नई दिल्ली, 16 अक्टूबर | चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश में आचार संहिता के दौरान किए गए 18 जॉइंट और डिप्टी कलेक्टरों के तबादले रद्द करने का निर्देश दिया है। आयोग ने तत्काल प्रभाव से यह कार्रवाई करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार से कहा है। दरअसल, बीते 8 अक्टूबर को मध्यप्रदेश सरकार ने उपचुनाव वाले जिलों में तैनात कुल 18 जॉइंट और डिप्टी कलेक्टर का तबादला कर दिया था। सरकार ने बगैर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से परामर्श किए ही ट्रांसफर कर दिए थे। मामला संज्ञान में आने के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से तबादले रद्द करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि आदर्श आचार संहिता के दौरान बगैर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के परामर्श या अनुमति के अफसरों के ट्रांसफर नहीं हो सकते।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कोरोना के खिलाफ चल रही जंग से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान कोराना वैक्सीन से जुड़े रिसर्च कार्यों, कांटैक्ट ट्रेसिंग, सीरो सर्वे और दवाओं आदि के बारे में अफसरों से चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीरो सर्वे और कोविड 19 टेस्टिंग बढ़ाने का निर्देश दिया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, नीति आयोग के सदस्य, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार व अन्य वरिष्ठ अफसरों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ जंग में भारतीय वैक्सीन डेवलपर्स और निमार्ताओं की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना की। कहा कि ऐसे सभी प्रयासों के लिए सरकार अपने स्तर से हर तरह की सुविधा और समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना के टीकों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के व्यापक वितरण तंत्र का जाजया लिया। उन्होंने पर्याप्त खरीद के लिए उचित सिस्टम और थोक भंडार के लिए तकनीक के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने सीरो सर्वे और परीक्षण को बढ़ाने का दिया निर्देश। उन्होंने कहा कि तेजी से और सस्ते में कोविड 19 के परीक्षण की सुविधा सभी को जल्द से जल्द उपलब्ध होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक चिकित्सा उपचारों के कठोर वैज्ञानिक परीक्षण और सत्यापन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इस कठिन समय में साक्ष्य आधारित अनुसंधान करने और विश्वसनीय समाधान प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व के लिए कम लागत में टीका और दवा आसानी से उपलब्ध कराने के देश के संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री ने इस वैश्विक महामारी के खिलाफ उच्च स्थिति की तैयारी की अपील की।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुरुवार की देर रात हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट के उपचुनाव का टिकट घोषित कर दिया। पार्टी ने एक बार फिर पहलवान योगेश्वर दत्त (ब्राह्मण) को जाट बहुल इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। बरोदा विधानसभा, हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट के तहत आती है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का इस जाट बहुल क्षेत्र में दबदबा माना जाता है। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर लड़ने वाले पहलवान योगेश्वर दत्त हार गए थे। हालांकि उन्होंने पूर्व के बीजेपी प्रत्याशियों से कहीं ज्यादा 37726 वोट हासिल किए थे। योगेश्वर दत्त इंटरनेशनल पहलवान होने के कारण चर्चित चेहरा हैं, भले ही ब्राह्मण बिरादरी से हों। दत्त का पिछले चुनाव में हार के बावजूद प्रदर्शन बेहतर रहा था और दूसरे नंबर पर रहे थे। इसलिए बीजेपी ने फिर से उन पर दांव खेला है।( आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (वार्ता) देश में कोरोना संक्रमण के मामले 73 लाख से अधिक हो गए हैं और पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या नौ लाख से घटकर आठ लाख के करीब पहुँच गई हैं।
विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक आज देर रात तक संक्रमण के 67,708 नये मामलों के साथ संक्रमितों का कुल आंकड़ा 73,07,097 हो गया है और मृतकों की संख्या 680 बढ़कर 1,11,266 हो गयी है। देश में नये मामलों की तुलना में कोरोना महामारी से निजात पाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और इसी कड़ी में 81,514 कोरोना मरीजों के ठीक होने के साथ अब तक 63,83,441 लोग इस बीमारी से मुक्ति पा चुके हैं। स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण सक्रिय मामले घटकर 812,390 पर आ गये हैं।
कोरोना से देश में सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र 196,761 सक्रिय मामलों के साथ शीर्ष पर है। कर्नाटक एक लाख से अधिक 114,006 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है जबकि केरल 93,925 सक्रिय मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 9123 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,54,389 पर पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 19,517 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 13,16,769 हो गयी है तथा 158 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 40,859 हो गयी है।
कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। अमेरिका में संक्रमितों की कुल संख्या 79,20,386 हो गई और इस हिसाब से भारत अब 6.13 लाख मामले ही पीछे हैं।
देश में हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच में तेजी एवं समुचित उपचार से इस बीमारी से मुक्त होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और पिछले एक सप्ताह के दौरान करीब 96 हजार मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा इसकी तुलना में नये मामलों में कमी आयी है।
सूरत, 15 अक्टूबर (एजेंसी)। गुजरात के सूरत जिले से पुलिस बर्बरता की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले के उमरा थाने में बंद एक व्यक्ति ने चोरी का सामान खरीदने के आरोप में बिना आधिकारिक गिरफ्तारी दिखाए एक हफ्ता तक बंदी बनाकर रखने और पुलिस द्वारा बर्बर व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
मोहम्मद जावेद नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसे पकड़ने के बाद एक हफ्ते तक कस्टडी में रखा गया। पुलिस ने आधिकारिक रूप से गिरफ्तारी नहीं दिखाई। जावेद ने आरोप लगाया है कि उसके प्राइवेट पार्ट में सरिया के साथ पेट्रोल और मिर्ची डालकर प्रताड़ित किया गया।
जावेद के अधिवक्ता यूसुफ शेख ने कोर्ट में आरोपी का पक्ष रखा। कोर्ट ने उमरा थाने के इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह झाला के खिलाफ मामला दर्ज करने और आरोपी की मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया। उमरा थाने में 6 अक्टूबर को मोहम्मद जावेद के खिलाफ चोरी का सामान खरीदने का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने 13 अक्टूबर को मोहम्मद जावेद की गिरफ्तारी बताई है।
जावेद का कहना है कि पुलिस ने उसे 5 अक्टूबर को ही गिरफ्तार किया था, लेकिन उस पर केस नहीं किया और न ही उसे कोर्ट में पेश किया। 11 अक्टूबर को उसकी पिटाई की गई। जावेद ने कोर्ट में इंस्पेक्टर की करतूत के बारे में बताया। जावेद के बयान के बाद कोर्ट ने मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया। सिविल अस्पताल के सीएमओ डॉ. दिनेश मंडल के अनुसार, जावेद के प्राइवेट पार्ट में इंजरी हुई है। सर्जरी के डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच में प्राइवेट पार्ट में इंजरी पाई है। पैर, जांघ समेत शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान पाए गए हैं।
जावेद ने आरोप लगाया है कि लॉकअप में इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह झाला ने खुद बर्बरता की है। दरअसल, उमरा थाना क्षेत्र में 20 सितंबर को संजय जैन का मोबाइल चोरी हो गया था। उमरा थाने में 6 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई गई थी। मोहम्मद जावेद का कहना है कि पुलिस ने उसे 5 अक्टूबर को ही गिरफ्तार कर लिया था।
मुंबई, 15 अक्टूबर| भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि खबरें यह दावा करती हैं कि सीबीआई सुशांत सिंह राजपूत मामले को अगले दो दिनों में बंद कर रही है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि आखिर कुछ लोग मामले को बंद करने की हड़बड़ी में क्यों हैं। स्वामी ने अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, "मेरी जानकारी के अनुसार, ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि सीबीआई अगले दो दिनों में सुशांत सिंह राजपूत की अप्राकृतिक मौत की एफआईआर से संबंधित अंतिम रिपोर्ट बंद कर रही है, जो कि गलत है। मुंबई में आखिर मामले को बंद करने की इतनी जल्दी क्यों हैं?"
