अंतरराष्ट्रीय
वाशिंगटन, 21 सितंबर | सीमा सुरक्षा के अधिकारियों ने एक महिला को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को ज़हरीला ख़त भेजने के आरोप में गिरफ़्तार किया है। यह महिला कनाडा से अमेरिका में घुसने की कोशिश में थी। इसके पास से एक हथियार भी मिला है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को ज़हरीले केमिकल वाला ख़त भेजने की आरोपी महिला को सीमा बल ने कनाडा की सीमा से गिरफ़्तार किया है। व्हाइट हाउस के पते पर जो लिफ़ाफ़ा भेजा गया उसमें रिसिन नामक ख़तरनाक ज़हर था। आरोपी महिला कनाडा से अमेरिका में घुसने की फ़िराक़ में थी, अधिकारियों ने बताया है कि उसके पास से एक बंदूक भी मिली है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसर, गिरफ़्तार की गई महिला कनाडा-न्यूयॉर्क सीमा से अमेरिका में दाख़िल होने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे अमेरिकी सीमा पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। संघीय अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि महिला पर अमेरिकी क़ानून के तहत मुक़दमा चलाया जाएगा। आरोप है कि महिला ने जो ख़त भेजा था वह राष्ट्रपति ट्रम्प के नाम पर था। इस ख़त की जानकारी अधिकारियों को तब लगी जब वे व्हाइट हाउस आए पत्रों की जांच कर रहे थे।
एफ़बीआई की शुरुआती जांच में ज़हरीले पदार्थ रिसिन की पुष्टि हुई है। रिसिन को ख़तरनाक ज़हर माना जाता है और यह मुख्य रूप से अरंडी की फलियों में पाया जाता है और अगर यह ज़हरीला पदार्थ सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है तो संक्रमित व्यक्ति को उल्टी हो सकती है, शरीर के भीतर रक्तस्राव शुरू हो सकता है और अंग काम करना बंद कर सकते हैं। यह ज़हर 48 से 72 घंटे के भीतर किसी व्यक्ति को मार सकता है। इस खतरनाक ज़हर का अब तक कोई एंटीडोट तैयार नहीं हो पाया है। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस का कहना है कि यह ख़त कनाडा से भेजा गया था, हालांकि अधिकारियों को इस बारे में बात करने की इजाज़त नहीं है, उन्होंने नाम ना ज़ाहिर करने की शर्त पर यह बात बताई है। कनाडा की पुलिस के मुताबिक़ एफ़बीआई ने उससे संदिग्ध ख़त के बारे में मदद मांगी है। पुलिस इस मामले में एफ़बीआई के साथ मिलकर काम कर रही है, हालांकि पुलिस ने इस बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया है।
उल्लेखनीय है कि, अमेरिका में पहले भी ख़त और पार्सल के ज़रिए ज़हर भेजने की घटनाएं हो चुकी हैं। 2018 में अमेरिका के यूटा में एक व्यक्ति ने ट्रम्प के साथ साथ एफ़बीआई निदेशक को ज़हरीला पदार्थ भेजा था, लेकिन व्हाइट हाउस पहुंचने के पहले ही उस ख़त को पकड़ लिया गया था और कोई भी संक्रमित नहीं हुआ था। इससे पहले वर्ष 2014 में तात्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को रिसिन के पाउडर से लिपटा ख़त भेजने के एक आरोपी को 25 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी। मिसिसिपी के रहने वाले दोषी ने ओबामा के साथ साथ कई अधिकारियों को ज़हरीला ख़त भेजा था। (parstoday)
बीजिंग, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिका ने 19 तारीख को एकतरफा घोषणा की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ईरान पर प्रतिबंध लगाएगा। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र में स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि चांग चुन ने 20 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को भेजे अपने एक पत्र में चीन का रुख बताया। चांग चुन ने कहा कि अमेरिका मई 2018 में ईरानी परमाणु मुद्दे पर व्यापक समझौते से बाहर निकल गया है और व्यापक समझौते में भागीदार नहीं है। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद से प्रतिबंधों को बहाल करने का आग्रह किया, यह निराधार है। सुरक्षा परिषद के तेरह सदस्यों ने इस साल अगस्त में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को बताया कि अमेरिका के निर्णयों या कार्यों का कोई कानूनी, राजनीतिक या व्यावहारिक प्रभाव नहीं है।
चांग चुन ने जोर देते हुए कहा कि उपरोक्त कारणों के आधार पर ईरान पर प्रतिबंधों की बहाली सक्रिय नहीं हुई और सुरक्षा परिषद के 2231वें प्रस्तावों के अनुसार, ईरान पर प्रासंगिक प्रतिबंधों को समाप्त करना जारी रखेगा। चीन व्यापक समझौते की प्रभाविकता और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अधिकारिकता को बनाए रखता है और ईरानी परमाणु मुद्दे के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देना जारी रखेगा।
मॉस्को, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| रूस की राजधानी मॉस्को में 60,000 से अधिक लोगों ने कोरोनावायरस वैक्सीन परीक्षणों के लिए आगे आने का आवेदन दिया है और 700 से अधिक लोगों को इंजेक्शन लगाया गया है। स्पुतनिक-5, जो कि एक एडेनोवायरस वेक्टर-आधारित वैक्सीन है, उसे गामलेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। इसे 11 अगस्त को पंजीकृत किया गया था।
मेयर सर्गेई सोबयानिन ने रविवार को कहा, 60,000 से अधिक लोगों ने स्वयंसेवक के रूप में ट्रायल के लिए हस्ताक्षर किए हैं, कई हजार लोगों ने परीक्षण के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में पंजीकृत होने के लिए आवश्यक चिकित्सा परीक्षण पास किया है।
रूस के तास न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अब तक 700 लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई है। वो सभी ठीक हैं।
वैक्सीन को उस प्लेटफॉर्म पर विकसित किया गया था जिसका उपयोग कई अन्य टीकों के लिए किया गया था।
बता दें कि 15 अगस्त को रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन का उत्पादन शुरू करने की घोषणा की थी
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देश के सभी स्कूलों के लिए नया आदेश जारी किया है। इसके तहत बच्चों को 90 मिनट तक उनकी महानता की कहानी पढ़ाई जानी है।
प्योंगयांग, ऑनलाइन डेस्क/एजेंसी। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के बाद अब स्कूलों के शिक्षक और बच्चों के पैरंट्स खासे परेशान है। तानाशाह का नया फरमान है कि अब सभी स्कूलों में बच्चों को रोजाना 90 मिनट तक उसकी महानता की कहानी पढ़ाई जाए जिससे बच्चे उन्हें अपना आदर्श मानें और देश के लिए वफादार हो सके। इससे पहले तक नॉर्थ कोरियाई स्कूली छात्रों को किम जोंग-उन के बारे में पढ़ाए जाने के लिए केवल 30 मिनट का समय तय था।
महानता शिक्षा के तहत जारी किया गया आदेश
नॉर्थ कोरिया की एजेंसी केसीएनए के अनुसार स्कूली बच्चों को 90 मिनट तक किम के बारे में पढ़ाने के लिए जो आदेश जारी किया गया है, उसका एक सीधा सा मतलब है कि किम के प्रति युवा वफादार रहें। किम जोंग की ओर से उनकी बहन किम यो जोंग इस आदेश का पालन करवाने के लिए चीजें मॉनीटर कर रही हैं। वो अचानक से किसी स्कूल में इसको देखने के लिए भी जा सकती हैं या अपने किसी खास से उसकी रिपोर्ट भी मांग सकती हैं। ये नया सरकारी निर्देश बीते माह ही जारी किया गया है। चूंकि अभी स्कूल वगैरह बंद चल रहे हैं इस वजह से ये आदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं जिससे जब स्कूल खुले तो बच्चों को उसी हिसाब से पढ़ाया जा सके।
किम को बताया जा रहा बहुत बुद्धिमान बच्चा
इस नई शिक्षा के तहत शिक्षक स्कूल के बच्चों को ये बताएंगे कि तानाशाह किम जोंग उन एक बहुत ही बुद्धिमान बच्चा था। उसने 5 साल की उम्र में एक नौका की सवारी की थी। निशाना लगाने का अभ्यास किया और पढ़ना पसंद करता था। पिता किम जोंग इल की साल 2011 में मौत के बाद देश को संभालने का जिम्मा उठाया। साल 1948 में नॉर्थ कोरिया का गठन हुआ था, उसके बाद से वो एक कम्युनिस्ट तानाशाही के रूप में चल रहा है। किम जोंग उन के दादा किम इल-सुंग ने नॉर्थ कोरिया की स्थापना की थी, वो ही इसके पहले नेता थे, उन्होंने देश को स्थापित करने के लिए काम किया था।
