सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 28 मई। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सरगुजा संभाग में तेंदूपत्ता खरीदी बंद होने से संग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, उपर से मौसम की मार ने संग्राहकों की आजीविका पर घोर संकट पैदा कर दिया है। कोरोना महामारी की आपदा ने ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को तहस-नहस कर डाला है। दैनिक मजदूरी कर भरण पोषण करने वाले मजदूर केवल सरकारी चावल के भरोसे आधा पेट भरने को मजबूर हैं।
अनुराग ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रदेश की तेंदूपत्ता खरीदी की गोलमाल नीति ने ग्रामीणों की आजीविका को ही मंझधार में डाल दिया है। वन विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि वनोपज की खरीदी का भी पूरा जिम्मा तेंदूपत्ता ठेकेदारों पर सरकार ने डाल दिया है।
ठेकेदार एवं अधिकारियों की मनमर्जी के कारण संग्राहक एक मई से ही तेंदूपत्ता बेचने गड्डियां बनाकर अपने घर में संग्रहित कर रखते रहे हैं, किन्तु सिर्फ दो से तीन दिन ही खरीदी कर खरीददारी को रोक दिया गया, जबकि मई का अंतिम सप्ताह चल रहा है एवं मानसून की भी निकट भविष्य में आने की संभावना है। सरकार की इस नीति के कारण वन क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी एवं अन्य परिवारों को जिनकी तेंदूपत्ता से साल भर का खर्चा चलता था, उनकी आजीविका संकट में आ गई है। उन्होंने पूरे संभाग में तेंदूपत्ता खरीदी की खराब हालत बताते हुए कहा कि चाहे सरगुजा जिले की डांडग़ांव, कुद्दरबसवार, केदमा सूरजपुर जिले की ओडग़ी, बिहारपुर, लांजित, कुदरगढ़, बलरामपुर जिले की बासेन, राजपुर, परसागुड़ी समिति हो, कुल 26 दिनों में कहीं पर एक दिन, कहीं पर दो दिन, तो कहीं पर तीन से चार दिन ही खरीदी कर खरीददारी बन्द कर दी गई है।