से जलने वाले सामान रखे हुए थे.
लोक सुरक्षा मंत्रालय के आधिकारिक मुखपत्र काॅन्ग अन न्हान डान के अनुसार, मरने वाले 32 लोगों में 17 आदमी और 15 औरतें हैं.
वहीं एक अन्य वेबसाइट ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि आग लगते समय बार में क़रीब 60 लोग मौजूद थे.
बताया गया है कि आग से बचने के लिए कई लोग बालकनी में जमा हो गए थे, लेकिन लकड़ी के बने इंटीरियर तक आग फैलने से वहां भी सुरक्षित रहना संभव नहीं रह गया था. ऐसे में बचने के लिए दूसरी और तीसरी मंज़िल से चार लोगों ने इमारत से नीचे छलांग लगा दी.
हो ची मिन्ह शहर के पास बसे थुआन आन में लगी इस आग की पुलिस जांच कर रही है. (bbc.com/hindi)
संयुक्त अरब अमीरात में हो रहे एशिया कप के अहम मुकाबले में भारत मंगलवार को श्रीलंका से हार गया. इस तरह टूर्नामेंट के फ़ाइनल में पहुंचने की उसकी उम्मीद अब काफ़ी कम रह गई है. भारत और श्रीलंका ने सुपर फ़ोर में तीन में से दो-दो मैच खेल लिए हैं. पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की टीमों ने अब तक एक-एक मैच खेला है. उनके दो-दो मैच बाकी हैं. आइए आपको बताते हैं कि अब तक खेले गए मैचों और नतीज़ों के बावजूद सभी टीमों के फ़ाइनल में पहुंचने की संभावना बनी हुई है. क्या हैं वो समीकरण, आइए समझते हैं.
श्रीलंका
बचा हुआ मैच - पाकिस्तान के ख़िलाफ़
उन्हें क्या करना होगा - पाकिस्तान को हराना होगा. या
ये उम्मीद करनी होगी कि अफ़ग़ानिस्तान अपने बचे हुए दो मैचों में से एक हार जाए. या
पाकिस्तान या अफ़ग़ानिस्तान से बेहतर नेट रन रेट को बरक़रार रखे.
श्रीलंका दो मैच जीतकर और चार अंक हासिल कर सुपर फ़ोर में आराम से फ़िलहाल टॉप पोज़ीशन पर है और फ़ाइनल में पहुंचने की उसकी संभावना लगभग पक्की है.
कप्तान दासुन सनाका के नेतृत्व वाली श्रीलंका की टीम के फ़ाइनल में पहुंचने की उम्मीद बुधवार को ही पूरी हो सकती है अगर अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान के साथ होने वाला मैच हार जाता है. श्रीलंका का नेट रन रेट 0.351 है जो कि पाकिस्तान के 0.126 और अफ़ग़ानिस्तान के (-0.589) से काफ़ी बेहतर है.
पाकिस्तान
बचे हुए दो मैच - अफ़ग़ानिस्तान और श्रीलंका के ख़िलाफ़
उन्हें क्या करना होगा - अपने बचे हुए दोनों मैच जीतने होंगे. या
कम से कम एक मैच जीतना होगा और अफ़ग़ानिस्तान या श्रीलंका से बेहतर नेट रन रेट हासिल करना होगा. या
अगर वो अपना दोनों मैच हार जाता है तो वैसी सूरत में ज़रूरत इस बात की होगी कि भारत अफ़ग़ानिस्तान को हरा दे और पाकिस्तान ये उम्मीद करे कि उसका नेट रन रेट भारत और अफ़ग़ानिस्तान दोनों से बेहतर रहे.
रविवार के मैच में पाकिस्तान की भारत पर जीत ने उसे बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया है और अगर वो सुपर फ़ोर के अपने आख़िरी दोनों मैच जीत लेता है तो फ़ाइनल में पहुंच जाएगा.
कप्तान बाबर आज़म की टीम अगर बाकी बचे दो में से दोनों मैच हार जाती है तब भी अफ़ग़ानिस्तान और भारत से अपना नेट रन रेट बेहतर रखकर वो फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाइ कर सकती है.
अफ़ग़ानिस्तान
बचे हुए मैच - पाकिस्तान और भारत के ख़िलाफ़
उन्हें क्या करना होगा - उन्हें अपने बचे हुए दोनों मैच जीतने होंगे और पाकिस्तान और श्रीलंका से बेहतर नेट रन रेट रखना होगा. या
भारत या पाकिस्तान में से किसी एक को हराना होगा. लेकिन इसके लिए ज़रूरी होगा कि पाकिस्तान श्रीलंका से हार जाए और अफ़ग़ानिस्तान का नेट रन रेट पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों से ही बेहतर रहे.
श्रीलंका से अफ़ग़ानिस्तान की हार और -0.589 के नेट रन रेट ने कप्तान मोहम्मद नबी की टीम के लिए हालात मुश्किल कर दिए हैं, लेकिन उम्मीद अभी भी बाक़ी है.
अगर अफ़ग़ानिस्तान की टीम अपने बाकी दोनों मैच जीत लेती है और ख़राब नेट रन रेट को सुधार लेती है तो फ़ाइनल में पहुंच सकती है.
बचा हुआ मैच - अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़
उन्हें क्या करना होगा - अफ़ग़ानिस्तान को हराना होगा और उम्मीद करनी होगी कि पाकिस्तान अपने बचे हुए दोनों मैच हार जाए.
सुपर फ़ोर में पाकिस्तान और श्रीलंका से हारने के बाद भारत की उम्मीदें अब दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर टिक गई हैं. पर फ़ाइनल में पहुंचने की उम्मीद अभी भी बाकी है.
भारत और पाकिस्तान के बीच फ़ाइनल का दोनों देशों के दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है. पर इसकी संभावना अब ख़त्म हो गई है. हालांकि रोहित शर्मा की टीम के फ़ाइनल में पहुंचने की अब एक हल्की सी ही उम्मीद बची है. अगर भारतीय टीम अफ़ग़ानिस्तान को बुरी तरह हरा भी देती है तब भी उम्मीद पाकिस्तान के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी. (bbc.com/hindi)
एशिया कप क्रिकेट में पाकिस्तान की टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है. लेकिन उसके कप्तान बाबर आज़म को लगा है झटका. आईसीसी की टी-20 की रैंकिंग में बाबर आज़म की नंबर वन की कुर्सी छिन गई है. लेकिन पाकिस्तान के लिए ख़ुशी की बात ये है कि नए नंबर वन खिलाड़ी वहीं के हैं.
