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पहलगाम में हमले को लेकर पाकिस्तान के लोग क्या कह रहे हैं और पाकिस्तान के बारे में क्या कहा जा रहा है?
23-Apr-2025 4:27 PM
पहलगाम में हमले को लेकर पाकिस्तान के लोग क्या कह रहे हैं और पाकिस्तान के बारे में क्या कहा जा रहा है?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए चरमपंथी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए हैं।

मारे गए लोगों में ज़्यादातर पर्यटक हैं।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह सबसे बड़ा जानलेवा हमला है।

यह हमला तब हुआ है, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब में थे, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस चार दिवसीय दौरे पर भारत में हैं और कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर ने हिन्दू और मुसलमानों के बीच फर्क बताते हुए कहा था कि दुनिया की कोई ताकत कश्मीर को पाकिस्तान से अलग नहीं कर सकता है। पीएम मोदी को सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोडऩा पड़ा है। जनरल मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस कहा था।

पहलगाम में चरमपंथी हमले को लेकर पाकिस्तान से कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने एक्स पर लिखा है, ‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूँ कि किसी भी तरह के भारतीय दु:साहस को नाकाम करने के लिए पाकिस्तान हर तरह से तैयार है। मुझे कोई शक नहीं है कि इस बार पाकिस्तान का जवाब मुँहतोड़ होगा।’

 

पाकिस्तान के सेना प्रमुख के भाषण पर बढ़ा शक

पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता और सांसद शेरी रहमान ने एक्स पर लिखा है, ‘पहलगाम में दुखद आतंकवादी हमले की मैं निंदा करती हूँ। दुर्भाग्य से इन हमलों को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ पहले ही उंगली उठाना भारत के लिए एक सामान्य प्रतिक्रिया है।’

शेरी रहमान ने कहा, ‘भारत अपनी नाकामियों को रोकने में असफल रहा है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास रणनीतिक स्थिरता और जिम्मेदाराना सहभागिता की मांग करने वाली तर्कपूर्ण आवाज़ों को नजऱअंदाज़ किया जाता है। यहाँ तक कि इनका मज़ाक बनाया जाता है। उम्मीद के अनुसार, बिना कोई जाँच-पड़ताल के भारत का दक्षिणपंथी खेमा अब पाकिस्तान का नष्ट करने की अपील करेगा।’

पाकिस्तान के एक एक्स यूजर उमर अजहर ने जनरल मुनीर के उस वीडियो क्लिप को शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीरी भाइयों को अकेले नहीं छोड़ सकता है। इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए उमर अज़हर ने लिखा है, ‘पाँच दिन पहले जनरल मुनीर ने उन्मादी भाषण दिया था। उन्होंने घोषणा की थी कि पाकिस्तान कश्मीरी भाइयों को भारत के कब्जे के खिलाफ अकेले नहीं छोड़ सकता है। अब ऐसा प्रतीत होता है कि यह शुरुआती कल्पना से भी अधिक ग़लत ढंग से सोचा गया था। जनरल को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए।’

उमर अज़हर की इस पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए पाकिस्तान की रक्षा विश्लेषक आयशा सिद्दीक़ा ने लिखा है, ‘यह देखना बाक़ी है कि भारतीय कश्मीर में हुए हमले के बाद यह जोश क्या रुख लेता है।’

भारत के अंग्रेज़ी अखबार द हिन्दू की डिप्लोमैटिक अफेयर्स एडिटर सुहासिनी हैदर ने जनरल मुनीर के भाषण को लेकर लिखा है, ‘पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ का पिछले हफ्ते का भाषण अब ज़्यादा सुर्खियों में है। ऐसा केवल इसलिए नहीं कि उन्होंने कश्मीर में हिंसा की धमकी दी थी बल्कि उनकी भाषा सांप्रदायिक और विभाजनकारी थी। दोनों ही बातें आज के आतंकवादी हमले के लक्ष्य और क्रूरता से जुड़ी प्रतीत होती हैं।’

हुसैन हक्कानी ने हमास के हमले से जोड़ा

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने एक्स पर लिखा है, ‘2023 में सात अक्तूबर को इसराइल में हमास के आतंकवादी हमले के बाद गाजा एक भयानक त्रासदी में समा गया।  (बाकी पेज 5 पर)

22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला संभावित परिणामों के संदर्भ में भी उतना ही भयावह है। इस आतंकवादी हमले की सभी सभ्य राष्ट्रों और लोगों की ओर से स्पष्ट शब्दों में निंदा होनी चाहिए।’

क़मर चीमा पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विश्लेषक हैं। उन्होंने पहलगाम में हमले को लेकर मुस्लिम ऑफ अमेरिका के संस्थापक साजिद तरार से बात की है। साजिद तरार ने कहा कि इस आतंकवादी हमले की जो टाइमिंग है, उसके कई संदेश हैं।

