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पाक में सऊदी अरब को लेकर बवाल, बुशरा बीबी का यह दांव क्या उन्हीं पर पड़ेगा भारी?
27-Nov-2024 4:27 PM
पाक में सऊदी अरब को लेकर बवाल, बुशरा  बीबी का यह दांव क्या उन्हीं पर पड़ेगा भारी?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान ख़ान के समर्थक सडक़ों पर हैं।

समर्थक पुलिस और प्रशासन से भिड़ रहे हैं ताकि उनके नेता की जेल से रिहाई हो सके। लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान की राजनीति में सऊदी अरब के बारे में एक बयान चर्चा में है।

पिछले हफ़्ते गुरुवार को इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि जब इमरान ख़ान मदीना से वापस आए थे, तब पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा के पास फोन आया था कि आप किसे लेकर आ गए हो।

सितंबर 2019 में इमरान ख़ान अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ उमरा के लिए मदीना गए थे।

दरअसल बुशरा बीबी इमरान ख़ान से जेल में मिलने गई थीं और इस मुलाक़ात के बाद ही उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी किया था।

लगभग आधे घंटे के इस वीडियो संदेश में बुशरा बीवी के 50 सेकेंड के हिस्से पर ख़ासा विवाद हो रहा है। इसे लेकर बुशरा बीबी के खिलाफ कई मुक़दमे भी दर्ज हो गए हैं।

बुशरा बीबी की जिस बात पर विवाद हो रहा है, उसमें उन्होंने कहा है, ‘इमरान ख़ान के पीछे जो सारी ताक़तें खड़ी हो गई हैं, उसके पीछे की वजह क्या है, ये आपसे किसी ने नहीं बताई।’

उन्होंने बताया, ''मैं आज ये बात आप सबसे बताती हूँ। ख़ान जब सबसे पहले मदीना शरीफ़ नंगे पाँव गए थे और वहाँ से वापस आए, तो फौरन ही जनरल बाजवा को फोन आने शुरू हो गए थे।’

उनके मुताबिक़ बाजवा से फोन पर पूछा गया, ''ये तुम किसे उठाकर लाए हो। हम इस मुल्क से शरीअत के निजाम ख़त्म करने में लगे हैं और तुम शरीअत के ठेकेदारों को लाए हो। हमें ये नहीं चाहिए।''

बुशरा बीबी ने उस वीडियो में कहा, ‘आप ये यक़ीन मानिए तब से ख़ान, उसकी बेगम को निशाने पर लिया जाने लगा और ख़ान को यहूदियों का एजेंट कहना शुरू कर दिया गया। ये मैं आपको सिर्फ इसलिए बता रही हूँ कि ख़ान ने इसे कभी पब्लिक में नहीं बताया। अगर ये बात ग़लत है तो फिर जनरल बाजवा और उसकी फैमिली से पूछिए। बाजवा और उसकी फैमिली ने ही ये बात किसी को बताई थी, जो बाद में ख़ान तक पहुँची थी। ख़ान को नंगे पाँव मदीना जाने के लिए सज़ा दी जा रही है।’

बुशरा बीबी की इस बात पर पाकिस्तान में हंगामा मच गया है।

बुशरा बीबी के खिलाफ पाकिस्तान में इस बयान के कारण कई नए मुक़दमे दर्ज हो गए हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा है कि सऊदी अरब के बारे में ऐसी टिप्पणी बर्दाश्त से बाहर है।

शहबाज़ शरीफ़ ने बीते शुक्रवार को इस्लामाबाद में कहा था, ''सऊदी अरब ने हर मोर्चे पर बिना शर्त पाकिस्तान का समर्थन किया है। सऊदी अरब ने भाई की तरह मदद की है। बदकिस्मती से कल जो बयान आया है, वो पाकिस्तान से दुश्मनी निकालने की तरह है। सऊदी जैसे दोस्त और भाई के ख़िलाफ़ ज़हर उगला जा रहा है। हमें मुल्क के दुश्मनों का डटकर मुक़ाबला करना होगा। हम किसी को भी सऊदी अरब से रिश्ते बिगाडऩे की इजाज़त नहीं दे सकते हैं।’

बुशरा बीबी के बयान पर पाकिस्तान में काफ़ी बहस हो रही है।

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल एबीएन से बातचीत में कहा, ‘सबसे पहले तो बुशरा बीबी को यह बात नहीं कहनी चाहिए थी कि वहाँ से फोन आया। हालांकि हुकूमत की तब्दीली में सऊदी का हाथ नहीं था। 2018 में इमरान ख़ान ने पहला दौरा सऊदी अरब का किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते तकऱीबन आठ दौरे सऊदी अरब के किए। इनमें से कुछ ओआईसी की मीटिंग भी शामिल थीं।’

बुशरा बीबी ने ऐसा क्यों कहा?