इससे पहले दिन में, उन्होंने कुछ ट्वीट्स के साथ मामले के बारे में अपडेट साझा किया था।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार, स्थायी समिति के अध्यक्ष के पत्र बाद डॉ. सुधीर गुप्ता ने सुशांत मामले में गैर-वर्गीकृत फोरेंसिक निष्कर्षो से अवगत कराने के लिए आज मुझसे मुलाकात की।"
इसके बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक अन्य ट्वीट करते हुए कहा, "सुशांत मामले में एम्स ने कूपर अस्पताल द्वारा बनाई गई पोस्टमार्टम के सिलसिले में सात बिंदुओं पर प्रकाश डाला था। परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की स्वास्थ्य समिति के पास आधिकारिक तौर पर उन बिंदुओं को मूल्यांकन के लिए आगे बढ़ा रहा हूं। यह सुशांत मामले में सीबीआई के निष्कर्ष निकालने से पहले आवश्यक है।" (आईएएनएस)
भोपाल 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के उप-चुनाव में अब मुकाबला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच सिमटता नजर आने लगा है। दोनों ही एक-दूसरे पर हमलावर हैं और यही कारण है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया कहीं पीछे छूटते नजर आ रहे हैं।
राज्य में विधानसभा चुनाव की शुरूआत में कांग्रेस के निशाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। यही कारण था कि कांग्रेस ने कई नारे बनाए थे और सिंधिया को घेरने की हर संभव कोशिश की थी। चुनावों की तारीख करीब आने के साथ धुरी भी बदल चली है और अब सीधे तौर पर कांग्रेस के निशाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आ गए हैं, तो भाजपा कमलनाथ पर निशाना साध रही है।
राज्य में जिन 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें 16 सीटें ग्वालियर चंबल इलाके से हैं और यह सिंधिया का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। यही कारण रहा कि कांग्रेस ने सिंधिया पर सीधे हमले बोले तो दूसरी ओर सिंधिया के पक्ष में भाजपा खड़ी नजर आई, मगर अब स्थितियां बदल चली हैं।
भाजपा द्वारा निकाले गए चुनाव प्रचार के लिए वीडियो रथ पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीरें होने और सिंधिया की तस्वीर नजर न आने को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला तो वहीं पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया का नाम 10वें नंबर पर है, इस पर भी कांग्रेस चुटकी ले रही है।
भाजपा के प्रचार रथ और स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया के नाम को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वय नरेंद्र सलूजा ने कहा, "सिंधिया कांग्रेस में चुनाव अभियान समिति के प्रमुख थे। क्या हालत हो गयी भाजपा में? पहले भाजपा के डिजिटल रथ से गायब थे। और अब भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची देख समझ में आ गया कि भाजपा ने गद्दारी करने वालों को बना दिया दस नंबरी।"
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का कहना है कि, "भाजपा में संगठन व्यवस्था प्रमुख है, वीडियो रथ में चार लोगो की तस्वीरें हैं, प्रधानमंत्री, राष्टीय अध्यक्ष, प्रदेशाध्यक्ष और मुख्यमंत्री की। इसमें अन्य किसी की नहीं है।"
राजनीतिक के जानकार अरविंद मिश्रा का मानना है कि कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही सिंधिया को ज्यादा समय तक चर्चाओं में रखकर बड़ा नेता नहीं बनाना चाहते। यही कारण है कि शुरुआत में सिंधिया को कांग्रेस ने घेरा, अब शिवराज उसके निशाने पर हैं, तो भाजपा ने भी कमल नाथ को निशाना बनाया है। कुल मिलाकर दोनों ही राजनीतिक दलों की योजना सिंधिया को सीमित करने की है। कांग्रेस जहां चंबल में सिंधिया को शिकस्त देना चाहती है, तो वहीं भाजपा के कई नेता नहीं चाहते कि ग्वालियर-चंबल में पार्टी की जीत से सिंधिया का प्रभाव बढ़े। उसी का नतीजा है कि चुनाव की धुरी बदल रही है।
मुंबई, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| न्यूज चैनलों का टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाला सामने आने के बाद टेलीविजन रेटिंग मापने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने बड़ा फैसला लिया है। बार्क ने अपने मौजूदा मानकों की समीक्षा करने के साथ ही तत्काल प्रभाव से समाचार चैनलों की रेटिंग रोकने का फैसला किया है। बार्क के इस कदम के बाद सभी हिंदी, क्षेत्रीय, अंग्रेजी समाचार और व्यावसायिक समाचार चैनलों की कुछ समय तक टीआरपी घोषित नहीं की जाएगी।
ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ने साप्ताहिक टीआरपी पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है, जो कि अगले आठ से 12 हफ्ते के लिए हो सकती है।
बार्क इंडिया बोर्ड के चेयरमैन पुनीत गोयनका ने कहा, "मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए यह फैसला लेना बेहद जरूरी हो गया था। बोर्ड का मानना है कि बार्क को अपने पहले से ही कड़े प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी चाहिए और इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए कि फर्जी टीआरपी जैसी घटनाएं फिर सामने न आएं।"
वहीं बार्क के सीईओ सुनील लुल्ला ने कहा, "हम बार्क में अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी और लगन से निभाते हैं और वही रिपोर्ट करते हैं, जो देश देखता है। हम ऐसे और विकल्प तलाश रहे हैं, जिससे ऐसे गैर-कानूनी कामों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।"
बता दें कि मुंबई पुलिस ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके टीआरपी के एक कथित गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया था कि एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल समेत कम से कम तीन चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीदते थे और बढ़वाते थे। इसके बाद अब बार्क ने यह बड़ा फैसला लिया है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता उदित राज ने गुरुवार को कुंभ मेला में सरकार की ओर से खर्च किए जाने वाले पैसे पर सवाल उठा कर विवाद पैदा कर दिया। इस ट्वीट की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी तीखी आलोचना की।
हालांकि राज ने बाद में स्पष्टीकरण दिया कि यह ट्वीट उन्होंने अपनी निजी क्षमता में किया था।
दलित नेता ने कहा, "मैं अपने ट्वीट पर टिका हुआ हूं और बहस के लिए तैयार हूं। आईएनसी को टैग नहीं किया गया था और यह मेरा निजी ट्वीट था।"
