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76 वर्षीय निर्मलेंदु के जीवन में बालको ने लाई खुशहाली, बताई सफलता की अनेक कहानियां
04-Nov-2024 4:23 PM
76 वर्षीय निर्मलेंदु के जीवन में बालको ने लाई खुशहाली, बताई सफलता की अनेक कहानियां

बालकोनगर, 4 नवंबर। बालको ने बताया कि भूतपूर्व कर्मचारी 76 वर्षीय निर्मलेंदु समद्दार, जो बालकोनगर के निवासी हैं। याद करते हुए कहते है कि मैं 1970 में बेहतर रोजगार के तलाश में भिलाई से कोरबा आया। कोरबा परियोजना (जिसे अब बालको के नाम से जाना जाता है) शुरु हो रही थी।

श्री समद्दार ने बताया कि कंपनी के गैराज में 1970 से तकनीशियन के तौर पर काम करने वाले निर्मलेंदु ने उस दौर के बारे में बताया, जब कंपनी 200 कर्मचारियों के साथ सिविल कार्य करने में व्यस्त थी, जिसमें अधिकारी और कर्मचारी दोनों शामिल थे। 1972 में कंपनी ने एल्यूमिना उत्पादन के लिए फूटकापहाड़ से बॉक्साइट लाना शुरू किया।

श्री समद्दार ने बताया कि कंपनी में मेरी जिम्मेदारी 25 से ज़्यादा भारी वाहनों की देखरेख करने की थी। इसमें एल्युमिना चार्जर और लोडर भी शामिल थे। 1971 के अंत तक कंपनी में 600 कर्मचारी कार्यरत थे। जब मैं कंपनी में शामिल हुआ उस समय टाइप डी (3 बीएचके घर) क्वार्टर की एक पंक्ति थी। जल्द ही बालकोनगर के सेक्टर-6 और सेक्टर-1 में टाइप बी (2 बीएचके फ्लैट) क्वार्टर बने। 1978 तक सेक्टर 5 में सिविक सेंटर (बाज़ार) बना तथा इस क्षेत्र का तेज़ी से विकास हुआ।

श्री समद्दार ने बताया कि 1980 तक बालको टाउनशिप एक समृद्ध समुदाय में विकसित हो गया था जिसमें स्कूल, बाज़ार और 1975 में बना 30 बिस्तरों वाला अस्पताल भी शामिल था। अपने परिवार के बारे बताते हैं कि मेरी शादी 1974 में हुई थी। मैं तथा मेरी पत्नी यहाँ एक खुशहाल जीवन जी रहे है क्योंकि हमें ज़रूरतों की चीज़ें के साथ यहां एक सामाजिक माहौल भी मिला।

श्री समद्दार ने बताया कि जहाँ कई सांस्कृतिक क्लब और विभिन्न उत्सव साथ मनाने की परंपरा चली आ रही है। 1975 में कंपनी के कई सामाजिक-सांस्कृतिक क्लब थे, जिसमें केरल समाजम, बालको मलयाली एसोसिएशन, क्रिश्चियन एसोसिएशन, अग्रदूत, बालको सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति, आंध्र मित्र कला मंडली और कई अन्य शामिल थे।

श्री समद्दार ने बताया कि कर्मचारियों के लिए एक समर्पित क्लब था जिसे बालको क्लब कहा जाता था। 1973 में गठित बालको क्लब द्वारा सभी प्रमुख त्यौहार तथा फिल्म, समारोह, संगीत संध्याएँ और नाट्य आयोजित किये जाते थे। बालको ने टाउनशिप की महिलाओं के लिए बालको लेडीज़ क्लब नाम की एक कमेटी भी बनाई थी। 1973 में गठित बालको लेडीज़ क्लब ने टाउनशिप में खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। क्लब द्वारा आस-पास के गाँवों में स्वास्थ्य शिविर, छात्रवृत्ति और सामुदायिक कार्यों में दान जैसे सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य का भी समर्थन किया। क्लब ने क्षेत्र के सभी लोगों के लिए लोकप्रिय वार्षिक कार्निवल मेला का भी आयोजन किया।

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