बात नहीं बनी दो बने साउथ और नॉर्थ कोरिया
दूसरे विश्व युद्ध के बाद कोरिया को दो भागों में बांट दिया गया था, एक नॉर्थ कोरिया बना और दूसरा साउथ कोरिया। नॉर्थ कोरिया सोवियत संघ के कब्जे में था और साउथ कोरिया संयुक्त राज्य द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था। एकीकरण वार्ता (Integration talks)विफल होने के बाद कोरियाई क्रमशः कम्युनिस्ट नॉर्थ कोरिया और पूंजीवादी साउथ कोरिया के गठन के लिए
अलग-अलग देशों ने किया समर्थन
संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने साउथ कोरिया की ओर से हस्तक्षेप किया जबकि चीन ने नॉर्थ कोरिया का समर्थन किया। देशों के बीच में आने के बाद से युद्ध तो समाप्त हो गया मगर आज भी नॉर्थ और साउथ कोरिया में तनाव बना हुआ है। तानाशाह अपने शासन के खिलाफ किसी तरह की आलोचना नहीं सुनना चाहता है।
बीते माह ही शासन के 5 अधिकारियों ने आर्थिक नीतियों की आलोचना की थी, तब किम ने उन्हें रात में डिनर पर बुलवाया और अपनी स्पेशल सेना के जवानों से मौत के घाट उतरवा दिया। इन पांचों को गोली मार दी गई।उसके बाद उनके परिवारों को भी हिरासत में लिया गया था। तानाशाह किम का शासन ऐसा है कि वहां लोग अपनी राय भी नहीं दे सकते, जो किम ने कह दिया उसे ही अंतिम बात माना जाता है। (jagran)
वाशिंगटन 21 सितंबर (वार्ता) अमेरिका में विपक्षी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की योजना है जोकि ‘शक्ति का दुरूपयोग’ है।
श्री बिडेन कहा कि श्री ट्रंप अगले सप्ताह उदारवादी जस्टिस महिला को मनोनीत करेंगे। उन्होंने सीनेट रिपब्लिकन से इसकी पुष्टि में विलंब करने का आग्रह किया है।
रविवार को फिलाडेल्फिया में संवैधानिक केंद्र में एक भाषण के दौरान श्री बिडेन ने कहा , “अमेरिका का संविधान अमेरिकियों को सुनने का मौका देता है और उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए ... उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए वे सत्ता के इस दुरुपयोग के लिए खड़े नहीं होंगे।”
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस उदारवादी सुश्री गिन्सबर्ग का शुक्रवार को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
नौ सदस्यीय अदालत का वैचारिक संतुलन अमेरिकी कानून में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उसके फैसलों के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “मैं उन सीनेट रिपब्लिकन से अपील करता हूं, कृपया अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुने, लोगों को बोलने दें, उन लपटों को शांत करें जो हमारे देश में फैली हुई हैं।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प और सीनेटर मैककोनेल द्वारा निर्मित परिस्थितियों में किसी को भी नामित करने की पुष्टि करने के लिए मतदान न करें।
नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव के बाद तक, दो रिपब्लिकन सीनेटर लिसा मुर्कोव्स्की और सुसान कोलिन्स ने मतदान में देरी का समर्थन किया है।
चीन, 20 सितंबर | दुनिया अभी कोरोना महामारी से जूझ ही रही थी कि इस बीच चीन में एक और नई बीमारी ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. चीन में यह नई बीमारी बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से फैली है.
चीन के गांसु प्रांत की राजधानी लांझोउ के स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक चीन में इस ब्रुसेलोसिस बीमारी से करीब 3,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
लांझोउ के स्वास्थ्य आयोग के अनुसार यह ब्रुसेलोसिस बीमारी पशुओं के संपर्क में आने के कारण होती है. इस बीमारी को Malta fever या Mediterranean fever के नाम से भी जानी जाती है. हालांकि चीन में अभी तक इस बीमारी से किसी के मौत की खबर नहीं है.
कैसे और किससे फैलती है ये बीमारी
ब्रुसेलोसिस एक जीवाणु रोग है जो मुख्य रूप से मवेशियों, सूअर, बकरियों, भेड़ों और कुत्तों को संक्रमित करता है. यदि मनुष्य ऐसे संक्रमित जानवरों के साथ सीधे संपर्क में आते हैं तो वह भी संक्रमित हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस बीमारी के अधिकांश मामले संक्रमित बकरियों या भेड़ों के कच्चे दूध या पनीर के सेवन के कारण होते हैं.
कब आया पहला मामला
लांझोउ शहर के स्वास्थ्य आयोग की वेबसाइट में पिछले साल 28 नवंबर को लांझोउ वेटरनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट में हुई “ब्रुसेलोसिस एंटीबॉडी-पॉजिटिव मामले” का उल्लेख है. अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल एक बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी में रिसाव (लीक) के बाद कई लोगों में ये संक्रमण दिखाई दिया. ये रिसाव साल 2019 में जुलाई महीने के अंत से अगस्त माह के आखिरी तक चला. इससे उत्तर-पश्चिम चीन में कई हजार लोग बैक्टीरियल इंफेक्शन से संक्रमित पाए गए हैं. ब्रुसेलोसिस चीन में 1980 के दशक में एक आम बीमारी थी, हालांकि बाद में इसमें गिरावट आई थी.
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण
संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने इसके लक्षणों के बारे में सार्वनिक तौर पर बताया है. CDC के अनुसार इस बीमारी को माल्टा फीवर या Mediterranean फीवर कहते हैं.
सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द होना
बुखार और थकान होना
सर्दी के साथ बुखार आना
भूख न लगना
वजन का लगातार घटना
इसके अलावा कुछ पुराने लक्षण जैसे गठिया या कुछ अंगों में सूजन आना(tv9bharatvarsh.com)
चीन , 20 सितंबर | चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने शिनजियांग में उइघुर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के लिए अपनी आंतरिक शिविर की प्रणाली का बचाव करते हुए गुरुवार को एक श्वेत पत्र जारी किया। फिर भी बढ़ते वैश्विक दबाव में मजबूरी में जारी एक श्वेत पत्र में उसने अपने जबरिया श्रम कार्यक्रम के पैमाने का कुछ विवरण सामने रखा है। उससे शिनजियांग से उइघुरों के जबरिया श्रम शिविरों में भेजे जाने की विशाल संख्या का थोड़ा अंदाजा लगा है।
बीजिंग की रिपोर्ट में शामिल आंकड़े इस कार्यक्रम के दायरे की विशालता का संकेत करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 और 2019 के बीच दक्षिणी शिनजियांग के 415,400 लोगों सहित हर साल औसतन 12.9 लाख कर्मचारी व्यावसायिक प्रशिक्षण से गुजरे थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि लोगों को कितनी बार इन शिविरों में भेजा गया है।
गुरुवार को प्रकाशित दस्तावेज में बीजिंग ने अपने कठोर श्रम शिविरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र कहा है। जिनके द्वारा सक्रिय श्रम और रोजगार नीतियों के माध्यम से शिनजियांग के लोगों के भौतिक और सांस्कृतिक जीवन में लगातार सुधार आया है। इसने हर क्षेत्र में उनके मानवाधिकारों की गारंटी और विकास किया है। जानकारों का साफ कहना है कि चीन के श्वेत पत्र से हमें ग्रामीण अधिशेष मजदूरों को केंद्रीकृत, सैन्यीकृत प्रशिक्षण के माध्यम से बंधुआ मजदूरों में बदलने की संख्या का एक संभावित अंदाजा मिलता है।
चीन को लगातार इन आरोपों का सामना करना पड़ रहा है कि वह रोजगार प्रशिक्षण के नाम शिनजियांग क्षेत्र में अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर नजरबंदी के साथ-साथ निगरानी केंद्रों में भेज रहा है। इसके साथ ही वह धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर प्रतिबंध लागू कर रहा है और महिलाओं की जबरन नसबंदी को बढ़ावा दे रहा है। ये सभी कार्य सांस्कृतिक नरसंहार की श्रेणी में आते हैं।