ट्वीट में उन्होंने लिखा था, "सरकार की ओर से किसी भी धर्म, धार्मिक गतिविधि का वित्तपोषण नहीं किया जाना चाहिए। राज्य का अपना कोई धर्म नहीं होता है। यूपी सरकार ने इलाहबाद के कुंभ मेला के आयोजन में 4200 करोड़ रुपये खर्च किए और वह भी गलत था।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह ट्वीट असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सर्मा के बयान के प्रतिक्रिया स्वरूप किया गया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार मदरसों में कुरान की शिक्षाओं का खर्च उठा रही हैं, इसलिए बाईबल और भगवत गीता की भी शिक्षा सरकार को देनी चाहिए।
उदित राज के इस ट्वीट पर भाजपा ने प्रियंका गांधी से इस मामले पर जवाब मांग लिया। भाजपा के नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, "प्रियंका गांधी को जवाब देना चाहिए कि क्या सरकार को कुंभ मेला कराना चाहिए। हमें गर्व है कि हमने कुंभ मेला में खर्च किया और अगला कुंभ मेला इससे भी बड़ा होगा।"
पटना, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरी भाकपा (माले) ने गुरुवार को घोषणा पत्र जारी कर दिया।
भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणा पत्र को जारी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।
घोषणा पत्र में डी बंदोपाध्याय आयोगों की अनुशंसाओं के आलोक में सीलिंग की जमीन घटाना, कानून का सख्ती से पालन, भूदान समितियों का पुनस्र्थापना, बटाईदारों का पंजीकरण, किसानी का हक, बिना आवास वाले परिवार को 10 डिसमिल आवासीय जमीन देने की घोषणा की गई है।
पार्टी ने बन्द पड़ी मिलों व सरकारी इलाके की बीमार इकाइयों को फिर से शुरू करने का वादा किया है, जबकि रोजगारोन्मुख औद्योगिक विकास पर जोर देते हुए अन्य छोटे-मध्यम उद्योगों पर विकास करने का वादा भी किया गया है।
घोषणा पत्र में बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान करने का वादा किया गया है, तो सरकारी विभागों में रिक्त पड़े सभी पदों पर अविलंब बहाली का वादा किया गया है।
घोषणापत्र जारी करने के मौके पर कविता कृष्णन, राजाराम सिंह व केडी यादव भी उपस्थित थे।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर । विवादित बयान देने वाले कांग्रेस नेता उदित राज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उदित राज ने अब कुंभ मेले के आयोजन में सरकारी पैसे के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने मदरसा और कुंभ की तुलना करते हुए गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का निर्णय किया है उसी तरह यूपी सरकार को कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए। हालांकि विवाद बढ़ने पर उदित राज ने वो ट्वीट डिलीट कर दिया। उधर, कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने लिखा 'मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई..'
इससे पहले कांग्रेस नेता उदित राज ने सुबह एक ट्वीट में कहा कि किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह गलत है।' हालांकि बाद में विवाद बढ़ने के बाद उदितराज ने ट्वीट डिलीट कर दिया। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में सफाई देते हुए कहा, 'राज्य का कोई धर्म नहीं होता। सभी को बराबर मानना चाहिए। किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस संदर्भ में मैंने कुंभ मेले के खर्च का उदाहरण दिया'
संबित पात्रा बोले- ये है गांधी परिवार की सच्चाई
उदित राज के विवादित ट्वीट के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई। पहले अफिडेविट देकर सुप्रीम कोर्ट में कहा था 'भगवान श्री राम मात्र काल्पनिक है..उनका कोई अस्तित्व नहीं' और अब प्रियंका वाड्रा जी का कहना है की कुंभ मेला भी बंद होना चाहिए! तभी तो दुनिया कहती है राहुल और प्रियंका 'सुविधा-वादी' हिंदू है'।
वैश्विक स्तर का आयोजन है कुंभ
कुंभ मेले पर यूपी सरकार के खर्च पर सवाल उठाने वाले उदित राज के ट्वीट के जवाब में यूपी सरकार के मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि कुंभ अब एक वैश्विक स्तर का आयोजन है, यह सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार तक सीमित नहीं है। ऐसे आयोजन पर किसी को भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिसमें दुनिया भर के लाखों लोग शामिल होते हैं।
'कुछ लोगों के पास विकास के लिए विचार और इच्छाएं नहीं'
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुंभ मेले पर उदित राज की टिप्पणी पर कहा कि कुछ लोगों के पास विकास के लिए विचार और इच्छाएं नहीं हैं। जब किसी कार्यक्रम में करोड़ों लोग आते हैं। ऐसे में सरकार उनको बेहतर सुविधाएं मुहैया कराती है। इस तरह के आयोजनों से बुनियादी ढांचे के विकास के अवसर मिलते हैं। (nbt)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी को समझ में आ सकने वाली अंग्रेजी में कानून बनाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से जवाब मांगा है। याचिका में सरल अंग्रेजी भाषा में कानून तैयार करने की मांग की गई है। याचिका में शीर्ष न्यायालय से गुहार लगाई गई है कि वह केंद्र के न्याय विभाग को निर्देश दें कि वह साधारण अंग्रेजी में ऐसी मार्गदर्शक/हैंडबुक जारी करे, जिसे आम लोग आसानी से समझ सकें।
इस मामले पर सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने की।
अधिवक्ता सुभाष विजयरन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि अधिकांश वकील अपनी बातों को लेकर अस्पष्ट और नीरस बने रहते हैं, क्योंकि वे कुछ कहने के लिए दो के बजाय आठ शब्दों का उपयोग करते हैं।
याचिका में कहा गया है, "हम सामान्य विचारों को व्यक्त करने के लिए रहस्यमय वाक्यांशों का उपयोग करते हैं। सटीक होने की कोशिश में हम निर्थक हो जाते हैं। सतर्क रहने की मांग करते हुए, हम क्रियात्मक हो जाते हैं। हमारा लेखन कानूनी शब्दजाल और कानूनी तरीके से लिखा जाता है और कहानी चलती रहती है।"
यह दलील दी गई है कि संविधान, कानून और कानूनी प्रणाली आम आदमी के लिए है, और फिर भी यह आम आदमी है, जो सिस्टम से सबसे अधिक अनभिज्ञ है। याचिका में कहा गया है, आम नागरिक न तो व्यवस्था को समझता है, न ही कानूनों को। सब कुछ इतना जटिल और भ्रमित करने वाला है।
दलील में कहा गया है कि अगर जनता तक न्याय नहीं पहुंचाया जाता तो यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा।
याचिका में कुछ देशों का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि कई देशों में सार्वजनिक एजेंसियां नागरिकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए सादी भाषा का इस्तेमाल करती हैं।
