सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 15 सितंबर। सूरजपुर जिला के प्रतापपुर तहसील के एसईसीएल कोयला परियोजना प्रभावित गांवों में पटवारी नूरुल हसन की बार-बार पदस्थापना को लेकर क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कुमार गुप्ता ने अनुविभागीय जनदर्शन प्रतापपुर में आवेदन देकर कलेक्टर से नूरुल हसन की तैनाती और उनके कार्यकाल की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
जनदर्शन में किए गए शिकायत में आरोप लगाते हुए मनीष कुमार गुप्ता ने बताया कि 2021 में मदननगर प्रकरण में शासकीय भूमि को निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज कराने के आरोप में निलंबन झेल चुके इस अधिकारी को विभाग ने एक बार फिर संवेदनशील हल्कों का प्रभार सौंप दिया है। मदननगर में शासकीय भूमि को निजी नामों पर दर्ज कराने के मामले में तत्कालीन एसडीएम की जांच में अनियमितताओं की पुष्टि हुई थी।
नतीजतन, नूरुल हसन को निलंबित कर प्रेमनगर तहसील भेजा गया, लेकिन कुछ ही माह बाद वे पुन: प्रतापपुर लौट आए और मदननगर समेत कई अधिग्रहण प्रभावित गांवों का प्रभार संभालने लगे।
संवेदनशील गांवों में नूरुल हसन की पोस्टिंग दूरती, मरहटा, सेंधोपारा, जरही, बंशीपुर, बोझा, मयापुर-2, जगन्नाथपुर, कनक नगर और मदननगर लगातार हुई है। ये क्षेत्र एसईसीएल परियोजना से प्रभावित हैं और करोड़ों रुपये के भूमि अधिग्रहण व मुआवजा वितरण से जुड़े हैं।
शिकायत करने वाले मनीष का आरोप है कि उन्हें स्थानीय ग्रामीणों ने कहा है कि नूरुल हसन ने अपने रिश्तेदारों और कुछ विभागीय कर्मचारियों के नाम पर अवैध जमीन खरीदी-फरोख्त कराई। इससे प्रभावित गांवों में मुआवजा वितरण प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
जांच और कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ता मनीष गुप्ता ने मांग है कि क्षेत्रीय लोगों की मांग है कि नूरुल हसन को तुरंत संवेदनशील इलाकों से हटाया जाए। उनके पूरे कार्यकाल की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच बाहरी अधिकारियों से कराई जाए। साथ ही उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम पर खरीदी गई जमीन का परिसीमन कर सच्चाई सामने लाई जाए।