बीजिंग हालांकि इन आरोपों का सख्ती से खंडन करता है और दावा करता है कि इसकी नीतियां आतंकवाद का मुकाबला करने और गरीबी को कम करने के लिए हैं। इसके बावजूद पत्रकारों और मानवाधिकार समूहों को इन अत्यधिक गुप्त रखे गये शिविरों का निरीक्षण करने से प्रतिबंधित किया गया है। शिनजियांग क्षेत्र में अल्पसंख्यक मुसलमानों की प्रथाओं को खत्म करने को लेकर चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। कई देशों ने इसको लेकर चीन पर प्रतिबंध लगाये हैं। अमेरिका ने शिनजियांग क्षेत्र से आयात पर प्रतिबंध लगाया है और कपड़े की दिग्गज कंपनी एचएंडएम ने शिनजियांग क्षेत्र के उत्पादकों के साथ आयात समझौतों पर रोक लगा दिया है।
चीन ने इस संवेदनशील मुद्दे पर बढ़ती वैश्विक रिपोटिर्ंग से खतरा महसूस करने के बाद यह श्वेत पत्र जारी किया है। श्वेत पत्र ने कहा कि औसत वार्षिक 'अधिशेष ग्रामीण श्रम का स्थानांतरण' 27.6 लाख से अधिक लोगों का था, जिनमें से 60 फीसदी से अधिक दक्षिणी शिनजियांग के निवासी थे। श्वेत पत्र के अनुसार 2018 से 2019 तक दक्षिणी शिनजियांग और आस-पास के इलाकों में पंजीकृत गरीब परिवारों के 155,000 लोग थे, जिन्होंने अपने घरेलू शहरों के बाहर रोजगार पाया और बाद में गरीबी से उबरने में सफल हो सके।
ग्रामीण दक्षिण शिनजियांग गरीब घरों के लोग इस नजरबंदी अभियान का मुख्य लक्ष्य हैं। उनको शुरू में नजरबंदी शिविरों के पास नौकरियों में रखा जाता है,अक्सर यह औद्योगिक पार्कों के भीतर किया जाता है। केवल कुछ खुशनसीब ही घर लौटने में सफल हो पाते हैं। इस वर्ष की शुरूआत में कई ऐसी खबरें अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में प्रकाशित हुईं जिनमें बताया गया कि लाखों लोगों को शिनजियांग से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है। कुछ को नजरबंदी शिविरों से सीधे पूरे चीन भर के कारखानों में ले जाया गया था, जहां स्थितियां साफ तौर पर बंधुआ मजदूरी का संकेत देती हैं।
जबकि वल्र्ड उइघुर कांग्रेस ने कहा कि यह श्वेत पत्र चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा झूठ बोलने और अपने अत्याचारों को जायज ठहराने का एक और प्रयास है, जैसा कि शिनजियांग के अपने नजरबंदी शिविरों के अस्तित्व के बारे में उसने कुछ साल पहले झूठ बोला था। श्वेत पत्र क्षेत्र में गरीबी और रोजगारहीनता का हवाला दिया गया है। लेकिन सीसीपी इस इलाके में रोजगार देने के मामले में बहुत भेदभाव करती है। इलाके में बसने वाले हान चीनियों को सभी बड़ी कंपनियों में सभी हाई-प्रोफाइल नौकरियों से नवाजा जाता है, जबकि उइघुरों को कम या बिना वेतन के बंधुआ नौकरियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि इस श्वेत पत्र का कम से कम 5 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। जिसका तात्पर्य है कि यह न केवल आंतरिक प्रचार उद्देश्यों के लिए है, बल्कि उइघुर जबरिया श्रम के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपयोग करने के लिए चीन की सरकार की एक बड़ी चाल है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तेजी से शिनजियांग में चीन की कार्रवाई पर जोरदार आपत्ति जता रहा है।
जुलाई में मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने कहा था कि दुनिया भर में बिकने वाले पांच कपास उत्पादों में से एक शिनजियांग के जबरिया श्रमिक कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ है। मंगलवार को स्वीडिश कपड़ों की दिग्गज कंपनी एचएंडएम ने कहा कि जब तक हमें जबरन श्रम के आरोपों के बारे में अधिक स्पष्टता नहीं मिलती है, वह शिनजियांग के उत्पादकों के साथ अपने व्यापार सौदों को खत्म कर रही है।
(यह लेख इंडियानैरेटिवडॉटकॉम से विशेष व्यवस्था के तहत लिया गया है।)
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान दशकों से अपनी सिख आबादी के साथ हत्या, दुष्कर्म, अपहरण और युवतियों का जबरन विवाह कराने जैसे कृत्यों को अंजाम देकर सिखों को प्रताड़ित करते आ रहा है, लेकिन फिर भी यह भारत को तोड़ने के नापाक मंसूबों के साथ खालिस्तानी आतंकवाद और विश्व स्तर पर अलगाववादी आंदोलन को भड़काने और बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद कर रहा है। एक कनाडाई विशेषज्ञ ने यह बात कही। विशेषज्ञ टेरी माइलवस्की ने इस विषय पर हाल ही में एक रिपोर्ट लिखी थी। उन्होंने 18 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली स्थित थिंक टैंक लॉ एंड सोसाइटी अलायंस द्वारा आयोजित वेबिनार 'खालिस्तानी टेररिज्म एंड कनाडा' (खालिस्तानी आतंकवाद और कनाडा) में बोलने के दौरान यह कहा।
कनाडाई थिंक-टैंक मैकॉनल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित 9 सितंबर की रिपोर्ट 'खालिस्तान : ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान' लिखने वाले माइलवस्की ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों ने पाकिस्तान के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ ली है।
मैकडॉनल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ने खालिस्तानी आतंकवाद पर वैश्विक बहस छेड़ते हुए, और इसमें पाकिस्तान का हाथ होने को उजागर किया है।
माइलवस्की ने कहा कि उनकी रिपोर्ट ने खालिस्तान चरमपंथियों और पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है, जहां वास्तव में सिख अभी भी इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन, गुरुद्वारों पर हमले, अपहरण और हत्याओं से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा, "यह ऐसा है जैसे भारत-पाकिस्तान विभाजन के दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान में सिख आबादी तेजी से घट रही है।"
उन्होंने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ाने के 35 साल बाद भी जब उन्होंने 'जनमत संग्रह 2020' अभियान के लिए खालिस्तान का नक्शा देखा तो वह रिपोर्ट लिखने के लिए प्रेरित हुए।
प्रस्तावित खालिस्तान मानचित्र में भारत के कई हिस्सों को शामिल किया गया, जिसमें राजस्थान के कुछ भू-भाग, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली का संपूर्ण भारतीय हिस्सा शामिल किया गया।
उन्होंने कहा, "लेकिन कनाडा से संचालित होने वाले वाले सिख फॉर जस्टिस द्वारा लाए गए इस नक्शे में खालिस्तान के हिस्से के रूप में पाकिस्तानी क्षेत्र के एक इंच पर भी दावा नहीं किया गया। इसमें लाहौर भी शामिल होना चाहिए, जहां से महाराजा रणजीत सिंह ने एक साम्राज्य चलाया था और ननकाना साहिब होना चाहिए, जहां गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। सिखों के समृद्ध इतिहास वाले इन हिस्सों क्यों छोड़ा जा रहा है? इसका जवाब यह है कि जो लोग खालिस्तान के लिए आंदोलन कर रहे हैं, वे पाकिस्तान की वित्तीय सहायता के बिना अभियान नहीं चला सकते हैं? वे अपने आकाओं को नाराज नहीं करना चाहते।"
माइलवस्की ने कहा कि उन्होंने 15 अगस्त को कनाडा में भारतीय मिशनों के सामने आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान चरमपंथी खालिस्तानी को पाकिस्तान का खुला समर्थन मिलता देखा था।
हालांकि दोनों पक्ष समर्थन छिपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये सामने आ ही जाता है।
--आईएएनएस
वाशिंगटन, 20 सितंबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रूथ बेडर गिन्सबर्ग के निधन से रिक्त हुए पद पर अगले सप्ताह उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि संभावना है कि यह नाम एक महिला का ही होगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने शनिवार की रात को पत्रकारों से यह बात कही।