याचिका में दलील दी गई है कि विधानमंडल और कार्यपालिका को सटीक और असंदिग्ध कानून बनाने चाहिए और जहां तक संभव हो, इसे आसान भाषा में बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा, सरकार द्वारा सामान्य जनहित के कानूनों की व्याख्या करने के लिए सादी अंग्रेजी और अन्य स्थानीय भाषाओं में एक मार्गदर्शिका (गाइड) जारी करनी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का मानक उच्चतम गुणवत्ता का होना अनिवार्य है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत के शीर्ष न्यायालय के वकीलों को अपनी दलीलों को स्पष्ट, संक्षिप्त और सटीक बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए।
याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को एक अनिवार्य विषय शुरू करने का आदेश देने की मांग भी की गई है। इसमें कहा गया है कि एलएलबी पाठ्यक्रम में 'आसान अंग्रेजी में कानूनी लेखन' विषय शुरू किया जाना चाहिए, जहां कानून के छात्रों को साधारण अंग्रेजी में सटीक और संक्षिप्त दस्तावेजों का मसौदा तैयार करना सिखाया जा सके।
जयपुर, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजस्थान के गुर्जर नेताओं ने शनिवार को भरतपुर में एक महापंचायत बुलाई है, जिसमें आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा होगी। महापंचायत में गुर्जरों के आरक्षण के मुद्दे पर नया आंदोलन चलाने को लेकर फैसला लिया जाएगा। इससे पहले, महापंचायत का आयोजन सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर गांव में किया जाना था, हालांकि, बाद में कार्यक्रम स्थल को भरतपुर के पिलुपुरा क्षेत्र के अडा गांव में बदल दिया गया।
मीडिया से बात करते हुए गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज ने कई अवसरों पर आरक्षण कानून को संविधान की 9वीं सूची में डालने का मुद्दा उठाया है। साथ ही ये भी कहा कि बैकलॉग भर्ती के लिए और भर्ती प्रक्रिया में सबसे पिछड़े वर्गो (एमबीसी) को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए सरकार का रवैया ढीला है।
"आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा व नौकरी देने और मुकदमे वापस लेने के लिए सरकार के साथ कई बैठकें हुईं, लेकिन सरकार ने कोई भी मांग पूरी नहीं की, इसलिए गुर्जर समाज में भारी आक्रोश है।"
बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने कहा कि महापंचायत में आगामी आंदोलन से जुड़े बड़े फैसले लिए जाएंगे। गुर्जर समाज ने हाल ही में आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को अल्टीमेटम दिया था।
एक महीना पहले, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि राजस्थान में अति पिछड़े वर्ग को सरकारी नौकरियों में कोटा से वंचित किया जा रहा है।
गहलोत के हस्तक्षेप की मांग करते हुए पायलट ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया था कि 2018 के चुनावों में कांग्रेस के घोषणापत्र में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण का वादा शामिल था।
पायलट ने कहा था, "मुझे जो आवेदन मिले हैं उसके अनुसार, पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2018 में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।" उन्होंने आगे कहा था कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रतिनिधिमंडल उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले और शिकायतें बताईं।
गुरुग्राम, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रदूषण नियामक प्राधिकरण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(जीआरएपी)ने गुरुवार से राष्ट्रीय राजधानी में डीजल जेनरेटर्स के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि अस्पताल, रेलवे, मेट्रो और अन्य बेहद जरूरी सेवाओं के लिए जनरेटर्स के प्रयोग पर छूट प्रदान की गई है।
गुरुग्राम में प्रदूषण विभाग के अनुसार, शहर में दोनों आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र मिलाकर करीब 10,000 जेनरेटर संचालित होते हैं।
गुरुग्राम में, करीब 2 लाख निवासी या तो आंशिक रूप से या फिर काफी हद तक जेनसेट पर निर्भर हैं। निवासी इन सोसायटी में कई वर्षो से रह रहे हैं, लेकिन कई बिल्डर्स ने स्थानीय कनेक्शन के लिए न तो बकाया चुकाया है और ना ही अन्य निर्देश पूरे किए है, जिस वजह से वे पूरी तरह से पॉवर बैकअप पर निर्भर हैं। इनमें से पांच सोसायटी ऐसी हैं जो पूरी तरह से जनरेटर्स पर निर्भर है।
गुरुग्राम के एक वरिष्ठ नागरिक आनंद साहा ने कहा, "हम एलीवेटर्स जैसी आवश्यक सेवाओं का प्रयोग करते हैं। और यहां कई बच्चे और वरिष्ठ नागरिक रहते हैं। इनमें से कई गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ रोगियों के लिए, दवाईयों को एक निश्चित तापमान में रखना जरूरी है। ये सभी चीजें अबाधित बिजली आपूर्ति पर निर्भर करती है।"
हालांकि डिस्कॉम के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास 11,000 मेगावाट के बेस पीक डिमांड के एवज में 12,500 मेगावाट की सरप्लस बिजली है और वे फिलहाल डिजल जेनरेटर्स पर निर्भर इन सोसायटीज और कॉलोनियों में पॉवर सप्लाई कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में 5,540 डीजल जेनरटर्स हैं, जिसकी क्षमता 100 किलोवाट है।
न्यू गुरुग्राम की निवासी नेहा राणा ने कहा, "लगातार बिजली जाने से कार्यालय का काम बाधित होता है और यह उनके लिए मुश्किल है जो घर से काम करते हैं। राज्य सरकार को इन समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त संरचना मुहैया कराना चाहिए।"
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन (मनी लांड्रिंग) के आरोप में अहमदाबाद स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी की निदेशक को गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने पेंटियम इन्फोटेक लिमिटेड और हीरम बायोटेक लिमिटेड की निदेशक निकेता बलदेवभाई दवे को धनशोधन-रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है। ईडी ने यह गिरफ्तारी कथित रूप से एक सहकारी बैंक के साथ हुई धोखाधड़ी से जुड़े मामले में की है। एक स्थानीय अदालत ने दवे को चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।
गुजरात पुलिस की सीआईडी-अपराध शाखा ने सबसे पहले मई, 2009 में इस संबंध में मामला दर्ज किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बयान में कहा कि दवे और इन कंपनियों के एक निदेशक प्रतीक आर. शाह और अन्य ने अहमदाबाद के पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (एपीसीबीएल) के साथ 25.25 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
