चेयरमैन प्रसाद ने कोयला खदानों का किया निरीक्षण, भविष्य की कार्ययोजनाओं पर की चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 मार्च। उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही हमें सतत विकास पर भी ध्यान देना होगा। कोल इंडिया के चेयरमैन पी.एम. प्रसाद ने यह बात 22-23 मार्च 2025 को दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड के विभिन्न कोयला खदानों के निरीक्षण के दौरान कही। उन्होंने एसईसीएल के मेगाप्रोजेक्ट्स और सेंट्रल इंडिया कोलफील्ड्स की प्रगति की समीक्षा की और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर चर्चा की।
प्रसाद ने अपनी यात्रा की शुरुआत दीपका मेगाप्रोजेक्ट से की, जहां उन्होंने खनन कार्यों, फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी सिस्टम, साइलो और रेलवे साइडिंग का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों और शिफ्ट इंचार्ज से बातचीत कर उन्हें मार्च के अंतिम दिनों में उत्पादन बढ़ाने कहा और आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना पर चर्चा की।
इसके बाद वे कुसमुंडा मेगाप्रोजेक्ट पहुंचे, जहां उन्होंने खनन गतिविधियों, भूमि अधिग्रहण की स्थिति और भविष्य की उत्पादन योजनाओं की समीक्षा की।
सेंट्रल इंडिया कोलफील्ड्स के दौरे के दौरान, उन्होंने चिरमिरी ओपन कास्ट खदान का निरीक्षण किया और फिर बैकुंठपुर, विश्रामपुर और भटगांव क्षेत्र के जनरल मैनेजरों के साथ खदान विकास रणनीतियों पर चर्चा की।
बैकुंठपुर क्षेत्र में, उन्होंने राजनगर और चरचा खदान का दौरा किया, साथ ही हसदेव क्षेत्र में स्थित पर्यावरणीय पुनर्स्थापना पार्क "अनन्या वाटिका" में एसईसीएल की पर्यावरण संरक्षण पहलों की समीक्षा की। प्रसाद ने जमुना-कोटमा क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां उन्होंने आमाडांड में खनन कार्यों और पर्यावरणीय उपायों का आकलन किया। उन्होंने फ्लाई ऐश डंपिंग, खदान बंदी योजना और बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की पहल की भी समीक्षा की।
यात्रा के अंतिम चरण में, उन्होंने कोरबा क्षेत्र की सरईपाली का निरीक्षण कर ऑपरेशनल एफिशिएंसी और श्रमिक कल्याण से जुड़े उपायों पर चर्चा की।
अपने पूरे दौरे के दौरान प्रसाद ने उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने संविदा श्रमिकों के कल्याण को लेकर भी चर्चा की और कॉर्पोरेट सैलरी पैकेज लागू करने की योजना पर बल दिया, जिससे श्रमिकों को अधिक लाभ मिल सके।