सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 16 अगस्त। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को मां महामाया मंदिर छठ घाट में कन्हर नदी से जल लेकर तातापानी स्थित तापेश्वर महादेव को जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। आज सुबह से ही काफी संख्या में श्रद्धालु का गाजे-बाजे के साथ भक्ति भाव से जलाभिषेक करने के लिए पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो दोपहर 12-1 बजे तक चलता रहा।
2 वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर संजीव कुमार झा की पहल पर रामानुजगंज के मां महामाया मंदिर के छठ घाट में कन्हर नदी से एवं बलरामपुर के शिवगढ़ी चनान नदी से जल उठा कर श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को तातापानी में स्थित शिवलिंग में चढ़ाने की शुरुआत कराई गयी थी। कलेक्टर की पहल का बलरामपुर रामानुजगंज जिले के लोगों ने भरपूर समर्थन किया था एवं श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को रामानुजगंज से लेकर बलरामपुर तक श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा था, परंतु कोरोना के कारण विगत वर्ष बहुत कम ही श्रद्धालु जल चढ़ाने गए थे, वहीं इस वर्ष श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां महामाया मंदिर कनहर नदी से जल लेकर तातापानी जल चढ़ाने पैदल गए। मां महामाया मंदिर के पुजारी जितेंद्र पांडे ने बताया कि आज सबसे अधिक श्रद्धालु नदी से जल उठाने के लिए पहुंचे, वहीं आज श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या झारखंड के लोगों की भी थी।
झारखंड से भी आए काफी संख्या में श्रद्धालु
रामानुजगंज में रामचंद्रपुर विकासखंड के दूरस्थ गांव से जहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु जल उठाने के लिए कनहर नदी पहुंचे, वहीं झारखंड के गढ़वा रंका सहित दर्जनों गांवों के लोग आज जल लेकर तातापानी पैदल गए। विगत तीन सोमवार से श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या देखते हुए आज सागर फाउंडेशन के प्रमुख एवं नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल सहित फाउंडेशन के अन्य सदस्य आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की सेवा सुश्रुषा में देखे गए। इनके द्वारा चंदनपुर में सुबह से ही निम्बू पानी शरबत एवं फल का वितरण कर श्रद्धालुओं की सेवा की गई। नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल स्वयं उपस्थित रह कर नगर पंचायत कर्मियों के सहयोग से शिव मंदिर घाट एवं मां महामाया मंदिर घाट से जल उठा कर आने जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते की साफ सफाई करवाई गई थी। नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने बताया कि जिस प्रकार से श्रद्धालुओं की भीड़ श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को हो रही थी इसे देखते हुए विशेष साफ-सफाई महामाया मंदिर घाट की कराई गई।