एजेंसी ने कहा, "जांच में पाया गया है कि शाह और दवे ने एपीसीबीएल में एफडीओडी (एफडी के एवज में ओवरड्राफ्ट) ऋण खाता खोला। इन कंपनियों ने भुगतान में चूक की, जिससे बैंक को 25.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।"
ईडी ने एक अधिकारी ने कहा कि इसके बाद एपीसीबीएल में प्रत्येक खाते में 50 लाख रुपयों के साथ 20 आईबीएल खाते भी शाह द्वारा अपने कार्यालय के कर्मचारियों, कंपनियों या सहयोगियों के नाम से खोले गए।
उन्होंने कहा, "इसके अलावा दवे ने निदेशक/पार्टनर के रूप में 20 में सात कंपनियों जिनमें एस.जे. सिक्योरिटीज लिमिटेड, पायनियर मर्के टाइल लिमिटेड, विटाले बायो साइंस लिमिटेड, सातरक रियल एस्टेट लिमिटेड, जुपिटर बिजनेस लिमिटेड, लक्ष्य सिक्योरिटीज एंड क्रेडिट होल्डिंग लिमिटेड और अरिहंत ज्वैलर्स शामिल हैं, उनके लिए ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन किया।"
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में रहने वाली एक कश्मीरी युवती ने ट्विटर के जरिए शिकायत की है कि उसकी मकान मालकिन ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की है। उसने कश्मीरी होने के कारण मकान मालकिन द्वारा निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है। महिला ने एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें मारपीट के कारण लगी चोटों को दिखाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि मकान मालकिन ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और उस पर भी गौर किया जा रहा है।
पुलिस ने कहा कि उसे बुधवार को अमर कॉलोनी पुलिस स्टेशन में रात 8.40 बजे ताला तोड़कर घर में चोरी होने की पीसीआर कॉल आई। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि पूर्वी कैलाश में मकान की चौथी मंजिल पर जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर जिले के राजबाग की निवासी नूर भट्ट और उसकी बहन किराए के कमरे में रहती हैं। यह कॉल मकान मालकिन तरुणा मखीजा ने की थी।
नूर ने अपने ट्वीट में कहा, "मेरी मकान मालकिन एक आदमी के साथ मेरे घर में आई, जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था। उन्होंने मुझे और मेरे दोस्तों को आतंकवादी कहना शुरू किया, क्योंकि हम कश्मीर से हैं। हमें पीटा और हमारे पैसे छीन लिए।"
डीसीपी साउथ ईस्ट आर.पी.मीणा ने कहा, "यह भी पता चला है कि किराए और बिजली का बिल न देने के कारण पहले भी झगड़ा हुआ था। बीएसईएस द्वारा बिजली भी काट दी गई थी।"
तरुणा मखीजा ने कहा, "ये लड़कियां इस साल जून में हमारे घर में रहने आईं और फिर किराया देने में देरी करने लगीं। उन्होंने बीएसईएस के कर्मचारियों को भी परेशान किया। हमने पुलिस में शिकायत की है।"
सासाराम, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने यहां गुरुवार को कहा कि राजनीति में नारा लगा देना आसान है लेकिन गरीबों की मदद के लिए 56 इंच का सीना होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्कृति बदल दी है। बिहार के काराकाट विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि, हमलोगों ने जो किया है वह लेखा-जोखा लेकर आया हूं। हम क्या करेंगे, ये नहीं बताने आया हूं, हमने क्या किया है, यह बताने आया हूं। मोदीजी ने बिहार के लिए जो कुछ किया है, जितना खर्च किया है, वह बताने आया हूं।
भाजपा अध्यक्ष ने एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की चर्चा की, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने राजद के शासनकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चरवाहा विद्यालय के नाम पर बिहार को चारागाह बना दिया और चारा घोटाला कर दिया, अब रांची की जेल में बैठे हैं।
उन्होंने लोगों से पहचानने की अपील करते हुए कहा कि लालू राज में शहाबुद्दीन को कुछ नहीं किया गया, नीतीश कुमार के शासन में शहाबुद्दीन को जेल भेजा गया। लालू राज में गोपालगंज के दलित जिलाधिकारी कृष्णया की हत्या कर दी गई। लालू राज में पटना से व्यवसायी बिहार छोड़कर चले गए।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जब राजग की सरकार आई तो हालत सुधरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले 24 प्रतिशत क्षेत्रों में बिजली थी, लेकिन आज शत प्रतिशत क्षेत्रों में बिजली पहुंच गई है।
उन्होंने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आजकल राजद के लेाग भी विकास की बात कर रहे हैं। मोदी जी ने उनको विकास भी समझा दिया। अब वे भी समझ गए हैं कि बिहार के लोगों की आकांक्षा क्या है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर| दिल्ली की व्यस्त सड़कों पर एक तेज रफ्तार कार को रोकने के प्रयास में कार के बोनट पर चढ़े ट्रैफिक पुलिसकर्मी को करीब 400 मीटर तक घसीटने की घटना सामने आई है। सीसीटीवी फुटेज में सिपाही को सड़क पर गिरने से पहले कार को पकड़े हुए देखा गया है। सिपाही का पैर कार के पहिए के नीचे आते-आते बचा, वहीं अन्य वाहन उसके बहुत करीब से होकर गुजरे।
पुलिस ने गुरुवार को बताया कि अपराधी कार चालक बीकॉम के छात्र को आईपीसी 307 (हत्या का प्रयास) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
उस पर हमला, एक लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल और खराब ड्राइविंग करने को लेकर मामला दर्ज किया गया है। उसके खिलाफ दिल्ली कैंट थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 279 और 337 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
छात्र सोमवार शाम को दिल्ली छावनी क्षेत्र की गलियों में तेजी से कार चला रहा था। कार में फैंसी नंबरप्लेट भी थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "जब ड्राइवर को कॉन्स्टेबल ने रोका, तो बिना लाइसेंस वाले ड्राइवर ने उसके ऊपर से वाहन दौड़ाने की कोशिश की और पुलिसकर्मी को अपनी कार के बोनट पर खींच लिया। अगर कोई तेज रफ्तार वाहन पीछे से आ रहा होता तो कांस्टेबल को गंभीर चोटें आतीं।"
बोनट से गिरने के बाद कांस्टेबल महिपाल सिंह यादव को चोटें आई हैं।
चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद लोगों और अन्य यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा पकड़ा गया। करीब एक किलोमीटर तक उसका पीछा करने के बाद वह पकड़ा गया। उसकी पहचान उत्तम नगर निवासी शुभम के तौर पर हुई है। वह बीकॉम तृतीय वर्ष का छात्र है।
यादव ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह सोमवार शाम को दिल्ली कैंट में स्टेशन रोड पर तीन अन्य कर्मियों के साथ वाहन चेकिंग ड्यूटी पर थे। यादव ने शाम 5 बजे के आसपास एक सफेद रंग की कार देखी, जिसमें फैंसी नंबरप्लेट लगी हुई थी और उसने चालक को रुकने का इशारा किया। रुकने के बजाय चालक ने स्पीड बढ़ा दी और भागने की कोशिश की।
पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर| दिल्ली के लगभग 65 प्रतिशत घरों में एक या एक से अधिक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने पहले ही प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों का सामना करना शुरू कर दिया है। एक सर्वेक्षण में इस बात का पता चला है। दिल्ली-एनसीआर के 47 प्रतिशत लोगों को सर्दी, खांसी या गले में खरास की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जबकि 26 प्रतिशत को आंखों में जलन और 30 प्रतिशत को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सर्वेक्षण में गुरुवार को इस तरह के परिणाम सामने आए हैं।
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर एक बजे 323 पर था, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। हर साल यह देखने में आता है कि राजधानी और इससे सटे इलाकों में सर्दियां शुरू होते ही वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। हालांकि अभी सर्दी शुरू भी नहीं हुई है, मगर लोगों को प्रदूषण का आभास होने लगा है।
शहर के कई डॉक्टरों और अस्पतालों का भी कहना है कि सांस लेने में कठिनाई वाले रोगियों के मामलों की अधिक संख्या देखने को मिल रही है। पहले से श्वसन संबंधी बीमारियों से घिरे लोग खराब हवा के संपर्क में आते हैं तो उन्हें और अधिक परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। यहां तक कि उन्हें कोरोनावायरस जैसे संक्रामक रोगों का खतरा भी अधिक है।
'लोकल सर्कल्स' की ओर से कराए गए इस सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के करीब 15,500 लोगों ने हिस्सा लिया।
इसमें लोगों से पूछा गया कि बढ़ते प्रदूषण का आपके और आपके परिवार पर क्या असर पड़ रहा है। इस सवाल के जवाब में 29 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार में एक या एक से अधिक लोगों का अभी से गला खराब, जुकाम और कफ जैसी समस्या होने लगी है। इसके अलावा छह प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में एक या अधिक लोगों को आंख में जलन की समस्या हो रही है। जबकि 12 प्रतिशत ने कहा कि एक या अधिक फैमिली मेंबर को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। इसके साथ ही 18 प्रतिशत लोगों ने उपरोक्त सभी प्रकार की दिक्कतें होने की बात कही।
कुल मिलाकर सर्वे में शामिल 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में एक या अधिक लोगों को प्रदूषण की वजह से परेशानी होनी शुरू हो गई है।
प्रदूषण से निपटने की योजना के सवाल पर सर्वे में शामिल छह प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह कुछ समय के लिए दिल्ली-एनसीआर से बाहर चले जाएंगे। वहीं 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह घरों में ही रहेंगे और इम्युनिटी बढाएंगे। वहीं, 12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करेंगे। वहीं 24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह नियमित गतिविधि (रूटीन एक्टिविटी) करेंगे और मास्क पहनेंगे।
इसके साथ ही 25 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वे नियमित गतिविधि करेंगे और बाहर जाने पर मास्क पहनेंगे और इसके अलावा इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों का सेवन बढ़ाएंगे, जबकि नौ प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे उपरोक्त में से कोई भी काम नहीं करेंगे और बस इसी परिस्थिति के साथ बने रहेंगे।
सर्वे में शामिल चार प्रतिशत लोगों ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने काफी काम किया है और इस बार अच्छे परिणाम दिखेंगे। वहीं, सात प्रतिशत लोगों ने कहा कि काम हुआ है और कुछ न कुछ असर पड़ेगा। हालांकि इस मामले में 42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कुछ काम नहीं हुआ है और प्रदूषण पिछले साल जैसा ही रहेगा। (आईएएनएस)
कोलकाता, 15 अक्टूबर| कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में किए गए लॉकडाउन के 7 महीने बाद पश्चिम बंगाल में गुरुवार को फिर से सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स दर्शकों के लिए खोल दिए गए। हालांकि इसके लिए कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। सिनेमाघरों में बैठक क्षमता से आधे लोगों ही प्रवेश कर सकेंगे, ताकि फिल्म देखने वाले लोगों के बीच कम से कम 3-मीटर की दूरी हो।
आईनॉक्स लेजर लिमिटेड के प्रवक्ता पुनीत गुप्ता ने कहा, "हम टिकट काउंटर पर पेपरलेस एंट्री और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही लोग मूवी थियेटर के अंदर प्रवेश कर सकेंगे। सभी को मास्क और ग्लब्स दे रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि देश के सभी आईनॉक्स थिएटर में सभी कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है, ताकि किसी भी गंभीर सुरक्षा खतरे से बचा जा सके। लोग वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए टिकट बुक कर सकते हैं और काउंटर से ई-टिकट प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, "हमें अच्छे रिस्पांस की उम्मीद है। लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे एक बार फिर दोस्तों और परिवार के बड़े समूह के साथ फिल्म देखने जा सकते हैं। हमें कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए।"
सूत्रों ने कहा कि सिनेमाघरों में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए। वहीं बुखार या अन्य कोविड लक्षण वाले व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एयर कंडीशनर का तापमान 24-30 डिग्री सेल्सियस पर सेट होना चाहिए और थिएटर में क्रॉस वेंटिलेशन होना चाहिए।
फिल्म निर्माता ध्रुबो बनर्जी ने आईएएनएस से कहा, "मुझे लगता है कि पिछले सात महीनों में लोगों को सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की आदत हो गई है और सिनेमा हॉल में वापस जाने से उनके सामाजिक जीवन में सकारात्मकता आएगी।"
कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रिया सिनेमा हॉल के मालिक अरिजीत दत्ता ने कहा, "यह सिर्फ एक शुरुआत है। आज सिनेमाघर फिर से खुल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सभी सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स आज फिर से खुल गए हैं। लेकिन मुझे यकीन है कि अगले दो-तीन महीनों में कारोबार फिर से चल पड़ेगा।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की ओर से पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण (पीआईडीए) अध्यादेश पर हस्ताक्षर करना भविष्य के निवेशकों या शायद चीन को पाकिस्तानी द्वीप बेचने की योजना प्रतीत होती है।
