सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 4 जून। अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र से लगे ग्राम पंचायत रनपुर खुर्द के चोरकाकछार के संरक्षित वन क्षेत्र क्रमांक 2581 खैरबार बीट में अवैध रूप से 2 एकड़ वन भूमि को 50 एवं 100 रुपये के स्टाम्प पर नोटरी कराकर 39 लोगों को 3 करोड़ में बेचने और लोगों द्वारा उक्त भूमि पर मकान बनाकर अवैध रूप से कब्जा करने के मामले में जिला प्रशासन के निर्देश पर वन विभाग हरकत में आ गया है।
2 जून को वन विभाग की टीम ने 39 लोगों को बेदखली का नोटिस दिया है। उक्त कब्जा के संबंध में जो भी वैध दस्तावेज उपलब्ध हो तो 5 जून तक प्रस्तुत करने कहा है। वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में वनक्षेत्र कक्ष क्रमांक आर.एफ. 2581 से बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।
जारी बेदखली की नोटिस में 39 लोगों को कहा गया है कि परिक्षेत्र अधिकारी वन परिक्षेत्र अम्बिकापुर के द्वारा अतिक्रमित वन भूमि का वैध दस्तावेज/प्रमाण प्रस्तुत करने हेतु आपको कार्यालयीन पत्र क्रमांक 339 दिनांक 8 मई 2025 के माध्यम से नोटिस जारी किया गया था। परन्तु आपके द्वारा अतिक्रमित वन भूमि का वैधता के सबंध में किसी भी प्रकार का वैध दस्तावेज / प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया।
भारतीय वन अधिनियम 1927 की चारा 80 (अ) के तहत् प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आपको वन भूमि से बेदखल किया जावें। अगर आपका प्रतिउत्तर इस वैधानिक सूचना के प्राप्ति के 3 दिवस के अंतर्गत इस कार्यालय को प्राप्त नहीं होता है अथवा अवैध कब्जे की वन भूमि को रिक्त नहीं करते है तो यह समझा जाएगा कि आपको इस संबंध में कुछ नहीं कहना है, बेदखली की कार्रवाई करते हुए उक्त भूमि पर निर्मित भवन या अन्य निर्माण कार्य को हटाने पर होने वाले समस्त व्यय धारा 82 के अंर्तगत दिये प्रावधान अनुसार आपसे वसूल किया जाएगा।
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता विकास सोनी के आवेदन पर सरगुजा कलेक्टर ने गत दिनों जांच हेतु तहसीलदार और पटवारी को निर्देशित किया था। पटवारी द्वारा तहसीलदार को जो जांच रिपोर्ट का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, उसमें लोगों द्वारा यहां अवैध रूप से रिजर्व फॉरेस्ट में 55 लोगों द्वारा कब्जा कर मकान बनाने का उल्लेख किया गया है।
वहीं अंबिकापुर नगर निगम के वरिष्ठ भाजपा नेता व पार्षद आलोक दुबे ने इस मामले को लेकर सरगुजा कलेक्टर बिलास संदीपन भोस्कर को ज्ञापन सौंप कर पूरे मामले से अवगत कराकर उचित कार्रवाई की मांग की थी, साथ ही आलोक दुबे द्वारा बताया गया कि अंबिकापुर के डेमोग्राफी को चेंज करने कुत्सित प्रयास चल रहा है, इस पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए और रिज़र्व फॉरेस्ट के क्षेत्र को जल्द ही खाली कराया जाना चाहिए।
पार्षद आलोक दुबे ने आरोप लगाया था कि अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र से लगे ग्राम पंचायत रनपुर खुर्द के चोरकाकछार के संरक्षित वन क्षेत्र क्रमांक 2581 खैरबार बीट क्रमांक में स्थित है। इसको मुजाहिद हुसैन साहेब हुसैन सलीम अंसारी, कलीम अंसारी, एंव रसीद द्वारा करीब 2 एकड़ जमीन को 50 एवं 100 रुपये के स्टाम्प पर नोटरी कराकर करीब 3 करोड़ रुपये में बेचा है।
नगर निगम अम्बिकापुर के महात्मा गांधी वार्ड क्र0 21 के सीमा से लगे संरक्षित वन क्षेत्र चोरकाकछार वन संरक्षित क्षेत्र हैं। जो खैरबार बीट अन्तर्गत संरक्षित वन क्षेत्र क्रमांक 2581 का हिस्सा है। जिसको पिछले 2 वर्षों से तकिया मजार के पास रहने वाले (1) रसीद उर्फ बाबू (2) समीम उर्फ रज्जू (रिटायर्ड 2 स्टार का डिप्टी रेंजर) (03). एजाज : (अजीम का बेटा) चोरकाकछार के संरक्षित वन क्षेत्र क्रमांक 2581 के लगभग 2 एकड़ वन भूमि को 100-100 रुपये के स्टाम्प पर रसीद उर्फ बाबू, समीम उर्फ रज्जू एवं. एजाज तीनों मिलकर 1 से डेढ़ लाख डिसमिल के हिसाब से करीब 37 लोगों को बेच दिया है। इसी क्रम में रनपुर खुर्द तकियापारा निवासी मो0 मुजाहिद हुसैन पिता हदीब अंसारी साहेब हुसैन पिता मुनीम शेष अंसारी, सलीम अंसारी, पिता साहेब हुसैन अंसारी, कलीम अंसारी, पिता साहेब हुसैन अंसारी द्वारा जो तकिया पारा रनपुर खुर्द निवासी है।
इसी प्रकार रसीद आ. अलीम मोहम्मद तकिया निवासी-100-100 रुपये के स्टाम्प पर नोटरी कराकर क्रमश: इमामद्दीन, पिता रमजान अंसारी, मो0 मुजाहिद हुसैन, पिता हदीब अंसारी, मो0 साबिर अंसारी, पिता जलालुद्दीन अंसारी को 350000/- (तीन लाख पच्चास हजार रुपये) 70835 सत्तर हजार आठ सौ पैतिस एवं 85000 (पच्चासी हजार) रुपये में वन संरक्षित शासकीय वन विभाग की भूमि को 100-100 रुपये के स्टाम्प पर नोटरी कराकर बेच दिया था।
पार्षद आलोक दुबे ने आरोप लगाया था कि मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वृन्त एवं वन मंडलाधिकारी सरगुजा के निवास से लगभग 1 कि.मी. दूर भूमि को वन विभाग के बीटगार्ड,फोरस्टर, डिप्टी रेंजर एवं रेंजर को मोटी रकम देकर बिना कोई डर. भय के सागौन वृक्षारोपण नष्ट कर घर बना लिये हैं।
दिया गया है बेदखली का नोटिस-डीएफओ
बेदखली नोटिस को लेकर सरगुजा डीएफओ अभिषेक जोगावत ने ‘छत्तीसगढ़’ अखबार से चर्चा करते हुए कहा कि वन भूमि में अवैध रूप से कब्जा करने वाले 39 लोगों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया है, उन्हें 3 दिन का समय प्रतिउत्तर इस कार्यालय को देने कहा गया है अथवा अवैध कब्जे की वन भूमि को रिक्त नहीं करते है तो इसके पश्चात कार्रवाई की जाएगी।