सूरजपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सूरजपुर, 6 सितंबर। शिक्षक दिवस पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल भवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल रमेन डेका के हाथों प्रदेश के 64 शिक्षकों को श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया है, जिसमें सूरजपुर जिले के दो शिक्षकों को भी राज्य स्तरीय श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर प्राथमिक शाला सडक़पारा तुलसी के प्रधान पाठक रंजय कुमार सिंह एवं हायर सेकेंडरी स्कूल श्यामनगर के प्रभारी प्राचार्य प्रदीप कुमार जायसवाल को 2024 -25 में श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान से नवाजा गया है।
राज्यपाल भवन में समारोह आयोजित कर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी एवं राज्यपाल के सचिव सी आर प्रसन्ना की विशेष उपस्थिति में प्रदेश के 64 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य हेतु राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया है ।
जिले के पुरस्कार प्राप्त शिक्षक रंजय कुमार सिंह को उनके श्रेष्ठ कार्य संस्कार युक्त शिक्षण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण,खेल खेल में शिक्षा, गीत कविता से शिक्षण, किचन गार्डन, आकर्षक शाला वातावरण पर शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया है, वही हायर सेकेंडरी स्कूल श्याम नगर के प्रभारी प्राचार्य प्रदीप कुमार जायसवाल को शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्रदान करने, सामुदायिक सहयोग से शाला का विकास करने, संस्था का व्यवस्थित संचालन हेतु श्रेष्ठ राज्य शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया है।
पूर्व में इन दोनों शिक्षकों को विकासखंड एवं जिला स्तर के कई प्रकार के पुरस्कार मिल चुके हैं, दोनों शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में अपने श्रेष्ठ कार्यों हेतु जाने पहचाने जाते हैं, ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना एक श्रेष्ठ शिक्षक को और अच्छा करने हेतु प्रेरित करता है ऐसे शिक्षकों के सम्मान करने से कई शिक्षक उनके कार्यों से प्रभावित होकर अच्छी शिक्षा देकर विकासखंड जिला एवं प्रदेश के नाम ऊंचा करते हैं।
राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक रंजय सिंह प्रधान पाठक ने बताया कि मेरा पुरस्कार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित मेरे उन बच्चों को जाता है जिन्होंने मेरा कदम से कदम मिलाकर साथ दिया एवं मेरे बताए अनुसार कार्यों को संपन्न किया ,भविष्य में भी मैं बच्चों के हित में जो भी कार्य होंगे, उनको करने के लिए अग्रिम पंक्ति में रहूंगा। मेरा यह मानना है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब सभी अभिभावक बच्चों का पूरा सहयोग प्रदान कर नियमित शाला भेजेंगे, एवं शाला संचालन एवं अन्य समस्याओं में सहयोग प्रदान करेंगे।
व्याख्याता प्रदीप जायसवाल ने बताया कि समस्त शिक्षकों अभिभावकों जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ही मैं अपने विद्यालय को कुशल संचालन कर पा रहा हूं। मेरा मानना है कि जो बच्चे नियमित विद्यालय आते हैं उनका विकास तीव्र गति से होता है, इसलिए सभी पालकों को ध्यान देकर अपने बच्चों को नियमित विद्यालय भेजना चाहिए , विद्यालय स्तर पर बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु कई कार्य होते हैं जिनमें सभी बच्चों को शामिल रहना चाहिए।
उक्त दोनों शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान मिलने से जिले के शिक्षकों में हर्ष व्याप्त है एवं अन्य शिक्षक उनके कार्यों का अनुसरण कर अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी उपलब्ध करा सकेंगे।