ट्रंप इस पद पर किसको नामित करेंगे, इस पर उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह नाम एक महिला का ही हो सकता है। इसकी घोषणा अगले सप्ताह होगी।"
अमेरिका के इतिहास में सुप्रीम कोर्ट की दूसरी महिला जस्टिस और लैंगिक समानता के लिए एक प्रसिद्ध न्यायविद गिन्सबर्ग का शुक्रवार की शाम अग्नाशय के कैंसर के कारण निधन हो गया था।
सीनेट माइनॉरिटी लीडर चक शूमर और डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन समेत कई डेमोक्रेट ने कहा है कि 3 नवंबर के चुनाव में मतदाताओं द्वारा चुने गए नए राष्ट्रपति द्वारा ही उम्मीदवार का नाम घोषित किया जाए।
हालांकि सीनेट में मेजोरिटी लीडर मिच मैककोनेल ने कहा कि ट्रंप के उम्मीदवार को सीनेट में वोट मिलेगा।
वहीं रिपब्लिकन सीनेटर सुसान कोलिन्स ने शनिवार को कहा कि चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में सीनेट को चुनाव से पहले उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहिए।
कोलिन्स के बयान का जिक्र करते हुए ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, "मैं उनसे पूरी तरह असहमत हूं। उम्मीद है कि मैं ही अगला राष्ट्रपति बनूंगा।"
वहीं ट्रम्प ने इस पद के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची को 'अब तक की सबसे बड़ी सूची' कहा है।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 20 सितंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तानी शिक्षा कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने चेतावनी दी है कि वैश्विक कोविड-19 संकट खत्म होने के बाद भी 2 करोड़ लड़कियां शायद ही कभी स्कूल लौट पाएंगी। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक साइड इवेंट में शुक्रवार को मलाला ने स्वीकार किया कि कोविड-19 महिलाओं को शिक्षित करने के "हमारे सामूहिक लक्ष्यों के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।"
मलाला ने कहा, "सिर्फ शिक्षा की बात करें तो, जब यह संकट खत्म हो जाएगा, उसके बाद भी 2 करोड़ लड़कियां शायद कभी भी कक्षा में नहीं लौट पाएंगी।"
उन्होंने कहा कि वैश्विक शिक्षा वित्त पोषण का अंतर पहले ही बढ़कर 20000 करोड़ डॉलर प्रतिवर्ष हो गया है।
स्वात घाटी में स्कूल जाने को लेकर तालिबान आतंकवादियों द्वारा सिर पर गोली खा चुकी मलाला ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि पांच साल पहले संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित स्थायी वैश्विक लक्ष्य उन लाखों लड़कियों के लिए भविष्य का प्रतिनिधित्व करते थे जो शिक्षा चाहते थे और समानता के लिए लड़ रहे थे।
यह देखते हुए कि उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पिछले पांच वर्षो में बहुत कम किया गया था, उन्होंने विश्व निकाय से पूछा, "आप काम करने की योजना कब बना रहे हैं?"
उन्होंने आगे पूछा, "आप हर बच्चे को 12 साल तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए आवश्यक धनराशि कब देंगे? आप शांति को प्राथमिकता कब देंगे और शरणार्थियों की रक्षा कब करेंगे? आप कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए कब नीतियां पारित करेंगे?"
पिछले महीने जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक कोरोनावायरस महामारी इतिहास में शिक्षा प्रणालियों का सबसे बड़ा व्यवधान बना है। इससे 190 से अधिक देशों और सभी महाद्वीपों में करीब 160 करोड़ विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं।
स्कूलों और अन्य शिक्षण स्थानों के बंद होने के कारण दुनिया की 94 प्रतिशत छात्र आबादी प्रभावित हुई है, वहीं निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में यह संख्या 99 प्रतिशत है।
सैन फ्रांसिस्को, 20 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिका में टिकटॉक के कारोबार पर प्रतिबंध लगाए जाने की दिशा में एक नया मोड़ आया है। ओरेकल और वॉलमार्ट ने साथ में मिलकर टिकटॉक ग्लोबल नामक एक नई कंपनी का निर्माण कर टिकटॉक को यहां बैन होने से बचा लिया है। इस नई कंपनी के मुख्यालय को अमेरिका में ही स्थापित किया जाएगा। यहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को अपनी शुभकामनाएं दी है।
ट्रंप ने शनिवार को कहा कि चीन स्थित टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस को अमेरिकी सरकार के साथ हुए एक समझौते के आधार पर मंजूरी मिल गई है, जिससे लंबित मुद्दे का हल होता है। नव-निर्मित टिकटॉक ग्लोबल बिजनेस के 20 फीसदी हिस्सेदारी पर निवेश कर ओरेकल और वॉलमार्ट भी अब इसमें शामिल हो गया है।
एनपीआर डॉट ओआरजी के मुताबिक, यह समझौता अमेरिकी यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर व्हाइट हाऊस की जो चिंता थी, उसमें खरा उतरा हुआ मालूम पड़ता है।
ओरेकल और वॉलमार्ट ने शनिवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि इस नई कंपनी में अमेरिकी निवेशकों का स्वामित्व होगा।
सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ओरेकल ने बताया कि टिकटॉक का चुनाव इसके सुरक्षित प्रदाता क्लाउड के चलते किया गया है और 12.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यह एक अल्पसंख्यक निवेशक बन जाएगा।
वॉलमार्ट ने कहा कि फिलहाल उनकी योजना टिकटॉक में 7.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की है और कंपनी के सीईओ डग मैकमिलन नई बनाई इस कंपनी में शामिल पांच बोर्ड मेंबर्स में से एक होंगे।
खबरों के मुताबिक, टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस द्वारा इसके बाकी बचे 80 फीसदी हिस्से की खरीददारी की जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया, "चूंकि बाइटडांस के 40 फीसदी हिस्से पर अमेरिकी कंपनियों का मालिकाना हक है इसलिए ट्रंप प्रशासन का कहीं न कहीं यह कहना तो बनता ही है कि टिकटॉक ग्लोबल पर अमेरिका का ही सबसे अधिक पैसा लगा है।"
अपने बयान में इन दोनों कंपनियों ने कहा, "टिकटॉक ग्लोबल पर अमेरिकी निवेशकों का स्वामित्व अधिक होगा जिनमें वॉलमार्ट और ओरेकल भी शामिल है। टिकटॉक ग्लोबल एक स्वतंत्र अमेरिकी कंपनी होगा जिसका मुख्यालय यही होगा और इसमें शामिल पांच बोर्ड मेंबर्स में से चार अमेरिकी होंगे।"
पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "इस समझौते को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैंने इस करार को अपनी सहमति दी है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसका चीन से कोई लेना देना नहीं है, यह पूरी तरह से सुरक्षित है और इसकी सुरक्षा समझौते का हिस्सा रही है। यह 100 प्रतिशत सुरक्षित है। वे अपने अलग क्लाउड का उपयोग करेंगे और साथ ही कई अन्य बेहद शक्तिशाली सुरक्षा संबंधी उपाय अपनाए जाएंगे।"
राष्ट्रपति आखिर में कहते हैं, "मुझे इस बात की खुशी है कि टिकटॉक के प्रस्ताव को ओरेकल और वॉलमार्ट ने अमेरिकी प्रशासन की चिंता को ध्यान में रखकर हल किया और साथ ही यहां टिकटॉक के भविष्य को लेकर सामने आ रहे प्रश्नों पर भी विराम लगा दिया।"
कंपनी को अमेरिका के कानून और गोपनीयता संबंधी प्रावधानों का पालन करना होगा।
न्यूयॉर्क, 20 सितंबर (आईएएनएस)| हैदराबाद में एमेजॉन के 2 पूर्व कर्मचारियों और 4 अन्य पर अमेरिकी संघीय अदालत में एक कथित रिश्वत घोटाले को लेकर आरोप लगाया गया है। डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक यह घोटाला 100 मिलियन डॉलर का है।
शुक्रवार को विभाग ने कहा, हैदराबाद में एमेजॉन के दो पूर्व सेलर-सपोर्ट एसोसिएट्स निषाद कुंजु और रोहित कादिमिसट्टी और 4 अन्य पर सिएटल संघीय अदालत में 'वाणिज्यिक रिश्वत देने' और कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने की साजिश करने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि एमेजॉन का मुख्यालय सिएटल में ही है।
