विचार / लेख

-बर्न्ड डेबुसमैन जूनियर
मस्क के जाने की घोषणा भी उसी दिन हुई जब अमेरिका में बीबीसी के सहयोगी सीबीएस ने मस्क के साथ एक साक्षात्कार का हिस्सा जारी किया। इसमें मस्क ने कहा था कि वह ट्रंप के ‘बिग ब्यूटीफुल ‘बजट बिल से ‘निराश’ हैं।
ट्रंप प्रशासन में एलन मस्क का उथल-पुथल भरा 129 दिनों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। इस दौरान दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने सरकारी खर्च में कटौती की, जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
दक्षिण अफ्रीका में जन्मे अरबपति एलन मस्क ने इसी सप्ताह की शुरुआत में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति ट्रंप को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) में उनके कार्यकाल के लिए धन्यवाद दिया था।
ट्रंप ने बताया कि वह शुक्रवार को मस्क के साथ ओवल ऑफिस में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करेंगे।
उन्होंने लिखा, ‘यह उनका आखऱिी दिन होगा। वास्तव में ये आखिरी दिन नहीं होगा क्योंकि वह हमेशा हमारे साथ रहेंगे और हर तरह से हमारी मदद करेंगे।’
ट्रंप सरकार में मस्क का कार्यकाल चार महीने से कम था लेकिन सरकारी विभाग में उनके कार्यशैली ने अमेरिकी सरकार में उथल-पुथल मचा दी। इसका असर वॉशिंगटन में सत्ता के गलियारों से लेकर पूरी दुनिया में दिखा।
आइए कुछ ऐसे तरीकों पर नजर डालते हैं जिनसे मस्क ने अपनी छाप छोड़ी है।
डीओजीई के जरिये कटौतियों का सिलसिला
ट्रंप के व्हाइट हाउस में मस्क ने एक ही मिशन के साथ नौकरी स्वीकार की थी। वह थी सरकारी खर्च में यथासंभव कटौती करना।
उन्होंने ‘कम से कम दो ट्रिलियन डॉलर’ के लक्ष्य के साथ शुरुआत की जो बाद में एक ट्रिलियन डॉलर और अंत में 150 अरब डॉलर तक आ गई।
डीओजीई ने दावा किया है कि उसने आज तक संपत्तियों की बिक्री, पट्टे और अनुदान के रद्दीकरण, ‘धोखाधड़ी और अनुचित भुगतान में कमी’, नियामक बचत और 20 लाख 30 हजार केंद्रीय कार्यबल में से 2 लाख 60 हजार लोगों की कटौती कर 175 अरब डॉलर की बचत की है।
हालांकि आकंड़ों के विश्लेषण में बीबीसी ने पाया कि इस दावे के साक्ष्यों में कमी रही है।
इस मिशन के कारण कई बार विवाद भी पैदा हुआ। इसमें कुछ ऐसे उदाहरण भी शामिल हैं, जिसमें केंद्रीय न्यायाधीशों ने सामूहिक बर्ख़ास्तगी पर रोक लगा दी और कर्मचारियों को फिर से बहाल करने का आदेश जारी कर दिया।
अन्य मामलों में भी प्रशासन को बर्खास्तगी के फैसले से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
फरवरी में हुए एक उल्लेखनीय घटनाक्रम में राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन ने सैकड़ों केंद्रीय कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी।
इसमें से कुछ अमेरिकी परमाणु हथियार सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मचारी संवेदनशील पदों पर काम कर रहे थे।
मस्क ने स्वयं कई बार दोहराया कि सामूहिक बर्खास्तगी में अनिवार्य रूप से गलतियां होंगी।
फरवरी में डीओजीई ने मोजाम्बिक के एक क्षेत्र को हमास नियंत्रित गज़़ा समझकर सहायता कार्यक्रम में कटौती कर दी थी।
इसके बाद उन्होंने कहा था, ‘हम गलतियां करेंगे लेकिन हम किसी भी गलती को सुधारने के लिए तुरंत कार्रवाई भी करेंगे।’
डीओजीई का डेटा तक पहुंच बनाने की कोशिश के कारण भी विवाद पैदा हुआ। विशेष तौर पर संवेदनशील ट्रेजरी विभाग तक पहुंच बनाने के लिए किया गया प्रयास, जो लाखों अमेरिकियों की निजी जानकारी नियंत्रित करता है।
सर्वेक्षण बताते हैं कि अमेरिकी नागरिकों के बीच सरकारी खर्च में कटौती लोकप्रिय बनी हुई है, लेकिन मस्क की लोकप्रियता में कमी आई है।
व्यवसाय और राजनीति के बीच धुंधली रेखाएं
ट्रंप के व्हाइट हाउस में एलन मस्क की उपस्थिति ने लोगों को चौंका दिया और संभावित हितों को लेकर सवाल भी उठे। मस्क एक गैर-निर्वाचित ‘स्पेशल गवर्नमेंट एम्पलॉय’ हैं और अमेरिकी सरकार उनकी कंपनियों की ग्राहक है।
उनके कारोबारी साम्राज्य में कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं जो अमेरिका और विदेश की सरकारों के साथ व्यापार कर रही हैं।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अनुसार, स्पेसएक्स का अमेरिकी सरकार के साथ 22 अरब डॉलर का अनुबंध है।
कुछ डेमोक्रेट्स ने मस्क पर अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा कंपनी स्टारलिंक के लिए विदेश में कारोबार बढ़ाने के लिए अपने पद का लाभ उठाने का भी आरोप लगाया। मार्च में व्हाइट हाउस पर आरोप लगाया गया था कि उसने व्हाइट हाउस के लॉन में उनकी संकट से जूझ रही कार कंपनी टेस्ला के निर्मित वाहनों का प्रदर्शन करके मस्क के व्यवसाय की मदद की। मस्क और ट्रंप दोनों ने ही इस बात को खारिज कर दिया है कि सरकार के साथ उनका काम? विरोधाभाषी या नैतिक रूप से समस्या पैदा करने वाला है।
क्या यह अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला कदम है?