साजिद तरार ने कहा, ‘पाकिस्तान और भारत के रिश्ते और खराब होंगे। भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान बन गई है। कश्मीर के हालात बेहतर हो रहे थे और बड़ी संख्या में पर्यटक जा रहे थे। लेकिन एक बार फिर से इसे पटरी से उतारने की कोशिश की गई है।’

पाकिस्तानी न्यूज चैनल समा टीवी के एंकर ने इस हमले को लेकर कहा, ‘भारत में कोई भी आतंकवादी हमला होता है तो सीधे उंगली पाकिस्तान पर उठा दी जाती है।’

पाकिस्तानी पत्रकार सिरिल अलमेइदा ने एक्स पर लिखा है, ‘अगर भारत यह तय कर ले कि यह किसने किया और जवाबी कार्रवाई की ज़रूरत है। तो क्या कोई उसे रोक पाएगा?’

ब्रिटिश पत्रिका द इकनॉमिस्ट के डिफेंस एडिटर शशांक जोशी ने लिखा है, ‘मेरा मानना है कि भारत आगामी हफ़्तों में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है।’

शशांक जोशी से एक एक्स यूजर ने पूछा कि संभावित तारीख़ क्या होगी? इसके जवाब में जोशी ने कहा- 60 प्रतिशत चांस है कि मई के आखिरी हफ्ते में और मैं यह कोई मजाक नहीं कर रहा हूँ।’

पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख जनरल मुनीर के भाषण को लेकर शशांक जोशी ने लिखा है, ‘एक हफ्ता पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने जो भाषण दिया था, उसकी टाइमिंग अच्छी नहीं थी। जनरल मुनीर ने कहा था- हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है, कश्मीर हमारे गले की नस है, हम इसे भूल नहीं सकते हैं। हम कश्मीरी भाइयों के संघर्ष को भूल नहीीं सकते हैं।’

पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने क्या कहा था?

ओवरसीज़ पाकिस्तानी कन्वेंशन 13 से 16 अप्रैल तक इस्लामाबाद में आयोजित किया गया था। यह इस तरह का पहला आयोजन था।

जनरल मुनीर ने इस कन्वेंशन को संबोधित करते हुए ‘टू नेशन थिअरी’ की बात की, कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस कहा और साथ ही हिन्दू और मुसलमानों के बीच फर्क को रेखांकित किया। जनरल मुनीर ने कहा कि दुनिया की कोई भी शक्ति कश्मीर को पाकिस्तान से अलग नहीं कर सकती है।

जनरल मुनीर ने कहा, ‘हम एक नहीं दो राष्ट्र हैं। हमारे पूर्वजों का मानना था कि हम हर आयाम में हिन्दुओं से अलग हैं। हमारा मजहब, रिवाज, परंपरा, सोच और मक़सद सब अलग हैं।’

जनरल मुनीर के इन बयानों में हिन्दू और मुसलमानों के बीच फर्क वाली बात पर विवाद ज़्यादा हो रहा था।

पाकिस्तान के ही कई लोग कह रहे हैं कि जनरल मुनीर के इस बयान से पाकिस्तान में हिन्दुओं के प्रति नफरत बढ़ेगी। पाकिस्तान में हिन्दू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।

ताहा सिद्दीकी निर्वासित पाकिस्तानी हैं और पेरिस में रहते हैं। सिद्दीक़ी पत्रकार हैं और पश्चिम के मीडिया में लिखते हैं।

इन्होंने जनरल मुनीर के वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए लिखा था, ‘पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने हिन्दुओं के खिलाफ नफऱत फैलाते हुए टू नेशन थिअरी की वकालत की है। यह थिअरी 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद औंधे मुँह गिर गई थी। जनरल मुनीर ने पाकिस्तानी बच्चों को झूठ बताने पर जोर दिया। जाहिर है कि इससे युवाओं का ब्रेनवॉश करना आसान हो जाता है। यह शर्मनाक है।’

पाकिस्तान की सूफ़ी स्कॉलर और पत्रकार सबाहत जकारिया ने जनरल मुनीर के वीडियो क्लिप पर कहा, ‘पहला सवाल तो यही है कि हमारा कौन? अगर हिन्दुओं और मुसलमानों की बात हो रही है तो भारत में 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं। अगर आपकी सोच के हिसाब से चला जाए तो ये 20 करोड़ मुसलमान भी बाक़ी भारतीयों से अलग हैं। तो क्या पाकिस्तान अपने 24 करोड़ मुसलमानों में 20 करोड़ भारतीय मुसलमानों को शामिल करने के लिए तैयार है? क्या भारत के मुसलमान भी पाकिस्तान में शामिल होना चाहते हैं? और जिन 10 लाख अफगान मुसलमानों को वापस भेजा जा रहा है, उनके बारे में क्या ख़्याल है? ये तो दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं। क्या इन पर टू नेशन थिअरी लागू नहीं होती?’ (bbc.com/hindi)


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