ताजा खबर

आईआईटी के पूर्व छात्र बने “इंजीनियर बाबा”, युवती ने ग्लैमर जगत छोड़कर चुनी अध्यात्म की राह
14-Jan-2025 11:19 PM
आईआईटी के पूर्व छात्र बने “इंजीनियर बाबा”, युवती ने ग्लैमर जगत छोड़कर चुनी अध्यात्म की राह

महाकुम्भनगर, (उप्र) 14 जनवरी। महाकुम्भ मेले में पहुंचे “इंजीनियर बाबा" भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) बंबई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र रहे हैं और वह वैज्ञानिक सिद्धांतों का उदाहरण देते हुए महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को अध्यात्म की गहराइयों से परिचित करा रहे हैं।

‘इंजीनियर बाबा’ जैसे कई लोग हैं जो सांसारिक जीवन त्यागकर आध्यात्म की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। सोमवार से शुरू हुए महाकुम्भ में वे प्रमुख आकर्षण बन गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि देश-विदेश में स्थापित एंकर, मॉडल और इंजीनियर जैसे पेशेवर अब भारतीय परंपराओं और अध्यात्म से गहराई से जुड़ रहे हैं।

महाकुम्भ के दौरान कई प्रेरक कहानियां सामने आईं। इनमें से एक कहानी हरियाणा के अभय सिंह की भी है, जिन्हें ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से जाना जाता है। वह आईआईटी बंबई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के छात्र रह चुके हैं। उन्होंने वैज्ञानिक ज्ञान को आध्यात्मिक ज्ञान के साथ मिश्रित करने के अपने अनूठे दृष्टिकोण से महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

उन्होंने कहा, “विज्ञान केवल भौतिक जगत को समझाने का माध्यम है, लेकिन इसका गहन अध्ययन हमें अध्यात्म की ओर ले जाता है। जो व्यक्ति जीवन को पूर्ण रूप से समझ लेता है, वह अंततः आध्यात्म की गोद में चला जाता है।”

उत्तराखंड की हर्षा नामक युवती ने ग्लैमर की दुनिया छोड़कर आध्यात्म को अपनाया। बयान में कहा गया है कि उन्हें स्वामी कैलाशानंद गिरि ने आध्यात्म की दीक्षा दी थी।

बयान में कहा गया कि हर्षा देश और विदेश में ग्लैमर जगत का हिस्सा रही हैं।

हर्षा ने कहा, “पेशेवर जीवन में दिखावे और आडंबर से भरी जिंदगी ने मुझे उबा दिया। मैंने महसूस किया कि वास्तविक सुख और शांति केवल सनातन धर्म की शरण में ही है। स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा लेने के बाद मैंने जीवन का नया अर्थ समझा है।”

इसमें कहा गया है कि ‘इंजीनियर बाबा’ जैसे लोग और ग्लैमर की दुनिया से आई हर्षा का सनातन धर्म के प्रति झुकाव इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक जीवन शैली से ऊबकर लोग शांति और स्थायित्व की तलाश में भारतीय परंपराओं की ओर रुख कर रहे हैं।

बयान के मुताबिक, महाकुम्भ के इस आयोजन ने न केवल सनातन धर्म की महानता को प्रदर्शित किया, बल्कि पेशेवर और युवाओं के जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता को भी उजागर किया। यह आयोजन आधुनिक और पारंपरिक मूल्यों के संगम का प्रतीक बनता जा रहा है। (भाषा)

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news