मोहम्मद रिज़वान अब टी-20 की रैंकिंग में नंबर वन बल्लेबाज़ बन गए हैं. एशिया कप में मोहम्मद रिज़वान शानदार फ़ॉर्म में चल रहे हैं. अभी तक हुए तीन मैचों में रिज़वान ने 192 रन बनाए हैं और पाकिस्तान की जीत में अहम भूमिका निभाई है. पाकिस्तान की टीम एशिया कप का अपना पहला मैच भारत से हार गई थी.
लेकिन उसके बाद पाकिस्तान ने हांगकांग को हराया और इस मैच में रिज़वान ने नाबाद 78 रनों की पारी खेली. जबकि सुपर-4 में भारत के ख़िलाफ़ मैच में पाकिस्तान को जीत मिली और इस मैच में भी मोहम्मद रिज़वान ने 71 रन बनाए. टी-20 की रैंकिंग में अभी तक पाकिस्तान के सिर्फ़ तीन बल्लेबाज़ ही टॉप पर आए हैं. बाबर और रिज़वान के अलावा मिसबाहुल हक़ ही नंबर वन रैंकिंग तक पहुँचे हैं.
आईसीसी की टी-20 रैंकिंग के टॉप-10 में भारत का एक ही खिलाड़ी है और वो हैं सूर्यकुमार यादव, जो चौथे नंबर पर हैं. (bbc.com/hindi)
लिज़ ट्रस ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बन गई हैं. उन्होंने क्वीन एलिज़ाबेथ द्वितीय से स्कॉटलैंड के बालमोरल कासल में मुलाक़ात की. महारानी एलिज़ाबेथ ने ट्रस को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है.
इससे पहले बोरिस जॉनसन ने क्वीन के मिलकर उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंपा था.
ट्रस को सोमवार को कंज़र्वेटिव पार्टी ने अपना नया नेता चुना था. ट्रस को 81,326 वोट मिले जबकि ऋषि सुनक को 60,399 वोट मिले.
सोमवार को उन्होंने कहा कि उनके पास टैक्स कम करने के "ठोस प्लान" हैं.
अपने भाषण का अंत करते हुए उन्होंने कहा था, "वी विल डिलीवर, वी विल डिलीवर, वी विल डिलीवर"
यानी वो वादे पूरे करेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि 2024 के आम चुनावों में उनकी पार्टी लेबर पार्टी को परास्त करेगी. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी मीडिया में छपी ख़बरों के अनुसार पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से रूस को उत्तर कोरिया से हथियार ख़रीदने पड़ रहे हैं.
इस वर्ष फ़रवरी में रूस ने अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला कर दिया था. उसके बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई सख़्त प्रतिबंध लगा दिए थे. इसी कारण अब शायद रूस को हथियारों के लिए उत्तर कोरिया की तरफ़ देखना पड़ रहा है.
अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि रूस ने उत्तर कोरिया से कई रॉकेट और तोपखाने के गोले ख़रीदे हैं.
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि अगर यूक्रेन के साथ युद्ध लंबा चला तो रूस को, उत्तर कोरिया से और अधिक हथियार ख़रीदने पड़ेंगे.
ऐसी ख़बरें हैं कि पिछले हफ़्ते रूस को ईरानी ड्रोन्स की एक ख़ेप मिली है.
ग़ौरतलब है कि ईरान और उत्तर कोरिया पर पश्चिमी देशों ने व्यापक प्रतिबंध लगा रखे हैं. लेकिन राष्ट्रपति पुतिन के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ये दोनों देश, रूस के साथ अपने संबंध मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन रूस के यूक्रेन पर हमले को जायज़ ठहराते हुए इसके लिए अमेरिका को ज़िम्मेदार बताते रहे हैं. उनके अनुसार ये अमेरिका की विस्तारवादी नीतियों के कारण हुआ है.
पिछले महीने उत्तर कोरिया ने पूर्वी यूक्रेन के दो इलाक़ों - दोनेस्त्क और लुहांस्क को स्वतंत्र इलाक़ों के तौर पर मान्यता दी थी.
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के अनुसार पुतिन भी उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को और अधिक विस्तार देना चाहते हैं.
हथियारों की खेप
रिपोर्ट में हथियारों की संख्या के बारे में कोई साफ़ संकेत नहीं है. लेकिन एक अमेरिकी अधिकारी ने एसोसिएटड प्रेस से बातचीत में रूस के उत्तर कोरिया से हथियार ख़रीदने का विश्लेषण किया है.
अधिकारी ने बताया, “रूस सेना को यूक्रेन में हथियारों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ये दो कारणों से हो रहा है. एक तो प्रतिबंध हैं और दूसरे निर्यात पर भी नियंत्रण लागू हैं.” (bbc.com/hindi)
-टॉम बेटमैन
इसराइल, 6 सितंबर। फ़लस्तीनी मूल की अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबू अक़ला की मौत के करीब चार महीने बाद इसराइल ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि उनके सैनिकों में से किसी एक ने ग़लती से अल-जज़ीरा की पत्रकार को मार डाला.
अक़ला पर मई महीने में उस समय गोली चली थी जब वो वेस्ट बैंक में छापेमारी को कवर करने गई थीं.
हालांकि, सेना के शीर्ष कानूनी अधिकारियों ने हमले में शामिल सैनिकों के ख़िलाफ़ आपराधिक जांच शुरू करने से भी इनकार किया है.
अबू अक़ला के परिवार ने कहा है कि उन्हें कोई 'हैरानी' नहीं हो रही क्योंकि इसराइली सेना लगातार सच छिपाने और हत्या की ज़िम्मेदारी लेने से बचने की कोशिश कर रही थी.
अबू अक़ला 11 मई को वेस्ट बैंक के जिनिन में इसराइल की छापेमारी को कवर करने गई थीं. इस दौरान इसराइली सैनिकों और फ़लस्तीनी चरमपंथियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. हमले के समय अबू अकला ने एक जैकेट पहना था, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'प्रेस' लिखा था.
अबू अक़ला की मौत की वजह पर अलग-अलग पक्ष सामने आ रहे थे.
प्रत्यक्षदर्शियों और फ़लस्तीनी अधिकारियों ने कहा था कि अकलेह को इसराइली सैनिकों ने गोली मारी. बाद में संयुक्त राष्ट्र और अलग-अलग प्रेस जांच एजेंसियों ने भी इस दावे का समर्थन किया. अमेरिकी समीक्षा में पाया गया कि संभवतः इसराइली सैनिकों ने अक़ला पर गोली चलाई.