अदालत के दस्तावेजों में कुंजु पर आरोप लगाया गया है कि उसने कंपनी छोड़ने से पहले दूसरों से रिश्वत ली और अपने पूर्व सहयोगियों को लोगों को भर्ती करने के लिए रिश्वत दी।
कुंजु के अलावा कम से कम नौ अन्य एमेजॉन कर्मचारियों को कथित तौर पर रिश्वत मिली, लेकिन अदालत के दस्तावेजों में उनका नाम नहीं है।
ये सभी 6 आरोपी एमेजॉन प्लेटफॉर्म पर थर्ड पार्टी के विक्रेताओं को प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने के लिए कंसल्टेंसी देते थे और उन्होंने अपने ग्राहकों को सीधे मदद करने या प्रतिद्वंद्वी विक्रेताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए 1 लाख डॉलर की रिश्वत का लेन-देन किया।
सिएटल में संघीय अभियोजक ब्रायन टी.मोरन ने कहा, "इस आपराधिक आचरण से अंतिम पीड़ित वह खरीददार जनता है जिसे ऐसा खतरनाक सामान मिलता है, जिसे बाजार से हटा दिया जाना चाहिए था।"
एमेजॉन ने कहा, "ऐसे कार्यों के कारण बुरे लोग ईमानदार विक्रेताओं से दूर हो जाते हैं, जो कि हमारे विक्रेताओं का बड़ा हिस्सा हैं। विक्रेताओं या कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे संदिग्ध व्यवहार का पता लगाने के लिए एमेजॉन के पास सिस्टम है और जांच करने के लिए हर जगह टीमें हैं, जो ऐसी प्रतिबंधित गतिविधियों को रोकती हैं।"
वाशिंगटन, 20 सितंबर (आईएएनएस)| अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने पूवार्नुमान प्रकाशित किया है, जिसके मुताबिक 10 अक्टूबर तक अमेरिका में कोविड-19 से 2.18 लाख मौतें हो सकती हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार को बताया कि नए पूवार्नुमान में भविष्यवाणी की गई है कि 10 अक्टूबर को सप्ताहांत के दौरान कोविड से 3,000-7,100 नई मौतें होने की आशंका है।
इसमें यह भी बताया गया है कि उस समय तक कुल 2,07,000 से 2,18,000 कोरोना वायरस मौतें सामने आ जाएंगी।
सीडीसी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए इस पूवार्नुमान में कहा गया है, "राज्य और क्षेत्र स्तर के पूवार्नुमान से लगता है कि अगले 4 हफ्तों में हर सप्ताह दर्ज होने वाली मौतों की संख्या 6 ज्यूरिडिक्शन (क्षेत्र) में घट सकती है।"
इसके मुताबिक भविष्य में होने वाली मौतों की संख्या अन्य राज्यों में या तो अनिश्चित बताई गई या स्थिर बताई गई है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, रविवार सुबह तक अमेरिका में कोरोनोवायरस के मामलों की कुल संख्या 67,64,780 तक पहुंच गई है। वहीं मौतों की संख्या बढ़कर 1,99,258 हो गई है।
अमेरिका वर्तमान में दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, जहां सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं।
वाशिंगटन 20 सितंबर (स्पूतनिक) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी ओरेकल को चीन की वीडियो शेयरिंग एप कंपनी बाइटडांस को खरीदने की मंजूरी दे दी है।
श्री ट्रंप ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि वालमार्ट भी इस समझौते में हिस्सा लेगा। वह टेक्सॉस प्रांत में नई कंपनी के निर्माण को देखेगा। अमेरिका टिकटॉक का संचालन करेगा।
उन्होंने कहा यह भी कहा कि इस समझौते में एक शिक्षा कार्यक्रम के लिए पांच अरब डालर का दान शामिल होगा।
शुक्रवार को बाइटडांस ने कोलंबिया की जिला अदालत में ट्रंप प्रशासन के टिकटॉक को अमेरिका में अवरूद्ध करने को चुनौती देते हुए एक अभियोग दर्ज कराया गया था।
वाशिंगटन, 20 सितंबर (आईएएनएस)| वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 3.06 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है, जबकि इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 955,000 से अधिक हो गई हैं। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने रविवार को दी। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि रविवार की सुबह तक, कुल मामलों की संख्या 30,674,077 हो गई और इससे हुई मौतों की संख्या 955,440 तक पहुंच गई।
सीएसएसई के अनुसार, अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण के मामलों 6,764,780 और उससे हुई 199,258 मौतों के साथ सबसे खराब स्थिति वाला देश है।
वहीं भारत वर्तमान में 5,308,014 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में मरने वालों की संख्या 85,619 हो गई।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण के सबसे अधिक मामलों की ²ष्टि से अन्य शीर्ष 15 देशों में ब्राजील (4,528,240), रूस (1,092,915), पेरू (756,412), कोलम्बिया (750,471), मेक्सिको (694,121), दक्षिण अफ्रीका (659,656), स्पेन (640,040), अर्जेंटीना (622,934), फ्रांस (467,552), चिली (444,674), ईरान (419,043), ब्रिटेन (392,844), बांग्लादेश (347,372), सऊदी अरब (329,271) और इराक (315,597) हैं।
वर्तमान में संक्रमण से हुई सबसे अधिक मौतों के मामले में ब्राजील 136,532 आंकड़ों के साथ दूसरे स्थान पर है।
वहीं 10,000 से अधिक मौत वाले देश मेक्सिको (73,258), ब्रिटेन (41,848), इटली (35,668), फ्रांस (31,257), पेरू (31,283), स्पेन (30,495), ईरान (24,118), कोलम्बिया (23,665), रूस (19,128), दक्षिण अफ्रीका (15,940), अर्जेंटीना (12,799), चिली (12,254) और इक्वाडोर (11,084) हैं।
दुबई,19 सितंबर (आईएएनएस/ग्लोफैंस)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन के पहले मैच में एक ओर जहां दो सबसे सफल टीमों का सामना हुआ वहीं दूसरे मैच में रविवार को दो ऐसी टीमें- - दिल्ली कैपिटल्स और किंग्स इलेवन पंजाब आमने-सामने होंगी, जिनका आईपीएल में प्रदर्शन निरंतर और ज्यादा खास नहीं रहा है। पहले 11 सीजनों में अच्छा न करने वाली दिल्ली की फ्रेंचाइजी ने 12वें सीजन में अपना नाम बदल कर दिल्ली डेयरडेविल्स से दिल्ली कैपिटल्स कर दिया था और पिछले साल यह टीम सफल भी रही थी। वहीं पंजाब हमेशा से ऐसी टीम रही है जो लीग की शुरूआत से पहले कागजों पर तो मजबूत दिखती है लेकिन खिलाड़ी समय पड़ने पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।
2019 में, सात साल के लंबे गैप के बाद दिल्ली ने प्लेऑफ में जगह बनाई थी लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) से हार गई थी। पिछले साल बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद दिल्ली ने कप्तान श्रेयस अय्यर, विकेटकीपर ऋषभ पंत और कगिसो रबाडा सहित अपनी कोर टीम को बनाए रखा है।
टीम ने कुछ अंडर परफॉर्मर खिलाड़ी जैसे कोलिन मुनरो, कोलिन इनग्राम और क्रिस मौरिस को रिलीज कर दिया। इन लोगों के बदले में दिल्ली ने अपनी टीम में एलेक्स कैरी, जेसन रॉय को ला कर अपनी बल्लेबाजी को मजबूत किया। क्रिस वोक्स, मोहित शर्मा, ललित यादव, तुषार देशपांडे को भी टीम शामिल कर मजबूत किया है। फ्रेंचाइजी ने शिमरन हेटमायेर और मार्कस स्टोइनिस को भी महंगी प्राइस पर अपनी टीम में शामिल किया है।
इन लोगों के अलावा, दिल्ली ने अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन को भी खरीदा है। दिल्ली के पास अक्षर पटेल, मार्कस स्टोइनिस और क्रिस वोक्स जैसे ऑलराउंडर हैं। तेज गेंदबाजी विभाग में रबाडा के अलावा ईशांत शर्मा, आवेश खान और हर्षल पटेल हैं।
2019 में दिल्ली को सफलता शिखर धवन, पंत और श्रेयस की बल्लेबाजी के दम पर मिली थी। यह तीनों सबसे ज्यादा रन बनाने वाले शीर्ष-10 बल्लेबाजों में शामिल रहे थे। गेंदबाजों में रबाडा ने 12 मैचों में 25 विकेट लिए थे। टीम प्रबंधन उम्मीद करेगा कि यह सभी इस सीजन भी वैसा ही प्रदर्शन करें जैसा पिछले सीजन में किया था।
दिल्ली ने अश्विन को अपने साथ जोड़ अपने स्पिन विभाग को मजबूत किया है। लेग स्पिनर अमित मिश्रा के साथ मिलकर अश्विन यूएई की धीमी और नीची रहने वाली पिचों पर बाकी टीमों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
