सरगुजा

अम्बिकापुर, 7 जून। अणुव्रत विश्वभारती सोसायटी के तत्वावधान में सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय सुभाषनगर अंबिकापुर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाविद्यलाय कैम्पस में वृक्षारोपण, वार्ड में जागरूकता रैली सहित संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एस. एन. पाण्डेय, जिला समन्वयक रासेया ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत जरुरी है, हमारा पूरा मानव समाज पर्यावरण के ऊपर ही निर्भर है, यदि पर्यावरण न रहे तो हमारा जीवन संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम अपने विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन जिस तेजी से कर रहे हैं यदि इस पर हम सब ने लगाम नहीं लगाई तो आने वाली पिढ़ी का जीवन सुचारू रूप से सही चल सकेगा, इस पर कुछ भी कह पाना अभी संभव नहीं है। एक तो प्राकृतिक संसाधनों और खजिनों का तेजी से दोहन दूसरी ओर हम अपनी साधन-सुविधा को बढ़ाते हुए कई रूपों में प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। केवल संगोष्टी कर लेने से जागरूकता रैली निकाल लेने से आज के दिन की सार्थकता नहीं होगी। इसके लिये हमें अपने जीवन स्तर में बदलाव करने की जरूरत है। हमारा पुरा जीवन प्रकृति पर निर्भर है और यदि यह आने वाली पिढिय़ों के लिये भी वैसे ही रहे तो इसके अत्यधिक दोहन एवं व्यर्थ के उपयोग पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने अंत मे कहा कि हम सभी को संकल्प लेना है कि हम सभी पेड़ लगाएंगे एवं दुसरो को भी प्रेरित करेंगे कि न सिर्फ पेड़ लगाये बल्कि उसकी देखभाल भी करें।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा ने मिशन लाईफ क्या है और क्यों शुरू की गई है और वह कैसे हमारे जीवन एवं प्रकृति व पर्यावरण के साथ जुड़ा है, इस पर विस्तार से बताते हुए कहा कि हमें अपने जीवन स्तर में बहुत छोटी-छोटी बदलाव लानी है, छोटी-छोटी बदलाव के जरिये हम न सिर्फ प्रकृति एवं पर्यावरण का संरक्षण एवं संवर्धन कर सकते हैं बल्कि अपने शरीर को भी स्वास्थ्य रख सकते हैं। प्लास्टिक के उपयोग को कम करने, घर से बाहर निकलते समय थैला लेकर निकलने, बॉटल बंद पानी का कम से कम उपयोग करने जैसे कई छोटी-छोटी बदलाव लाकर प्रकृति एवं पर्यावरण के सरंक्षण को लेकर जानकारी दी।
अणुव्रत समिति की संयोजक ममोल कोचेट्टा ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस यह याद दिलाता है कि हम सभी को प्रकृति की रक्षा, प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की दिशा में सार्थक कदम उठाना है। यह दिन लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने, कचरे को रीसाइकिल करने और प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि हमें पेड़ लगाने के लिए किसी दिन की आवश्यकता नहीं है , हमे प्रतिदिन पेड़ लगाना चाहिए, और उसकी देखभाल करना चाहिए।
गायत्री परिवार की अमृता जायसवाल ने कहा कि हमें पेड़ लगाना चाहिये और उसकी देखभाल भी करना चाहिये जब तक की वह बड़ा न हो जाये छायादार न हो जाये। पेड़ से हमें शुद्ध हवा, फल, पत्ती कई चिजें मिलती हैं और ईमानदारी पूर्वक पौधरोपण वहीं है कि हम भले अपने जीवन में एक ही वृक्ष संरक्षित रख सकें लेकिन रखें।
कार्यक्रम के अंत मे महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रद्धा मिश्रा ने कहा कि आज हम विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे हैं। जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करना है। इस वर्ष की थीम है प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करना जो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का हिस्सा है। विश्व पर्यावरण दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण संरक्षण केवल एक दिन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह निरंतर प्रयासों की जरूरत को बताता है।
कार्यक्रम के शुरूआत में रौशनी सिंह ने पर्यावरण सरंक्षण को लेकर जागरूकता गीत गाकर सभी को प्रेरित किया। इस दौरान अणुव्रत समिति सरगुजा द्वारा रैली, वृक्षारोपण, रंगोली, गायन, भाषण, रिल बनाओ सहित पर्यावरण जागरूकता को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किये।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय प्रांगण में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों द्वारा पौधोरोपण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रद्धा मिश्रा, रासेयो की कार्यक्रम अधिकारी रानी रजक का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक प्रियलता जायसवाल, मिथलेश कुमार गुर्जर, उर्मिला यादव, सविता यादव, सीमा बंजारे, पूजा रानी, ज्योत्सना राजभर, अर्चना सोनवानी, गोल्डन सिंह, नितेश कुमार यादव एवं स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही।