सूरजपुर

प्रसव पीड़ा से 3 घंटे तक बिना इलाज तड़पती रही, जच्चा-बच्चा की मौत
25-Sep-2025 11:37 PM
प्रसव पीड़ा से 3 घंटे तक बिना इलाज तड़पती रही, जच्चा-बच्चा की मौत

छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सूरजपुर, 25 सितंबर
। सूरजपुर जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से एक महिला 3 घंटे तक बिना इलाज के तड़पती रही, लेकिन उसका उपचार करने न तो डॉक्टर पहुंचे और न ही कोई नर्स। रात ढाई बजे जब उसकी सांसें थम गई तो डॉक्टरों ने उसे आनन-फानन में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने मां-बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर जिले के ग्राम पीढ़ा निवासी तिलक राजवाड़े की 24 वर्षीय पत्नी रेखा राजवाड़े गर्भवती थी। बुधवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन किया। उसे रात 11 बजे जिला अस्पताल सूरजपुर लाया गया। रेखा राजवाड़े को प्रसव कक्ष में ले जाया गया। परिजनों के अनुसार जिला अस्पताल में प्रसूता को देखने डॉक्टर और नर्स में से कोई नहीं पहुंचे।
रेखा राजवाड़े को लेकर आई मितानिन सुगंती राजवाड़े ने बताया कि, प्रसव पीड़ा से तड़प रही प्रसूता को कोई देखने नहीं आया। उसने गार्ड से कहा कि वे नर्स और डॉक्टर को बुला दें, लेकिन उसने नहीं बुलाया। उसने प्रसूता को ताकत लगाने कहा और चली गई। उसने नर्सों को उठाना भी जरूरी नहीं समझा।

रात करीब ढाई बजे रेखा राजवाड़े अचेत हो गई और उसकी सांसें थम गई तो ड्यूटी डॉक्टर, नर्स मौके पर पहुंचे और जांच की। आनन फानन में रेखा राजवाड़े को अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मां और बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।
मृतका के भाई गोपाल राजवाड़े ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में उसे 3 घंटे तक रखा गया, लेकिन डॉक्टर इलाज करने नहीं आए। इसके बाद बहन बेहोश हो गई। डॉक्टर ने बिना कुछ बताए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां डॉक्टर ने जांच के बाद कहा कि पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।इस मामले को लेकर सूरजपुर सीएमएचओ डॉ. कपिलदेव पैकरा ने कहा कि, वे मामले की जानकारी ले रहे है, जांच के बाद उचित कारवाई करने की बात कही।


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