वहीं पंजाब के पास हमेशा से शीर्ष स्तर के खिलाड़ी रहे हैं, लेकिन एक या दो संस्करणों को पीछे छोड़ दें तो अभी तक के सभी संस्करणों में टीम अपनी लय खो बैठती है। 2008 में खेले गए लीग के पहले संस्करण में टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी और 2014 में उप-विजेता रही थी और फाइनल में केकेआर से हार गई थी।
किंग्स इलेवन पंजाब, दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के साथ तीसरी ऐसी टीम है जिसने अभी तक खिताब नहीं जीता है। इस बार ओपनर लोकेश राहुल टीम की कप्तानी कर रहे हैं। टीम ने पिछले सीजन के कप्तान अश्विन को इस सीजन रिलीज कर दिया है। पंजाब ने ग्लेन मैक्सवेल, शेल्डन कोटरेल, जेम्स नीशाम, दीपक हुड्डा, रवि बिश्नोई, क्रिस जॉर्डन और ईशान पोरेल पर भरोसा दिखाया है। मैक्सवेल निश्चित तौर पर मध्य क्रम को मजबूत करेंगे और नीशाम तथा कॉटरेल पंजाब की तेज गेंदबाजी को स्थिरता देंगे।
किंग्स इलेवन के पास टॉप ऑर्डर में क्रिस गेल भी हैं और वह अकेले मैच का पासा पलट सकते हैं। गेल के प्रदर्शन में निरंतरता न रहना पंजाब के लिए समस्या हो सकती है। और अगर वह सीजन की शुरूआत में ही लय में आ जाते हैं तो वह किसी भी चुनौती को ध्वस्त कर सकते हैं।
काफी कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि गेल और राहुल की ओपनिंग जोड़ी किस तरह से खेलती है। वहीं अनुभवी मोहम्मद शमी तेज गेंदबाजी का नेतृत्व करेंगे। उनका साथ देने के लिए टीम में हर्डस विजोलेन और कॉटरेल भी होंगे। स्पिन अटैक में बिश्नोई, मुजीब उर रहमान और मुरुगन अश्विन टीम के पास हैं।
जहां तक सपोर्ट स्टाफ की बात है तो वहां भी टीम के पास अनिल कुंबले के रूप में मुख्य कोच, जोंटी रोड्स जैसा फील्डिंग कोच, वसीम जाफर बतौर बल्लेबाजी कोच, सुनील जोशी बतौर स्पिन गेंदबाजी कोच के तौर पर हैं। पिछले संस्करणों में अगर पंजाब के प्रदर्शन का आंकलन किया जाए तो उसकी सबसे बड़ी कमजोरी एक टीम के तौर पर न खेलना रही है।
टीम को अगर 2020 में अच्छा करना है तो उसे संयुक्त रूप से बेहतर करना होगा। यूएई की गर्मी और उमस भरे माहौल के साथ-साथ धीमी पिच स्पिनरों की मदद कर सकती हैंऔर ऐसे में दिल्ली का पलड़ा पंजाब पर भारी लग रहा है।
टीमें (सम्भावित) :
किंग्स इलेवन पंजाब - लोकेश राहुल (कप्तान), करुण नायर, मोहम्मद शमी, निकोलस पूरन, मुजीब उर रहमान, क्रिस गेल, मनदीप सिंह, मयंक अग्रवाल, हर्डस विजोलेन, दर्शन नालकंडे, सरफराज खान, अर्शदीप सिंह, हरप्रीत ब्ररार, मुरुगन अश्विन, के. गौतम, जे सुचीथ, ग्लेन मैक्सवेल, शेल्टन कॉटरेल, दीपक हुड्डा, ईशान पोरेल, रवि बिश्नोई, जेम्स नीशाम, क्रिस जॉर्डन, तेजिंदर ढिल्लन, प्रभसिमरन सिंह।
दिल्ली कैपिटल्स - श्रेयस अय्यर (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, एलेक्स कैरी, जेसन रॉय, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिखर धवन, शिमरन हेटमायेर, अक्षर पटेल, क्रिस वोक्स, ललित यादव, मार्कस स्टोइनिस, कीमो पॉल, अमित मिश्रा, आवेश खान, हर्षल पटेल, ईशांत शर्मा, कागिसो रबाडा, मोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, संदीप लामिछाने, तुषार देशपांडे।
ढाका, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत और बांग्लादेश के अपराधियों की ओर से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कम से कम 52 जवानों को घायल किया गया है। बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने शनिवार को यह जानकारी दी।
बीएसएफ महानिदेशक (डीजी) ने दावा किया कि उनके जवानों को अंतिम उपाय के तौर पर ही गोली चलाने का निर्देश दिया गया है।
सीमा गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद शफीनुल इस्लाम के नेतृत्व में 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और बीएसएफ डीजी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 50वीं बीजीबी-बीएसएफ डीजी स्तर की वार्ता में हिस्सा लिया। सीमा वार्ता 17 सितंबर को शुरू हुई थी। सम्मेलन संयुक्त चर्चा (जेआरडी) में 17 बिंदुओं पर हस्ताक्षर करने के साथ संपन्न हुआ।
सीमा पर होने वाली हत्याओं के बारे में अस्थाना ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मैं यह कहना चाहूंगा कि हमारी नीति सीमा हत्याओं को शून्य तक लाने की है और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
उन्होंने कहा, "हत्यारों तक पहुंचने के लिए, हमें बीजीबी के साथ चर्चा करने और क्षेत्र स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। भारत-बांग्लादेश सीमा पर आपराधिक गतिविधियों के कारण ज्यादातर स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें मादक पदार्थ, सोना, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं।"
बीएसएफ प्रमुख ने कहा, "सीमा पार इन असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए हमने चर्चा की है। हमने फैसला किया है कि हमारे पास खुफिया जानकारी साझा करने और सीमा पार अपराधियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी एवं सिंडिकेट की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए, जो इन गिरोह को पर्दे के पीछे चला रहे हैं, ताकि हम संबंधित देशों के कानून के अनुसार उचित कानूनी कार्रवाई कर सकें।"
उन्होंने कहा, "मैं कहना चाहूंगा कि सम्मेलन बेहद सफल रहा। पूरा सम्मेलन बहुत सौहार्दपूर्ण तरीके से आयोजित किया गया है। हमने हर मुद्दे पर चर्चा की है और सहयोग दोनों पक्षों की ओर से होगा।"
बीजीबी डीजी ने कहा, "वास्तव में अपराधी कानून एवं व्यवस्था का उल्लंघन कर रहे हैं। सभी मामलों में हमारा अनुरोध पृष्ठभूमि की जांच करना है। मैं कहना चाहूंगा कि हमारी नीति सीमा हत्याओं को शून्य पर लाना है। मैंने हाल ही में ज्वाइन किया है और भविष्य में आप प्रगति देखेंगे।"
अस्थाना ने कहा, "कुल 70 फीसदी मौतें रात 10 बजे से सुबह 5.30 बजे के बीच होती हैं। आमतौर पर अपराधी इस अवधि के दौरान सक्रिय होते हैं। दूसरी बात यह है कि यह ऑपरेशन भारतीय क्षेत्र के अंदर ही हुए हैं।"
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजीबी डीजी से पूछा कि क्या बीजीबी बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने में विफल रही है।
इस पर महानिदेशक ने जवाब दिया, "4,427 किलोमीटर लंबी बांग्लादेश की सीमा में नदियां, झाड़ियां और पहाड़ हैं। यह बहुत ही अनोखी (यूनीक) है और यही सीमा का अनूठापन और कठिनाई वाली स्थिति है। इसलिए इसे जांचना बहुत मुश्किल है।"
उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश दोनों पक्ष मानव तस्करी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर सहमत हुए हैं।
इससे पहले बीजीबी-बीएसएफ वार्ता 13 सितंबर को स्थगित कर दी गई थी, क्योंकि उनके विमान में तकनीकी खराबी के कारण बीएसएफ प्रतिनिधिमंडल ढाका पहुंचने में विफल रहा था।
न्यूयॉर्क, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| न्यूयॉर्क के रोचेस्टर में शनिवार को एक पार्टी में हुई गोलीबारी के दौरान दो लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। सिन्हुआ ने पुलिस चीफ मार्क साइमंस के हवाले से कहा, "18 और 22 वर्ष के बीच के एक पुरुष व महिला की इस गोलीबारी में मौत हो गई।"
घायलों को दो अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
साइमंस के कहा, "बैकयार्ड पार्टी में गोलीबारी के बाद 911 डॉयल किया गया, जिसके बाद पुलिस विभाग इस घटना की सूचना मिली।"
उन्होंने आगे कहा, "इस घटना में14 लोग घायल हुए हैं, 2 लोगों की मौत हुई है, घायलों की स्थित अभी नाजुक है। हिंसक रुप से काम करने वालों का कृत्य बहुत ही शर्मनाक है। विभाग पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में काम कर रहा है।"
इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बीजिंग, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| 19 सितंबर को चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका द्वारा वीचैट और टिकटॉक से संबंधित लेनदेन को प्रतिबंधित किये जाने के मामले पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब दिये। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने तथाकथित देश की सुरक्षा की वजह से मोबाइल एप्लिकेशन वीचैट और टिकटॉक से संबंधित लेनदेन को प्रतिबंधित किया, जिससे संबंधित उद्यमों के वैध अधिकारों और हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। इससे सामान्य बाजार के नियमों में भी बाधा पहुंची है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है।
इस प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने बगैर किसी सबूत के राष्ट्रीय शक्ति का उपयोग करने और गैर-कानूनी कारणों से उक्त दो उद्यमों को दबाने का काम किया है। इससे उद्यमों की सामान्य व्यावसायिक गतिविधियां गंभीर रूप से बाधित हुई हैं, अमेरिकी निवेश वातावरण में अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास कम हुआ है और सामान्य अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार व्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। चीन ने अमेरिका से धमकाने वाली कार्यवाही और गलत कार्यवाही को जल्द ही बन्द करने, प्रभावी रूप से निष्पक्ष और पारदर्शी अंतर्राष्ट्रीय नियम और व्यवस्था की रक्षा करने का आग्रह किया। यदि अमेरिका लगातार ऐसा करेगा, तो चीन चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
-अनिल पांडेय
बीजिंग, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| कोरोना वायरस महामारी के कहर के बीच कई देश जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करने की पूरी कोशिश में जुटे हैं। चीन में भी इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो वायरस को काबू में करने का टीका चीन में नवंबर के शुरू में सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकता है।
एक वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट ने बताया कि चीन में कोविड-19 की वैक्सीन के अनुसंधान और विकास का काम प्रगति पर है। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी नवंबर महीने की शुरूआत में टीका बाजार में आ जाएगा।
चीन में डिसऑर्डर कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख जैव सुरक्षा विशेषज्ञ वू क्वेइचन ने कहा कि विश्व भर में कोविड-19 के जो नौ टीकों का क्लिनिकल परीक्षण तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है, उनमें से पांच चीन के हैं। अब तक जो नतीजे सामने आए हैं वे संतोषजनक हैं।
बताया जाता है कि एक टीके को आमतौर पर बाजार की मंजूरी प्राप्त करने से पहले तीन चरणों का परीक्षण पूरा करना होता है।
चीनी विशेषज्ञ के मुताबिक, जिन लोगों को भी चीन द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके लगाए गए हैं उनमें से किसी पर गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं।
उन्होंने आशा जताई कि ऐसी स्थिति में आम लोगों को नवंबर या दिसंबर में टीके लगाए जा सकते हैं। इसके साथ ही उम्मीद है कि टीकाकरण एक से तीन साल तक प्रभावी रहेगा।
गौरतलब है कि खतरनाक कोरोना महामारी से निपटने और टीके तैयार करने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक रात-दिन मेहनत से जुटे हैं, जिसके शायद कुछ महीनों में तैयार हो जाने की उम्मीद है। हालांकि आमतौर पर एक टीका विकसित करने में एक दशक से अधिक का वक्त लगता है। लेकिन समय की मांग यही है कि वैक्सीन जल्द से जल्द बाजार में आए, हालांकि उसकी सुरक्षा से समझौता कोई भी वैज्ञानिक नहीं करना चाहता है।
बीजिंग, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| कोविड-19 महामारी अब भी दुनिया भर में फैल रही है। 18 सितंबर तक चीन की मुख्य भूमि में पुष्ट और मौत के मामलों की संख्या क्रमश: 85,269 और 4,634 रही, जबकि अमेरिका में पुष्ट मामलों की संख्या 65.7 लाख से अधिक हो चुकी है और मौत के मामलों की संख्या 1.95 लाख से ज्यादा रही। आंकड़ों को देखा जाए, तो अमेरिका में पुष्ट और मौत के मामलों की संख्या क्रमश: चीन से 77 और करीब 43 गुना अधिक है। अचानक फैली महामारी की रोकथाम में चीन ने सबसे व्यापक, सबसे सख्त और सबसे संपूर्ण कदम उठाये। 1.4 अरब चीनी लोगों ने एकजुट होकर महामारी के खिलाफ बहुत संघर्ष किया और भारी कीमत चुकायी। चीन सरकार हमेशा सतर्कता बरतती है और नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए अल्पकालिक आर्थिक विकास का त्याग करना चाहती है। सभी चीनी लोगों के प्रयास से चीन ने महामारी पर काबू पा लिया है। चीन में सामाजिक व्यवस्था भी तेजी से बहाल हो रही है।
लेकिन अमेरिका सरकार महामारी की रोकथाम के कदम उठाने और नागरिकों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट लेने में हिचकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू में कोरोना वायरस की घातकता स्वीकार की, लेकिन उन्होंने भय से बचाने के लिए इसका खतरा कम किया। हालांकि चीन सरकार ने दुनिया को चेतावनी दी, लेकिन अमेरिका सरकार ने महामारी की रोकथाम के लिए पूरी तरह से तैयारी नहीं की।
अर्थव्यवस्था की ²ष्टि से देखा जाये, इस साल की पहली तिमाही में चीन की जीडीपी पिछले साल की इसी अवधि से 6.8 प्रतिशत कम हुई। लेकिन समय पर महामारी के फैलाव को रोकने की वजह से चीन में आर्थिक पुनरुत्थान तेजी से हो रहा है। इसके चलते दूसरी तिमाही में चीन की जीडीपी पिछले साल की इसी अवधि से 3.2 प्रतिशत बढ़ी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि चीन एकमात्र मुख्य आर्थिक शक्ति होगा, जिसकी सकारात्मक आर्थिक वृद्धि होगी।
इसकी तुलना में अमेरिका सरकार का ध्यान नागरिकों की जान के बजाय अर्थव्यवस्था पर केंद्रित है। अमेरिका ने साफ तौर पर कहा था कि सरकार नागरिकों को प्राथमिकता देने वाला कदम नहीं उठाएगी, पर आर्थिक वृद्धि बनाए रखेगी। लेकिन अमेरिका में महामारी की स्थिति पूरी तरह अनियंत्रित है, तो अर्थव्यवस्था पर प्रभाव भी खतरनाक होगा। इस साल की दूसरी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी पिछले साल की इसी अवधि से 9.5 प्रतिशत कम हुई और अभी भी सुधार होने का संकेत नहीं दिख रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि इस साल अमेरिका की अर्थव्यवस्था में करीब 6.6 प्रतिशत की कमी होगी।
इसके बावजूद अमेरिका सरकार फिर भी चीन पर कालिख पोतने और लांछन लगाने में व्यस्त है। तथ्य यह है कि चीन ने कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है, जबकि अमेरिका बिलकुल विफल रहा है। अमेरिका में इतने ज्यादा लोग कोरोना वायरस से मारे गये, यह वाशिंगटन ने बनाया, न कि चीन ने।
सैन फ्रांसिस्को, 19 सितंबर (आईएएनएस)| वीडियो-शेयरिंग सोशल नेटवर्किं ग प्लेटफॉर्म टिकटॉक ने कहा कि यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट द्वारा रविवार से कंपनी के लोकप्रिय एप्लीकेशन के डाउनलोड और अपडेट को प्रतिबंधित किए जाने की घोषणा से वह निराश महसूस कर रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, टिकटॉट के प्रतिनिधि ने कहा, "हम कॉमर्स डिपार्टमेंट के फैसले से असहमत हैं, और निराश हैं कि वह रविवार से एप के नए डाउनलोड को ब्लॉक करने और 12 नवंबर से अमेरिका में टिकटॉक एप के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं।"
