सरगुजा

दोषमुक्ति प्रकरणों की आईजी ने की समीक्षा, 663 प्रकरणों का निराकरण
26-Jun-2025 3:44 PM
दोषमुक्ति प्रकरणों की आईजी ने की समीक्षा, 663 प्रकरणों का निराकरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 26 जून। पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज द्वारा 25 जून को पुलिस कॉर्डिनेशन सेंटर सरगुजा भवन अंबिकापुर में रेंज स्तरीय दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित कर  कुल 663 प्रकरणों का बारीकी से समीक्षा कर निकाल किया गया।

बैठक में मुख्य रूप से ऐसे मामलों पर विशेष चर्चा हुई। जिसमें न्यायालय द्वारा अधिकांश प्रकरणों में आरोपियों के दोषमुक्त होने के कारणों के संबंध में विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्य रूप से एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों में संलिप्त आदतन अपराधियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने एवं अपराधियों की दोष सिद्धि प्रतिशत दर में वृद्धि हो सके और विवेचना की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। साथ ही अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से कमाए हुए धन की कुर्की नीलामी करने के उद्देश्य से फाईनेंशियल इन्वेस्टिगेशन कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के संबंध में भी विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में आईजी दीपक झा ने गंभीर प्रकरणों में विवेचकों द्वारा विवेचना में किए जाने वाले त्रुटियों को दूर करने हेतु भौतिक साक्ष्यों को फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी कर साक्ष्यों  को सावधानी से एकत्र करने एवं त्रुटियों में सुधार करने हेतु अभियोजन अधिकारियों के समक्ष विस्तृत चर्चा किया गया। होस्टाईल हो रहे प्रार्थी एवं गवाहों को उनके द्वारा दिए गए अभिमत/कथन पर कायम रहने हेतु विवेचकों को प्रकरण के प्रार्थियों के साथ निरंतर संपर्क में रहने हेतु निर्देशित किया। जिससे प्रकरण के प्रार्थी एवं गवाह अपने कथन को न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप से कथन दे सके, ताकि आरोपी न्यायालय से विचारणों उपरांत दोष सिद्ध हो सके एवं अपराधी द्वारा उसके किए गए अपराधों के एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर समुचित सजा मिल सके।

महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरणों में जैसे अनाचार एवं पॉक्सो एक्ट जैसे गंभीर प्रकरणों में आईजी झा ने बताया कि एफआईआर के पश्चात नवीन कानून के तहत 60 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से चालान पेश किया जाए। प्रार्थी व पीडि़ता जिनका न्यायालय में 183 बीएनएसएस के अंर्तगत कथन लिया गया है, वो अगर न्यायालय में ट्रायल के दौरान होस्टटाईल होते हैं तो उनके विरुद्ध धारा 307 बीएनएसएस के अंतर्गत कार्रवाई हेतु लोक अभियोजक के माध्यम से न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही एनडीपीएस एक्ट/आबकारी एक्ट एवं सडक़ दुर्घटनाओं के प्रकरणों में हो रहे दोषमुक्ति के कारणों की समीक्षा कर विवेचना में आवश्यक लाएं।

ऑपरेशन तलाश

समीक्षा की अगली कड़ी में रेंज में 1 जून से 30 जून तक चलाए जा रहे विशेष अभियान/ऑपरेशन तलाश के संबंध में जिलेवार दस्तयाब महिला, पुरुष एवं बच्चों को अधिक से अधिक सकुशल दस्तयाब किए जाने हेतु निर्देश दिए गए थे। जिसके लिए जिला इकाइयों के गठित टीम द्वारा अपने अथक प्रयास के जरिये आज दिनांक तक कुल रेंज स्तर पर 84 पुरुष और 317 महिला कुल 401 गुम इंसान को अभी तक ढूंढकर उनके परिवार तक मिलाने में सफलता हासिल हुई है। आगे इस संबंध में लगातार रेंज की पुलिस द्वारा अथक प्रयास किया जाएगा।

समीक्षा बैठक के दौरान डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर, एसएसपी जशपुर शशि मोहन सिंह, एसएसपी सरगुजा राजेश अग्रवाल, एसपी एमसीबी चंद्रमोहन सिंह, एसपी कोरिया रवि कुर्रे, एएसपी बलरामपुर विश्व दीपक त्रिपाठी एवं रेंज के समस्त जिला अभियोजन अधिकारी उपस्थित रहे।


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