अब इसराइल की सुरक्षाबलों (आईडीएफ़) ने कहा है कि उन्होंने अंदरूनी स्तर पर चल रही जांच पूरी कर ली है.
आईडीएफ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी अत्याधिक आशंका है कि उन्हें किसी आईडीएफ़ जवान ने ग़लती से गोली मारी और बेशक वो सैनिक समझ नहीं पाया कि अकलेह पत्रकार हैं.
अधिकारी ने ये भी बताया कि जांचकर्ताओं ने हमला करने वाले सैनिक से बात की. उन्होंने कहा, "सैनिक ने बताया कि उसने असल में क्या किया, और अग किया, तो ये ग़लती से हुआ." (bbc.com/hindi)
-टॉम बेटमैन
फ़लस्तीनी मूल की अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबू अक़ला की मौत के करीब चार महीने बाद इसराइल ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि उनके सैनिकों में से किसी एक ने ग़लती से अल-जज़ीरा की पत्रकार को मार डाला.
अक़ला पर मई महीने में उस समय गोली चली थी जब वो वेस्ट बैंक में छापेमारी को कवर करने गई थीं.
हालांकि, सेना के शीर्ष कानूनी अधिकारियों ने हमले में शामिल सैनिकों के ख़िलाफ़ आपराधिक जांच शुरू करने से भी इनकार किया है.
अबू अक़ला के परिवार ने कहा है कि उन्हें कोई 'हैरानी' नहीं हो रही क्योंकि इसराइली सेना लगातार सच छिपाने और हत्या की ज़िम्मेदारी लेने से बचने की कोशिश कर रही थी.
अबू अक़ला 11 मई को वेस्ट बैंक के जिनिन में इसराइल की छापेमारी को कवर करने गई थीं. इस दौरान इसराइली सैनिकों और फ़लस्तीनी चरमपंथियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. हमले के समय अबू अकला ने एक जैकेट पहना था, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'प्रेस' लिखा था.
अबू अक़ला की मौत की वजह पर अलग-अलग पक्ष सामने आ रहे थे.
प्रत्यक्षदर्शियों और फ़लस्तीनी अधिकारियों ने कहा था कि अकलेह को इसराइली सैनिकों ने गोली मारी. बाद में संयुक्त राष्ट्र और अलग-अलग प्रेस जांच एजेंसियों ने भी इस दावे का समर्थन किया. अमेरिकी समीक्षा में पाया गया कि संभवतः इसराइली सैनिकों ने अक़ला पर गोली चलाई.
अब इसराइल की सुरक्षाबलों (आईडीएफ़) ने कहा है कि उन्होंने अंदरूनी स्तर पर चल रही जांच पूरी कर ली है.
आईडीएफ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी अत्याधिक आशंका है कि उन्हें किसी आईडीएफ़ जवान ने ग़लती से गोली मारी और बेशक वो सैनिक समझ नहीं पाया कि अकलेह पत्रकार हैं.
अधिकारी ने ये भी बताया कि जांचकर्ताओं ने हमला करने वाले सैनिक से बात की. उन्होंने कहा, "सैनिक ने बताया कि उसने असल में क्या किया, और अग किया, तो ये ग़लती से हुआ."
वेल्डन, 6 सितंबर (एपी)। कनाडा के सस्कैचेवान प्रांत में धारदार हथियार से 10 लोगों की हत्या के मामले में एक संदिग्ध की मौत हो गई है।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि जांच में पता चला है कि मृतक ने आत्महत्या नहीं की। पुलिस एक अन्य संदिग्ध की तलाश कर रही है।
रेजिना पुलिस प्रमुख इवान ब्रे ने कहा कि डेमियन सैंडरसन (31) मृत पाया गया और उसका भाई माइल्स सैंडरसन (30) फरार है।
डेमियन का शव उस स्थल पर पाया गया जहां धारदार हथियार से लोगों की हत्या की गई थी। पुलिस का मानना है कि माइल्स, सस्कैचेवान की राजधानी रेजिना में हो सकता है।
आरसीएमपी कमांडिंग अफसर सहायक आयुक्त रहोंडा ब्लैकमोर ने कहा, “उसका शव, तलाशी लिए जा रहे एक घर के बाहर घास पर पाया गया। उसके शव पर घाव के निशान थे। अभी तक यह माना जा रहा है कि उसने आत्महत्या नहीं की।”
मूलनिवासी समुदाय और पास के शहर में धारदार हथियार से श्रृंखलाबद्ध तरीके से लोगों की हत्या करने के दो दिन बाद संदिग्ध का शव मिला। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी और 18 घायल हो गए थे।
-क्रिस मेसन
लिज़ ट्रस के राजनीतिक करियर की सबसे अहम घड़ी आ गई है. लेबर पार्टी के वर्चस्व वाली एक लोकल अथॉरिटी में विपक्ष में बैठने से लेकर देश के सबसे बड़े पद तक पहुंचना, ट्रस ने एक लंबा सफ़र तय किया है.
वेस्टमिंस्टर के आस-पास महत्वकांक्षाओं की कमी नहीं है. प्रधानमंत्री बनने का सपना कई लोग देखते हैं. लेकिन ट्रस का सपना कल सच होने जा रहा है. मैं पहली बार उनसे 13 साल पहले मिला था, जब मैं बीबीसी रेडियो फ़ाइव का एक रिपोर्टर था.
वो ग्रीनविच काउंसल में थीं और साल 2001 में आम चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
साल 2005 के चुनावों में लेबर पार्टी के वर्चस्व वाले इलाक़े में उन्होंने टक्कर तो दी, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाईं. इसके बावजूद उनकी पार्टी ने उन्हें साउद वेस्ट नॉरफ़ोक की सुरक्षित सीट से चुनाव मैदान में उतारा.
लेकिन आफ़त तब आई जब वो पार्टी के सांसद मार्क फ़ील्ड के साथ उनके अफ़ेयर की ख़बरें बाहर आईं.
कोरोना वायरस
डेविड कैमरून के पार्टी को मॉडर्न बनाने और पार्टी की छवि को बदलने की कोशिश के बीच इस ख़बर से विवाद हुआ और कार्यकर्ता खुद को ठगा हुई महसूस करने लगे.
लेकिन लिज़ ट्रस को एक बार फिर ख़ुद को साबित करना था. वो पहले भी ऐसा कर चुकी थीं कि वो राजनीति में रहने के लिए फ़िट हैं. विवादों के बावजूद वो फिर कंज़र्वेटिव पार्टी की सांसद बनीं और अब एक दशक तक मंत्री रहने के बाद अब वो प्रधानमंत्री बनने जा रही है.
ग्रीनविच के लंबे समय तक काउंसलर के पद पर रहे एक व्यक्ति ने मुझे याद दिलाया कि काउंसिल मीटिंस के दौरान ट्रस अमूमन चुपचाप रहती थीं, और कमेटी के कामों फंसी जाती थीं.
वो इसके बारे में खुलकर बात भी करती थीं. वो कहती थीं कि काउंसिल प्लानिंग कमेटी की कंज़र्वेटिव होम वेबसाइट उनके "जीवन के कई घंटे लेती है जो उन्हें कभी वापस नहीं मिलेंगे."
वो 'सेक्स स्कैंडल' जिसकी वजह से ब्रिटेन के मंत्रियों ने छोड़ा बोरिस जॉनसन का साथ
उनके आगे बढ़ना के जज़्बे ने ही उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ने में मदद की, जो शायद ऋषि सुनक नहीं कर पाए. वो कभी काउंसलर नहीं रहे, और न ही किसी ऐसी सीट पर उन्हें मुकाबले का सामना करना पड़ा जहां लेबर पार्टी का वर्चस्व है.
शायद उनके अलग अनुभव ही उनके कैंपेन के अलग होने का कारण भी बने. सुनक, ट्रस के मुकाबले कई बार हिचकिचाते दिखे, कई बार असहज दिखे और राजनीति के शोर-शराबे और कभी गंभीर पक्षों में फंसते रहें.
लिज़ के यहां तक पहुंचने की कहानी शानदार है, लेकिन अब सामने कई चुनौतियां हैं. हालात अब अलग होंगे, बहुत अलग. उन्हें उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जो बोरिस जॉनिसन के सामने थीं.
लाखों लोगों के पास जिस रकम के बिल हैं, वो अदा नहीं कर सकते. यूरोप में जंग छिड़ी है और महामारी के प्रकोप से देश अब भी बाहर नहीं पाया है. सत्तारूढ़ पार्टी पिछले 12 सालों से सत्ता में हैं. इन चुनौतियों से निबटना आसान नहीं होगा.
उम्मीद की जा सकती है कि गुरुवार तक सरकार एनर्जी बिल को लेकर कोई बड़ा एलान करें. लिज़ ट्रस के लिए 'हनीमून पीरियड' का वक़्त बहुत कम है, क्योंकि देश कई सवालों के जवाब चाहता है, जो कि बोरिस जॉनसन की केयर टेकर सरकार नहीं दे पाई.
देश में महंगाई है, यूक्रेन का मुद्दा है, एनर्जी सिक्युरिटी, एनएचएस, ब्रेक्सिट का असर और आम चुनाव भी बहुत दूर नहीं हैं. आम चुनाव जनवरी 2025 में से पहले होंगे. कंज़र्वेटिव पार्टी लेबर पार्टी के पीछे नजर आ रही है.
राजनीति को रीसेट किया जा रहा है, लेकिन प्रतिस्पर्धा और शोरगुल जारी रहेगा, ये अप्रत्याशित बनी रहेगी. कई चीज़ें बदल सकती हैं, कुछ कभी नहीं बदलतीं.
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने जाने की दौड़ में ऋषि सुनक की क़ाबिलियत और लोकप्रियता के बावजूद उनकी हार कमोबेश तय थी.
उनकी प्रतिद्वंद्वी और देश की विदेश मंत्री लिज़ ट्रस पोल्स में उनसे कहीं आगे थीं.
भारतीय मूल के उम्मीदवार ऋषि सुनक, जो हाल तक ब्रिटेन के वित्त मंत्री थे, अगर प्रधानमंत्री चुने जाते तो ये एक ऐतिहासिक क्षण होता.
उनसे पहले भी दक्षिण एशियाई मूल के नेता ब्रिटेन में बड़े पदों पर आए हैं.
वो मंत्री भी बने हैं और मेयर भी, जैसे प्रीति पटेल इस देश की गृह मंत्री हैं और सादिक़ खान लंदन के मेयर. लेकिन प्रधानमंत्री के पद का दावेदार अब तक कोई नहीं हुआ था.
डॉक्टर नीलम रैना यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं. वो कहती हैं, "भारत की तुलना में इस देश की संसद में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व कहीं ज़्यादा है. लेकिन ऋषि का चुना जाना ऐतिहासिक इसलिए होता क्योंकि उनकी नस्लीय पहचान अलग है."
दुनिया भर में भारतीय मूल के नेताओं की एक लंबी सूची है जो मॉरीशस, गुयाना, आयरलैंड, पुर्तगाल या फिजी जैसे कई देशों के या तो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति रह चुके हैं या हैं.
42 वर्षीय ऋषि सुनक का नाम इस सूची में जुड़ सकता था. सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. इस पद पर कोविड महामारी से कामयाबी से निपटने पर उन्होंने काफ़ी नाम कमाया था. अगर वो जीत जाते तो शायद उस नज़रिये को भी ठोस तरीक़े से स्थापित कर देता कि विश्व भर में ब्रिटिश समाज विविधता की एक बड़ी मिसाल है.
ऋषि सुनक हिंदू हैं और धार्मिक तौर तरीक़े भी अपनाते हैं. 2015 में संसद का पहली बार चुनाव जीतने के बाद उन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी.
भारतीय मूल के लोग उनकी जीत के लिए प्रार्थना कर रहे थे. उनमें से एक ऋषि के शहर साउथैंप्टन के निवासी 75 वर्षीय नरेश सोनचाटला भी थे जो ऋषि को बचपन से जानते हैं. नरेश सोनचाटला ने कहा, "मुझे लगता था ऋषि प्रधानमंत्री बनेंगे. लेकिन वो नहीं बन पाए. मुझे लगता है इसकी वजह उनकी चमड़ी का रंग हो सकता है."
अगस्त के महीने में बीबीसी हिंदी की एक टीम ने ब्रिटेन के अपने दौरे में ये पाया कि नरेश सोनचाटला की तरह एशियाई मूल के लोगों में इस बात का आम तौर से डर था कि ऋषि को उनकी चमड़ी का रंग उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोक सकता है.