लॉस एंजेलिस की टेक कंपनी ने कहा, "हमारे 10 करोड़ अमेरिकी उपयोगकर्ताओं का समुदाय टिकटॉक से प्यार करता है, क्योंकि यह मनोरंजन, आत्म-अभिव्यक्ति और कनेक्शन का एक जुड़ाव है। और हम उनकी गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि हम अपने मंच पर आने वाले लोगों के परिवारों और सार्थक करियर में खुशी लाने के लिए काम करना जारी रखते हैं।"
यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को कहा कि रविवार तक, एप्पल एप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर जैसे ऐप स्टोर्स पर टिकटॉक को वितरित करने या मेंटेन रखने के लिए कोई भी कदम प्रतिबंधित होगा, और एप के खिलाफ अधिक व्यापक प्रतिबंध 12 नवंबर से लागू किया जाएगा।
हालांकि पहले से ही एप डाउनलोड कर चुके टिकटॉक के उपयोगकर्ता इसका उपयोग जारी रख सकते हैं, लेकिन वे रविवार से अपडेट किए गए संस्करण डाउनलोड नहीं कर पाएंगे।
कंपनी के अनुसार, देश में जून तक टिकटॉक के मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या 91,937,040 हो गई थी और तिमाही उपयोग के आधार पर 10 करोड़ अमेरिकियों ने ऐप का उपयोग किया।
इस बीच, ओरेकल ने इस सप्ताह की शुरुआत में पुष्टि की थी कि वह टिकटॉक की पैरेंट चीनी कंपनी बाइटडांस के साथ ऐप को लेकर अमेरिका का भरोसेमंद पार्टनर होने के सौदे पर पहुंच चुका है।
हालांकि इसे लेकर अभी तक किसी तरह की जानकारी सामने नहीं आई है।
संयुक्त राष्ट्र, 19 सितंबर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होने जो रही एक उच्चस्तरीय बैठक से पहले नेताओं के एक समूह ने दुनिया से संयुक्त राष्ट्र को मजबूत बनाने का आह्वान किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 'ए टाइम फॉर रिन्यूवल : कॉलिंग फॉर ए स्ट्रॉन्गेस्ड मल्टीलेटरल सिस्टम' शीर्षक से शुक्रवार को जारी किए एक खुले पत्र में दुनिया भर के 48 पूर्व संयुक्त राष्ट्र और सरकारी अधिकारियों ने 193-राष्ट्रों के निकाय की 75 वीं वर्षगांठ पर 'एक मजबूत, जबावदेह और समावेशी बहुपक्षीय प्रणाली' को लेकर आह्वान किया।
पत्र में नेताओं ने कहा, "वैश्विक प्रशासन के इस संस्थागत ढांचे को दुनिया में मानव सुरक्षा और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन, नेतृत्व और निर्णय प्रदान करने के लिए और अधिक काम करना चाहिए। जलवायु परिवर्तन से लेकर मानवाधिकारों, लैंगिक और नस्लीय समानता और सतत विकास से लेकर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तक- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, एजेंडा 2030 और पेरिस समझौते का सम्मान करना चाहिए।"
इसमें आगे कहा गया, "कोविड -19 महामारी से उबरने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व और प्रभावी वैश्विक सहयोग की जरूरत है।"
आयरलैंड की पूर्व राष्ट्रपति और मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के पूर्व उच्चायुक्त मैरी रॉबिन्सन ने कहा, "बहु-पक्षवाद एक विकल्प नहीं है, बल्कि यह एकमात्र रास्ता है जो एक ग्रीन, टिकाऊ और न्यायसंगत रिकवरी दे सकता है।"
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र की अध्यक्ष और इक्वाडोर की पूर्व विदेश मंत्री मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा ने कहा कि "कोविड-19 महामारी के लिए एक समन्वित प्रतिक्रिया का नेतृत्व करने में यूएन की महत्वपूर्ण भूमिका है।"
इस पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून भी शामिल हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधान मंत्री केविन रुड, न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क आदि भी हैं।
यह पत्र हस्ताक्षरों के लिए 24 अक्टूबर तक खुला रहेगा।
सैन फ्रांसिस्को, 19 सितंबर (आईएएनएस)| दिग्गज अमेरिकी कंपनी बोइंग ने अमेरिका के वेस्ट कोस्ट में जंगल की आग से प्रभावित समुदायों की मदद के लिए 700,000 डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बोइंग ने शुक्रवार को एक घोषणा में कहा कि वह वाशिंगटन, ओरेगन और कैलिफोर्निया में आग से राहत के प्रयासों के लिए अमेरिकी रेडक्रॉस को 500,000 डॉलर दे रहा है।
शेष 200,000 डॉलर इन राज्यों में खाद्य सहायता प्रदान करने के लिए दिए जाएंगे, जहां अच्छी-खासी संख्या में कंपनी के कर्मचारी रहते हैं और काम करते हैं।
बोइंग कमर्शियल एयरप्लेन के प्रेसीडेंट और सीईओ और क्षेत्र में कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी स्टेन डील ने कहा, "हमारे हजारों परिवार, दोस्त और पड़ोसी पश्चिम में विस्थापित हो गए हैं।"
उन्होंने कहा, "हम असाधारण चुनौतीपूर्ण समय में उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
अमेरिकन रेडक्रॉस के मुख्य विकास अधिकारी डॉन हेरिंग ने मदद के लिए बोइंग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण अतिरिक्त सुरक्षा सावधानी बरती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जंगल में लगी आग से प्रभावित लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।
बीबीसी के मुताबिक, जंगल में लगी आग की घटना में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोगों को मजबूरन अपने घर खाली करने पड़ने हैं। कैलिफोर्निया और ओरेगन आग से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
काठमांडू, 19 सितंबर (आईएएनएस)। नेपाल ने 7 साल के निलंबन के बाद यात्री रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने की योजना बनाई है। काठमांडू द्वारा भारत से खरीदी गई रेलों की दो सेट जनकपुर शहर पहुंच गई है। रेलवे विभाग के महानिदेशक बलराम मिश्रा ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, "डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेल सेट शुक्रवार को दोपहर करीब 1.40 बजे जनकपुर पहुंचे। "
रेलवे विभाग ने कहा कि सेवाओं को फिर से शुरू करने में कम से कम डेढ़ महीने लगेंगे, क्योंकि वह वर्तमान में आवश्यक मानव संसाधनों की भर्ती के लिए काम कर रहे हैं।
यह देश की पहली ब्रॉड-गेज यात्री रेलवे सेवा होगी।
विभाग के अनुसार, यह सेवा जनकपुर शहर के कुर्था से भारत के सीमा से सटे जयनगर के लिए शुरू होगी और इनके बीच की दूरी 35 किलोमीटर के आसपास है।
पहले भी जनकपुर-जयनगर रेल सेवा का संचालन होता था, लेकिन एक संकीर्ण गेज लाइन पर और यह सेवा सात साल पहले पूरी तरह से रुक गई थी।
रेलवे सेवा को फिर से शुरू करने के लिए विभाग ने धीरे-धीरे 200 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती करने की योजना बनाई।
मिश्रा ने कहा, "प्रारंभ में हम भारतीय तकनीकी कर्मचारियों की मदद से सेवा फिर से शुरू करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "हम सेवा शुरू करने के लिए ड्राइविंग, रखरखाव, सिग्नलिंग और ट्रैक इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में तकनीकी पृष्ठभूमि से 26 भारतीय कर्मचारियों को भर्ती कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि नेपाली मानव संसाधन ठीक से और पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित होने के बाद भारतीय कार्यबल को धीरे-धीरे बदल दिया जाएगा।
विभाग के अनुसार, प्रत्येक रेल सेट लगभग 1,300 यात्रियों को 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ यात्रा सुविधा प्रदान कर सकता है, और इसे दोनों ओर से संचालित किया जा सकता है।
मिश्रा ने आगे कहा, "यह अंतर-शहर सेवाओं के संचालन और मध्यम दूरी के लिए उपयुक्त है।"
सरकार कई रेलवे को भी विकसित करने की योजना बना रही है जो देश को चारों दिशाओं से जोड़ेगी।
पूर्व-पश्चिम इलेक्ट्रिक रेलवे सेवा को संचालित करने के लिए रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है।
नेपाल ने राजधानी शहर काठमांडू को दोनों देशों की सीमाओं से जोड़ने के लिए चीन और भारत दोनों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।