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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 नवंबर। दुर्ग भिलाई के कुख्यात अपराधी अमित जोश के एनकाउंटर के जरिए पुलिस ने अपराधियों के खेमे में हलचल मचा दी है। भाजपा सरकार में भी कानून को ताक पर रखने वाले गिरोह बाजों को एक बड़ा संदेश दिया है।
प्रदेश की पुलिस, गृह विभाग और सरकार बीते छ माह से अधिक समय से कानून व्यवस्था और वर्दी पर हमलों को लेकर किरकिरी झेल रही थी। इन 10 महीनों में दो-दो एसपी कांफ्रेंस कर सीएम विष्णु देव साय ने भी कड़े शब्दों में ताकीद कर दिया था। साय कह चुके थे कि अपराधियों से कड़ाई से निपटे अन्यथा, अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि इस दरम्यान अपराधी खुले आम वारदाते करते रहे। तड़ीपार के बावजूद अपराधी अपने ही जिलों के आसपास मंडराते रहे। इसी दौरान अपराधियों ने सरगुजा में हवलदार की पत्नी बेटी तक की हत्या कर दी थी। वहीं राजधानी में अप्रेल से दीपवली बाद तक दो दो शूट आउट भी कर दिया था। जेल के भीतर से बाहर तर गैंगवार अलग। दीपावली के पांच दिन में 9-9 हत्याएं। ऐसे ही हालात दुर्ग नांदगांव में भी रहे हैं। ऐसे हालातों में 35 अपराधों में लिप्त अमित जोश का एनकाउंटर, एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। इस संदेश के लिए दुर्ग भिलाई पुलिस कारगर रही। जहां तपन सरकार गैंग का बोलबाला रहा है। रायपुर दुर्ग अंचल में यह बीते 19 वर्षों में तीसरा एनकाउंटर है। रायपुर में तो करीब चार दशकों पहले एनकाउंटर किया गया था। तत्कालीन एसपी रुस्तम सिंह के कार्यकाल में धरसींवा के पास सेना के भगोड़े सिपाही जो बाद में अपराध करने लगा था को मार गिराया था।
अमित जोश के एनकाउंटर से अपराधियों में हड़कंप हैं। खासकर ऐसे गुंडा तत्व जिन पर डेढ़ दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। सरप्राइज चेकिंग, थाना परेड में बार बार की चेतावनी के बाद भी ये वारदाते कर रहे हैं।