समुदाय के डर की ख़ास वजह थी कंज़र्वेटिव पार्टी के सदस्यों की सोच. पार्टी के 160,000 से अधिक सदस्यों को अपना वोट देकर ऋषि सुनक और लीज़ ट्रस किसी एक लीडर को चुनना था. इस चुनाव के नतीजे से ये साफ़ हो गया कि कंज़र्वेटिव पार्टी अभी किसी ग़ैर गोरे को प्रधानमंत्री चुनने के लिए तैयार नहीं है.
पार्टी के 97 प्रतिशत सदस्य गोरे हैं और 50 प्रतिशत से अधिक पुरुष. कुल सदस्यों में से 44 प्रतिशत वो सदस्य हैं, जिनकी उम्र 65 साल से ज़्यादा है.
ऋषि पसंद क्यों नहीं आए?
कंज़र्वेटिव पार्टी की युवा पीढ़ी ऋषि के पक्ष में नज़र आती है लेकिन वरिष्ठ सदस्यों में झुकाव लिज़ ट्रस की तरफ़ है. पिछले महीने कुछ बूढ़े सदस्यों ने बीबीसी हिंदी टीम से यहाँ तक कह दिया था कि वो ऋषि को पसंद ज़रूर करते हैं लेकिन उनका वोट लिज़ ट्रस को जाएगा. पार्टी में वरिष्ठ सदस्यों की संख्या अधिक होने के कारण पार्टी का अधिकतर मत लिज़ ट्रस को पड़ा.
लेकिन ऋषि की चमड़ी का रंग ही उनकी हार का अकेला कारण नहीं हो सकता. संजय सक्सेना लंदन में बार्कले बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं.
उनके अनुसार, पार्टी के लोगों ने दोनों नेताओं की आर्थिक नीतियों और प्रोग्राम को देख कर ही अपना मत दिया होगा.
वो कहते हैं, "मैं इस देश में पिछले 20 साल से रह रहा हूँ. मैंने विविधता देखी है, महसूस किया है. भारतीय मूल के लोगों को बड़े पदों पर जाते देखा है. मैं नहीं समझता कि ऋषि की हार उनकी चमड़ी के रंग के कारण हुई है. लिज़ ने प्रधानमंत्री बनने पर तुरंत टैक्स कटौती का जो वादा किया है, वो आम जनता को आकर्षित कर रहा था और पार्टी के वोटर वही हैं, जो टैक्स के बढ़ने से प्रभावित हुए थे."
कुछ विशेषज्ञ पहले से ही कह रहे थे कि लिज़ ट्रस के वादे आम जनता को लुभाने वाले थे, जिसके कारण पार्टी के लोगों ने उन्हें वोट दिया.
लिज़ ने, जो देश की विदेश मंत्री भी हैं, परिवारों की मदद करने के इरादे से कॉर्पोरेशन टैक्स में एक नियोजित वृद्धि को रद्द करने का वचन दिया था.
ऋषि सुनक ने अप्रैल में देश के वित्त मंत्री की हैसियत से नेशनल इंश्योरेंस या राष्ट्रीय बीमा वृद्धि की थी. लिज़ ने वचन दिया था कि वो इस बढ़ोतरी को वापस लेंगी. उनका तर्क दिया था कि उच्च कर अर्थव्यवस्था में "संभावित रूप से विकास को रोक रहे हैं."
ऋषि के संतुलित वादे
ऋषि सुनक का तर्क था कि वो 'तुरंत राहत' मिलने वाले वादों के बजाय पहले अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेंगे, जिसके कारण टैक्स में फ़ौरन कटौती मुमकिन नहीं. ऋषि सुनक का कहना था कि वो झूठे या कभी न पूरे होने वाले वादे करके जनता को गुमराह नहीं करना चाहते थे. उन्होंने कई बार कहा कि उन्हें हार मंज़ूर है लेकिन जनता से बेईमानी नहीं.
ब्रिटेन में आम धारणा यह है कि ऋषि सुनक बहुत ही अमीर और पॉश हैं, जो आम लोगों से उनके फ़ासले का मुख्य कारण बन गया है.
हाल के एक सर्वे के अनुसार ब्रिटेन के 250 सबसे अमीर परिवारों में उनकी गिनती होती है. लेकिन क्या वो पैदाइशी अमीर थे? उनका जन्म सॉउथैंप्टन शहर में एक मध्यम वर्ग परिवार में हुआ.
पिता डॉक्टर और माता एक केमिस्ट थीं. बचपन में सॉउथैंप्टन के एक मंदिर में उनका उनका आना-जाना रहता था, जहाँ के लोगों ने बताया कि वो एक साधारण परिवार से हैं. यहाँ शिक्षा पर अधिक ज़ोर था. वो अमीर बने तो अपनी मेहनत से.
अपनी वेबसाइट पर ऋषि लिखते हैं, "मेरे माता-पिता ने बहुत त्याग किया ताकि मैं अच्छे स्कूलों में जा सकूं. मैं भाग्यशाली था कि मुझे विनचेस्टर कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौक़ा मिला."
ऋषि ने इंफ़ोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से 2009 में बेंगलुरु में शादी की थी. अब इनके दो बच्चे भी हैं. कहा जाता है कि उनकी घोषित 73.0 करोड़ पाउंड की संपत्ति की मालकिन उनकी पत्नी हैं.
ऋषि सेल्फ़-मेड हैं, वो अपनी वेबसाइट पर कहते हैं, "मैं एक सफल व्यावसायिक करियर का आनंद लेने के लिए भाग्यशाली रहा हूँ. मैंने एक बड़ी निवेश फर्म की सह-स्थापना की, जो सिलिकॉन वैली से लेकर बेंगलुरु तक की कंपनियों के साथ काम कर रही है."
ऋषि से नाराज़ पार्टी
कुछ लोग ये भी कहते हैं कि पार्टी के कई सदस्य इस बात से ऋषि से नाराज़ हैं कि उन्होंने बोरिस जॉनसन की पीठ में छुरा घोंपा. इस साल जुलाई में ऋषि के अपने वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ही कई मंत्रियों ने बोरिस जॉनसन की कैबिनेट को छोड़ दिया था जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा.
इसके बाद नए प्रधानमंत्री के चुनाव के पहले राउंड में आठ उम्मीदवार सामने आए थे. आख़िरी राउंड से पहले सभी राउंड में पार्टी के सांसदों को वोट देना था, जिन्होंने ऋषि और लिज़ को चुना था. लोगों का कहना है कि बोरिस जॉनसन ने ऋषि को आगे बढ़ाने में उनकी काफ़ी मदद की थी. ऋषि के इस्तीफे के बाद से अब तक बोरिस जॉनसन ने उनसे बात नहीं की है.
भले ही कंज़र्वेटिव पार्टी किसी ग़ैर गोरे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए तैयार न हो, देश की जनता इसके लिए तैयार नज़र आती है.
देश भर में ऋषि सुनक की लोकप्रियता लिज़ ट्रस से कहीं अधिक महसूस होती है. अगर ये आम चुनाव होता तो ऋषि सुनक आसानी से जीत जाते. शायद ऋषि सुनक और उनके समर्थकों को 2024 के आम चुनाव का इंतज़ार रहेगा. (bbc.com/hindi)
(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 5 सितंबर। चीन के दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत की लुडिंग काउंटी में सोमवार को 6.8 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसमें कम से कम 21 लोगों की मौत हो गयी।
यह प्रांत पहले ही कोविड-19 के बढ़ते मामलों और अभूतपूर्व सूखे की समस्या से जूझ रहा है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आया और भूकंप का केंद्र 29.59 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 102.08 डिग्री पूर्वी देशांतर पर, जमीन से 16 किलोमीटर की गहरायी में स्थित था।
भूकंप का केंद्र लुडिंग काउंटी से 39 किलोमीटर दूर स्थित था और भूकंप के केंद्र के पांच किलोमीटर के दायरे में कई गांव आते हैं। भूकंप के झटके सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदु में भी महसूस किए गए, जो भूकंप के केंद्र से 226 किलोमीटर दूर स्थित है।
चीन के सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में चेंगदु में इमारतों को हिलते हुए देखा जा सकता है। अभी किसी इमारत को नुकसान पहुंचने की जानकारी नहीं है।
सिचुआन प्रांत तिब्बत के पड़ोस में स्थित है और भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। इस प्रांत में 2008 में 8.2 की तीव्रता वाला विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें करीब 69,000 लोगों की मौत हो गयी थी। प्रांत में 2013 में सात की तीव्रता के भूकंप में 200 लोगों की जान चली गयी थी।
चेंगदु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है। निवासियों को घरों में रहने के लिए कहा गया है और हर घर से केवल एक व्यक्ति को प्रतिदिन आवश्यक सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की अनुमति है। (भाषा)
हरारे (जिम्बाब्वे), 5 सितंबर। जिम्बाब्वे में खसरे के प्रकोप से जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर लगभग 700 हो गई है। यह जानकारी देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी।
कुछ लोग ऐसे देश में टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं जहां 1.5 करोड़ की आबादी पर आधुनिक चिकित्सा विरोधी धार्मिक संप्रदायों का प्रभाव है।
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सप्ताहांत में घोषणा की थी कि अप्रैल में खसरे का प्रकोप शुरू होने के बाद से रोग से 698 बच्चों की मौत हो गई है।
मंत्रालय ने कहा कि इनमें से 37 मौतें एक सितंबर को एक ही दिन में हुईं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने चार सितंबर तक 6,291 मामले दर्ज किए हैं।
नवीनतम आंकड़े लगभग दो सप्ताह पहले घोषित मृतक संख्या से चार गुना से अधिक हैं, जब मंत्रालय ने कहा था कि 157 बच्चों ने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। मंत्रालय ने कहा कि इनमें से अधिकांश बच्चों को उनके परिवार की धार्मिक मान्यताओं के कारण टीके नहीं लगाये गये थे।
मेडिकल एंड डेंटल प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स आफ जिम्बाब्वे एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जोहान्स मारिसा ने सोमवार को बताया कि सरकार को बड़े पैमाने पर चल रहे टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाना चाहिए और विशेष रूप से टीकाकरण विरोधी धार्मिक समूहों को लक्षित करते हुए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।
मारिसा ने कहा, ‘‘सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए दंडात्मक उपायों पर भी विचार करना चाहिए कि किसी को भी अपने बच्चों का टीकाकरण कराने से इनकार करने की अनुमति नहीं हो।’’
उन्होंने सरकार से ‘‘खसरा जैसी जानलेवा बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण को अनिवार्य बनाने वाले कानून बनाने पर विचार करने’’ का आग्रह भी किया।
यूनिसेफ ने सोमवार को कहा कि वह खसरे के कारण बच्चों की मौतों की संख्या से ‘‘बहुत चिंतित’’ है। एजेंसी ने कहा कि वह टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से इस रोग के प्रकोप से निपटने में सरकार की सहायता कर रही है।
खसरे का प्रकोप पहली बार अप्रैल की शुरुआत में पूर्वी मानिकलैंड प्रांत में सामने आया था और तब से यह देश के सभी हिस्सों में फैल गया है।
सूचना मंत्री मोनिका मुत्सवांगवा ने अगस्त में कहा था कि ऐसे कई बच्चों की मौत हुई है जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था। जिम्बाब्वे के मंत्रिमंडल ने रोग के प्रकोप से निपटने के लिए आपदाओं से निपटने में इस्तेमाल किया जाने वाला कानून लागू किया है।
सरकार ने 6 महीने से 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए एक व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू किया है। (एपी)
सैन फ्रांसिस्को, 5 सितम्बर | एलन मस्क द्वारा संचालित स्पेसएक्स ने सोमवार को कहा कि उसने इस साल अब तक अपने 40 वें मिशन को पूरा करते हुए 51 और स्टारलिंक उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक तैनात किया है।
फाल्कन 9 रॉकेट ने 51 स्टारलिंक उपग्रहों और स्पेसफ्लाइट के शेरपा-एलटीसी को अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 (एसएलसी-40) से कक्षा में लॉन्च किया।
कंपनी ने ट्वीट में कहा, "51 स्टारलिंक उपग्रहों की तैनाती की पुष्टि, इस साल अब तक स्पेसएक्स का 40वां मिशन पूरा! स्पेसफ्लाइट शेरपा-एलटीसी की तैनाती की पुष्टि।"
शेरपा-एलटीसी ऑर्बिटल ट्रांसफर व्हीकल (ओटीवी) में स्पेसफ्लाइट का कस्टमर पेलोड (बोइंग के वरुण टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन मिशन का हिस्सा) है, जिसका उद्देश्य 147 गैर-जियोस्टेशनरी ब्रॉडबैंड उपग्रहों के भविष्य के नक्षत्र के लिए वी-बैंड संचार का परीक्षण करना है।
स्पेसएक्स का फाल्कन 9 शेरपा-एलटीसी को पृथ्वी से 310 किलोमीटर की ऊंचाई पर गिराएगा। फिर, शेरपा-एलटीसी अपने ऑनबोर्ड हाई-थ्रस्ट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग अपनी निर्दिष्ट 1,000 किलोमीटर की सर्कुलर कक्षा में पैंतरेबाजी करने के लिए करेगा जहाँ इसका 2 साल तक परीक्षण किया जाएगा।
पिछले हफ्ते, मस्क ने कहा कि स्पेसएक्स अब लगभग हर पांच दिनों में स्टारलिंक उपग्रहों को लॉन्च कर रहा है और 2023 में 100 कक्षीय मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
मस्क के अनुसार, स्पेसएक्स अब लगभग हर पांच दिनों में रॉकेट लॉन्च कर रहा है जिससे कंपनी को अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल करने में मदद मिलेगी।
स्पेसएक्स ने पहले ही सबसे अधिक वार्षिक प्रक्षेपण (31) के लिए अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है और अब संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य है।
पिछले महीने के अंत में, स्पेसएक्स ने अपने 54 और स्टारलिंक ब्रॉडबैंड उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च किया और समुद्र में एक जहाज पर एक रॉकेट उतारा।
ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा सभी रॉयल कैरेबियन इंटरनेशनल, सेलिब्रिटी क्रूज और सिल्वरसिया क्रूज जहाजों साथ ही प्रत्येक ब्रांड के लिए सभी नए जहाजों के साथ स्थापित की जाएगी।
स्थापना 2023 की पहली तिमाही के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। (आईएएनएस)|
ब्रिटेन में नए प्रधानमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और आज विजेता के नाम का एलान किया जएगा. भारतीय मूल के ऋषि सुनक और लिज़ ट्रस के बीच ये मुक़ाबला था. जानकारों का कहना है कि लिज़ ट्रस का जीतना लगभग तय माना जा रहा है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार परिणाम की घोषणा आज दोपहर साढ़े चार बजे की जाएगी.
