नयी दिल्ली, 16 फरवरी। विपक्षी दलों ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ‘कुप्रबंधन’ के कारण मची भगदड़ के लिए रविवार को सरकार को दोषी ठहराया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की।
भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गयी थी।
कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार पर व्यापक व्यवस्था करने में विफल रहने और मौतों की वास्तविक संख्या को ‘छिपाने’ का आरोप लगाया।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट कर सरकार का बचाव करने की कोशिश की, जिसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति सामान्य होते हुए दिख रही थी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात को कुछ यात्री फुट ओवरब्रिज से उतरते समय फिसलकर दूसरों पर गिर गए, जिसके बाद भगदड़ मच गई।
रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना में एक दर्जन से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।
स्टेशन की प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 पर प्रयागराज (महाकुंभ) के लिए ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार मौतों के बारे में ‘‘सच्चाई छिपाने’’ का प्रयास कर रही है और यह बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय है।
पार्टी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “रेल मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।”
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए स्टेशन पर बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए थी।
राहुल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह घटना एक बार फिर रेलवे की विफलता और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है।’’
प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भगदड़ की घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और अगर वैष्णव इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें रेलवे स्टेशन पर ‘‘कुप्रबंधन’’ के लिए बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस मंच से हमारी एक ही मांग है कि कल हुई घटना को देखते हुए, जो कि एक नरसंहार के समान है, रेल मंत्री को एक मिनट भी अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं है।’’
श्रीनेत ने कहा, ‘‘रेल मंत्री को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल प्रभाव से पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। अन्यथा, यदि वह इस त्रासदी के लिए इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘अश्विनी वैष्णव को एक मिनट भी अपने पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। वह बेशर्मी से अपनी कुर्सी पर बैठे हुए हैं।’’
श्रीनेत ने कहा, ‘‘नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कल रात जो हुआ वो कोई हादसा नहीं बल्कि एक ‘नरसंहार’ है।’’
पूर्व रेल मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने कहा कि इस घटना की अंतिम जिम्मेदारी मंत्री की है और वह इससे बच नहीं सकते।
पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों की भीड़ का अनुमान लगाने और उसके अनुसार व्यवस्था करने में ‘पूरी तरह विफल’ रही है।
राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने कहा, ‘‘भगदड़ की घटना बहुत ही परेशान करने वाली है और इसने केंद्र सरकार द्वारा किए गए अपर्याप्त इंतजामों को उजागर कर दिया है। इस घटना के बाद रेल मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। यह रेलवे की पूरी तरह से विफलता है।’’
आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार पर घटना को छिपाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ट्रेन के लिए प्लेटफार्म बदलने की घोषणा होने के कारण वहां भगदड़ मची है।
सिंह ने विभिन्न रेल दुर्घटनाओं का हवाला देते हुए कहा, “वे इस बात से इनकार कर रहे हैं कि ऐसी कोई घटना हुई है। सरकार की टालमटोल और असंवेदनशीलता की प्रवृत्ति कब तक जारी रहेगी? सरकार और रेल मंत्री की जिम्मेदारी कब तय होगी।”
‘आप’ के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि भगदड़ ने सभी को हिलाकर रख दिया है और इसे ‘कुप्रबंधन’ और भीड़ नियंत्रण उपायों की कमी का एक ज्वलंत उदाहरण बताया।
उन्होंने भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाने की मांग की।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मौतों पर संवेदना व्यक्त करते हुए इस घटना की जांच के लिए एक स्वतंत्र, न्यायिक निगरानी वाली विशेष जांच टीम की मांग की।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भारतीय रेलवे की प्रणालीगत विफलताओं की स्वतंत्र जांच की भी मांग की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में लोगों की मौत पर दुख जताया और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर योजना और प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, "महाकुंभ के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों को उचित सहायता और सुविधाएं मिलनी चाहिए, न कि परेशानी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी यात्राएं सुरक्षित और सुव्यवस्थित हों।"
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा, “यह यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रहने का एक और उदाहरण है। आरक्षित डिब्बों पर बाहरी लोग कब्जा कर रहे हैं, अराजकता व्याप्त है और अब यह भयानक भगदड़ मची है। रेल मंत्री को केवल प्रचार में रुचि है! इससे पहले कि उन्हें एहसास हो कि उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, कितनी और जानें जानी होंगी?”
राज्यसभा में तृणमूल की उपनेता सागरिका घोष ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सरकार पर ‘भारतीय नागरिकों के जीवन के साथ बेरहमी से खेलने’ का आरोप लगाया और इसे ‘शब्दों से परे दुखद’ करार दिया।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले ने मांग की कि वैष्णव को या तो बर्खास्त किया जाना चाहिए या इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने घटना को "छिपाने" की कोशिश करने के लिए रेलवे की आलोचना की।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरकार को जवाबदेह होना चाहिए।’
पार्टी ने कहा, “रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं। प्रथम दृष्टया, यह केंद्र और राज्य अधिकारियों द्वारा घोर कुप्रबंधन की ओर इशारा करता है।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने दावा किया कि नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ महाकुंभ की भीड़ के दौरान कई ट्रेन सेवाओं में देरी के कारण हुई और यह ‘भारतीय रेलवे की लापरवाह कुप्रबंधन का प्रत्यक्ष सबूत है’। (भाषा)