पीआईडीए अध्यादेश में कुछ विवादास्पद सेक्शन ने देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और एक बड़ा विवाद शुरू कर दिया है।
अध्यादेश के बारे में सावधानीपूर्वक पढ़ने से पता चलता है कि संघीय सरकार कुछ छिपा रही है। अध्यादेश में कहा गया है कि एक बार सरकार कराची के पाकिस्तानी बंदरगाह के आसपास स्थित सिंध में द्वीपों पर कब्जा कर लेती है तो पुलिस, न्यायपालिका और स्थानीय सरकार उन पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं रखेगी। इमरान खान सरकार ने इसमें ऐसा क्लॉज क्यों डाला, यह अटकलों और चिंता का विषय बन गया है।
भू राजनीतिक विश्लेषक मार्क किनरा कहते हैं, "यह स्पष्ट है कि संघीय सरकार देश के भीतर किसी भी अधिकार या शक्ति को नहीं चाहती है कि वह द्वीपों पर जो कुछ कर रही है, उसमें हस्तक्षेप किया जाए। यह एक अतिरिक्त-संवैधानिक प्राधिकरण बनाने की तरह है, जिसके पास सभी मौजूदा लोकतांत्रिक संस्थानों पर ओवर-राइडिंग शक्तियां हैं। पाकिस्तान के लोगों के लिए यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि इसे उनके अधिकारों और देश की संप्रभुता पर थोपा गया है।"
उन्होंने इस अध्यादेश की वैधता पर सवाल उठाए। इसके साथ ही अध्यादेश में एक खंड तो ऐसा भी है जो कि काफी विवादास्पद है। कहा जा रहा है कि संघीय सरकार को इस अध्यादेश के माध्यम से अधिग्रहित भूमि को बेचने तक का अधिकार है।
अध्यादेश के इस खंड ने पाकिस्तानी अवाम की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि दुनिया में शायद ही कोई सरकार हो, जो राष्ट्रीय संपत्ति मानी जाने वाली जमीन को बेचने के बारे में सोचती हो। संबंधित खंड की ओर इशारा करते हुए किनरा ने कहा, "इसकी धारा 47 में कहा गया है कि प्राधिकरण अपने पास निहित किसी भी भूमि को पट्टे पर रख सकता है, या बेच सकता है या फिर विनिमय कर सकता है।"
पाकिस्तान का दोस्त चीन खुद इसका एक दिलचस्प उदाहरण है, क्योंकि चीन में भूमि का कोई निजी स्वामित्व नहीं है। चीन में भूमि का स्वामित्व सरकार के पास ही रहता है, जबकि भूमि पर संरचनाएं कॉर्पोरोट इकाई के पास होती हैं।
हालांकि, पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से अपनी ही भूमि के प्रति एक उदासीन रवैया दिखाया है।
पिछले साल, दिसंबर 2019 के पहले सप्ताह में खान ने घोषणा की थी कि वह विदेशी और पाकिस्तानी निवेशकों को जमीन और अन्य राज्य संपत्ति बेच देगा। दुबई एक्सपो 2020 में राज्य के स्वामित्व वाली लेकिन अप्रयुक्त भूमि को बेचने के लिए विचार किया गया था।
विपक्षी दल और पाकिस्तानी नेता पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।
सिंध प्रांत की सरकार के अधीन दो द्वीपों को पाकिस्तान सरकार द्वारा अपने नियंत्रण में लेने के बाद से इमरान शासन विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। राजनीतिज्ञों ने रणनीतिक रूप से अहम इन द्वीपों को सीपीईसी के एक हिस्से के रूप में चीन को सौंपने की योजना बनाने का इमरान प्रशासन पर आरोप लगाया है। विपक्ष ने कहा है कि वह सरकार को यह जमीन चीन को बेचने की कतई अनुमति नहीं देगा।
बता दें कि पिछले महीने ही राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बुंदल और भुड्डो द्वीपों पर पुनर्विचार और शहरी नियोजन की सुविधा के मकसद से पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण (पीआईडीए) अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों द्वीप सिंध के किनारे दक्षिण में स्थित हैं। इस अध्यादेश से सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है।
मुंबई, 15 अक्टूबर| मायानगरी मुंबई के धारावी में पुलिस ने एक ड्रग पैडलर से लगभग 1.20 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है, जिसकी कीमत 2.40 करोड़ रुपये आंकी गई है। यहां घाटकोपर पुलिस के एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ड्रग डिलीवरी के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद, एएनसी की एक टीम ने बुधवार दोपहर धारावी में 60 फीट वाली सड़क पर पैडलर को काबू करने के लिए जाल बिछाया और छिपकर उसका इंतजार करने लगी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भाराम्बे ने कहा कि कुछ समय बाद, संदिग्ध पैडलर अन्य पैडलर्स या ग्राहकों को ड्रग्स बेचने के लिए पहुंचा।
टीम के सदस्यों ने पैडलर को 1.20 किलोग्राम ड्रग्स के पैकेट के साथ रंगे हाथों दबोच लिया, जिसमें 'हेरोइन' मिली। इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 2.40 करोड़ आंकी जा रही है।
गिरफ्तार पैडलर की पहचान धारावी निवासी 47 वर्षीय मंजर डी. शेख के रूप में हुई है, जिसे पूछताछ के लिए ले जाया गया है।
अन्य कई महत्वपूर्ण बातों के अलावा, शेख ने शहर और उपनगरों में ड्रग पेडलर्स और ग्राहकों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसके बारे में अब जांच की जाएगी।
पुलिस ने कहा कि आरोपी को 2018 में भी एएनसी घाटकोपर यूनिट ने इसी तरह के एक ड्रग मामले में पकड़ा था। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 15 अक्टूबर | पुराने हैदराबाद शहर के प्रसिद्ध अकन्ना मदन्ना मंदिर का जर्जर ढांचा ढहने से उसकी चपेट में आने से एक महिला बाल-बाल बच गई। सीसीटीवी पर महिला के बचने की घटना कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पुलिस के अनुसार, इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई, न ही कोई घायल हुआ है।
बुधवार शाम को रिकॉर्ड हुए इस वीडियो में एक बुर्का पहने महिला को मंदिर के सामने से हड़बड़ी में निकलते हुए देखा जा सकता है। जैसे ही वह पुराने ढांचे से गुजरी, वह अचानक ढह गया। वह तेजी से आगे बढ़ी और सिर्फ एक सेकंड से वह बच गई।
वहीं विपरीत दिशा से एक दोपहिया वाहन पर आ रहा शख्स बचकर निकल गया। मलबा जैसे ही सड़क पर गिरा, पूरे क्षेत्र में धूल के गुब्बार छा गए।
सड़क पर यातायात कम होने के कारण एक बड़ी त्रासदी टल गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालांकि यह एक व्यस्त सड़क है, लेकिन खराब मौसम होने के कारण कम ही वाहन थे।
मंगलवार रात को हुई भारी बारिश ने हैदराबाद और आसपास के इलाकों में भीषण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिससे 19 लोगों की जान चली गई। इनमें से नौ बंदलागुड़ा में एक घर के ढहने से मारे गए थे।