अगर चुनाव लिज़ ट्रस जीतती हैं तो वह टरीज़ा मे और मार्गरेट थैचर के बाद ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी.
ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी की सरकार है. लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ मंत्रियों के इस्तीफ़े के बाद पार्टी के नेता और पीएम बोरिस जॉनसन ने इस्तीफ़ा देने की घोषणा कर दी थी.
उनकी घोषणा के बाद पार्टी नया नेता चुन रही है. ब्रितानी संसद में बहुमत पाने वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बनता है. तो जो भी पार्टी के भीतर हुए चुनाव में जीतेगा वही ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनेगा.
बीते डेढ़ महीने से चल रही चुनावी प्रक्रिया में कई दौर की वोटिंग हुई, जिसमें लिज़ ट्रस आगे रही हैं. सोमवार को पोस्टल और ऑनलाइन वोटिंग आठ सप्ताह के बाद बीते शुक्रवार बंद हो गई थी.
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में लिज़ ट्रस ने पीएम चुने जाने की प्रक्रिया को अपने करियर का 'सबसे लंबा जॉब इंटरव्यू' बताया है.
बोरिस जॉनसन ने अपनी सरकार पर कई आरोप लगने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था. मंगलवार को बोरिस जॉनसन अपना विदाई भाषण देंगे.
दक्षिणपश्चिमी चीन में सोमवार को 6.6 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए.
समाचार एजेंसी एएफ़पी ने अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस)के हवाले से बताया कि भूकंप का केंद्र सिचुआन प्रांत के कांगदिंग शहर से दक्षिणपूर्व की ओर 43 किलोमीटर दूर था.
हालांकि, अभी तक भूकंप की वजह से किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है.
एक स्थानीय निवासी एएफ़पी को बताया कि चेंगदू शहर में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए.
दक्षिणपश्चिमी चीन में इसी साल जून में भी तेज़ भूकंप की वजह से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे.
उस समय चेंगदू शहर से पश्चिम की ओर 100 किलोमीटर दूर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था. (bbc.com/hindi)
कंजरवेटिव पार्टी के नेता के चुनाव की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो जाएगी जिसके बाद इस बात का फ़ैसला हो जाएगा कि ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री की रेस में लिज ट्रस ने बाज़ी मारी या ऋषि सुनक ने.
हालाँकि, सर्वेक्षणों के हिसाब से विदेश मंत्री लिज़ ट्रस का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के जुलाई में इस्तीफ़े के एलान के बाद से पार्टी के नेता पद की रेस में लिज़ ट्रस ने पार्टी सदस्यों में लगातार अपनी बढ़त बरक़रार रखी है.
ब्रिटेन में पार्टियों की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार का निर्णय उसके सदस्यों के वोट से होता है जो ब्रिटेन की आबादी के एक फ़ीसदी से भी कम हैं.
विजेता का चुनाव कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य करते हैं. वे जिस उम्मीदवार को चुनेंगे, वे संसद के निचले सदन 'हाउस ऑफ कॉमन्स' की बहुमत वाली पार्टी के नेता के रूप में अपने आप ही प्रधानमंत्री बन जाएंगे.
अपनी पार्टी के सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए सुनक और ट्रस ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया. इन कार्यक्रमों में इन दोनों ही उम्मीदवारों से उनकी नीतियों के बारे में सवाल किए गए.
इन कार्यक्रमों में कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों ने भाग लिया और इसका प्रसारण पार्टी की वेबसाइट के ज़रिए किया गया. पार्टी के सदस्यों के अलावा इसमें पत्रकारों को भी भाग लेने की अनुमति दी गई. हालांकि वे सवाल नहीं पूछ सकते थे.
कैसे हुआ मतदान?
पार्टी के सदस्य शुक्रवार 2 सितंबर तक मतदान कर सकते थे. वोट डालने के लिए कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों को 3 जून, 2022 या उससे पहले इस पार्टी में शामिल होना था.
मतदान के योग्य सभी सदस्य डाक द्वारा या ऑनलाइन अपना मत डाल सकते थे.
वैसे पहले योजना बनाई गई थी कि पार्टी का कोई सदस्य दो बार वोट डाल सकता था. हालांकि दूसरी बार डाले गए वोट ही गिने जाते.
हालांकि देश की ख़ुफ़िया और सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार संस्था गवर्नमेंट कम्युनिकेशंस हेडक्वार्टर यानी जीसीएचक्यू के तहत काम करने वाले नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर यानी एनसीएससी ने चेतावनी दी कि इस प्रक्रिया में कोई अन्य देश दख़ल दे सकता है.
