विचार / लेख
तस्वीर / छत्तीसगढ़ अखबार जय गोस्वामी
-गिरीश मालवीय
जैसा कि कहा था वही हो रहा है वैक्सीन लगवाना ऐच्छिक नही अनिवार्य ही बनाया जा रहा है। कल इंदौर कलेक्टर ने आदेश दिया है सरकारी दफ्तर में जाने वाले 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अपने साथ वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य होगा। तभी उन्हें सरकारी दफ्तरों में एंट्री मिलेगी। इंदौर में सरकार कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाना जरूरी है, अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने वैक्सीन नहीं लगवाई तो उसे सरकारी दफ्तर में आने की अनुमति नहीं रहेगी।
बिहार सरकार ने पुलिस कर्मियों के लिए कोरोना वैक्सीन लेना लेना अनिवार्य कर दिया गया है। कोरोना को टीका नहीं लेने वाले पुलिस कर्मियों के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी। बिहार में सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिहार में सभी शिक्षकों का भी कोरोना टीकाकरण किया जाये कुछ जिलों में तो यह आदेश निकाल दिए गए हैं कि अगर किसी दुकानदार के पास भीड़ अधिक है और उसने कोरोना की वैक्सीन नहीं ली है, तो उस पर कार्रवाई की जाए इसके साथ ही दुकानदार से जुर्माना वसूला जायेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने तो वैक्सीन नहीं तो पेंशन नहीं तक की मुनादी करवाना शुरू करवा दी है यह मुनादी होते ही लाताकोडो ग्राम पंचायत के अपात्र ग्रामीण भी वैक्सीन लगवाने के लिए पिकअप वाहन में बैठकर ब्लॉक मुख्यालय पहुंच गए।
सूरत शहर ने तो ओर कमाल किया है बिना वैक्सीन लिए मार्केट में प्रवेश नहीं करने का फरमान भी जारी कर दिया है।मनपा ने कहा है कि टेक्सटाइल, डायमंड यूनिट, हीरा बाजार, कॉमर्शियल शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल में कार्यरत वे सभी लोग जो 45 साल से अधिक उम्र के हाईरिस्क में आते हैं अगर उन्होंने वैक्सीन नहीं ली हो और 45 साल से कम उम्र के लोग आरटीपीसीआर या रैपिड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट नहीं लेकर आए तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
सूरत में सारे नियमो को धता बताए हुए 45 साल से कम उम्र वालो को भी वैक्सीन लगाई जा रही है।
मुंबई के माल्स में तभी प्रवेश मिलेगा जब आप वैक्सीनेशिन का सर्टिफिकेट गेट पर प्रस्तुत कर पाएंगे। यानी कुछ ही दिनों में न सिर्फ एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन बल्कि हर छोटी छोटी जगहों पर वेक्सीन सर्टिफिकेट मांगा जाएगा। जो नहीं लगवाएगा उसे समाज का दुश्मन बता कर कठघरे में खड़ा कर दिया जाएगा।
मात्र एक ही महीने में लोग भी अब इस सबके लिए मेंटली प्रिपेयर हो गये है कि हां यह सही कदम है ! ऐसा ही होना चाहिए। उन्हें इसमें कोई गलती नजर नहीं आ रही है।
हम जानते हैं कि वैक्सीन लगवा चुके लोगो के पास यह वैक्सीन सर्टिफिकेट डिजिटल फॉर्म में रहता है उनके स्मार्ट फोन में सेव है। कल को इन्ही लोगो को यदि कहा जाए कि देखिए स्मार्टफोन के साथ रिस्क है कभी आप इसे लाना ही भूल जाए या इसकी बैटरी लो हो जाए तो आप क्या करेंगे ? ऐसा करते हैं कि आपकी हथेली के पीछे हम एक RFID चिप इम्प्लांट कर देते हैं जिसमें वैक्सीनेशिन के सारी जानकारी सेव रहेंगी तो लोग इसके लिए खुशी-खुशी तैयार हो जाएंगे।
यानी ये तो वही हुआ न जिसके बारे में हम जैसे कई लोग आपको साल भर से बता रहें कि यह एक तरह आईडी 2020 योजना को लागू किया जा रहा है यह घटते हुए हम देख रहे हैं तब भी हम जैसे लोग जो आपको इसके बारे में चेतावनी दे रहे थे उन्हें कांस्पिरेसी थ्योरिस्ट बोला जा रहा हैं।