दुनिया भर में डीओजीई के साथ मस्क के काम की सबसे ज़्यादा चर्चा उस समय हुई जब विभाग ने छह सप्ताह की समीक्षा के बाद यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएस एड) के 80 फीसदी से ज़्यादा कार्यक्रमों को खत्म कर दिया और बाकी को विदेश मंत्रालय ने अपने में मिला लिया।
मस्क और डीओजीई के नेतृत्व में की गई कटौती ट्रंप प्रशासन द्वारा विदेशों में खर्च को अपने ‘अमेरिका फस्र्ट’ दृष्टिकोण के मुताबिक लाने के लिए व्यापक प्रयास का हिस्सा थी।
यूएस एड में कटौती के कारण अकाल का पता लगाने, टीकाकरण और संघर्ष क्षेत्रों में खाद्य सहायता जैसे कार्य की परियोजनाओं पर शीघ्र ही प्रभाव पडऩे लगा।
इसमें युद्ध से जूझ रहे सूडान में सामुदायिक रसोईघर, तालिबान से बचकर भागी युवा अफगान महिलाओं के लिए छात्रवृत्ति और भारत में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए क्लीनिक भी शामिल हैं।
यूएस एड को पूरी दुनिया में अमेरिकी ‘सॉफ्ट पावर’ का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता था। इसके कारण कुछ आलोचकों ने इस बंद किए जाने को वैश्विक मंच पर अमेरिका के घटते प्रभाव का संकेत करार दिया।
बेबुनियाद बातें और साजिश
मस्क और ट्रंप पर उनके विरोधी सालों से बेबुनियाद साजिश की अफ़वाह फैलाने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन व्हाइट हाउस में मस्क की उपस्थिति ने इस बात को जाहिर कर दिया है किस तरह से अमेरिकी सरकार के उच्चतम स्तर तक गलत सूचनाएं फैल गई हैं।
उदाहरण के लिए, मस्क ने इंटरनेट पर एक निराधार अफवाह फैलाई कि केन्टकी के फोर्ट नॉक्स से अमेरिकी सोने का भंडार चुपचाप चुराया गया था।
उन्होंने एक समय यह भी कहा कि सोने की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां की यात्रा कर, इस यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग कराई जानी चाहिए।
हाल ही में मस्क ने व्यापक रूप से बेबुनियाद अफवाह फैलाई कि दक्षिण अफ्रीका में गोरे अफ्ऱीकी ‘नरसंहार’ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
मई की शुरूआत में ये अफवाहें ओवल ऑफि़स तक पहुंच गईं। अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच जब तनाव कम करने के लिए एक बैठक हुई तो घटनाक्रम उस वक्त पलट गया, जब ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के सामने वीडियो और लेख प्रस्तुत करते हुए कहा कि ये अफ्रीकी लोगों के खिलाफ अपराधों के सबूत हैं।
ट्रंप खेमे में दिखा विभाजन
सरकार में मस्क के काम से यह भी पता चला कि एकजुट होकर काम करने की सार्वजनिक शपथ के बावजूद भी ‘ट्रंप 2.0’ प्रशासन में तनाव है। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से दोहराते हुए मस्क और डीओजीई के कार्य का समर्थन किया।
मस्क के कार्यकाल में उनके और कैबिनेट के सदस्यों के बीच तनाव की खबरें भी आईं, जो कि यह मान रहे थे कि डीओजीई की कटौती से उनकी एजेंसियों पर असर पड़ रहा है।
ट्रंप ने फरवरी में कैबिनेट की बैठक में स्वीकार किया ‘वो एलन का और जो वो कर रहे हैं उसका बहुत सम्मान करते हैं, कुछ लोग इससे असहमत हैं। अगर ऐसा नहीं है, तो मैं चाहता हूं कि वो अपनी बात कहें।’
एक समय जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी कैबिनेट सदस्य ने मस्क के खिलाफ असहमति व्यक्त की है तो उन्होंने कमरे में मुडक़र सभी से पूछा लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा।
मस्क के जाने की घोषणा भी उसी दिन हुई जब अमेरिका में बीबीसी के सहयोगी सीबीएस ने मस्क के साथ एक साक्षात्कार का हिस्सा जारी किया। इसमें मस्क ने कहा था कि वह ट्रंप के ‘बिग ब्यूटीफुल ‘बजट बिल से ‘निराश’ हैं।
बिल में खरबों डॉलर की टैक्स छूट और रक्षा खर्च को बढ़ावा देने का प्रस्ताव शामिल है।
मस्क ने कहा था कि यह विधेयक खर्च में कटौती करने के लिए डीओजीई के काम को ‘कमजोर’ करता है, साथ ही रिपब्लिकन पार्टी के भीतर आगे की रणनीति को लेकर बड़े तनाव को भी दर्शाता है। (bbc.com/hindi)