इस चेतावनी के बाद कंजरवेटिव पार्टी ने अपने सदस्यों को केवल एक बार वोट डालने की अनुमति देने का निर्णय लिया.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि कंजरवेटिव पार्टी के कुल कितने सदस्य हैं. वैसे भी किसी राजनीतिक दल को सटीक संख्या देने की ज़रूरत भी नहीं होती.
वैसे 2019 के पार्टी नेता के चुनाव में लगभग 1.6 लाख लोग वोट डालने के योग्य थे. कंजरवेटिव पार्टी का कहना है कि तब से यह संख्या बढ़ी है.
कब पता चलेगा कि कौन होगा नया पीएम?
पार्टी के नए नेता का एलान 1922 कंजरवेटिव बैकबेंच सांसदों की समिति के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी करेंगे. यह एलान सोमवार 5 सितंबर को स्थानीय समय के अनुसार 12.30 बजे किया जाएगा. भारत में तब शाम के 5 बज रहे होंगे.
उम्मीद है कि मौजूदा पीएम बोरिस जॉनसन इस एलान के अगले दिन अपना इस्तीफ़ा महारानी को सौंप देंगे. उसके बाद महारानी उनके उत्तराधिकारी को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त कर देंगी.
क्या बोरिस जॉनसन अभी भी पीएम हैं?
संवैधानिक रूप से देश का हमेशा एक प्रधानमंत्री होना चाहिए. इसलिए अपने उत्तराधिकारी के पद संभालने तक बोरिस जॉनसन अपने पद पर बने रहेंगे.
सत्ताधारी दल की सलाह पर इसके नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के लिए आम तौर पर उन्हें बकिंघम पैलेस में बुलाया जाता है.
हालांकि, परंपरा से इतर महारानी अभी बाल्मोरल में हैं. ऐसे में नए प्रधानमंत्री और बोरिस जॉनसन दोनों उनसे मिलने स्कॉटलैंड जाएंगे.
क्या बोरिस जॉनसन के पास अभी भी पावर हैं?
वे जब तक महारानी के पास जाकर औपचारिक रूप से अपना इस्तीफ़ा उन्हें नहीं सौंप देते, तब तक उनके पास प्रधानमंत्री की सभी शक्तियाँ होती हैं.
वैसे हक़ीक़त यही है कि नई नीति लाने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है. अपने कैबिनेट से भी उन्होंने वादा किया है कि वे बड़े बदलाव नहीं करेंगे.
क्या होंगे आम चुनाव?
जब कोई प्रधानमंत्री अपना इस्तीफा देता है, तो देश में अपने आप आम चुनाव नहीं हो जाते. उदाहरण के लिए, टेरेसा मे ने 2016 में जब डेविड कैमरन से प्रधानमंत्री का दायित्व संभाला था, तो उन्होंने तत्काल चुनाव नहीं कराने का फैसला किया था.
यदि नए प्रधानमंत्री तय समय से पहले चुनाव न कराने का निर्णय लेते हैं, तो देश में जनवरी 2025 से पहले अगला चुनाव होने की संभावना नहीं है.
कैसे हुआ अंतिम दो उम्मीदवारों का चयन?
कंजरवेटिव पार्टी के 357 योग्य सांसदों ने कई दौर तक चली मतदान प्रक्रिया के तहत अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हर दौर में सबसे कम वोट पाने वाला उम्मीदवार बाहर होता गया.
यह प्रक्रिया तब तक चलती रही, जब तक कि केवल दो ही उम्मीदवार नहीं बच गए. और ये दो उम्मीदवार थेः पूर्व चांसलर ऋषि सुनक और विदेश मंत्री लिज ट्रस.
रेस से बाहर हुए पहले केसभीउम्मीदवार:
1. व्यापार मंत्री पेनी मोरडोंट (पांचवां दौर)
2. पूर्व इक्वलिटीज़ मंत्री केमी बडेनोच (चैथा दौर)
3. विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम तुगेंडेट (तीसरा दौर)
4. अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन (दूसरा दौर)
5. चांसलर नादिम ज़हावी (पहला दौर)
6. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेरेमी हंट (पहला दौर)
कनाडा के सेंट्रल सैसकैचवान प्रांत की पुलिस का कहना है कि चाकू से हमले में कम से कम 10 लोगों की जान गई है और 15 लोग ज़ख़्मी हुए हैं.
13 अलग-अलग जगहों पर इस हमले में लोग शिकार बने हैं. इनमें जेम्स स्मिथ क्री नेशन और वेलडन भी शामिल हैं. इस हमले में शामिल दो संदिग्धों के नाम हैं- 31 साल के डेमिइन सैंडर्सन और 30 साल के मिल्स सैंडर्सन. दोनों अभी छुपे हुए हैं. इन्हें हथियारों से लैस और ख़तरनाक माना जा रहा है.
आसपास के निवासियों को घरों में ही रहने के लिए कहा गया है. पुलिस संदिग्धों को पकड़ने के लिए व्यापक पैमाने पर खोजी अभियान चला रही है. सैसकैचवान के रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस ने ट्वीट कर कहा है, ''सुरक्षित ठिकानों से बाहर न निकलें और सतर्कता के तौर पर अपने घर में किसी को भी नहीं आने दें.''
पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर चेकपॉइंट्स लगाए हैं. पुलिस सख़्ती से आने-जाने वालों की जांच कर रही है. पुलिस ने ड्राइवरों के आग्रह किया है कि वे किसी को भी लिफ्ट ना दें. जेम्स स्मिथ क्री नेशन में आपातकाल लगा दिया गया है. यहीं उत्तर-पूर्व में वेलडन गाँव है, जो यहाँ के मूलनिवासियों के लिए सुरक्षित है. इस इलाक़े में सभी के मोबाइल पर पुलिस ने अलर्ट भेजा है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हमले को भयावह बताया है. ट्रूडो ने कहा, ''मैं उन्हें लेकर चिंतित हूँ, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है और जो इस हमले में ज़ख़्मी हुए हैं.''
रविवार की शाम पुलिस ने प्रेस वार्ता में कहा कि इस हमले में घायलों की संख्या ज़्यादा हो सकती है. पुलिस का कहना है जिनके परिजनों ने घायलों को अस्पतालों में ख़ुद भर्ती करवाया है, वे पुलिस को तत्काल सूचित करें.
रॉयल कनाडियन माउंडेट पुलिस यानी आरसीएमपी के कमांडिग ऑफिसर रोन्डा ब्लैकमोर का कहना है कि कुछ लोगों को दोनों संदिग्धों ने जानबूझकर निशाना बनाया गया होगा और अन्य पर अंधाधुंध हमला किया होगा. (bbc.com/hindi)