पुराने शहर में तीन दिनों में घर गिरने की यह दूसरी घटना थी। इससे पहले रविवार को हुसैनी आलम में एक पुराने घर के गिरने से दो लोगों की मौत हो गई।
घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देते हुए, नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के टी रामाराव ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के अधिकारियों को जर्जर इमारतों की पहचान करने और उन्हें खाली करने के लिए कहा है।
उन्होंने अधिकारियों से ऐसी इमारतों को खाली कराने के लिए कहा, साथ ही यह भी कहा कि यदि आवश्यक हो, तो बल का उपयोग करें।
उनके निर्देश के बाद, अधिकारियों ने बुधवार को 14 जीर्ण-शीर्ण इमारतों को खाली करा दिया।
जीएचएमसी ने शहर भर में 286 जर्जर इमारतों की पहचान की है और निवासियों को उन्हें खाली करने के लिए नोटिस दिए हैं।(आईएएनएस)
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने प्रयागराज के ट्रांस गंगा क्षेत्र में एक ग्राम सभा की भूमि पर मस्जिद के निर्माण के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई है। विहिप ने कहा कि झांसी क्षेत्र के हवेलिया गांव में मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है।
जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने वाले विहिप नेताओं ने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र में गंगा के किनारे समुद्र तट के पास मस्जिद का निर्माण चल रहा है। उन्होंने जिला अधिकारियों से अवैध ढांचे को जल्द से जल्द ध्वस्त करने का अनुरोध किया है।
विहिप नेताओं ने निर्माण को रोकने और ढांचे को ध्वस्त करने के लिए जिला अधिकारियों को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है, वरना वे साइट पर बड़े पैमाने पर विरोध शुरू करेंगे।
विहिप के प्रवक्ता अश्विनी मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया, "विहिप के काशी प्रांत के स्वयंसेवकों ने कुंभ मेला क्षेत्र में एक अवैध मस्जिद के निर्माण के खिलाफ एडीएम (सिटी) को एक ज्ञापन सौंपा है।"
उन्होंने कहा कि अज्ञात लोगों के एक समूह ने संगम शहर के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया है।
मिश्रा ने कहा कि इलाके के लेखपाल और पुलिस के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी निर्माण के बारे में जानते हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
विहिप के स्वयंसेवकों ने मांग की कि जिला अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि कुंभ मेला क्षेत्र के पास गंगा के किनारे मस्जिद का अवैध निर्माण हो रहा है।
वहीं आईएएनएस द्वारा संपर्क किए जाने पर, स्थानीय अधिकारियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बक्सर, 15 अक्टूबर। बिहार के बक्सर में बीते दिनों दलित महिला के साथ गैंगरेप और पीडि़ता के 5 वर्षीय बेटे की हत्या मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार महिला के साथ गैंगरेप जैसा कुछ नहीं हुआ है। घर से निकलने के बाद वह बैंक नहीं आशिक से मिलने गई थी और पूरे दिन आशिक के साथ उसके बहनोई के घर रुकी थी। हालांकि, इस पूरे प्रकरण में बच्चे की जान कैसे गई इसपर सस्पेंस बना हुआ है।
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि सारा मामला प्रेम प्रसंग का है। मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि महिला के साथ गैंगरेप नहीं हुआ है। पीडि़त महिला ने गैंगरेप की झूठी कहानी गढ़ी थी, जिसमें उसका पिता भी शामिल था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी की। फिलहाल दोनों लोगों को जेल भेज दिया गया।
बीते 11 अक्टूबर की सुबह एक दलित महिला और उसका बेटे को गांव के पास ही एक नहर में पाया गया था। दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में महिला ने पुलिस को बताया था कि गांव के ही दो लोगों ने तीन अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उसे अगवा कर उसका गैंगरेप किया। साथ ही उसके बच्चे को उसके सामने ही मार डाला।
इस घटना के सामने आते ही बवाल मच गया था। पीडि़ता के बयान के आधार पर उसी के गांव के भीम यादव और मीना राम के अलावा तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद तत्काल मीना राम को पकडक़र जेल भी भेज दिया गया था। लेकिन, पुलिस ने जब अनुसंधान शुरू किया तो माजरा कुछ और निकला। महिला के मोबाइल लोकेशन से पता चला कि 10 अक्टूबर को वह अपने आशिक के संग राजपुर थाने के सोनपा गांव में थी।
दरअसल, महिला का राजपुर थाने के ओरा निवासी चुलबुल राजभर से प्रेम संबंध है, जो छह माह पहले ही शुरू हुआ था। चुलबुल की महिला के गांव में रिश्तेदारी है और हार्वेस्टर लेकर वह अक्सर वहां आया-जाया करता था। इसी बीच दोनों में प्रेम हुआ।
पुलिस के मुताबिक घटना के दिन चुलबुल अपने गांव के ही दोस्त रवि के साथ महिला के गांव पहुंचा था। तब पीडि़ता घर से बैंक जाने के लिए अपने पांच वर्षीय इकलौते बेटे के साथ निकली थी और सडक़ पर खड़ी थी। रवि और चुलबुल वहां बाइक से पहुंचे और उसे साथ लेकर राजपुर थाने के सोनपा गांव चले गए, जहां चुलबुल की बहन ब्याही गई है। महिला को उसने दिन भर अपने बहनोई राधेश्याम राजभर के घर रखा। आधी रात हुई तब चुलबुल ने महिला से कहा कि उसके पिता की तबियत खराब है और एक ऑटो के जरिये उसे लेकर उसके गांव के लिए चल पड़ा। इस दौरान साथ में रवि और राधेश्याम भी थे।
दो घंटे बाद सभी नहर के पास पहुंचे, जहां महिला उतर गई। इस बीच चुलबुल का उससे विवाद हो गया। पुलिस के अनुसार इसी विवाद में संभव है कि सबों ने महिला और उसके बेटे को पानी में फेंक दिया हो, जिससे बच्चे की मौत हो गई हो। वैसे यह बात अभी तक साफ नहीं हो पाई है कि बच्चा पानी में कैसे गया?
पुलिस के अनुसार चूंकि पीडि़ता अभी सदमे में है, इसलिए उससे पूछताछ नहीं की जा सकती. हालांकि एसपी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए उससे भी पूछताछ की जाएगी। यदि वह दोषी पाई गई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
गैंगरेप मामले में पुलिस कें लिए मोबाइल मददगार साबित हुई। दरसअल, पीडि़त परिवार द्वारा ये कहा गया था कि महिला का फोन दिन में ग्यारह बजे ही बंद हो गया था. ऐसे में पुलिस ने जब फोन की जांच करवाई तो पता चला की महिला का फोन रात में बारह बजे तक चालु था। ऐसे में फोन के मध्याम से पुलिस राजपुर थाने के सोनपा पहुंची तो उन्हें इस बात जानकारी मिली कि महिला रात में अपने बच्चे के साथ यहां आइ हुई थी और लडक़े की बहन के पास ठहरी हुई थी। लेकिन लडक़े के परिवार वालों ने फिर उसे उसके घर भेज दिया, जबकि महिला घर जाने को राजी नहीं थी।