अब्दुल बासित ने कहा, ‘सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी फऱवरी 2019 में पाकिस्तान आए थे। उसके बाद भी इमरान ख़ान सऊदी अरब गए। एमबीएस और इमरान के बीच अच्छे संबंध रहे थे।’

बासित कहते हैं कि एक मौक़ा जरूर आया, जब सऊदी अरब और यूएई पाकिस्तान से नाराज़ हुए थे।

बासित ने टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा, ''वो मौक़ा था, जब भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया। हमें उम्मीद थी कि शायद सऊदी अरब और यूएई पाकिस्तान का समर्थन करेंगे। लेकिन वो नहीं हुआ। इसे लेकर हमारी फ्रस्ट्रेशन थी। तब मलेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति महातिर मोहम्मद ने इस्लामिक दुनिया को ओआईसी अलग एकजुट करने की कोशिश की और इस मुहिम में इमरान ख़ान ने भी दिलचस्पी दिखाई थी। यह सऊदी और यूएई को रास यह नहीं आया था।''

अब्दुल बासित के मुताबिक़ सऊदी अरब की नाराजग़ी के बाद इमरान ख़ान को अपने क़दम पीछे खींचने पड़े थे।

बासित ने बताया कि सऊदी अरब का पाकिस्तान के सियासी मामलों में प्रभाव रहा है। वो चाहे ज़ुल्फक़िार अली भुट्टों को फांसी लगाने से बचाने का मामला हो या फिर नवाज़ शरीफ़ के निर्वासन में उसकी भूमिका हो।

हालांकि पूर्व डिप्लोमेट अब्दुल बासित को लगता है कि शहबाज़ शरीफ़ को इस पर बयान नहीं देना चाहिए था और सऊदी अरब को घरेलू सियासत में नहीं लाना चाहिए था।

बासित ने कहा, ‘यह हमारे मुल्क के हितों के बिल्कुल खिलाफ है।’

पाकिस्तान की जानी-मानी रक्षा विश्लेषक डॉ आयशा सिद्दीक़ा ने पाकिस्तान के न्यूज़ चैनल नया दौर के रज़ा रुमी से कहा, ''संभव है कि सऊदी अरब ने बाजवा से कहा हो कि किसे साथ लाए हो। लेकिन इसमें मिलावट की गई है वो ठीक नहीं है। इमरान ख़ान ने सऊदी के क्राउन प्रिंस के लिए गाड़ी चलाई थी।’

आयशा सिद्दीक़ा ने चैनल को बताया, ‘इमरान ख़ान जब वहाँ गए तो उन्होंने सऊदी अरब के बादशाह के लिए प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया था। बादशाह खड़े थे और वो आगे निकल गए थे। फिर उन्हें रोका गया था। यूएन में भी ईरान और सऊदी अरब की बात करने लगे थे। लेकिन सऊदी ने इन्हें हटा दिया, ये बात ठीक नहीं है।’

बुशरा का दांव उल्टा पड़ेगा?

आयशा सिद्दीक़ा को नहीं लगता कि इससे सऊदी अरब से संबंध खऱाब होंगे लेकिन फौज की सख़्ती पीटीआई के ख़िलाफ़ बढ़ जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘बुशरा बीबी ने दरअसल ये बात सऊदी अरब से संबंध खऱाब करने के लिए ही की है। सऊदी अरब में पाकिस्तान के लाखों लोग काम करते हैं और इनमें ज़्यादातर इमरान ख़ान के समर्थक हैं। वहाँ इमरान ख़ान के हक़ में नारे लगाए जाएँगे, तो सऊदी बहुत सख़्त कार्रवाई करेगा।’

आयशा सिद्दीक़ा ने कहा, ''अगर इमरान ख़ान फिर से प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो किस मुँह से सऊदी अरब मांगने जाएंगे। ये सवाल तो उन्हें ख़ुद से करना चाहिए। मुझे लगता है कि हर हाल में इमरान ख़ान ने अपनी बेगम से बयान दिलवाकर अपना नुक़सान कराया है।’

‘अब तो सऊदी अरब इमरान ख़ान को बाहर लाने में भी मदद नहीं कर सकता है। इन सबके बावजूद बुशरा बीबी ने ऐसा क्यों किया? इसका जवाब है कि बुशरा बीबी ने ऐसा ख़ान साहब के कहने पर किया है। इमरान ख़ान चाहते हैं कि सऊदी अरब से पाकिस्तान के ताल्लुकात खऱाब हो जाएं और आर्थिक मदद ना मिले ताकि मौजूदा सरकार के प्रति लोगों का ग़ुस्सा बढ़े। ये कहना कि सऊदी अरब शरीअत से बाहर हो गया है बिल्कुल झूठ है। सऊदी अरब अपने हिसाब से शरीअत पर ही चल रहा है।’

पाकिस्तान के न्यूज़ चैनल जीओ न्यूज़ से पूरे विवाद पर जनरल (रिटायर्ड) क़मर जावेद बाजवा ने कहा कि बुशरा बीबी के आरोप बेबुनियाद हैं।

जनरल (रिटायर्ड) बाजवा ने कहा, ‘बेबुनियाद आरोपों से सियासी फ़ायदा हासिल करने के लिए राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करना चाहिए। अब तक के इतिहास में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को बिना शर्त समर्थन किया है, वो चाहे जिसकी भी सरकार रही हो। बुशरा बीबी के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।’ (bbc.com/hindi)

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